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Wednesday, 25 July 2018
गोमती चक्र के टोटके तांत्रिक प्रयोग उपाय
गोमती चक्र के वशीकरण टोटके उपाय:- गोमती चक्र के टोटके से आप धन, परिवार, कोट-कचहरी, बीमारी, भूत-प्रेत, शत्रु-समाधान, वशीकरण आदि से सम्बंधित समस्याओं का समाधान प्राप्त कर सकते हैं. गोमती चक्र को दीवाली, नवरात्र और होली के दिन पूजा करके अभिमंत्रित किया जाता है| गोमती चक्र की ग्रहण वाले दिन या अमावस्या को विशेष पूजा की जाती है| इस तरह से गोमती चक्र की पूजा करने से कार्य जल्द ही संपन्न हो जाते हैं और सुख-सम्रद्धि की प्राप्ति होती है. कुछ विशेष मुहर्त भी होते हैं जब गोमती चक्र के प्रयोग से तांत्रिक सिद्धि की जाती है. रविपुष्य योग, सर्वसिद्धि योग और गुरुपुष्य योग पर गोमती चक्र की पूजा का विशेष महत्व है| तांत्रिक प्रक्रियाएं जैसे – वशीकरण, स्तम्भन, सम्मोहन, मारण, उच्चाटन में इसका प्रयोग किया जाता है|
गोमती चक्र तांत्रिक प्रयोग:-
गोमती चक्र के तांत्रिक प्रयोग की सहायता से हर प्रकार की बाधा से मुक्ति पायी जा सकती है. गोमती चक्र गोमती नदी से प्राप्त किया जाता है. चूँकि ये पत्थर गोमती नदी में पाया जाता है, इसलिए इसको गोमती चक्र के नाम से जाना जाता है. इसके प्रयोग से बड़े उद्देश्यों की पूर्ति की जा सकती है साथ ही असाध्य रोगों का उपचार भी किया जा सकता है| अगर आप रोगों से मुक्ति पाने में असमर्थ हैं तो आप गोमती चक्र के तांत्रिक प्रयोग अवश्य करें. असाध्य रोगों से मुक्ति के लिए तथा चिंता से मुक्ति के लिए आप रात में एक बर्तन में पानी लेकर उसमे दस गोमती चक्र डाल दें. सुबह उठकर ये पानी पी लें. इस छोटे से प्रयोग से आपको हर तरह की बीमारी से छुटकारा मिल जायेगा|
गोमती चक्र से शत्रुता समाप्त करना:-
अगर आपके शत्रु आपको बार-बार परेशान कर रहे हैं तो आप गोमती चक्र से उनसे आसानी से छुटकारा पा सकते हैं. इसके लिए आप एक गोमती चक्र लें और इस पर अपने शत्रु का नाम लिख दें. अब इसे किसी सुने स्थान पर जा कर गाड़ दें. इस तरह के आसान से प्रयोग से आपका कोई भी शत्रु आपको परेशान करना छोड़ देगा और मैत्री के लिए हाथ आगे बढ़ाने लगेगा| किसी शत्रु ने मन से शत्रुता समाप्त करने के लिए आप गोमती चक्र के तांत्रिक प्रयोग के अंतर्गत होली के दिन ये प्रयोग करें. आप होली के दिन गोमती चक्र पर थोड़ा सा सिंदूर लगा दें. अब अपने शत्रु का नाम उच्चारित करें और उस गोमती चक्र को जलती हुई होलिका में डाल दें. इस प्रयोग से आपकी शत्रुता मित्रता में बदल जाएगी|
गोमती चक्र से सफलता पाना:-
कभी बहुत प्रयास करने पर भी प्रमोशन के सभी प्रयास असफ़ल हो जाते हैं. ऐसे में गोमती चक्र का प्रयोग आपके लिए वरदान साबित हो सकता है. आप एक आसान सा गोमती चक्र का प्रयोग करें. आप किसी शिवमंदिर में जाकर शिवलिंग के ऊपर गोमती चक्र चढ़ा दें. अपने प्रभु से प्रार्थना करें कि वे आपको आपकी नौकरी में तरक्की दें. इस प्रयोग पर आपको जल्दी ही सफलता मिलने लगेगी|
गोमती चक्र से गृह-क्लेश से मुक्ति, पति-पत्नी में मन मुटाव दूर करना:-
गृह-क्लेश से मुक्ति के लिए भी गोमती चक्र के तांत्रिक प्रयोग किये जाए हैं. अगर आपके घर में वाद-विवाद होता रहता हो. हर बात पर झगड़ा और पति-पत्नी में मन मुटाव रहता हो तो आपको गोमती चक्र एक सिंदूर की डिबिया में रखना चाहिए. इस प्रयोग से आपके घर में शांति का वास होगा और घर के सभी सदस्य शांति पूर्वक घर में रहेंगे| पति-पत्नी घर की बुनियाद होते हैं. अगर पति या पत्नी में से कोई भी सहयोग नही करता तो घर में शांति और प्यार को कायम रख पाना बहुत मुश्किल हो जाता है. अगर आप ऐसी ही किसी स्थिति में हैं तो आपको गोमती चक्र को “हलूं बल्जाद” बोलकर दक्षिण दिशा की ओर फैक देना चाहिए|
गोमती चक्र से बुरी नजर बचाव:-
आप बुरी नज़र से बचाव के लिए भी गोमती चक्र का प्रयोग कर सकते हैं. अगर आपको ज्यादा नज़र लगती है तो किसी भी सुनसान स्थान पर जाकर ख़ुद के सिर के ऊपर से 7 बार फिराकर पीछे की तरफ़ फैक दें और बिना पीछे मुड़े घर आ जाएँ. इस आसन से प्रयोग से आपको नज़र लगने की समस्या से निजात मिल जायेगा| भय से मुक्ति के लिए भी आप गोमती चक्र का प्रयोग कर सकते हैं. अगर आपके घर में कोई बच्चा डरता है तो आपको ये प्रयोग करना चाहिए. आप किसी मंगलवार को हनुमान मंदिर में हनुमान जी की मूर्ति के दायें कंधे से सिंदूर निकाल लें अब इससे गोमती चक्र पर लगाकर वहीँ उनके चरणों में रखें. इसके बाद आप हनुमान चालीसा पढ़ें. अब गोमती चक्र को एक लाल कपड़ा लेकर उससे बांध दें. जिस भी बच्चे को डर परेशान कर रहा है आप उसके गले में ये डाल दें|
गोमती चक्र को अभिमंत्रित कैसे करे:-
धन हानि से बचने के लिए आप गोमती चक्र के तांत्रिक प्रयोग कर सकते हैं. 21 गोमती चक्र को अभिमंत्रित कर आप महीने के पहले सोमवार को लाल या पीले रंग के रेशमी में बांधकर अपनी तिजोरी में रखें. इस पोटली के ऊपर हल्दी से तिलक कर दें. इस प्रयोग से आपके घर में धन की हानि रुक जाएगी और माता लक्ष्मी की कृपा हमेशा बनी रहेगी| अपने व्यापार में अगर आप लाभ प्राप्त करना चाहते हैं तो आप ये उपाय कर सकते हैं. आप दो गोमती चक्रों को बांधकर अपनी दुकान की चौखट पर लटका दें. इस टोटके को करने पर आपके व्यापार में दिन-ब-दिन तरक्की होती चली जाएगी|
गोमती चक्र से स्त्री का गर्भ धारण करना/भूत-प्रेत से मुक्ति:-
जिस स्त्री का गर्भ बार-बार गिर जाता हो उन्हें इस प्रयोग को करना चाहिए. बार-बार गर्भ के गिरने की समस्या के लिए 2 गोमती चक्र लेकर उन्हें स्त्री की कमर से बांध देना चाहिए| किसी घर में अगर सदस्यों को भूत-प्रेत सता रहे हों तो गोमती चक्र के तांत्रिक प्रयोग से इसका समाधान इस तरह किया जा सकता है. 2 गोमती चक्रों को घर के मुख्य सदस्य के सिर से घुमाएँ और अग्नि में डाल दें. इस प्रयोग को करने से भूत-प्रेत बाधा से मुक्ति मिलती है|
गोमती चक्र गोमती नदी
गोमती चक्र गोमती नदी में पाया जाता है, इसलिए इसको गोमती चक्र कहते है. गोमती चक्र अल्पमोली कैल्शियम मिश्रित पत्थर होते है जिनकी सतह एक तरफ से उठी हुई होती है और दूसरी तरफ चक्र होता है।
गोमती चक्र के फायदे
हिन्दू धरम शास्त्रों के अनुसार गोमती चक्र की उत्पत्ति का कारण समुद्र मंथन के समय विष्णु जी के चक्र का प्रयोग करने से समुद्र में भयंकर चक्रीय तरंगे उत्पन्न हुई जिसके प्रभाव से समुद्र तल से बहुत सी बहुमूल्य वस्तुएं छिटक कर बाहर आई | गोमती चक्र में बहुत ही अद्भुत रसायन और दिव्य शक्ति समाविष्ट हैं| इसलिए गोमती चक्र के टोटके/प्रयोग तंत्र शास्त्र मैं बहुत ही प्रभावशाली माने गए हैं|आज हम आपको बता रहे हैं ज्योतिष और तंत्र शास्त्र मैं बताये गए कुछ बहुत ही प्रभावशाली गोमती चक्र के टोटके/उपाय जिन्हे करकर आप अपने जीवन की बहुत सी समस्याओ का अंत कर सकते हैं.गोमती चक्र के टोटके की मदद से आप धन प्राप्ति, पारिवारिक शांति , कोट-कचहरी मैं जीत , बीमारी मैं लाभ , अला-बला से मुक्ति , शत्रुता , वशीकरण आदि से सम्बंधित समस्याओं का समाधान कर सकते हैं.
गोमती चक्र अभिमंत्रित करने का उपाय
होली, दिवाली , नवरात्री या फिर रवि पुष्य नक्षत्र में गोमती चक्र अभिमंत्रित करना चाहिए। आवशयकता अनुसार संख्या में गोमती चक्र लाकर अपने घर के पूजा स्थल मैं माँ लक्ष्मी की मूर्ति/तस्वीर के सामने स्थापित करें। विधिवत पूजा करें तथा निम्नलिखित मंत्र की 21 माला जप करें-“ओम् श्रीं नमः”
मंत्र जाप के बाद गोमती चक्र अभिमंत्रित हो जाता है।
गोमती चक्र के टोटके/उपाय
धन प्राप्ति के लिए गोमती चक्र के टोटके/उपाय
21 अभिमंत्रित गोमती चक्र को हल्दी से तिलक कर लाल रंग के कपडे में बांधकर अपनी तिजोरी में रखें.व्यापार में लाभ के लिए गोमती चक्र के टोटके/उपाय
२ अभिमंत्रित गोमती चक्र लाल रंग के कपडे में बांधकर अपनी दुकान की चौखट पर लटका दें. व्यापार में दिन-ब-दिन बढ़ता चला जायेगा|नौकरी में तरक्की के लिए गोमती चक्र के टोटके/उपाय
किसी भी शिव मंदिर मैं जाकर १ गोमती चक्र शिवलिंग पर नौकरी मैं तरक्की के लिए प्रार्थना करके चढ़ा देनजर दोष के लिए गोमती चक्र के टोटके/उपाय
बुरी नजर उतारने के लिए किसी सुनसान जगह पर जाये और ३ गोमती चक्र अपने ऊपर से ७ बार उसार ले और पीछे फ़ेंक दे और सीधे घर आ जायेगर्भपात रोकने के लिए गोमती चक्र के टोटके/उपाय
2 गोमती चक्र गर्भवती स्त्री की कमर मैं बांध देने से गर्भपात की समस्या ख़तम हो जाती हैंगोमती चक्र के टोटके/उपाय तभी अपना असर दिखते हैं जब आप पूरी श्रद्धा और विश्वास से इन्हे करते हैं|
गोमती चक्र की उत्पत्ति
गोमती चक्र की उत्पत्ति रहस्य-
गोमती चक्र(Gomati Chakra)की उत्पत्ति भगवान् विष्णु के चक्र से उस समय हुई जब देव दानव दोनों मिल कर समुद्र मन्थन करने लगे-पृथ्वी उसके भयंकर रगड़ एवं गर्जना से उत्तप्त हो गई-रोती बिलखती गाय के रूप में वह भगवान विष्णु की शरण में गयी-भगवान विष्णु ने अपने चक्र से समुद्र में ऐसी भयंकर चक्रवाती गोलाकार तरंग उत्पन्न किया कि मन्दराचल उसी में फँसकर अत्यंत तीव्र गति से पृथ्वी से ऊपर उठकर घूमने लगा-इस चक्र को ही भँवर कहा गया है-इस भँवर में फँसकर बड़े बड़े जलपोत डूब जाते है इस भयंकर वेग से मन्दराचल के निचले सतह से अनेक पत्थर लावा बनकर बाहर छिटकने लगे तथा अनेक मणियाँ, बहुमूल्य धातुएँ तथा अन्य वस्तुएं जैसे शङ्ख आदि भी छिटक कर बाहर गिरने लगे-
कुछ अति कीमती रत्न, पत्थर आदि घर्षण से पिघल तो गए किन्तु ऊपर पानी के सतह पर आते ही ठन्डे पड़ने लगे जो भँवर की अबाध तीव्र गति के कारण गोल रूप लेते चले गये-इनकी संख्या धीरे धीरे इतनी ज्यादा बढ़ गई कि भँवर हल्का पड़ने लगा और अंत में समुद्र मन्थन को रोकना पड़ गया-
वरुण (जल) के निचले सतह-पेंदे और गो रूप धारिणी माता पृथ्वी के ऊपरी सतह के मध्यवर्ती रत्न-धातु आदि “गो मृत्तिका” या “गो मिटटी” या गोमती चक्र(Gomati Chakra)के नाम से जाने गये-रहस्य विज्ञान के प्रवर्तक वरुण देव(जल)के घर्षणमय रासायनिक संयोग के कारण इसके अंदर शक्तिशाली अतिविचित्र शक्तियों का समावेश हो गया और 'गोमाता' पृथ्वी के आशीर्वाद से इसमें धनसंम्पदा आदि प्रदान करने की शक्तियाँ भी समाविष्ट हो गईं-गोमती चक्र(Gomati Chakra)एक अत्यंत शक्तिशाली उग्र रासायनिक प्रभाव वाला जल से उत्पन्न प्राकृतिक पदार्थ है जिसका नियम से और जिसके लिये उपयुक्त है वह प्रयोग करे तो अनेक विघ्न बाधा से निश्चित मुक्ति मिल सकती है-
तंत्र शास्त्र के अंतर्गत तांत्रिक क्रियाओं मे एक ऐसे दिव्य पत्थर का उपयोग किया जाता है जो दिखने में बहुत ही साधारण होता है लेकिन इसका प्रभाव असाधारण होता है तंत्र शास्त्र के ज्ञाता इस पर अनेक विधि पूजन कर इसे प्राणप्रतिष्ठा से विशेष सिद्धि दायक बना देते हे -
गोमती चक्र(Gomati Chakra)के साधारण तंत्र उपयोग इस प्रकार हैं-
मानसिक शांति ,रोग और भय से मुक्ति,दरिद्रता से मुक्ति,कोर्ट कचेरी के मामलो मे राहत,भुत-प्रेत बाधा शत्रुपीड़ा,संतान प्राप्ति और खास कर धन संचय में-इसकी सिद्धि के विषय में अनेको मत-मतान्तर देखे जाते है कुछ इसे स्वयं सिद्ध बताते है तो कही इसकी सिद्धि के निर्देश मिलते है होली,दीवाली तथा नवरात्र आदि प्रमुख त्योहारों पर गोमती चक्र की विशेष पूजा की जाती है-ग्रहण या अमावस्या भी महत्त्वपूर्ण और सिद्धि दायक माने जाते है-
