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Wednesday, 25 July 2018

शत्रु के नाश के टोटके

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शत्रु के नाश के टोटके -:
– अगर आपका कोई दुश्‍मन आपको बेवजह परेशान कर रहा है तो उससे छुटकारा पाने के लिए एक भोजपत्र पर लाल चंदन से उस व्‍यक्‍ति का नाम लिखें। इस पत्र को शहद की डिब्‍बी में भिगोकर रख दें। आपका शत्रु अपने आप शांत हो जाएगा।
– यदि कोई अपने दुश्‍मन को शांत करना चाहता है तो वह 38 दाने काली उड़द की दाल के और 40 चावल के दाने मिलाकर किसी गड्ढे में मिला दें। इसके ऊपर नीबू को निचोड़ दें। नीबू को निचोड़ते समय लगातार अपने शत्रु का नाम लेते रहें। इस उपाय के प्रभाव से आपका शत्रु शांत होगा और आपको कुछ भी अहित नहीं कर पाएगा।
– अगर कोई आपके पीछे पड़ा हुआ है और कैसे भी आपका अहित करना चाहता है तो नियमित हनुमान जी को गुड़ या बूंदी का भोग लगाएं। इसके अलावा हनुमान जी को प्रसन्‍न करने के लिए हनुमान जी को लाल रंग का गुलाब का फूल चढ़ाएं और बजरंग बाण का पाठ करें।
– कभी-कभी जीवन में कोई ऐसा व्‍यक्‍ति मिल जाता है जो बस दिन-रात आपको किसी न किसी तरह परेशान करने की सोचता है। ऐसे व्‍यक्‍ति से छुटकारा पाने के लिए मंगलवार या शनिवार के दिन हनुमान जी के मस्‍तक के सिंदूर से मोर पंख पर अपने शत्रु का नाम लिखें। इस मोर पंख को अपने घर के मंदिर में रखें और सुबह उठते ही बिना नहाए बहते हुए जल में प्रवाहित कर दें। इस उपाय से शीघ्र ही आपका शत्रु शांत हो जाएगा।
– अपने शत्रुओं के नाश के लिए शनिवार की रात को 7 लौंग लेकर उस पर 21 बार अपने दुश्‍मन का नाम लेकर फूंक मारें। अगले दिन रविवार को इन 7 लौंगों को जला दें। यह टोटका लगातार 7 शनिवार तक करना है। इस टोटके से किसी व्‍यक्‍ति का वशीकरण भी किया जा सकता है। इस टोटके से आपका शत्रु भी शांत रहता है।
– शत्रु से छुटकारा पाने के लिए सूर्योदय से पूर्व ‘नृसिंहाय विद्यहे,वज्र नखाय धीमही तन्‍नो नृसिंह प्रचोदयात्’ मंत्र का 108 बार जाप करें। इस मंत्र का जाप किसी शांतिमय एवं एकांतपूर्ण स्‍थान पर करें। इस मंत्र का रोज़ाना जाप करने से आपके शत्रुओं के सारे प्रयास असफल हो जाएंगें।
इसके अलावा अगर आप अपने शत्रु को पेरशान करना चाहते हैं या किसी व्‍यक्‍ति से उसका अहित कर बदला लेने चाहते हैं तो इस काम में ये उपाय आपकी मदद कर सकता है।
– अगर आप अपने शत्रु को तबाह करना चाहते हैं तो अमावस्‍या या रविवार की रात को ये उपाय करें। दक्षिण दिशा की ओर मुंह करके बैठें और अपने सामने काले रंग के वस्‍त्र के ऊपर मां काली का चित्र लगाएं। मां काली का पूजन करें और पूजन की समाप्‍ति होने पर एक नीबू पर सिंदूर से अपने दुश्‍मन का नाम लिखें। इसके पश्‍चात् रुद्राक्ष की माला से ‘क्रीं क्रीं शत्रु नाशिनी क्रीं क्रीं फट’ मंत्र का 11 बार जाप करें।
हर एक माला के जाप के पूरा होने पर नीबू पपर उड़द की दाल चढ़ाएं और काली मां से प्रार्थना करें कि वे आपके शत्रुओं को दुर्बल बना दें। मंत्र का जाप पूरा होने के बाद एक तांबे के लोटे में उस नीबू को डाल दें और इसे किसी गड्ढे में गाड दें।
– अगर आप अपने दुश्‍मन को हराना चाहते हैं या उसके सारे प्रयास असफल करना चाहते हैं तो अपने घर के किसी कोने में अपना फटा जूता लटका दें। इस जूते के तलवे पर अपने शत्रु का नाम लिखें। ये टोटका आपके शत्रु को बरबाद करने के लिए काफी है।
– अपने शत्रु को बरबाद करने की इच्‍छा रखते हैं या उसके सभी प्रयासों को असफल करना चाहते हैं तो इसके लिए एक मुट्ठी पिसा नमक लेकर उसे शाम के समय अपने सिर से तीन बार उतार लें और इसके बाद इसे दरवाज़े के बाहर फेंक दें। ये टोटका आपको तीन दिन तक लगातार करना है।
– अगर आपका कोई शत्रु आपको बहुत ज्‍यादा परेशान कर रहा है तो आप उसे भैरव अष्‍टमी से कमजोर बना सकते हैं। ये टोटका भैरव मंदिर में ही करें। एक छोटे-से कागज़ पर भैरव देव के इस मंत्र ‘ओम क्षौं क्षौं भैरवाय स्वाहा!’ का जाप करते हुए अपने शत्रु का नाम लिखें। अब इस कागज़ को शहद की शीशी में डुबो दें और उसका ढक्‍कन बंद कर दें। इस टोटके के प्रभाव से आपका शत्रु शांत हो जाएगा।
– शुक्‍ल पक्ष के किसी भी बुधवार के दिन 5 गोमती चक्रों को अपने सिर के चारों ओर घुमाकर फेंक दें। इस टोटके के बाद आपके शत्रु आपको नुकसान नहीं पहुंचा पाएंगें। यह एक तांत्रिक टोटका है।
– अगर आप अपने शत्रु को वशीभूत करना चाहते हैं या किसी से अपनी शत्रुता को खत्‍म करना चाहते हैं तो छोटी इलायची, लाल चंदन, सिंदूर, कंगनी, ककड़सिंगी से धूप बनाएं। अब रोज़ इस धूप को अपने शत्रु का नाम लेते हुए जलाएं। इस टोटके को करने के चंद दिनों के बाद ही आपको इसका असर दिखने लगेगा।
– अगर आप अपने शत्रु को सम्‍मोहित या वशीभूत करना चाहते हैं तो अपने गले में वैजयंती माला धारण करें। इस माला के प्रयोग से आप किसी को भी सम्‍मोहित कर सकते हैं। भगवान कृष्‍ण भी सदा वैजयंती माला पहने रहते थे। ये टोटका जरूर आपकी मदद करने में सफल रहेगा।