अन्य विभिन्न मुहूर्तों के अवसर पर भी इनकी पूजा लाभदायक मानी जाती है जैसे-गुरुपुष्य योग,सर्वसिद्धि योग तथा रविपुष्य योग पर इनकी पूजा करने से घर में सुख-शांति बनी रहती है-खासकर मारण,संमोहन,वशीकरण,स्तम्भन,उच्चाटन जैसे प्रयोग में और व्यापार वृद्धि,अचल-स्थिरलक्ष्मी,शत्रु भय,पीड़ा,देह व्याधि,दुस्वप्न जैसे विषयों में इसका प्रयोग अत्यंत प्रभावी देखा गया है लेकिन अभिमंत्रित करने से गोमती चक्र का प्रभाव सौ गुना बढ़ जाता है -
गोमती चक्र के प्रयोग-
- सबसे पहले ये बताना उचित समझता हूँ कि आप जान ले कि गोमती चक्र(Gomati Chakra)क्या है-ये गोमती चक्र कम कीमत वाला एक ऐसा पत्थर है जो गोमती नदी मे मिलता है-विभिन्न तांत्रिक कार्यो तथा असाध्य रोगों में इसका प्रयोग होता है-
- असाध्य रोगों को दुर करने तथा मानसिक शान्ति प्राप्त करने के लिये लगभग 10 गोमती चक्र लेकर रात को पानी में डाल देना चाहिऐ तथा सुबह उस पानी को पी जाना चाहिऐ-इससे पेट संबंध के विभिन्न रोग दुर होते है-
- यदि शत्रु बढ़ गए हों तो जितने अक्षर का शत्रु का नाम है उतने गोमती चक्र(Gomati Chakra)लेेकर उस पर शत्रु का नाम लिखकर उन्हें जमीन में गाड़ दें तो शत्रु परास्त हो जाएंगे-
- प्रमोशन नहीं हो रहा हो तो एक गोमती चक्र लेकर शिव मंदिर में शिवलिंग पर चढ़ा दें और सच्चे ह्रदय से प्रार्थना करें-निश्चय ही प्रमोशन के रास्ते खुल जाएंगे-
- यदि गोमती चक्र(Gomati Chakra)को लाल सिंदूर के डिब्बी में घर में रखें तो घर में सुख-शांति बनी रहती है-
- यदि पति-पत्नी में मतभेद हो तो तीन गोमती चक्र लेकर घर के दक्षिण में "हलूं बलजाद" कहकर फेंद दें-इश्वेर चाहेगा तो धीरे-धीरे ये मतभेद समाप्त हो जाएगा-
- गोमती चक्र(Gomati Chakra)को होली के दिन थोड़ा सिंदूर लगाकर शत्रु का नाम उच्चारण करते हुए जलती हुई होली में फेंक दें-आपका शत्रु भी मित्र बन जाएगा-
- यदि किसी का स्वास्थ्य अधिक खराब रहता हो अथवा जल्दी-जल्दी अस्वस्थ होता हो-तो चतुर्दशी को 11 अभिमंत्रित गोमती चक्रों को सफेद रेशमी वस्त्र पर रखकर सफेद चन्दन से तिलक करें फिर भगवान् मृत्युंजय से अपने स्वास्थ्य रक्षा का निवेदन करें और यथा शक्ति महामृत्युंजय मंत्र का जप करें तथा पाठ के बाद छह चक्र उठाकर किसी निर्जन स्थान पर जाकर तीन चक्रों को अपने ऊपर से उसारकर अपने पीछे फेंक दें और पीछे देखे बिना वापस आ जायें बाकि बचे तीन चक्रों को किसी शिव मन्दिर में भगवान् शिव का स्मरण करते हुए शिवलिंग पर अर्पित कर दें और प्रणाम करके घर आ जायें-घर आकर चार चक्रों को चांदी के तार में बांधकर अपने पंलग के चारों पायों पर बांध दें तथा शेष बचे एक को ताबीज का रुप देकर गले में धारण करें-
- यदि आपके बच्चे अथवा परिवार के किसी सदस्य को जल्दी-जल्दी नजर लगती हो तो आप शुक्ल पक्ष की प्रथमा तिथि को 11 अभिमंत्रित गोमती चक्र(Gomati Chakra)को घर के पूजा स्थल में मां दुर्गा की तस्वीर के आगे लाल या हरे रेशमी वस्त्र पर स्थान दें -फिर रोली आदि से तिलक करके नियमित रुप से मां दुर्गा को 5 अगरबत्ती अर्पित करें अब मां दुर्गा का कोई भी मंत्र जप करें-जप के बाद अगरबत्ती के भभूत से सभी गोमती चक्रों पर तिलक करें नवमी को तीन चक्र पीड़ित पर से उसारकर दक्षिण दिशा में फेंक दें और एक चक्र को हरे वस्त्र में बांधकर ताबीज का रुप देकर मां दुर्गा की तस्वीर के चरणों से स्पर्श करवाकर पीड़ित के गले में डाल दें- बाकि बचे सभी चक्रों को पीड़ित के पुराने धुले हुए वस्त्र में बांधकर अलमारी में रख दें -
- यदि आपको नजर जल्दी लगती हो तो पाँच गोमती चक्र(Gomati Chakra)लेकर किसी सुनसान स्थान पर जायें फिर तीन चक्रों को अपने ऊपर से सात बार उसारकर अपने पीछे फेंक दें तथा पीछे देखे बिना वापस आ जायें - बाकी बचे दो चक्रों को तीव्र प्रवाह के जल में प्रवाहीत कर दें -
- यदि आपका बच्चा अधिक डरता हो- तो शुक्ल पक्ष के प्रथम मंगलवार को हनुमान् जी के मन्दिर में जाकर एक अभिमंत्रित गोमती चक्र पर श्री हनुमानजी के दाएं कंधे के सिन्दूर से तिलक करके प्रभु के चरणों में रख दें और एक बार श्री हनुमान चालीसा का पाठ करें-फिर गोमती चक्र(Gomati Chakra)उठाकर लाल कपड़े में बांधकर बच्चे के गले में डाल दें -
- यदि आप कितनी भी मेहनत क्यों न करें परन्तु आर्थिक समृद्धि आपसे दूर रहती हो और आप आर्थिक स्थिति से संतुष्ट न होते हों, तो शुक्ल पक्ष के प्रथम गुरुवार को 21 अभिमंत्रित गोमती चक्र(Gomati Chakra)लेकर घर के पूजा स्थल में मां लक्ष्मी व श्री विष्णु की तस्वीर के समक्ष पीले रेशमी वस्त्र पर स्थान दें फिर रोली से तिलक कर प्रभु से अपने निवास में स्थायी वास करने का निवेदन तथा समृद्धि के लिए प्रार्थना करके हल्दी की माला से “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय”मंत्र की तीन माला जप करें-इस प्रकार सवा महीने जप करने के बाद अन्तिम दिन किसी वृद्ध तथा 9 वर्ष से कम आयु की एक बच्ची को भोजन करवाकर दक्षिणा देकर विदा करें -
- यदि व्यवसाय में किसी कारण से आपका व्यवसाय लाभदायक स्थिति में नहीं हो तो शुक्ल पक्ष के प्रथम गुरुवार को 3 गोमती चक्र, 3 कौड़ी व 3 हल्दी की गांठ को अभिमंत्रित कर किसी पीले कपड़े में बांधकर धन-स्थान पर रखें -
- यदि आपको अचानक आर्थिक हानि होती हो तो किसी भी मास के प्रथम सोमवार को 21 अभिमन्त्रित गोमती चक्रों(Gomati Chakra)को पीले अथवा लाल रेशमी वस्त्र में बांधकर धन रखने के स्थान पर रखकर हल्दी से तिलक करें फिर मां लक्ष्मी का स्मरण करते हुए उस पोटली को लेकर सारे घर में घूमते हुए घर के बाहर आकर किसी निकट के मन्दिर में रख दें -
- यदि आप अधिक आर्थिक समृद्धि के इच्छुक हैं तो अभिमंत्रित गोमती चक्र(Gomati Chakra)और काली हल्दी को पीले कपड़े में बांधकर धन रखने के स्थान पर रखें-
- यदि आपके परिवार में खर्च अधिक होता है भले ही वह किसी महत्त्वपूर्ण कार्य के लिए ही क्यों न हो तो शुक्रवार को 21 अभिमन्त्रित गोमती चक्र लेकर पीले या लाल वस्त्र पर स्थान देकर धूप-दीप से पूजा करें अगले दिन उनमें से चार गोमती चक्र(Gomati Chakra)उठाकर घर के चारों कोनों में एक-एक गाड़ दें- 13 चक्रों को लाल वस्त्र में बांधकर धन रखने के स्थान पर रख दें और शेष किसी मन्दिर में अपनी समस्या निवेदन के साथ प्रभु को अर्पित कर दें -
- यदि आपके गुप्त शत्रु अधिक हों अथवा किसी व्यक्ति की काली नज़र आपके व्यवसाय पर लग गई हो तो 21 अभिमंत्रित गोमती चक्र(Gomati Chakra)व तीन लघु नारियल को पूजा के बाद पीले वस्त्र में बांधकर मुख्य द्वारे पर लटका दें-
- गोमती चक्रों को यदि चांदी अथवा किसी अन्य धातु की डिब्बी में सिंदूर तथा चावल डालकर रखें तो ये शीघ्र शुभ फल देते हैं- सात गोमती चक्रों को शुक्ल पक्ष के प्रथम अथवा दीपावली पर लाल वस्त्र में अभिमंत्रित कर पोटली बना कर धन स्थान पर रखें -
- व्यापार वृद्धि के लिए दो गोमती चक्र लेकर उसे बांधकर ऊपर चौखट पर लटका दें और ग्राहक उसके नीचे से निकले तो निश्चय ही व्यापार में वृद्धि होती है-
- धन लाभ के लिए 11 गोमती चक्र अपने पूजा स्थान में रखें- उनके सामने श्री नम: का जप करें- इससे आप जो भी कार्य या व्यवसाय करते हैं उसमें बरकत होगी और आमदनी बढऩे लगेगी-
- यदि बार-बार गर्भ गिर रहा हो तो दो गोमती चक्र लाल कपड़े में बांधकर कमर में बांध दें तो गर्भ गिरना बंद हो जाता है-
- यदि कोई कचहरी जाते समय घर के बाहर गोमती चक्र रखकर उस पर दाहिना पांव रखकर जाए तो उस दिन कोर्ट-कचहरी में सफलता प्राप्त होती है-
- चाँदी में जड़वाकर बच्चे के गले में पहना देने से बच्चे को नजर नहीं लगती तथा बच्चा स्वस्थ बना रहता है -
- यदि घर में भूत-प्रेतों का उपद्रव हो तो दो गोमती चक्र लेकर घर के मुखिया के ऊपर से घुमाकर आग में डाल दे तो घर से भूत-प्रेत का उपद्रव समाप्त हो जाता है -
गोमती चक्र के फायदे
गोमती चक्र के फायदे
गोमती चक्र एक ऐसा नाम है जो अधिकतम हिन्दू परिवारों में प्रसिद्ध है। यह हिन्दू शास्त्रों द्वारा बताए गए कई शास्त्रीय उपायों में उपयोग होने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। लेकिन अगर आप अभी भी इस वस्तु से अपरिचित नहीं हैं, तो चलिए आपको गोमती चक्र से संबंधित कुछ जानकारी और उपाय बताते हैं।
मां लक्ष्मी के उपाय
गोमती चक्र का सबसे अधिक उपयोग मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए किया जाता है। ऐसी मान्यता है कि ये गोल-गोल चक्राकार गोमती चक्र मां लक्ष्मी का ही रूप हैं और यदि इनके उपयोग से कोई शास्त्रीय उपाय, किसी खास दिन किया जाए, तो मां लक्ष्मी प्रसन्न होकर कृपा दृष्टि बरसाती हैं।
माँ लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए
अन्य सभी वस्तुओं की तुलना में गोमती चक्र एक ऐसी वस्तु है जो काफी कम कीमत में उपलब्ध है। यह आसानी से हासिल हो जाती है, लेकिन इसके प्रयोग से मिलने वाले फल इसकी कीमत से कई गुना अधिक माने गए हैं।
जाने कैसे करें प्रयोग
अब हम आपको गोमती चक्र के प्रयोग से होने वाले कुल 5 शास्त्रीय उपाय बताने जा रहे हैं, यदि इन्हें बताई गई विधि के अनुसार और पूरे लगन से किया जाए तो आपको अमीर बनने से कोई नहीं रोक सकता।
पहला उपाय
गोमती चक्र के प्रयोग से आर्थिक हानि से बचा जा सकता है। इसके लिए किसी भी महीने के प्रथम सोमवार को 11 अभिमंत्रित गोमती चक्रों का हल्दी से तिलक करें और शंकर जी का ध्यान कर पीले कपड़े में बांधकर पूरे घर में घुमाकर किसी बहते हुए जल में प्रवाहित करें। इसे करने से कुछ समय पश्चात ही लाभ मिलेगा।
दूसरा उपाय
आर्थिक नुकसान के अलावा अगर कड़ी मेहनत के बाद भी बिजनेस मंदा चल रहा है, कोई नया मुनाफा नहीं मिल रहा है तो इसमें सुधार लाने के लिए भी गोमती चक्र का एक उपाय शास्त्रीय ग्रंथों में दर्ज है।
अभिमंत्रित गोमती चक्र
इस उपाय के अनुसार 11 अभिमंत्रित गोमती चक्र और तीन छोटे नारियल को पूजा करने के बाद पीले वस्त्र में बांधकर मुख्यद्वार पर लटका दें। इसके बाद आपके व्यवसाय को कभी किसी की नजर नहीं लगेगी और नए अवसरों के द्वार भी खुल जाएंगे।
तीसरा उपाय
धन लाभ के अलावा अन्य कई कारणों से गोमती चक्र का प्रयोग किया जा सकता है, जैसे कि किसी को नजर दोष से बचाने के लिए। यदि किसी व्यक्ति या बच्चे को बार-बार नजर लग जाती है, तो वह किसी निर्जन स्थान पर जाकर 3 गोमती चक्रों को अपने ऊपर से 7 बार उतार कर अपने पीछे फेंक दें।
करें ये उपाय
ध्यान रहे कि गोमती चक्रों को फेंकते ही भूल से भी पीछे मुड़कर न देखें, आंखें केवल सामने ही रखें। ऐसा करने के तुरंत बाद सीधी दिशा में घर की ओर निकल जाएं। यह उपाय जल्द से जल्द नजर दोष को दूर कर दोबारा ऐसा दोष ना हो इसमें सहायक सिद्ध होता है।
चौथा उपाय
अगर आपका बच्चा बहुत डरता है, छोटी-छोटी बातों से घबराता है तो ऐसे में आप गोमती चक्र के प्रयोग से उपाय करें, जरूर आराम मिलेगा। इसके लिए किसी भी माह के प्रथम मंगलवार को अभिमंत्रित गोमती चक्र पर हनुमान जी के दाएं कन्धे का सिन्दूर लेकर तिलक कर किसी लाल कपड़े में बांधकर बच्चे के गले में पहना दें। बच्चे का डरना कम हो जाएगा।
पांचवा उपाय
कई बार लोग यह शिकायत करते हैं कि उनकी आमदनी अच्छी है, विभिन्न स्रोतों से वे आय कमाने में सक्षम हो रहे हैं लेकिन फिर भी धन उनके पास अधिक समय तक बचता नहीं है। धन का आगमन जितनी तेजी से होता है, उतनी ही गति से वह खर्च भी हो जाता है, तो ऐसे में क्या किया जाए?