Tuesday, 24 July 2018

वशीकरण से बचने के उपाय

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ग्यारहमुखी रुद्राक्ष

ग्यारहमुखी रुद्राक्ष साक्षात रुद्र है। यह 11 रुद्रों एवं भगवान शंकर के ग्यारहवें अवतार संकटमोचन महावीर बजरंगबली का प्रतीक है। इसे धारण करने वाले व्यक्ति को सांसारिक ऐश्वर्य और संतान सुख प्राप्त होता है और उसकी सारी ऊपरी बाधाएं दूर होती हैं।

पंद्रहमुखी रुद्राक्ष

इसे धारण करने से भूत, पिशाच आदि का भय नहीं रहता। साथ ही क्रूर ग्रहों का अशुभ प्रभाव भी नहीं पड़ता है। वह श्रद्धा एवं तंत्र विद्या के जरिए विशेष सफलता प्राप्त करता है। उसे सर्पादि विषधारी प्राणियों का भी भय नहीं होता है।

वशीकरण व जादू-टोने से मुक्ति के कुछ अन्य उपाय –

यदि आपके घर पर रोज कोई न कोई आपदा आ रही है, और आपको किसी जादू-टोने की आशंका है, तो ऐसे में आपको चाहिए कि एक नारियल को काले कपड़े में सिलकर घर के बाहर लटका दें।

यदि आपने कोई नया वाहन खरीदा है और रोज वाहन में गड़बड़ हो जाती है या दुर्घटना में चोट-चपेट लग जाती है और जान-माल की हानि का खतरा बना रहता है तो आप अपने वाहन पर काले धागे से पीली कौड़ी बांधने से आप इस बुरी नजर औा वशीकरण से बच सकते हैं।

शनिवार के दिन हनुमान मंदिर में जाकर प्रेमपूर्वक हनुमान जी की आराधना कर उनके कंधे पर से सिंदूर लाकर वशीकृत हुए व्यक्ति के माथे पर लगाने से वशीकरण से मुक्ति मिलती है।

वशीकरण या नकारात्मक शक्तियों से बचने के लिए रोज हनुमान जी का पूजन करे व हनुमान चालीसा का पाठ करें। प्रत्येक शनिवार को शनि को तेल चढायें और अपनी पहनी हुई एक जोडी चप्पल किसी गरीब को एक बार दान करें !