धन के लिए उपाय
इसका समाधान गोमती चक्र के एक उपाय में है। जिसके अनुसार किसी ही माह के प्रथम शुक्रवार को 11 अभिमंत्रित गोमती चक्रों को पीले कपड़े पर रखकर मां लक्ष्मी का स्मरण कर विधिवत पूजन करें।
जाने विधि
दूसरे दिन उनमें से 4 गोमती चक्र उठाकर घर के चारों कोनों में एक-एक दबा दें। इसके बाद और 3 गोमती चक्र को लाल वस्त्र में बांधकर धन रखने के स्थान पर जैसे कि तिजोरी या जहां भी कमाया हुआ पैसा सबसे पहले लाकर रखा जाता है, ऐसे स्थल पर रख दें।
मंदिर में करें अर्पित
अब शेष बचें एक चक्र को किसी मन्दिर में अपनी समस्या निवेदन के साथ भगवान को अर्पित कर दें। यह प्रयोग करने से ना केवल आर्थिक लाभ होगा, बल्कि साथ ही घर में अलक्ष्मी का वास नहीं होगा, जिसके कारण धन जल्दी नष्ट हो जाता है।
क्या है गोमती चक्र
क्या होता है गोमती चक्र ??
भारत की प्रसिद्ध नदियों में से एक नदी है जिसका नाम है गोमती || यह नदी श्री कृष्ण जी की द्वारिका नगरी में है|| गोमती चक्र जो की सिप्पी के जैसा एक पत्थर होता है वो इसी नदी में पाया जाता है || गोमती चक्र एक तरफ से पत्थर जैसा होता है और एक तरफ से समतल होता है ||
इस समतल के ऊपर एक सांप जैसा आकार बना होता है इसीलिए गोमती चक्र को नाग चक्र भी कहा जाता है || वेदों शास्त्रों में गोमती चक्र के बहुत से उपयोग बताये गए है और इसको कैसे इस्तेमाल करना है उसका विवरण भी वेदो में स्पष्ट बताया गया है ||
गोमती चक्र की महिमा यहाँ से पता चलती है की पुराने समय से ही गोमती चक्र का इस्तेमाल पूजा, साधना, तांत्रिक प्रयोगों और कई तरह के टोटके करने में किया जाता रहा है || गोमती चक्र को सुदर्शन चक्र भी कहा जाता है जो की श्री कृष्ण का एक बहुत शक्तिशाली हथियार है और गोमती चक्र बिलकुल वैसा ही दिखाई देता है ||
गोमती चक्र को इस्तेमाल करने से आप कई तरह की परेशानिओं और कठनाईओं से बच सकते है और इसके इस्तेमाल से आप अपनी कुंडली में बने हुए कई तरह के दोषों से भी छुटकारा पा सकते है || पुराने समय में लोग गोमती शकर को गहनों की तरह भी इस्तेमाल करते थे जिससे एक तो वो नकारात्मक शक्तिओं के प्रभाव से बचे रहते थे और भाग्यशाली बनते थे ||
गोमती चक्र इस्तेमाल करने के लिए आवश्यक जानकारी : –
अगर आप किसी भी काम के लिए गोमती चक्र इस्तेमाल करना चाहते है तो यह ध्यान रखें की गोमती चक्र जीवित भी होते हैं और निर्जीव भी मगर आपको सिर्फ और सिर्फ जीवित गोमती चक्र का ही इस्तेमाल करना है ||
कैसे पता लगाएं की गोमती चक्र जीवित है या निर्जीव ??
जीवित गोमती चक्र को पहचानने के लिए दो तरीके है पहला ये की जब आप जीवित गोमती चक्र के ऊपर थोड़ा सा सिरका डालेंगे तो उस में से छोटे छोटे बुलबुले पैदा होंगे और दूसरा आप गोमती चक्रो को जोड़ो में रख दें उनको ऐसे रखना है की वो आपस में टच न करें फिर उनके ऊपर थोड़ा थोड़ा सिरका डाल दें और सुबह होने पर जो जीवित गोमती चक्र होंगे वो आपस में जुड़ जायेंगे और जो निर्जीव होंगे वो अकेले रहेंगे ||
गोमती चक्र के उपयोग
1. जब भी कोई नयी ईमारत बनाई जाती है चाहे वो रहने के लिए या फिर व्यवसाय के लिए तो ईमारत बनाते समय एक गोमती चक्र को उसकी नींव में दबा दिया जाता है || ऐसा करने से उस ईमारत में रहने वाले सभी लोगों का भाग्य उदय होता है और ईमारत को भी कोई नुकसान नहीं पहुंचता ||
2. गोमती चक्र को लाल कपडे में बांधकर चावलों में या गेंहू में रख दिया जाता है ऐसा करने से घर में कभी अनाज की कमी नहीं होती और घर में खुशीआं आती है ||
3. दीवाली के दिन माँ लक्ष्मी जी के पूजन के साथ गोमती चक्र रखा जाता है ऐसा करने से हमेशा माँ लक्ष्मी जी की कृपा बानी रहती है और धन प्राप्ति होती है ||
4. अगर किसी की कोख बांध दी गयी हो और उसको बच्चा न हो रहा हो या फिर बार बार गर्भ गिर जाता हो तो कपडे में लपेट कर गोमती चक्र उस महिला की कमर पर बांध दें ऐसा करने से बहुत जल्द बच्चा हो जायेगा ||
5. अगर किसी इंसान की कुंडली में सर्प दोष बनता है और वो सर्प दोष से मुक्ति प्राप्त करना चाहता है तो वो इंसान गोमती चक्र को अभिमंत्रित करके अपने गले में पहनने से काल सर्प दोष और सर्प दोष से मुक्ति पा सकता है ||
6. गोमती चक्र को अपने घर के अंदर दबाने से सभी तरह के वास्तु दोष दूर होते हैं ||
7. अपने शत्रु से पीछा छुड़वाने के लिए एक गोमती चक्र पर उसका नाम लिखकर गोमती चक्र को जमीं में गाड़ दें ऐसा करने से आपका शत्रु परास्त हो जायेगा ||
8. घर में अगर लड़ाई झगड़ा रहता है तो गोमती चक्र को एक सिन्दूर की डब्बी में रखकर डब्बी को घर के अंदर रख लें ऐसा करने से घर में शांति और खुशीआं बरक़रार रहती हैं ||
9. जिस इंसान की शादी में बाधा आ रही है या फिर शादी नहीं हो रही वो गोमती चक्र को श्री कृष्ण जी की मूर्ति के साथ रखकर सात दिन लगातार पूजा करे तो बहुत जल्दी शादी हो जाएगी ||
10. अगर आपकी नौकरी नहीं लग रही या फिर उन्नति नहीं हो रही तो दो गोमती चक्र अपनी जेब में रखकर इंटरव्यू दें तो आपकी नौकरी लग जाएगी या फिर अपनी जेब में रखकर कार्यस्थल जाएं तो बहुत जल्दी उन्नति हो जाएगी ||
कैसे गोमती चक्र को अभिमंत्रित करते हैं ??
अभिमंत्रित गोमती चक्र को घर में रखने से है में बरकत रहती है और घर में खुशीआं आती है || घर में गोमती चक्र रखने से घर में परिवार के लोगों में प्यार बढ़ता और कभी लड़ाई झगड़ा नहीं होता || अपने कार्यस्थल पर अभिमंत्रित गोमती चक्र रखने से व्यपार में कभी घाटा नहीं होता और अधिक मुनाफा होता है ||
गोमती चक्र को अभिमंत्रित करने का तरीका : –
1. सबसे पहले जीवित गोमती चक्र को गाये के कच्चे दूध से स्नान करवाएं ||
2. फिर उसको एक थाली में रख दे ||
3. थाली में थोड़े से चावल डाल दें ||
4. फिर गोमती चक्र पर फूल चढ़ाएं ||
5. उसके साथ एक आटे का दिया जलाएं ||
6. अब नीचे दिए गए मन्त्र को 108 जाप करें ||
|| मंत्र ||
” क्लीं क्रीं हुं क्रों स्फ्रों कामकलाकाली स्फ्रों क्रों क्लीं स्वाहा “
7. फिर गोमती चक्र पर चन्दन से अभिषेक करें ||
8. यह किर्या लगातार सात दिन तक करें ||
9. सातवें दिन गोमती चक्र को लाल कपडे में लपेट लें ||
10. अब इसे आप चाहे घर के पूजा स्थल में रखें और चाहे अपने कार्यस्थल पर रखें ||
दैनिक दिनचर्या में गोमती चक्र का प्रयोग
दैनिक दिनचर्या में गोमती चक्र का प्रयोग
इसके अलावा जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में गोमती चक्र का इस प्रकार प्रयोग किया जा सकता है|
- नवजात शिशु को गोमती चक्र चांदी में म़ढ़वाकर गले में पहना दें। उसे नजर नहीं लगेगी।
- अदालत के काम के लिए घर से निकले तों जेब में तीन गोमती चक्र रख लें। सफलता मिलेगी।
- शत्रुओं से परेशान हैं तो दीपावली के दिन अर्ध रात्रि में पूजा स्थल पर 6 गोमती चक्रों पर अपने शत्रु का नाम उच्चारित करते हुए सिंदुर लगाएं तथा किसी सुनसान जगह पर ले जाकर गाड़ दें। अथवा होलिका दहन के समय सिर्फ 1 गोमती चक्र चक्र हाथ में लेकर अपने दुश्मन का नाम बोलकर कहें तथा जलती हुई होलिका में डाल दें।
- घर गृह कलह की चपेट में हो तो किसी डिब्बी में पहले सिंदूर भर दें तथा उसके ऊपर तीन गोमती चक्र रखकर ढक्कन बंद कर दें। अब इसे कहीं छुपाकर रख दें।
- अगर मियां बीबी में रोजाना लड़ाई होती हो 3 गोमती चक्र घर के दक्षिण में हलू बलजाद कहकर फेंक दें।
- यदि भूत, प्रेत ऊपरी बाधा जैसे समस्या हो तो पीड़ित व्यक्ति के ऊपर से गोमती चक्र उसार कर आग में डाल दें। अगर घर पर ही किसी अशरीरी आत्मा का प्रकोप हो तो गोमती चक्र रसोई घर के दरवाजे पर उसारकर अग्नि में डालें।
- अपने पूरे घर को सुरक्षित रखने तथा नजर दोष से बचाने के लिए तीन गोमती चक्र घर के मुख्य द्वार पर लटका दें।
कैसे करे अभिमंत्रित गोमती चक्र को
गोमती चक्र को अभिमंत्रित कैसे करे/तांत्रिक प्रयोग
गोमती चक्र से वशीकरण/ गोमती चक्र अभिमंत्रित कैसे करे/ गोमती चक्र के टोटके/उपाय/फायदे – शंख, सीप, कौड़ी की तरह गोमती चक्र भी समुद्र से निकलता है। दक्षिण भारत में इसे गोमथी चक्र तथा संस्कृत में धेनुपदी कहा जाता है। पौराणिक काल में यह यज्ञवेदी के चारो ओर लगाया जाता था। राज तिलक के समय इसे सिंहासन के ऊपर छत्र में लगाया जाता था। गोमती चक्र की बनावट अनूठी होती है। गौर से देखने पर इसमें हिन्दी का सात अंक लिखा दिखाई देता है जो राहु का अंक है। जल में पाये जाने के कारण यह चंद्र गुणों से परिपूर्ण है तथा उसके ऊपर सात लिखा होने के कारण राहु संबंधी समस्या दूर करता है। कुंडली में राहु-चंद्र की युति हो तो यह चमत्कारी प्रभाव डालता है। इसके चमत्कारी गुणों से प्राचीन भारत के आम लोग भी परिचित थे।
आज भी कई गांवों में दुधारू पशुओं के गले में गोमती चक्र लाली कपड़े में बांध कर पहना देते हैं। किसान अपने खेत के चारो कोनो में इसे दबा देते हैं। यह बड़ी सरलता से बहुत ही कम मूल्य में मिल जाता है। पूजन सामग्री बेचने वाली दुकानों से कभी भी खरीदा जा सकता है। तंत्र विद्या में गोमती चक्र को अत्यंत महत्वपूर्ण बताया गया है। इसकी सहायता से जीवन की किसी समस्या से मुक्ति पायी जा सकती है, परंतु इसके लिए उन्हें अभिमंत्रित करना आश्यक है। जैसे मोबाइल जब तक चार्ज न हो आप उसे नहीं चला सकते उसी प्रकार तंत्र में उपयोग होने वाली वस्तुओं का प्रभाव उन्हें अभिमंत्रित करने के बाद ही देखा जाता है।
गोमती चक्र अभिमंत्रित कैसे करें
होली, दीपावली, दशहरा जैसे अवसर पर अथवा किसी रवि पुष्य योग, सर्व सिद्धि, अमृत योग जैसे मुहूर्त में गोमती चक्र अभिमंत्रित करना श्रेयस्कर माना जाता है। 11 अथवा 21की संख्या में गोमती चक्र लेकर अपने पूजा स्थल पर स्थापित करें। विधिवत पूजा करें तथा निम्नलिखित मंत्र का 21 माला जप करें-
ओम् श्रीं नमः
इस जाप के बाद गोमती चक्र अभिमंत्रित हो जाता है तथा पारिवार को आर्थिक सम्पन्नता प्रदान करता है। पूजा के बाद इसे धन रखने वाले स्थान पर रख दें तथा नित्य धूप-दीप दिखांए। विशेषज्ञों का मानना है कि अलग अलग अभीष्ट के लिए इसे अभिमंत्रित करने की विधि भी अलग होती है| उदाहरण के लिए ऊपर वर्णित से लक्ष्मी प्राप्ति में सहायता मिलती है| यदि बीमारियों की वजह से परेशान हो तो नीचे लिखी विधि अपनाएं
स्वास्थ्य लाभ के लिए
साफ पानी से गोमती चक्र धों ले तथा पूजा स्थल पर विधिवत स्थापित करें। धूप-दीप नेवेद्य अर्पित करें तथा निम्नलिखित मंत्र का 11 माला जाप करें-
ओम् वाॅ आरोग्यानिकारी रोगानशेषानंम
जाप के बाद गोमती चक्र अभिमंत्रित हो जाता है, इसे किसी सुरक्षित स्थान पर रख दें तथा नित्य धूप-दीप दिखाते रहें। स्वास्थ्य संबंधी समस्या आने पर एक गिलास गंगाजल में गोमती चक्र डाल दें तथा उपर्युक्त मंत्र का जाप 21 बार करते हुए रोगी को पिला दें। अभिमंत्रण का प्रभाव तीन वर्ष तक रहता है, इसलिए तीन वर्ष बाद पुनः अभिमंत्रित करें।
गोमती चक्र के टोटके/उपाय/फायदे
अलग-अलग विधि से गोमती चक्र उपयोग कर किसी भी समस्या का समाधान किया जा सकता है। सर्वप्रथम आर्थिक लाभ की चर्चा करते हैं| आर्थिक समस्या दो तीन कारणों से आती है, प्रथम आमदनी का स्त्रोत बंद जाना, आमदनी से ज्यादा खर्च होना, कारोबार में पैसा अटक जाना अथवा दिया हुआ कर्ज वापस न आना। इन सभी समस्याओं में निम्नलिखित टोटके अपनाए –
1 किसी भी महीने के पहले सोमवार को 21 गोमती चक्र लाल या पीले रेशमी कपड़े में बांधकर रूपया-पैसा रखने वाले स्थान पर रखें। हल्दी से उस पर तिलक करें। पुनः म नही मन देवी लक्ष्मी से अपने घर में वास करने हेतु याचना करते हुए कपड़े में बंधे गोमती चक्र लेकर पूरे घर में घूमें तथा बाहर निकलकर किसी मंदिर में रख दें।