Ruchi Sehgal

वशीकरण से बचने के उपाय

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वशीकरण से बचने के उपाय
बहुत से लोग अपनी कार्य सिद्धि के लिए वशीकरण या जादू -टोने का सहारा लेते हैं। संसार में यदि सकारात्मक शक्तियाँ हैं तो नकारात्मक शक्तियाँ भी अवश्य ही हैं और हमें उनसे बचकर रहने की आवश्यकता है। मनुष्य जब भूत-प्रेत अथवा नजर, हाय या किसी दुष्ट आत्मा के जाल में फंस जाता है तब उसकी समस्या का समाधान करना दुष्कर कार्य होता है। पीड़ित व्यक्तियों को ऐसे में ज्योतिषीय उपायों या पूजन की सहायता लेनी चाहिए।


वशीकरण से बचने के उपाय
ऐसे उपायों का प्रयोग मंत्र-जादू, टोने के दुष्प्रभाव को काटते हैं। पूर्ण श्रद्धा और विश्वास से यह उपाय करने पर व्यक्ति की सभी पराबाधाओं का निवारण होता है। इनके चमत्कारिक प्रभाव से मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य में वृद्धि होती है तथा सकारात्मक ऊर्जा का संचार व्यक्ति को सभी समस्याओं से मुक्ति दिलवाता है। नीचे ऐसे ही कुछ यंत्रों तथा उपायों के विषय में बताया जा रहा है, जिनका सही प्रकार से प्रयोग करने से आप वशीकरण, काले जादू व अन्य नकारात्मक प्रभावों से बचे रहेंगे –

श्री हनुमान जी कृपा यंत्र

जिन व्यक्तियों की कुंडली में मांगलिक योग हो, उन व्यक्तियों के लिए इस यंत्र का पूजन करना लाभकारी सिद्ध हो सकता है। श्री हनुमान कृपा यंत्र के नियमित पूजन से सभी प्रकार की ऊपरी बाधाओं से मुक्ति मिलती है। ऊपरी बाधा, नजर, टोना-टोटका, भूत-प्रेत आदि की शांति एवं इनसे होने वाले कष्टों से बचने के लिए लोबान, गंधक, राई एवं काली मिर्च को हनुमान यंत्र के ऊपर से 7 बार फेर कर घर के प्राणियों के पास रखने से ऊपरी बाधाएं नष्ट होती हैं।

बगलामुखी यंत्र

बगलामुखी यंत्र द्वारा शत्रुओं पर विजय व वांछित सफलता प्राप्त हो सकती है। बगलामुखी यंत्र बुरी शक्तियों से बचाव के लिए अचूक यंत्र है। बगलामुखी यंत्र अकाल मृत्यु, दंगा फसाद, आपरेशन आदि से बचाव करता है। इसे गले में पहनने के साथ-साथ पूजा घर में रख सकते हैं। अपनी सफलता के लिए कोई भी व्यक्ति इस यंत्र का उपयोग कर सकता है।

बाधामुक्ति कवच

बाधामुक्ति कवच बाधामुक्ति कवच पांचमुखी, तेरहमुखी तथा गणेश रुद्राक्ष के संयुक्त मेल से बनाया गया है। तेरह मुखी रुद्राक्ष विश्वेश्वर का प्रतीक होने के कारण सभी बाधाओं को नष्ट करता है। पांचमुखी रुद्राक्ष, महारुद्र स्वरूप है और पाप, ताप आदि अशुभ बाधाओं से रक्षा करता है। गणेश रुद्राक्ष विघ्नेश्वर का स्वरूप होने के कारण जीवन में आने वाली सभी विघ्न-बाधाओं को दूर करता है। इस बाधामुक्ति कवच को धारण करने से धारणकर्ता के जीवन में आने वाली सभी बाधाओं का निराकरण होता है।

काले घोड़े की नाल

काले घोड़े की नाल की अंगूठी काले घोड़े की नाल की अंगूठी नीच कर्मों से दूर रखती है तथा भूत-प्रेत, टोना, टोटका, नजर दोष आदि से बचाती है। एवं परिवार में कलह-पीड़ा नहीं होती। यह नौकरी पेशावालों के लिए भी उपयोगी है। ज्योतिष के अनुसार शनि जीवन में कई बार ढैय्या, साढ़ेसाती, महादशा व अंतर्दशा के रूप में प्रभावी होते हैं। इस स्थिति में काले घोड़े की नाल अंगूठी में धारण करना शनि दोषों का निवारण करता है।