2 यदि पैसा हाथ में नहीं ठहरता हो तो शुक्रवार को 21 की संख्या में गोमती चक्र लेकर लाल कपड़े में बांध कर पूजा स्थल पर रखें तथा पूजा करें। अगली सुबह उसमें से चार गोमती चक्रलेकर घर के चारो कोनो पर गाड़ दें, 11 पूजा स्थल में रखंे तथा बाकी निकट के मंदिर में रख दें|
3 यदि अत्यधिक परिश्रम के बाद भी आर्थिक स्थिति में सुधार न हो रहा हो तो शुक्ल पक्ष के पहले गुरूवार को घर के पूजा स्थल में लक्ष्मी-नारायण के चित्र के समक्ष 21 गोेमती चक्र पीले या लाल कपड़े में बांध कर रखें। लक्ष्मी-नारायण से अपने कृपा करने की याचना करें तथा ओम नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र का तीन माला नित्य जाप करें। नियमित रूप से सवा महीने तक जाप करने के उपरांत एक वृद्ध तथा एक कन्या को भोजन करवाएं दक्षिणा देकर विदा करें।
4 घर के पूजा स्थल पर 11 गोमती चक्र लाल कपड़े मेें बांधकर रखं े तथा श्रीं श्रियै नमः मंत्र जाप करें। इससे कारोबार में वृद्धि होती है।
5 एक सुपारी, एक सिक्का, 11 काली हत्दी तथा 11 गोमती चक्र एक साथ पीले कपड़े में लपेटकर धन स्थान पर रखने से बारहो महिीने धन का प्रवाह रहता है।
6 सात गोमती चक्र चांदी के डिब्बी में सिंदूर और अक्षत के साथ रखने पर घर में धन की कमी नहीं होती।
7 आमदनी कम हो गई हो तो 8 कौड़ी, 8 गोमती चक्र, 8 लाल गुुुंजा दक्षिणावर्ती शंख में डालकर अपने पूजा स्थल पर स्थापित करें। विधिवत पूजन के बाद ओम श्रीं नमः मंत्र का 51 माला जाप करें तथा पूजा के बाद लाल कपड़े में बांध कर गल्ला अथवा धन रखने वाले स्थान पर रख दें। आमदनकी का नया स्त्रोत खुल जाएगा अथवा पुराने कारोबार में वृद्धि होने लगेगी।
Sunday, 13 May 2018
रत्नो से सम्बंधित तथ्य
पुखराज पीले रंग का एक बेहद खूबसूरत रत्न है। इसे बृहस्पति ग्रह का रत्न माना जाता है। पुखराज की गुणवत्ता आकार, रंग तथा शुद्धता के आधार पर तय की जाती है। पुखराज (Pukhraj or Yellow Sapphire) तकरीबन हर रंग में मौजूद होते हैं, लेकिन जातकों को अपनी राशि के अनुसार इन पुखराज को धारण करना चाहिए।
पुखराज के तथ्य (Facts of Pukhraj or Yellow Sapphire)
पुखराज के बारे में बताया जाता है कि जिन जातकों की कुंडली में बृहस्पति कमज़ोर हो उन्हें पीला पुखराज धारण करना चाहिए।
पुखराज के लिए राशि (Pukhraj for Rashi)
धनु तथा मीन राशियों के जातकों के लिए पुखराज धारण करना अत्यंत लाभकारी माना गया है।
पुखराज के फायदे (Benefits of Pukhraj in Hindi)
* पुखराज धारण करने से मान सम्मान तथा धन संपत्ति में वृद्धि होती है।
* यह रत्न शिक्षा के क्षेत्र में भी सफलता प्रदान करवाता है।
* इस रत्न से जातकों के मन में धार्मिकता तथा सामाजिक कार्य में रुचि होने लगती है।
* विवाह में आती रुकावटें तथा व्यापार में होता नुकसान से बचने के लिए भी पीला पुखराज धारण करने की सलाह दी जाती है।
पुखराज के स्वास्थ्य संबंधी लाभ (Health Benefits of Pukhraj)
* ज्योतिषी मानते हैं कि जिन जातकों को सीने की दर्द, श्वास, गला आदि रोगों से परेशानी है तो उन्हें पुखराज धारण करना चाहिए।
* अल्सर, गठिया, दस्त, नपुंसकता, टीबी, हृदय, घुटना तथा जोड़ों के दर्द से राहत पाने के लिए भी पुखराज का उपयोग किया जाता है।
कैसे धारण करें पुखराज (How to Wear Yellow Sapphire)
पुखराज गुरुवार के दिन धारण करना चाहिए। धारण करने से पूर्व पीली वस्तुओं विशेषकर जो बृहस्पति से संबंधित हो उनका देना चाहिए। बृहस्पति से संबंधित कुछ वस्तुएं हैं केला, हल्दी, पीले कपड़े आदि। माना जाता है कि पुखराज हमेशा सवा 5 रत्ती, सवा 9 रत्ती, सवा 12 रत्ती की मात्रा में धारण करें। पुखराज धारण करने से पहले इसकी विधिवत पूजा-अर्चना करनी चाहिए। बिना ज्योतिषी की सलाह और कुंडली देखे बिना पुखराज या अन्य रत्न नहीं धारण करने चाहिए।
पुखराज का उपरत्न (Substitutes of Yellow Sapphire)
पुखराज के स्थान पर रत्न ज्योतिषी धिया, सुनैला, सुनहला या पीला हकीक पहनने की भी सलाह देते हैं।
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लाल रंग के मूंगा रत्न (Red Coral Stone) को मंगल ग्रह का रत्न माना जाता है। ज्योतिषी मानते हैं कि इसे धारण करने से मंगल ग्रह की पीड़ा शांत होती है। इस रत्न को भौम रत्न, पोला, मिरजान, लता मणि, कोरल, प्रवाल के नाम से भी जाना जाता है। मूंगा रत्न ज्यादातर लाल रंग का होता है परंतु यह गहरे लाल, सिंदूरी लाल, नारंगी आदि रंग के भी पाए जाते हैं।
मूंगा के तथ्य (Facts of Moonga or Red Coral in Hindi)
* मूंगा के बारे में यह माना जाता है कि मूंगा एक वनस्पति है जिसका एक पेड़ है लेकिन यह रत्न समुद्र में पाया जाता है।
* मूंगा जितना समुद्र की गहराई में होता है इसका रंग उतना ही हल्का भी होता है।
मूंगा के लिए राशि (Moonga for Rashi)
मेष तथा वृश्चिक राशि के जातकों के लिए मूंगा रत्न, सबसे बेहतरीन माना जाता है।
मूंगा के फायदे (Benefits of Red Coral or Moonga in Hindi)
* मूंगा धारण करने से नज़र नहीं लगती है और भूत-प्रेत का डर नहीं रहता है।
* आत्मविश्वास तथा सकारात्मक सोच में वृद्धि होती है।
* आकर्षण शक्ति बढ़ती है तथा लोगों का देखने का नजरिया बदलता है।
* मूंगा को पहनने से क्रूर तथा जलन का नाश हो जाता है।
स्वास्थ्य में मूंगा का लाभ (Benefits of Red Coral or Moonga in Health)
* मूंगा रत्न को धारण करने से रक्त संबंधित सभी समस्याएं समाप्त हो जाती हैं।
* जो जातक हृदय रोगों से ग्रस्त हैं उन्हें मूंगा धारण करना चाहिए।
* मिर्गी तथा पीलिया रोगियों के लिए यह रत्न उत्तम साबित माना गया है।
कैसे पहने मूंगा (How To Wear Red Coral)
मूंगा या किसी भी अन्य रत्न को धारण करने से पहले अच्छे ज्योतिषी से अवश्य सलाह ले लेनी चाहिए। मूंगा मंगलवार के दिन अनामिका में धारण करना चाहिए। पुरुषों को दाएं हाथ में और स्त्रियों को बाएं हाथ की अनामिका उंगली में मूंगा धारण करने का विधान है।
मूंगा का उपरत्न (Substitutes of Red Coral)
मूंगा के स्थान पर लाल हकीक, तामड़ा या संग-सितारा (Sang-Sitara) धारण किया जा सकता है।
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पुखराज के तथ्य (Facts of Pukhraj or Yellow Sapphire)
पुखराज के बारे में बताया जाता है कि जिन जातकों की कुंडली में बृहस्पति कमज़ोर हो उन्हें पीला पुखराज धारण करना चाहिए।
पुखराज के लिए राशि (Pukhraj for Rashi)
धनु तथा मीन राशियों के जातकों के लिए पुखराज धारण करना अत्यंत लाभकारी माना गया है।
पुखराज के फायदे (Benefits of Pukhraj in Hindi)
* पुखराज धारण करने से मान सम्मान तथा धन संपत्ति में वृद्धि होती है।
* यह रत्न शिक्षा के क्षेत्र में भी सफलता प्रदान करवाता है।
* इस रत्न से जातकों के मन में धार्मिकता तथा सामाजिक कार्य में रुचि होने लगती है।
* विवाह में आती रुकावटें तथा व्यापार में होता नुकसान से बचने के लिए भी पीला पुखराज धारण करने की सलाह दी जाती है।
पुखराज के स्वास्थ्य संबंधी लाभ (Health Benefits of Pukhraj)
* ज्योतिषी मानते हैं कि जिन जातकों को सीने की दर्द, श्वास, गला आदि रोगों से परेशानी है तो उन्हें पुखराज धारण करना चाहिए।
* अल्सर, गठिया, दस्त, नपुंसकता, टीबी, हृदय, घुटना तथा जोड़ों के दर्द से राहत पाने के लिए भी पुखराज का उपयोग किया जाता है।
कैसे धारण करें पुखराज (How to Wear Yellow Sapphire)
पुखराज गुरुवार के दिन धारण करना चाहिए। धारण करने से पूर्व पीली वस्तुओं विशेषकर जो बृहस्पति से संबंधित हो उनका देना चाहिए। बृहस्पति से संबंधित कुछ वस्तुएं हैं केला, हल्दी, पीले कपड़े आदि। माना जाता है कि पुखराज हमेशा सवा 5 रत्ती, सवा 9 रत्ती, सवा 12 रत्ती की मात्रा में धारण करें। पुखराज धारण करने से पहले इसकी विधिवत पूजा-अर्चना करनी चाहिए। बिना ज्योतिषी की सलाह और कुंडली देखे बिना पुखराज या अन्य रत्न नहीं धारण करने चाहिए।
पुखराज का उपरत्न (Substitutes of Yellow Sapphire)
पुखराज के स्थान पर रत्न ज्योतिषी धिया, सुनैला, सुनहला या पीला हकीक पहनने की भी सलाह देते हैं।
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लाल रंग के मूंगा रत्न (Red Coral Stone) को मंगल ग्रह का रत्न माना जाता है। ज्योतिषी मानते हैं कि इसे धारण करने से मंगल ग्रह की पीड़ा शांत होती है। इस रत्न को भौम रत्न, पोला, मिरजान, लता मणि, कोरल, प्रवाल के नाम से भी जाना जाता है। मूंगा रत्न ज्यादातर लाल रंग का होता है परंतु यह गहरे लाल, सिंदूरी लाल, नारंगी आदि रंग के भी पाए जाते हैं।
मूंगा के तथ्य (Facts of Moonga or Red Coral in Hindi)
* मूंगा के बारे में यह माना जाता है कि मूंगा एक वनस्पति है जिसका एक पेड़ है लेकिन यह रत्न समुद्र में पाया जाता है।
* मूंगा जितना समुद्र की गहराई में होता है इसका रंग उतना ही हल्का भी होता है।
मूंगा के लिए राशि (Moonga for Rashi)
मेष तथा वृश्चिक राशि के जातकों के लिए मूंगा रत्न, सबसे बेहतरीन माना जाता है।
मूंगा के फायदे (Benefits of Red Coral or Moonga in Hindi)
* मूंगा धारण करने से नज़र नहीं लगती है और भूत-प्रेत का डर नहीं रहता है।
* आत्मविश्वास तथा सकारात्मक सोच में वृद्धि होती है।
* आकर्षण शक्ति बढ़ती है तथा लोगों का देखने का नजरिया बदलता है।
* मूंगा को पहनने से क्रूर तथा जलन का नाश हो जाता है।
स्वास्थ्य में मूंगा का लाभ (Benefits of Red Coral or Moonga in Health)
* मूंगा रत्न को धारण करने से रक्त संबंधित सभी समस्याएं समाप्त हो जाती हैं।
* जो जातक हृदय रोगों से ग्रस्त हैं उन्हें मूंगा धारण करना चाहिए।
* मिर्गी तथा पीलिया रोगियों के लिए यह रत्न उत्तम साबित माना गया है।
कैसे पहने मूंगा (How To Wear Red Coral)
मूंगा या किसी भी अन्य रत्न को धारण करने से पहले अच्छे ज्योतिषी से अवश्य सलाह ले लेनी चाहिए। मूंगा मंगलवार के दिन अनामिका में धारण करना चाहिए। पुरुषों को दाएं हाथ में और स्त्रियों को बाएं हाथ की अनामिका उंगली में मूंगा धारण करने का विधान है।
मूंगा का उपरत्न (Substitutes of Red Coral)
मूंगा के स्थान पर लाल हकीक, तामड़ा या संग-सितारा (Sang-Sitara) धारण किया जा सकता है।
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माणिक्य (रूबी) को बेहद मूल्यवान रत्न माना जाता है। इसे चुन्नी और लाल भी कहा जाता है। माणिक्य का रंग लाल होता है। इसे धारण करने से सूर्य की पीड़ा शांत होती है। माणिक्य (Manikya) को अंग्रेज़ी में 'रूबी' (Ruby Gemstone) कहते हैं।
माणिक्य के तथ्य (Facts of Manikya stone in Hindi)
* माणिक्य रत्न के बारे में कहा जाता है कि जब किसी व्यक्ति के साथ कुछ अनहोनी घटित होने वाली हो तो यह रत्न स्वयं अपना रंग परिवर्तित कर लेता है।
* कई लोग मानते हैं कि माणिक्य विष के प्रभाव को भी कम कर देता है।
माणिक्य के लिए राशि (Manikya for Rashi)
सिंह राशि के जातकों के लिए माणिक्य रत्न धारण करना अत्यंत लाभकारी माना गया है।
माणिक्य के फायदे (Benefits of Manikya in Hindi)
* जो जातक, सूर्य की पीड़ा से ग्रस्त हो उन्हें माणिक्य धारण करने की सलाह दी जाती है।
* इसे धारण करने से मनुष्य बदनामी से बचा जा सकता है।
* इसे धारण करने से विवाहित जीवन में मजबूती आती है।