काले हकीक की माला

काले हकीक की माला पर हनुमान मंत्र का जप करने से शत्रु बाधा और प्रेत बाधा का निवारण होता है। जन्म पत्रिका में शनि अकारक होने पर तथा शनि से संबंधित वस्तुओं के व्यापारियों को शनि उपासना नियमित रूप से करनी चाहिए। काले हकीक की माला पर शनि के मंत्र का जप करना अत्यंत लाभकारी रहता है।

भैरव यंत्र

भैरव यंत्र भूत-प्रेत, काले जादू के प्रभाव को दूर करने में सहयोग करता है, तंत्र-मंत्र की नकारात्मक शक्तियों से व्यक्ति को बचा कर रखता है तथा सकारात्मक शक्तियों की शुभता बनाए रखता है।

संपूर्ण बाधामुक्ति यंत्र

संपूर्ण बाधामुक्ति यंत्र शत्रुओं पर विजय, मुकद्दमे में जीत, रुके कार्यों में सफलता और बुरी नजर से बचाव के लिए संपूर्ण बाधामुक्ति यंत्र बहुत प्रभावशाली है। इससे जातक का चोट, दुर्घटना, दुर्भाग्य आदि से बचाव होता है। जातक का प्रभामंडल उज्जवल होता है। संपूर्ण बाधामुक्ति यंत्र में महामृत्युंजय यंत्र, बगलामुखी यंत्र, नवग्रह यंत्र, वशीकरण यंत्र, वाहन दुर्घटना नाशक यंत्र, शनि यंत्र, राहु और केतु यंत्र, वास्तु दोष निवारण यंत्र, गणपति यंत्र और कालसर्प यंत्र सम्मिलित हैं।

गीता यंत्र

यंत्र के सम्मुख गीता पाठ करने से सहस्त्रोगुण से अधिक फल मिलता है। पाठ करने में असमर्थता होने पर यंत्र के सम्मुख शुद्ध मन से तुलसी या पंचमुखी रूद्राक्ष की माला पर जप करना विशेष लाभ देता है। गीता यंत्र पर प्रतिदिन ग्यारह की संख्या में बिल्वपत्र अर्पण करने से लक्ष्मी जी संतुष्ट होकर लाभवृद्धि करती हैं। गीता यंत्र की उपासना से भूत-प्रेत एवं पितृ दोष की शांति होती है तथा गीता यंत्र की उपासना से विद्या प्राप्ति होती है



Ruchi Sehgal

बंगाली वशीकरण और टोटके 1

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यदि अपने पति को अपने वश में करना चाहते है तो प्रातःकाल सूर्यदय के समय स्नानं गोरोचन का टीका लगावे आप का पति आपको देखते ही वश में हो जायेगा और साथ में मंत्र का जप करते रहे

मंत्र-

जनः मनः मंजु मुकुर मळ हरनी

कियें तिलक् गुन गनः बसः करनी

३- किसी को लगता है  कि उसकी पत्नी या प्रेमिका का कहीं चक्कर  चल रहा है तो वह अपनी  पत्नी एवं प्रेमिका को काले जादू से अपने वश में कर सकता है  इसके लिए  मात्र  उसको कुछ  स्वच्छ होकर  सुबह  मंत्रों के जप करने होंगे और वह  अपनी पत्नी यह प्रेमिका को अपने वश में कर लेगा और वो उसका कहना मानने लगेगी  बस मंत्रो के उच्चारण के समय पत्नी का नाम लेते रहना चाहिये

मंत्र-

ॐ ठः ठः ठः ठः (स्त्री का नाम ) मे वशमः स्वाहा: ह्रीं क्लीं श्रीं श्रीं क्लीं स्वाहा:



Ruchi Sehgal

बंगाली वशीकरण और टोटके

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बंगाली वशीकरण तंत्र मंत्र टोने टोटके
बंगाल में तंत्र मंत्र बहुत अधिक मात्रा में होता है और यहां का काला जादू विश्व प्रसिद्ध है यह काला जादू बहुत पुरानी तंत्र विद्या है इसका उपयोग लोग सही है एवं गलत दोनों तरीके से करते हैं या तंत्र एवं मंत्र का समूह है जिसके द्वारा लोग अपनी इच्छाओं की पूर्ति करते हैं इसमें कई प्रकार के टोटके सम्मिलित होते हैं कई लोग उसका उपयोग अपने दुश्मनों को समाप्त करने के लिए करते हैं और उसके द्वारा वशीकरण प्रेम विवाह भूत प्रेत बाधा यदि का निवारण भी किया जाता है यह काला जादू जिस व्यक्ति पर किया जाता है वह पूर्णता काबू में आ जाता है वह एक कठपुतली की भांति कार्य करने लगता है यह क्रियाएं मुख्यता श्मशान में ही की जाती है जिसके द्वारा हम तंत्र साधनाएं करते हैं|