स्वास्थ्य में माणिक्य का लाभ (Health Benefits of Manikya in Hindi)
माणिक्य नेत्र रोग तथा हृदय संबंधित रोगों में विशेष लाभकारी माना जाता है। साथ ही सरदर्द आदि समस्याओं में भी इसका प्रयोग लाभकारी होता है।
कैसे करें माणिक्य धारण (How to Wear Manikya)
ज्योतिषानुसार माणिक्य (रूबी) रविवार के दिन सूर्य मंत्रों का जाप करते हुए धारण करना चाहिए। माणिक्य धारण करते समय कुंडली में सूर्य की स्थिति के बारे में भी विचार कर लेना चाहिए।
माणिक्य का उपरत्न (Subsitutes of Manikya)
माणिक्य के स्थान पर कई बार ज्योतिषी गार्नेट (Red garnet) भी धारण करने की सलाह देते हैं।
माणिक्य के तथ्य (Facts of Manikya stone in Hindi)
* माणिक्य रत्न के बारे में कहा जाता है कि जब किसी व्यक्ति के साथ कुछ अनहोनी घटित होने वाली हो तो यह रत्न स्वयं अपना रंग परिवर्तित कर लेता है।
* कई लोग मानते हैं कि माणिक्य विष के प्रभाव को भी कम कर देता है।
माणिक्य के लिए राशि (Manikya for Rashi)
सिंह राशि के जातकों के लिए माणिक्य रत्न धारण करना अत्यंत लाभकारी माना गया है।
माणिक्य के फायदे (Benefits of Manikya in Hindi)
* जो जातक, सूर्य की पीड़ा से ग्रस्त हो उन्हें माणिक्य धारण करने की सलाह दी जाती है।
* इसे धारण करने से मनुष्य बदनामी से बचा जा सकता है।
* इसे धारण करने से विवाहित जीवन में मजबूती आती है।
स्वास्थ्य में माणिक्य का लाभ (Health Benefits of Manikya in Hindi)
माणिक्य नेत्र रोग तथा हृदय संबंधित रोगों में विशेष लाभकारी माना जाता है। साथ ही सरदर्द आदि समस्याओं में भी इसका प्रयोग लाभकारी होता है।
कैसे करें माणिक्य धारण (How to Wear Manikya)
ज्योतिषानुसार माणिक्य (रूबी) रविवार के दिन सूर्य मंत्रों का जाप करते हुए धारण करना चाहिए। माणिक्य धारण करते समय कुंडली में सूर्य की स्थिति के बारे में भी विचार कर लेना चाहिए।
माणिक्य का उपरत्न (Subsitutes of Manikya)
माणिक्य के स्थान पर कई बार ज्योतिषी गार्नेट (Red garnet) भी धारण करने की सलाह देते हैं।
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पन्ना रत्न गहरे हरे रंग का होता है। बुध ग्रह की पीड़ा शांत करने के लिए पन्ना धारण करने की सलाह दी जाती है। इसे मरकत मणि, हरितमणि, एमराल्ड (Emerald ), पांचू आदि नामों से जाना जाता है। हीरा और नीलम के बाद इसे तीसरा सबसे खूबसूरत रत्न कहा जाता है। पन्ना (Emerald or Panna) बेहद कीमती होता है।
पन्ना के तथ्य (Facts of Panna in Hindi)
* पन्ना की असल पहचान करने के लिए लकड़ी पर रत्न को रगड़ने से इसकी चमक ओर अधिक खिलती है।
* यह मुलायम हरी घास की भांति होता है जिसके ऊपर पानी की बूंद रखने से बूंद उसी समान रहती है।
पन्ना के लिए राशि (Panna for Rashi)
मिथुन तथा कन्या राशि के जातकों के लिए पन्ना रत्न अत्याधिक लाभकारी माना जाता है।
पन्ना के फायदे (Benefits of Panna in Hindi)
* गुस्से पर काबू करने और मन में एकाग्रता बढ़ाने के लिए पन्ना का प्रयोग करना चाहिए।
* जो जातक व्यापार तथा अंकशास्त्र संबंधित कार्य कर रहें हों उनके लिए पन्ना लाभकारी साबित होता है।
* बुध ग्रह को स्मरण शक्ति और विद्या आदि का कारक माना जाता है। पन्ना धारण करने से स्मरण शक्ति बढ़ती है। छात्रों के लिए यह विशेष रत्न साबित होता है।
स्वास्थ्य में पन्ना का लाभ (Health Benefits of Panna)
* माना जाता है कि पन्ना पौरुष शक्ति को बढ़ाता है।
* यह रत्न दमा के मरीजों तथा गर्भवती महिलाओं के लिए अत्याधिक लाभकारी माना गया है।
* मिर्गी के दौरे से पीड़ित रोगियों के लिए भी पन्ना लाभकारी माना जाता है।
कैसे करें पन्ना धारण (How to Wear Emerald)
ज्योतिषी मानते हैं कि पन्ना बुधवार के दिन धारण करना चाहिए। पन्ना धारण करते समय मनुष्य को अपनी कुंडली में बुध की स्थिति पर भी ध्यान देना चाहिए। रत्न का वजन बेहद अहम होता है। कितने रत्ती का रत्न धारण करें, यह कुंडली का विश्लेषण कर सुनिश्चित करना चाहिए। गरुड पुराण में इसको परखने की विधि बताई गई है।
पन्ना का उपरत्न (Substitutes of Emerald or Panna)
पन्ना बेहद कीमती माना जाता है। शुद्ध पन्ना ना मिल पाने की दशा में जेड (हरिताश्म) या फिरोजा धारण किया जा सकता है।
पन्ना के तथ्य (Facts of Panna in Hindi)
* पन्ना की असल पहचान करने के लिए लकड़ी पर रत्न को रगड़ने से इसकी चमक ओर अधिक खिलती है।
* यह मुलायम हरी घास की भांति होता है जिसके ऊपर पानी की बूंद रखने से बूंद उसी समान रहती है।
पन्ना के लिए राशि (Panna for Rashi)
मिथुन तथा कन्या राशि के जातकों के लिए पन्ना रत्न अत्याधिक लाभकारी माना जाता है।
पन्ना के फायदे (Benefits of Panna in Hindi)
* गुस्से पर काबू करने और मन में एकाग्रता बढ़ाने के लिए पन्ना का प्रयोग करना चाहिए।
* जो जातक व्यापार तथा अंकशास्त्र संबंधित कार्य कर रहें हों उनके लिए पन्ना लाभकारी साबित होता है।
* बुध ग्रह को स्मरण शक्ति और विद्या आदि का कारक माना जाता है। पन्ना धारण करने से स्मरण शक्ति बढ़ती है। छात्रों के लिए यह विशेष रत्न साबित होता है।
स्वास्थ्य में पन्ना का लाभ (Health Benefits of Panna)
* माना जाता है कि पन्ना पौरुष शक्ति को बढ़ाता है।
* यह रत्न दमा के मरीजों तथा गर्भवती महिलाओं के लिए अत्याधिक लाभकारी माना गया है।
* मिर्गी के दौरे से पीड़ित रोगियों के लिए भी पन्ना लाभकारी माना जाता है।
कैसे करें पन्ना धारण (How to Wear Emerald)
ज्योतिषी मानते हैं कि पन्ना बुधवार के दिन धारण करना चाहिए। पन्ना धारण करते समय मनुष्य को अपनी कुंडली में बुध की स्थिति पर भी ध्यान देना चाहिए। रत्न का वजन बेहद अहम होता है। कितने रत्ती का रत्न धारण करें, यह कुंडली का विश्लेषण कर सुनिश्चित करना चाहिए। गरुड पुराण में इसको परखने की विधि बताई गई है।
पन्ना का उपरत्न (Substitutes of Emerald or Panna)
पन्ना बेहद कीमती माना जाता है। शुद्ध पन्ना ना मिल पाने की दशा में जेड (हरिताश्म) या फिरोजा धारण किया जा सकता है।
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सादगी, पवित्रता और कोमलता की निशानी माने जाने वाला मोती एक चमत्कारी ज्योतिषीय रत्न माना जाता है। इसे मुक्ता, शीशा रत्न और पर्ल (Pearl) के नाम से भी जाना जाता है। मोती सिर्फ एक रंग का ही नहीं होता बल्कि यह कई अन्य रंगों जैसे गुलाबी, लाल, हल्के पीले रंग का भी पाया जाता है। मोती, समुद्र के भीतर स्थित घोंघे नामक कीट में पाए जाते हैं।
मोती के तथ्य (Facts of Moti or Pearl in Hindi)
* मोती के बारे में बताया जाता है कि यह रत्न, बाकी रत्नों से कम समय तक ही चलता है क्योंकि यह रत्न रूखेपन, नमी तथा एसिड से अधिक प्रभावित हो जाता है।
* प्राचीनकाल में मोती (Pearl or Moti) को सुंदरता निखारने के लिए इस्तेमाल में लाया जाता था तथा इसे शुद्धता का प्रतीक माना जाता था।
मोती के लिए राशि (Moti for Cancer Rashi)
कर्क राशि के जातकों के लिए मोती धारण करना अत्याधिक लाभकारी माना जाता है । चन्द्रमा से जनित बीमारियों और पीड़ा की शांति के लिए मोती धारण करना लाभदायक माना जाता है।
मोती के फायदे (Benefits of Pearl or Moti in Hindi)
* मोती धारण करने से आत्मविश्वास में वृद्धि होती है। जो जातक मानसिक तनाव से जूझ रहें हों उन्हें मोती को धारण कर लेना चाहिए।
* जिन लोगों को अपनी राशि ना पता हो या कुंडली ना हो, वह भी मोती धारण कर सकते हैं।
स्वास्थ्य में मोती का लाभ (Benefits of Pearl in Health)
* मानसिक शांति, अनिद्रा आदि की पीड़ा में मोती बेहद लाभदायक माना जाता है।
* नेत्र रोग तथा गर्भाशय जैसे समस्या से बचने के लिए मोती धारण किया जाता है।
* मोती, हृदय संबंधित रोगों के लिए भी अच्छा माना जाता है।
कैसे धारण करें मोती (How to Wear Pearl)
ज्योतिषानुसार मोती सोमवार के दिन धारण करना शुभ होता है। मोती धारण करते समय चन्द्रमा का ध्यान और उनके मंत्रों का जाप करना चाहिए। चांदी की अंगूठी में मोती धारण करना अत्यधिक श्रेष्ठ माना जाता है।
मोती के उपरत्न (Substitutes of Pearl)
मान्यता है कि मोती नहीं खरीद पाने की स्थिति में जातक मूनस्टोन, सफेद मूंगा या ओपल भी पहन सकते हैं।
नोट: किसी भी रत्न को धारण करने से पहले रत्न ज्योतिषी की सलाह अवश्य ले लेनी चाहिए।
मोती के तथ्य (Facts of Moti or Pearl in Hindi)
* मोती के बारे में बताया जाता है कि यह रत्न, बाकी रत्नों से कम समय तक ही चलता है क्योंकि यह रत्न रूखेपन, नमी तथा एसिड से अधिक प्रभावित हो जाता है।
* प्राचीनकाल में मोती (Pearl or Moti) को सुंदरता निखारने के लिए इस्तेमाल में लाया जाता था तथा इसे शुद्धता का प्रतीक माना जाता था।
मोती के लिए राशि (Moti for Cancer Rashi)
कर्क राशि के जातकों के लिए मोती धारण करना अत्याधिक लाभकारी माना जाता है । चन्द्रमा से जनित बीमारियों और पीड़ा की शांति के लिए मोती धारण करना लाभदायक माना जाता है।
मोती के फायदे (Benefits of Pearl or Moti in Hindi)
* मोती धारण करने से आत्मविश्वास में वृद्धि होती है। जो जातक मानसिक तनाव से जूझ रहें हों उन्हें मोती को धारण कर लेना चाहिए।
* जिन लोगों को अपनी राशि ना पता हो या कुंडली ना हो, वह भी मोती धारण कर सकते हैं।
स्वास्थ्य में मोती का लाभ (Benefits of Pearl in Health)
* मानसिक शांति, अनिद्रा आदि की पीड़ा में मोती बेहद लाभदायक माना जाता है।
* नेत्र रोग तथा गर्भाशय जैसे समस्या से बचने के लिए मोती धारण किया जाता है।
* मोती, हृदय संबंधित रोगों के लिए भी अच्छा माना जाता है।
कैसे धारण करें मोती (How to Wear Pearl)
ज्योतिषानुसार मोती सोमवार के दिन धारण करना शुभ होता है। मोती धारण करते समय चन्द्रमा का ध्यान और उनके मंत्रों का जाप करना चाहिए। चांदी की अंगूठी में मोती धारण करना अत्यधिक श्रेष्ठ माना जाता है।
मोती के उपरत्न (Substitutes of Pearl)
मान्यता है कि मोती नहीं खरीद पाने की स्थिति में जातक मूनस्टोन, सफेद मूंगा या ओपल भी पहन सकते हैं।
नोट: किसी भी रत्न को धारण करने से पहले रत्न ज्योतिषी की सलाह अवश्य ले लेनी चाहिए।
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लहसुनिया को केतु ग्रह का रत्न माना जाता है। इसे वैदूर्य मणि, सूत्र मणि, केतु रत्न, कैट्स आई, विडालाक्ष के नाम से भी जाना जाता है। इस रत्न का रंग हल्का पीला होता है। यह रत्न दिखने में थोड़ा-सा बिल्ली की आंख जैसा भी प्रतीत होता है।
लहसुनिया के तथ्य (Facts of Lehsunia or Cats Eye Gemstone in Hindi)
* मान्यता है कि लहसुनिया धारण करने से केतु ग्रह के बुरे प्रभाव खत्म हो जाते हैं। ज्योतिषी इस रत्न को बेहद अहम मानते हैं।
* माना जाता है कि गुणयुक्त लहसुनिया अपने स्वामी को परम सौभाग्य से संपन्न बनाती है और दोषयुक्त मणि अपने स्वामी को दोषों से संयुक्त कर देती है। इसलिए इसे पहनने से पूर्व इसकी परीक्षा अवश्य करनी चाहिए।
लहसुनिया के ज्योतिषीय फायदे (Astrological Benefits of Lehsunia in Hindi)
* माना जाता है कि लहसुनिया धारण करने से दुख:-दरिद्रता समाप्त हो जाता है। यह रत्न भूत बाधा तथा काले जादू से दूर रखने में सहायक माना जाता है।
* ज्योतिषी मानते हैं कि लहसुनिया के धारण करने से रात में बुरे सपने परेशान नहीं करते हैं।
स्वास्थ्य में लहसुनिया का लाभ (Health Benefits of Lehsunia in Hindi)
* ज्योतिष शास्त्र के अनुसार लहसुनिया को धारण करने से शारीरिक दुर्बलता खत्म होती है और आंखों की रोशनी बढ़ती है।
* माना जाता है कि यह रत्न दमे के रोगियों के लिए अत्याधिक लाभकारी होता है।
* कई रत्न ज्योतिषी श्वास नली में सूजन की परेशानी होने पर लहसुनिया धारण करने की सलाह देते हैं।
कैसे करें लहसुनिया धारण (How to wear Lehsunia in Hindi)
सोने या चांदी की अंगूठी में लहसुनिया जड़ाकर सोमवार के दिन धारण करना चाहिए। चूंकि यह एक बेहद प्रभावशाली रत्न होता है इसलिए इसे धारण करने से पहले ज्योतिषी से सलाह परामर्श कर लेना चाहिए।
लहसुनिया का उपरत्न (Substitutes of Cats Eye)
लहसुनिया के स्थान पर कैट्स आई क्वार्ट्ज़ (Cats Eye Quartz) तथा एलेग्जण्ड्राइट धारण किया जा सकता है।
लहसुनिया के तथ्य (Facts of Lehsunia or Cats Eye Gemstone in Hindi)
* मान्यता है कि लहसुनिया धारण करने से केतु ग्रह के बुरे प्रभाव खत्म हो जाते हैं। ज्योतिषी इस रत्न को बेहद अहम मानते हैं।
* माना जाता है कि गुणयुक्त लहसुनिया अपने स्वामी को परम सौभाग्य से संपन्न बनाती है और दोषयुक्त मणि अपने स्वामी को दोषों से संयुक्त कर देती है। इसलिए इसे पहनने से पूर्व इसकी परीक्षा अवश्य करनी चाहिए।
लहसुनिया के ज्योतिषीय फायदे (Astrological Benefits of Lehsunia in Hindi)
* माना जाता है कि लहसुनिया धारण करने से दुख:-दरिद्रता समाप्त हो जाता है। यह रत्न भूत बाधा तथा काले जादू से दूर रखने में सहायक माना जाता है।
* ज्योतिषी मानते हैं कि लहसुनिया के धारण करने से रात में बुरे सपने परेशान नहीं करते हैं।
स्वास्थ्य में लहसुनिया का लाभ (Health Benefits of Lehsunia in Hindi)
* ज्योतिष शास्त्र के अनुसार लहसुनिया को धारण करने से शारीरिक दुर्बलता खत्म होती है और आंखों की रोशनी बढ़ती है।
* माना जाता है कि यह रत्न दमे के रोगियों के लिए अत्याधिक लाभकारी होता है।
* कई रत्न ज्योतिषी श्वास नली में सूजन की परेशानी होने पर लहसुनिया धारण करने की सलाह देते हैं।
कैसे करें लहसुनिया धारण (How to wear Lehsunia in Hindi)
सोने या चांदी की अंगूठी में लहसुनिया जड़ाकर सोमवार के दिन धारण करना चाहिए। चूंकि यह एक बेहद प्रभावशाली रत्न होता है इसलिए इसे धारण करने से पहले ज्योतिषी से सलाह परामर्श कर लेना चाहिए।
लहसुनिया का उपरत्न (Substitutes of Cats Eye)
लहसुनिया के स्थान पर कैट्स आई क्वार्ट्ज़ (Cats Eye Quartz) तथा एलेग्जण्ड्राइट धारण किया जा सकता है।
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रत्न ज्योतिष अनुसार बेदाग स्वच्छ हीरा शुक्र की पीड़ा शांत करता है। मान्यता है कि जो हीरा सभी गुणों से संपन्न हो और जल में डालने पर तैरता है वह सभी रत्नों में सर्वश्रेष्ठ होता है।
हीरे के बारें में रोचक तथ्य (Facts of Diamond)
* हीरे के बारे में कहा जाता है कि हीरा जितना अधिक भारी होगा उतना ही वो लाभकारी भी होगा।
* हीरा बेहद मूल्यवान होता है लेकिन एक छोटे से दोष के कारण भी हीरे की कीमत में जमीन-आसमान का अंतर आ सकता है।
राशि रत्न (Diamond for Rashi)
वृषभ तथा तुला राशि के जातकों के लिए हीरा धारण करना अच्छा माना जाता है।
हीरे के फायदे (Benefits of Diamond)
* जो जातक व्यापार, फिल्म उद्योग तथा कला क्षेत्र में सफलता हासिल करना चाहते हैं तो वे हीरा धारण कर सकते हैं।
* संबंधों में मधुरता के लिए विशेषकर प्रेम संबंधों को हीरा बढ़ाता है।
* शिक्षा संबंधित परेशानी या विवाह में आती रुकावट हो तो हीरा का धारण करना लाभकारी साबित हो सकता है।
स्वास्थ्य संबंधी लाभ (Health Benefits of Diamond )
* हीरा धारण करने से आयु में वृद्धि होती है।
* मधुमेह तथा नेत्र रोगों से निजात दिलाता है।
* विशेष: कई ज्योतिषी मानते हैं कि संतान विशेषकर पुत्र चाहने वाले स्त्रियों को हीरा नहीं पहनना चाहिए। यह पुत्र संतान-प्राप्ति में बाधक हो सकता है।
कैसे करें हीरा धारण (How to Wear Diamond)
अंगूठी या हार के रूप में हीरा पहना जाता है। ज्योतिषिय प्रभाव के लिए हीरा अंगूठी में जड़वाकर शुक्रवार के दिन पहनना चाहिए।
हीरे के अन्य उपरत्न (Substitutes of Diamond or Heera)
हीरा एक बेहद महंगा रत्न माना जाता है। अगर जातक हीरा ना खरीद पाए तो इसके स्थान पर जरकन, फिरोजा, ओपल या कुरंगी जैसे रत्न भी धारण कर सकता है। यह सभी उपरत्न भी हीरे के समान ही फल देते हैं।
हीरे के बारें में रोचक तथ्य (Facts of Diamond)
* हीरे के बारे में कहा जाता है कि हीरा जितना अधिक भारी होगा उतना ही वो लाभकारी भी होगा।
* हीरा बेहद मूल्यवान होता है लेकिन एक छोटे से दोष के कारण भी हीरे की कीमत में जमीन-आसमान का अंतर आ सकता है।
राशि रत्न (Diamond for Rashi)
वृषभ तथा तुला राशि के जातकों के लिए हीरा धारण करना अच्छा माना जाता है।
हीरे के फायदे (Benefits of Diamond)
* जो जातक व्यापार, फिल्म उद्योग तथा कला क्षेत्र में सफलता हासिल करना चाहते हैं तो वे हीरा धारण कर सकते हैं।
* संबंधों में मधुरता के लिए विशेषकर प्रेम संबंधों को हीरा बढ़ाता है।
* शिक्षा संबंधित परेशानी या विवाह में आती रुकावट हो तो हीरा का धारण करना लाभकारी साबित हो सकता है।
स्वास्थ्य संबंधी लाभ (Health Benefits of Diamond )
* हीरा धारण करने से आयु में वृद्धि होती है।
* मधुमेह तथा नेत्र रोगों से निजात दिलाता है।
* विशेष: कई ज्योतिषी मानते हैं कि संतान विशेषकर पुत्र चाहने वाले स्त्रियों को हीरा नहीं पहनना चाहिए। यह पुत्र संतान-प्राप्ति में बाधक हो सकता है।
कैसे करें हीरा धारण (How to Wear Diamond)
अंगूठी या हार के रूप में हीरा पहना जाता है। ज्योतिषिय प्रभाव के लिए हीरा अंगूठी में जड़वाकर शुक्रवार के दिन पहनना चाहिए।
हीरे के अन्य उपरत्न (Substitutes of Diamond or Heera)
हीरा एक बेहद महंगा रत्न माना जाता है। अगर जातक हीरा ना खरीद पाए तो इसके स्थान पर जरकन, फिरोजा, ओपल या कुरंगी जैसे रत्न भी धारण कर सकता है। यह सभी उपरत्न भी हीरे के समान ही फल देते हैं।
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शनि ग्रह के बुरे प्रभाव और पीड़ा शांत करने के लिए नीलम (Neelam) या नीला पुखराज धारण करने की सलाह दी जाती है। नीलम को हीरे के बाद दूसरा सबसे सुंदर रत्न माना जाता है। इसे नीलमणि, सेफायर, इंद्र नीलमणि, याकूत, नीलम, कबूद भी कहा जाता है। कहा जाता है कि यह रत्न रंक को राजा और राजा को रंक बना सकता है।
नीला पुखराज के तथ्य (Facts of Neelam in Hindi)
* नीला पुखराज के बारे में मान्यता है कि जब इस रत्न को दूध में डाला जाए तो दूध भी नीला रंग धारण कर लेता है।
* कहा जाता है कि नीलम शुभ साबित हो तो मनुष्य के जीवन में खुशियों की बहार ला देता है। लेकिन अशुभ स्थिति में यह मनुष्य के लिए बहुत अहितकारी साबित होता है।
नीला पुखराज के लिए राशि (Blue Sapphire for Rashi)मकर तथा कुंभ राशि के जातकों के लिए नीलम या नीला पुखराज धारण लाभकारी साबित होता है। साथ ही जिन लोगों को शनि साड़ेसाती के प्रभावों से परेशानी हो रही हो उन्हें भी नीलम धारण करने की सलाह दी जाती है।
नीला पुखराज के फायदे (Benefits of Neelam)
* नीला पुखराज धारण करने से मन अशांत नहीं होता है।
* माना जाता है कि नीलम धारण करने से ज्ञान तथा धैर्य की वृद्धि होती है।
* नीलम वाणी में मिठास, अनुशासन तथा विनम्रता पैदा करता है।
* राजनेताओं और राजनीति से जुड़े लोगों के लिए नीलम लाभकारी माना जाता है। कहा जाता है कि इसे धारण करने से नेतृत्व क्षमता बढ़ती है।
* माना जाता है कि जो जातक तनाव तथा चिंताओं से घिरे हों उन्हें नीला पुखराज अवश्य धारण करना चाहिए।
स्वास्थ्य में नीला पुखराज का लाभ (Health Benefits of Blue Sapphire)
* ज्योतिषी मानते हैं कि लकवा, हड्डियों, दांतों और दमा की परेशानी से ग्रस्त रोगियों के लिए नीला पुखराज फायदेमंद हो सकता है।
* कहा जाता है कि नीला पुखराज पहनने से चर्म रोग तथा प्लेग जैसे बिमारियों से निजात मिलती है। ज्योतिषी शनि से प्रभावित रोगों और परेशानियों में भी नीलम या नीला पुखराज धारण करने की सलाह देते हैं।
कैसे करें नीलम धारण (How to Wear Blue Sapphire)
नीलम शनिवार के दिन धारण करना शुभ माना जाता है। विधिवत रूप से पूजा पाठ करने के बाद ही नीलम धारण करना चाहिए। अगर पहले कुछ दिनों में इसका विपरीत प्रभाव लगे तो रत्न को उतार देना चाहिए। नीलम के साथ कोई अन्य रत्न विशेषकर माणिक्य, मोती आदि नहीं पहनना चाहिए।
नीलम के उपरत्न (Substitutes of Blue Sapphire)
नीलम बेहद कीमती और कम पाया जाने वाला रत्न है। इसके उपलब्ध ना होने की दशा में एमेथिस्ट, ब्लैकस्टार, या ब्लू टोपाज धारण किया जा सकता है।
नीला पुखराज के तथ्य (Facts of Neelam in Hindi)
* नीला पुखराज के बारे में मान्यता है कि जब इस रत्न को दूध में डाला जाए तो दूध भी नीला रंग धारण कर लेता है।
* कहा जाता है कि नीलम शुभ साबित हो तो मनुष्य के जीवन में खुशियों की बहार ला देता है। लेकिन अशुभ स्थिति में यह मनुष्य के लिए बहुत अहितकारी साबित होता है।
नीला पुखराज के लिए राशि (Blue Sapphire for Rashi)मकर तथा कुंभ राशि के जातकों के लिए नीलम या नीला पुखराज धारण लाभकारी साबित होता है। साथ ही जिन लोगों को शनि साड़ेसाती के प्रभावों से परेशानी हो रही हो उन्हें भी नीलम धारण करने की सलाह दी जाती है।
नीला पुखराज के फायदे (Benefits of Neelam)
* नीला पुखराज धारण करने से मन अशांत नहीं होता है।
* माना जाता है कि नीलम धारण करने से ज्ञान तथा धैर्य की वृद्धि होती है।
* नीलम वाणी में मिठास, अनुशासन तथा विनम्रता पैदा करता है।
* राजनेताओं और राजनीति से जुड़े लोगों के लिए नीलम लाभकारी माना जाता है। कहा जाता है कि इसे धारण करने से नेतृत्व क्षमता बढ़ती है।
* माना जाता है कि जो जातक तनाव तथा चिंताओं से घिरे हों उन्हें नीला पुखराज अवश्य धारण करना चाहिए।
स्वास्थ्य में नीला पुखराज का लाभ (Health Benefits of Blue Sapphire)
* ज्योतिषी मानते हैं कि लकवा, हड्डियों, दांतों और दमा की परेशानी से ग्रस्त रोगियों के लिए नीला पुखराज फायदेमंद हो सकता है।
* कहा जाता है कि नीला पुखराज पहनने से चर्म रोग तथा प्लेग जैसे बिमारियों से निजात मिलती है। ज्योतिषी शनि से प्रभावित रोगों और परेशानियों में भी नीलम या नीला पुखराज धारण करने की सलाह देते हैं।
कैसे करें नीलम धारण (How to Wear Blue Sapphire)
नीलम शनिवार के दिन धारण करना शुभ माना जाता है। विधिवत रूप से पूजा पाठ करने के बाद ही नीलम धारण करना चाहिए। अगर पहले कुछ दिनों में इसका विपरीत प्रभाव लगे तो रत्न को उतार देना चाहिए। नीलम के साथ कोई अन्य रत्न विशेषकर माणिक्य, मोती आदि नहीं पहनना चाहिए।
नीलम के उपरत्न (Substitutes of Blue Sapphire)
नीलम बेहद कीमती और कम पाया जाने वाला रत्न है। इसके उपलब्ध ना होने की दशा में एमेथिस्ट, ब्लैकस्टार, या ब्लू टोपाज धारण किया जा सकता है।
इस रत्न से हो सकती है जेल
रत्नों के सुझावों में अक्सर पुखराज सबसे पहले बताया जाता है। पुखराज का रंग पलाश के फूलों जैसा होता है। यह गुरु ग्रह से संबंधित तथा धनु व मीन राशि का प्रतिनिधित्व करता है जिनकी कुंडली में गुरु कमजोर है या अशुभ है, इसके पहनने से शुभत्व की प्राप्ति होती है। यह ज्ञान का भी द्योतक है। प्रशासनिक अधिकारियों, वकीलों, न्यायाधीशों आदि अभिनय एवं अध्यापन क्षेत्र से जुड़े लोगों की उंगलियों में आप देख सकते हैं।
कौन-सी लग्न वाले पहनें, कौन न पहनें ?
यहां हम बात कुंडली की लग्न से कर रहे हैं राशि से नहीं क्योंकि आपकी राशि कुछ भी हो सकती है और कोई भी नग पहनना आपकी कुंडली के सही विवेचन पर ही निर्भर करेगा।
वृष, मिथुन, कन्या, तुला, मकर तथा कुंभ लग्न वालों को इसे नहीं पहनना चाहिए। इन लग्न के जातकों के लिए यह अकारक है और कई बार नुक्सान हो जाता है। पुखराज पहनते ही काफी लोगों को जेल की सैर करते देखा है। एक मुख्यमंत्री को एक ज्यूलर ने चापलूसी वश 15 कैरेट का पुखराज जबरदस्ती पहना दिया और वह न केवल कुर्सी से हाथ धो बैठे बल्कि पार्टी को ही ले डूबे ।
मुख्यत: छठे, आठवें तथा 12वें भावों के स्वामियों के इस रत्न को धारण नहीं करना चाहिए। शेष मेष, कर्क, सिंह, वृृश्चिक, धनु एवं मीन लग्न वालों के लिए यह क्रमश: भाग्यवृद्धि, संतान पक्ष, विद्या, धन, भवन, नौकरी को सकारात्मक रूप से प्रभावित करता है।
पुखराज के साथ पन्ना, हीरा तथा नीलम विशेषत: उसी हाथ में नहीं पहनना चाहिए।
इसे दाएं या बाएं हाथ की तर्जनी अर्थात अंगूठे के साथ वाली उंगली में सोने मेे जड़वा कर, वीरवार की सुबह अभिमंत्रित करवा के ही धारण करना चाहिए।
फिल्मोद्योग तो रत्नों का दीवाना है और अधिकांश लोग इन्हें अपने भाग्य में परिवर्तन लाने का श्रेय भी देते हैं। कोरियोग्राफर व अभिनेत्री फराह खान ने पीला पुखराज ही पहना है और इसके बाद चमक गईं। इमरान हाशमी ने तो पुखराज के साथ कई अन्य रत्न भी धारण किए हुए हैं।
इनके अलावा राजनीतिक क्षेत्र में मुलायम सिंह यादव भी पुखराज के बल पर ही टिके हुए हैं। ऐसे कितने ही सैलीब्रिटीज हैं जिन्हें पुखराज पहनने के बाद किस्मत ने कहीं का कहीं पहुंचा दिया।
पहचान
पुखराज चमकदार, हल्के पीले रंग में बिना किसी दाग धब्बे, जाले, या धुंधलेपन का होना चाहिए। इसकी कीमत रंग, गुणवत्ता,पारदर्शिता तथा वजन पर निर्भर करती है।
आपने संतरी रंग के भी पुखराज देखे होंगे। आजकल श्रीलंका से बैंकाक ले जाकर उसे कैमिकली या हीट ट्रीटमैंंट से बिल्कुल पारदर्शी बना दिया जाता है। यह प्राकृतिक रत्न कहां रह गया? जबकि आपको सभी लैबोरेट्रीज इसका प्रमाण पत्र नैचुरल सैफायर के नाम से दे देंगी।
कई जगह आपने बड़े-बड़े होर्डिंग देखे होंगे जिन पर लिखा होता है कि हमारे रत्न को गलत साबित करने वाले को 10 लाख रुपए ईनाम देंगे। होता क्या है कि खान से जब पुखराज का पत्थर निकलता है तो उसका कोई भाग बिल्कुल पीला होता है, कुछ कम पीला, कुछ जाले वाला, कुछ चमकदार , कुछ बिल्कुल पारदर्शी। इसे साफ करके इसके छोटे-छोटे टुकड़े कर लिए जाते हैं। जो अधिक साफ, चमकदार एवं पारदर्शी होंगे, उनकी कीमत अधिक होगी। इस तरह हर टुकड़े का वजन, क्वालिटी और मूल्य अलग-अलग होगा।
जब ऐसे पुखराज को किसी लैब में भेजा जाता है तो रिपोर्ट पुखराज की ही आएगी, मूंगे की नहीं और आप उस नग को गलत कैसे सिद्ध कर सकते हैं? फिर चाहे आप की ईनाम राशि 10 करोड़ ही क्यों न रख दी जाए क्योंकि जौहरी को वह कभी देनी ही नहीं पड़ेगी। बस यही एक पेच है। रद्दी, धुंधला पुखराज भी आपको असली और नैचुरल कह कर ऊंचे रेट पर टिका दिया जाता है परन्तु वही रत्न अपने अच्छे परिणाम देगा जो क्रिस्टल क्लीयर है।
वजन
मुख्यत: यह व्यक्ति की आयु व उसके अपने भार पर भी निर्भर करता है। तीस वर्ष से कम लोगों को 3 से 5 रत्ती, इससे बड़ों को 5 से 7 रत्ती तक ठीक रहता है। इससे बड़ा डालने पर हर्ज नहीं है। जो लोग इसका मूल्य देने में असमर्थ हों वे इसका उपरत्न, सुनहला, मार्का, टोपाज, पीताम्बरी आदि भी पहन सकते हैं।
शुद्धि व अभिमंत्रण में अंतर
अक्सर इसे गंगा जल या गाय के दूध या कच्ची लस्सी से धोकर पहना दिया जाता है परंतु जब तक इसकी प्राण प्रतिष्ठा पूर्ण विधि-विधान से न की जाए , इसका पूर्ण लाभ नहीं होता। इसके लिए एक थाली में पूजा सामग्री- धूप, दीप, पुष्प, नैवेद्य, गंगा जल रखें। अंगूठी को गंगा जल से धोएं।
एक पीले वस्त्र पर अंगूठी तथा गुरु यंत्र रखें। गुरु मंत्र-ओम् ग्रां ग्रीं ग्रौं स: गुरवे नम: 108 बार बोलें। उस जल को सूर्य को अर्पित करें। फिर अंगूठी धारण करें। गुरु संबंधित दान-बेसन के लडडू, चने की दाल पीले वस्त्र, धार्मिक पुस्तक आदि में से कुछ भी अवश्य करें । बेहतर होगा आप इसी पद्धति से किसी कर्मकांडी विशेषज्ञ की सहायता से इसे अभिमंत्रित करवा लें।
धन, समृद्धि और सफलता के लिए क्रिस्टल
बहुत से लोगों को अपने जीवन में किसी बिंदु पर वित्तीय सलाह दी गई है। आपको अपनी सेवानिवृत्ति के लिए बचाने, अपने दैनिक कॉफी खर्चों में कटौती करने या अपने निवेश को विविधता देने के लिए कहा गया है। संभावना है, शायद आपको खुद को अधिक ऊर्जावान रूप से धन के लिए संलग्न करने के लिए कहा नहीं गया है। आइए इसका सामना करें, एक क्रिस्टल जो प्रचुरता की ऊर्जा के साथ कंपन करता है वह आपके द्वारा किए जाने वाले सबसे विविध निवेश हो सकता है-और शायद आप इसके बारे में अपने वित्तीय सलाहकार को नहीं बताएंगे! लेकिन अगर आप टूट जाते हैं तो इन क्रिस्टल ने सफलतापूर्वक इतने सारे लोगों के जीवन में धन क्यों लाया है, यह वास्तव में वहां नहीं है। धन के लिए क्रिस्टल के साथ प्रकट करना आपको विश्वास के साथ अवसरों को पहचानने और स्वीकार करने के लिए खुलता है। जब आप सकारात्मक दृष्टिकोण के साथ अपने व्यापार से संपर्क करते हैं, तो धन का पालन किया जाएगा।
धन, समृद्धि और सफलता के लिए क्रिस्टल समर्थन के एक ऊर्जावान परत प्रदान कर सकते हैं जब आप अपने करियर या निवेश प्रयासों की शुरुआत करते हैं। पैसा, समृद्धि और सफलता के लिए इनमें से प्रत्येक क्रिस्टल आपको उस धन और बहुतायत को लाने के लिए एक अनूठे तरीके से काम करते हैं जो आप चाहते हैं। इन संपत्तियों और सफलता पत्थरों की ऊर्जा को अपने स्वयं के इरादे से जोड़ना धन और बहुतायत के उदार प्रवाह को प्राप्त करने के लिए अपना जीवन खोलने का सबसे प्रभावशाली तरीका है।
धन के लिए इनमें से प्रत्येक क्रिस्टल अलग-अलग तरीकों से काम करते हैं, लेकिन वे सभी आपके जीवन में धन, समृद्धि और सफलता को आकर्षित करने के समान प्रभाव डालेंगे। कच्चे पाइराइट क्रिस्टल या साइट्रिन प्वाइंट को अपने नए वित्तीय सलाहकार बनने दें, जिससे आपको जोखिम में आत्मविश्वास रखने में मदद मिलती है, लेकिन एक रचनात्मक ड्राइव में ग्राउंड किया जाता है।
धन और धन के लिए क्रिस्टल
धन सामग्री समृद्धि या धन प्राप्त करने की स्थिति है। धन की स्थिति प्राप्त करना अक्सर कड़ी मेहनत, नए अवसरों और सकारात्मक परिणामों से आता है। धन प्राप्त करने में आपकी क्षमता में सहायता के लिए धन और धन पत्थरों के लिए इन क्रिस्टल का उपयोग करें।
एवेन्टुरिन स्टोन aventurine stone: यह सबसे अच्छा पैसा क्रिस्टल में से एक है क्योंकि जब आप धन प्रकट कर रहे हैं तो इसे विशेष रूप से भाग्यशाली माना जाता है। यह अवसरों का पत्थर भी है, नए उद्यमों के लिए दरवाजे खोलना। 8 अवेन्टुरिन पत्थरों को एक साथ ले जाएं, क्योंकि 8 पैसे की संख्या है।
पाइराइट स्टोन pyride stone: यह पैसे के लिए सबसे लोकप्रिय क्रिस्टल में से एक है क्योंकि यह वित्तीय कठिनाई का समाधान करने और धन को आकर्षित करने के लिए जाना जाता है। यह वित्तीय निर्णय लेने में भी मदद करता है, दोनों सूक्ष्म और बड़े तरीकों से धन लाता है।
ग्रीन कैल्साइट पत्थर green calcied stone: धन क्रिस्टल कभी-कभी किस्मत पर काम करते हैं, लेकिन यह पत्थर पुरानी मान्यताओं या पैटर्न को भंग कर काम करता है जो आपके जीवन में धन के प्रवाह को रोक सकता है। एक बार हरा कैल्साइट हमें उस स्थिति को पहचानने और हमारे दिमाग का विस्तार करने के लिए प्रोत्साहित करता है, यह हमारे दरवाजे पर धन और समृद्धि खींचता है।
समृद्धि के लिए धन, समृद्धि और सफलता क्रिस्टल के लिए क्रिस्टल
समृद्धि कुछ ऐसा है जिसे हम सभी के लिए प्रयास करते हैं। यह धन से कल्याण से हमारे जीवन में सभी क्षेत्रों में सफलता और संपन्न है। हमारे जीवन में समृद्धि को आमंत्रित करने के लिए आवश्यक है कि हम किसी भी अवरोध को हटा दें जो हमें अपने जीवन के कई पहलुओं में जीवन के उच्च राज्यों को प्राप्त करने से रोक रहा है। समृद्धि क्रिस्टल का उपयोग करने से हमारे कई लक्ष्यों और इरादों में समृद्धि और बहुतायत को प्रोत्साहित करने में मदद मिलेगी।
साइट्रिन स्टोन:citrine stone साइट्रिन सबसे अच्छी समृद्धि क्रिस्टल में से एक है क्योंकि यह आपको अपने इरादों को तेज़ी से प्राप्त करने में मदद करता है। इसे व्यापारी पत्थर भी कहा जाता है क्योंकि यह व्यापार मालिकों को समृद्धि लाने में मदद करता है।
ग्रीन जेड स्टोन green jade stone: प्राचीन काल से, जेड समृद्धि, ज्ञान और सद्भाव के लिए सबसे मान्यता प्राप्त क्रिस्टल में से एक रहा है। इसे एक अत्यंत भाग्यशाली पत्थर माना जाता है और हमारे जीवन में समृद्धि और बहुतायत के प्रवाह को बढ़ावा दे सकता है। अपनी समृद्धि ऊर्जा को बढ़ाने के लिए अन्य हरे पत्थरों के साथ हरे रंग की जेड को मिलाएं।
वृक्ष एगेट स्टोन tree agate stone: यह समृद्धि पत्थर आपके शरीर से ऊर्जा अवरोध को साफ़ करके काम करता है। प्रत्येक हाथ में एक पेड़ agate पत्थर के साथ ध्यान बाधाओं को दूर करेगा और इस प्रकार अपने ऊर्जा क्षेत्र बहुतायत और समृद्धि के जीवन में खोलें।
सफलता के लिए क्रिस्टल
आर्थिक रूप से धन और समृद्धि प्राप्त करने के लिए, हमें अक्सर अपने करियर में सफलता की आवश्यकता होती है। धन और सफलता के लिए क्रिस्टल का उपयोग करने से आपके करियर में या अपने नए प्रयासों में अगले कदम उठाने में सहायता मिलेगी। सफलता के लिए क्रिस्टल आपको ध्यान केंद्रित करने, अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने और इस तरह के बारे में अंतर्दृष्टि प्रदान करने में सहायता करते हैं।
ग्रीन जेड क्रिस्टल green jade cystal: यह सफलता के लिए सबसे अच्छे क्रिस्टल में से एक है। इसकी ऊर्जा आपको अपने लक्ष्यों को प्रकट करने में मदद करती है और आपके जीवन में बहुतायत के प्रवाह को बढ़ावा देती है। यह नए अवसरों को भी आकर्षित करता है।
क्वार्ट्ज स्टोन quartz stone: जब व्यापार और सफलता की बात आती है, तो आप अपने लक्ष्यों के लिए स्पष्ट दृष्टि चाहते हैं और आप कैसे सफल होंगे। क्वार्ट्ज क्रिस्टल एक परिस्थिति को स्पष्टता देता है और ब्रह्मांड में आपके इरादे को भी बढ़ाता है।
साइट्रिन क्रिस्टल citrine stone: साइट्रिन सबसे अच्छी समृद्धि क्रिस्टल में से एक है क्योंकि यह आपको अपने इरादों को तेज़ी से प्राप्त करने में मदद करता है। इसे व्यापारी पत्थर भी कहा जाता है क्योंकि यह व्यापार मालिकों को समृद्धि लाने में मदद करता है। एक साइट्रिन रखें
टाइगर आई आई स्टोन tiger eye stone: सफलता के लिए यह पत्थर आपको सफलता प्राप्त करने के लिए कार्रवाई करने के लिए आवश्यक इच्छाशक्ति और प्रेरणा देगा। एक सफल नेता बनने की आपकी क्षमता में सहायता करने से यह आपको व्यस्त परिस्थितियों में भी शांत रहने में मदद करेगा।
धन, समृद्धि और सफलता के लिए क्रिस्टल
धन के लिए अन्य क्रिस्टल
यदि आप उन सभी अलग-अलग पत्थरों और क्रिस्टल से अभिभूत हैं जिन्हें आप चुन सकते हैं, तो बस हमारे धन क्रिस्टल बंडलों में से एक से चुना गया है।
धन क्रिस्टल wealth cystal: यह क्रिस्टल बंडल धन के लिए कई क्रिस्टल की ऊर्जा को जोड़ता है, जैसे कि सिट्रीन, एवेन्टुरिन, हरी जेड और क्वार्ट्ज क्रिस्टल, रिचस प्रतीक के रूने के शक्तिशाली प्रतीकात्मकता के साथ। आप इन पर्स क्रिस्टल को अपने पर्स या जेब में ले जा सकते हैं।
धन के लिए क्रिस्टल का उपयोग कैसे करें
आदर्श रूप में, आप धन के उपयोग के लिए आठ क्रिस्टल चुनेंगे। वे सभी एक जैसे हो सकते हैं या वे सभी अलग हो सकते हैं, लेकिन आठ संख्या समृद्धि की संख्या है और वह ऊर्जा को बढ़ाएगी। आपके इरादे के लिए पैसे क्रिस्टल की खोज करने के बाद, आप उन्हें एक छोटे बैग में रख सकते हैं और उन्हें अपने पर्स या जेब में ले जा सकते हैं। मनी पत्थरों को हमेशा आपके आस-पास रखने के लिए आदर्श होते हैं, इसलिए किसी भी तरह से आपके लिए काम करने के तरीके से आप आसानी से उन्हें अपने साथ ले जा सकते हैं।
आप अपने घर के दक्षिणपश्चिम चतुर्भुज में एक ग्रिड भी बना सकते हैं, जो धन और बहुतायत क्षेत्र है। आदर्श रूप से, आपके पास कच्चे पाइराइट क्लस्टर का एक बड़ा टुकड़ा होगा और आप धन के लिए अपने आठ क्रिस्टल के साथ क्लस्टर को घेर लेंगे। एक साथ काम करना, पत्थरों को आपके जीवन में बहुतायत के प्रवाह में आमंत्रित किया जाएगा।
धन, समृद्धि और सफलता के लिए क्रिस्टल समर्थन के एक ऊर्जावान परत प्रदान कर सकते हैं जब आप अपने करियर या निवेश प्रयासों की शुरुआत करते हैं। पैसा, समृद्धि और सफलता के लिए इनमें से प्रत्येक क्रिस्टल आपको उस धन और बहुतायत को लाने के लिए एक अनूठे तरीके से काम करते हैं जो आप चाहते हैं। इन संपत्तियों और सफलता पत्थरों की ऊर्जा को अपने स्वयं के इरादे से जोड़ना धन और बहुतायत के उदार प्रवाह को प्राप्त करने के लिए अपना जीवन खोलने का सबसे प्रभावशाली तरीका है।
धन के लिए इनमें से प्रत्येक क्रिस्टल अलग-अलग तरीकों से काम करते हैं, लेकिन वे सभी आपके जीवन में धन, समृद्धि और सफलता को आकर्षित करने के समान प्रभाव डालेंगे। कच्चे पाइराइट क्रिस्टल या साइट्रिन प्वाइंट को अपने नए वित्तीय सलाहकार बनने दें, जिससे आपको जोखिम में आत्मविश्वास रखने में मदद मिलती है, लेकिन एक रचनात्मक ड्राइव में ग्राउंड किया जाता है।
धन और धन के लिए क्रिस्टल
धन सामग्री समृद्धि या धन प्राप्त करने की स्थिति है। धन की स्थिति प्राप्त करना अक्सर कड़ी मेहनत, नए अवसरों और सकारात्मक परिणामों से आता है। धन प्राप्त करने में आपकी क्षमता में सहायता के लिए धन और धन पत्थरों के लिए इन क्रिस्टल का उपयोग करें।
एवेन्टुरिन स्टोन aventurine stone: यह सबसे अच्छा पैसा क्रिस्टल में से एक है क्योंकि जब आप धन प्रकट कर रहे हैं तो इसे विशेष रूप से भाग्यशाली माना जाता है। यह अवसरों का पत्थर भी है, नए उद्यमों के लिए दरवाजे खोलना। 8 अवेन्टुरिन पत्थरों को एक साथ ले जाएं, क्योंकि 8 पैसे की संख्या है।
पाइराइट स्टोन pyride stone: यह पैसे के लिए सबसे लोकप्रिय क्रिस्टल में से एक है क्योंकि यह वित्तीय कठिनाई का समाधान करने और धन को आकर्षित करने के लिए जाना जाता है। यह वित्तीय निर्णय लेने में भी मदद करता है, दोनों सूक्ष्म और बड़े तरीकों से धन लाता है।
ग्रीन कैल्साइट पत्थर green calcied stone: धन क्रिस्टल कभी-कभी किस्मत पर काम करते हैं, लेकिन यह पत्थर पुरानी मान्यताओं या पैटर्न को भंग कर काम करता है जो आपके जीवन में धन के प्रवाह को रोक सकता है। एक बार हरा कैल्साइट हमें उस स्थिति को पहचानने और हमारे दिमाग का विस्तार करने के लिए प्रोत्साहित करता है, यह हमारे दरवाजे पर धन और समृद्धि खींचता है।
समृद्धि के लिए धन, समृद्धि और सफलता क्रिस्टल के लिए क्रिस्टल
समृद्धि कुछ ऐसा है जिसे हम सभी के लिए प्रयास करते हैं। यह धन से कल्याण से हमारे जीवन में सभी क्षेत्रों में सफलता और संपन्न है। हमारे जीवन में समृद्धि को आमंत्रित करने के लिए आवश्यक है कि हम किसी भी अवरोध को हटा दें जो हमें अपने जीवन के कई पहलुओं में जीवन के उच्च राज्यों को प्राप्त करने से रोक रहा है। समृद्धि क्रिस्टल का उपयोग करने से हमारे कई लक्ष्यों और इरादों में समृद्धि और बहुतायत को प्रोत्साहित करने में मदद मिलेगी।
साइट्रिन स्टोन:citrine stone साइट्रिन सबसे अच्छी समृद्धि क्रिस्टल में से एक है क्योंकि यह आपको अपने इरादों को तेज़ी से प्राप्त करने में मदद करता है। इसे व्यापारी पत्थर भी कहा जाता है क्योंकि यह व्यापार मालिकों को समृद्धि लाने में मदद करता है।
ग्रीन जेड स्टोन green jade stone: प्राचीन काल से, जेड समृद्धि, ज्ञान और सद्भाव के लिए सबसे मान्यता प्राप्त क्रिस्टल में से एक रहा है। इसे एक अत्यंत भाग्यशाली पत्थर माना जाता है और हमारे जीवन में समृद्धि और बहुतायत के प्रवाह को बढ़ावा दे सकता है। अपनी समृद्धि ऊर्जा को बढ़ाने के लिए अन्य हरे पत्थरों के साथ हरे रंग की जेड को मिलाएं।
वृक्ष एगेट स्टोन tree agate stone: यह समृद्धि पत्थर आपके शरीर से ऊर्जा अवरोध को साफ़ करके काम करता है। प्रत्येक हाथ में एक पेड़ agate पत्थर के साथ ध्यान बाधाओं को दूर करेगा और इस प्रकार अपने ऊर्जा क्षेत्र बहुतायत और समृद्धि के जीवन में खोलें।
सफलता के लिए क्रिस्टल
आर्थिक रूप से धन और समृद्धि प्राप्त करने के लिए, हमें अक्सर अपने करियर में सफलता की आवश्यकता होती है। धन और सफलता के लिए क्रिस्टल का उपयोग करने से आपके करियर में या अपने नए प्रयासों में अगले कदम उठाने में सहायता मिलेगी। सफलता के लिए क्रिस्टल आपको ध्यान केंद्रित करने, अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने और इस तरह के बारे में अंतर्दृष्टि प्रदान करने में सहायता करते हैं।
ग्रीन जेड क्रिस्टल green jade cystal: यह सफलता के लिए सबसे अच्छे क्रिस्टल में से एक है। इसकी ऊर्जा आपको अपने लक्ष्यों को प्रकट करने में मदद करती है और आपके जीवन में बहुतायत के प्रवाह को बढ़ावा देती है। यह नए अवसरों को भी आकर्षित करता है।
क्वार्ट्ज स्टोन quartz stone: जब व्यापार और सफलता की बात आती है, तो आप अपने लक्ष्यों के लिए स्पष्ट दृष्टि चाहते हैं और आप कैसे सफल होंगे। क्वार्ट्ज क्रिस्टल एक परिस्थिति को स्पष्टता देता है और ब्रह्मांड में आपके इरादे को भी बढ़ाता है।
साइट्रिन क्रिस्टल citrine stone: साइट्रिन सबसे अच्छी समृद्धि क्रिस्टल में से एक है क्योंकि यह आपको अपने इरादों को तेज़ी से प्राप्त करने में मदद करता है। इसे व्यापारी पत्थर भी कहा जाता है क्योंकि यह व्यापार मालिकों को समृद्धि लाने में मदद करता है। एक साइट्रिन रखें
टाइगर आई आई स्टोन tiger eye stone: सफलता के लिए यह पत्थर आपको सफलता प्राप्त करने के लिए कार्रवाई करने के लिए आवश्यक इच्छाशक्ति और प्रेरणा देगा। एक सफल नेता बनने की आपकी क्षमता में सहायता करने से यह आपको व्यस्त परिस्थितियों में भी शांत रहने में मदद करेगा।
धन, समृद्धि और सफलता के लिए क्रिस्टल
धन के लिए अन्य क्रिस्टल
यदि आप उन सभी अलग-अलग पत्थरों और क्रिस्टल से अभिभूत हैं जिन्हें आप चुन सकते हैं, तो बस हमारे धन क्रिस्टल बंडलों में से एक से चुना गया है।
धन क्रिस्टल wealth cystal: यह क्रिस्टल बंडल धन के लिए कई क्रिस्टल की ऊर्जा को जोड़ता है, जैसे कि सिट्रीन, एवेन्टुरिन, हरी जेड और क्वार्ट्ज क्रिस्टल, रिचस प्रतीक के रूने के शक्तिशाली प्रतीकात्मकता के साथ। आप इन पर्स क्रिस्टल को अपने पर्स या जेब में ले जा सकते हैं।
धन के लिए क्रिस्टल का उपयोग कैसे करें
आदर्श रूप में, आप धन के उपयोग के लिए आठ क्रिस्टल चुनेंगे। वे सभी एक जैसे हो सकते हैं या वे सभी अलग हो सकते हैं, लेकिन आठ संख्या समृद्धि की संख्या है और वह ऊर्जा को बढ़ाएगी। आपके इरादे के लिए पैसे क्रिस्टल की खोज करने के बाद, आप उन्हें एक छोटे बैग में रख सकते हैं और उन्हें अपने पर्स या जेब में ले जा सकते हैं। मनी पत्थरों को हमेशा आपके आस-पास रखने के लिए आदर्श होते हैं, इसलिए किसी भी तरह से आपके लिए काम करने के तरीके से आप आसानी से उन्हें अपने साथ ले जा सकते हैं।
आप अपने घर के दक्षिणपश्चिम चतुर्भुज में एक ग्रिड भी बना सकते हैं, जो धन और बहुतायत क्षेत्र है। आदर्श रूप से, आपके पास कच्चे पाइराइट क्लस्टर का एक बड़ा टुकड़ा होगा और आप धन के लिए अपने आठ क्रिस्टल के साथ क्लस्टर को घेर लेंगे। एक साथ काम करना, पत्थरों को आपके जीवन में बहुतायत के प्रवाह में आमंत्रित किया जाएगा।
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