बंगाली वशीकरण तंत्र मंत्र टोने टोटके
बंगाली वशीकरण साधना-

इसकी साधना मुख्यता गुप्त होती है एवं या साधना किसी तांत्रिक द्वारा विशेष कार्य हेतु ही की जाती है इसमें विशेष पूजा एवं सिद्ध मंत्रो द्वारा लोगों को अपने वश में किया जाता है क्या साधना शमशान में किसी गुप्त या किसी गुप्त स्थान पर ही की जाती है इसमें तांत्रिक द्वारा मिट्टी या उड़द की दाल या आटे की गुड़िया बनाकर उसमें सिद्ध मंत्रों द्वारा प्राण वायु संचालित कर दी जाती है और उस गुड़िया में जिसको वश में करना होता है उसकी आत्मा को वश में कर लिया जाता है एवं अपने सभी कार्यों की उससे पूर्ति कराई जाती है काला जादू का रहस्य अत्यंत गुप्त है या क्रियाएँ गुरु के संरक्षण में ही किया जाता है

इच्छा पूर्ति के लिए –

१- आज हम आपको अपनी सभी मनोकामना पूर्ण करने के लिए  कौड़ियों द्वारा किए जाने वाला एक उपाय बता रहे हैं दीपावली वाले दिन लक्ष्मी पूजा समय कौड़ियों को केसर से रंगकर पीले कपड़े में बांधकर पूजा करें और उसे तिजोरी अलमारी किसी भी स्थान पर रख दें जहां आपके घर की लक्ष्मी रखी हो या धन रखा हो आपको सिमरन प्राप्त होगा एवं व्यापार में वृद्धि होगी

२-आपको  या आपके घर में किसी को  नजर लग गई हो और किसी कार्य में  आपको सफलता ना प्राप्त होती हो  तो ऐसे व्यक्ति को दीपावली के दिन  लक्ष्मी जी के मंत्रों का जप करना चाहिए और उन मंत्रों से कौड़ियों को अभिमंत्रित करना चाहिए और  अभिमंत्रित कौड़ियों को पीले धागे में बांधकर गले में  यह हाथ में धारण कर लेना चाहिए आपको सफलता प्राप्त होगी  एवं कभी नजर नहीं लगेगी

३- यदि आप के व्यपार में कमी है वृद्धि नहीं हो रही है तो दीपावली की रात्रि को ११ कौड़ियों को हल्दी से रंग कर महालक्ष्मी की पूजा करे और उसको व्यपार स्थल स्थापित कर दे सभी कार्य पूर्ण होंगे आप के व्यपार में वृद्धि होगी  ।

४- यदि पति -पत्नी में मतभेद है तो शुक्रवार को एक शहद की छोटी शीशी लेकर उसमे पति पत्नी की फ़ोटो डाल दे और रात में यह फ़ोटो बिस्तर के नीचे दबा दे एवं मंत्र का जप करे ।

५- यदि पर आपकी कोई इच्छा पूर्ति नहीं हो रही है तो मंदिर में हनुमान जी के चरणों से लेकर सिंदूर सीता जी को अर्पित करें और अपनी समस्या को हल करने की प्रार्थना करें आपको अवश्य लाभ होगा।

बंगाली वशीकरण मंत्र-

ॐ नमोहः कामख्या देव्यायः मम वश्यं कुरु कुरु स्वाहः

५-  यदि आपके यहाँ कोई शुभ कार्य में बाधा आ रही है और वो कार्य हो नहीं पा रहा बार बार कोई समस्या आ रही है तो प्रत्येक रविवार भैरव जी के मंदिर में सिन्दूर का चोला चढ़ाना चाहिए और भैरव स्रोत का पाठ करना चाहिए और काले कुत्ते को रोटी खिलानी चाहिये सारी बाधाए नष्ट हो जायेगी आप को उचित फल की प्राप्ति होगी ।

६-यदि आप के विवाह व्यापार, में किसी तरह की बाधा आ रही है यह बार बार असफलता मिल रही है और आप इशारा सफलता से असफलता से से परेशान हो चुके हैं तो सरसों के तेल में पुराने गेहूं के आटे को माड़ कर पुए बनाये और शनिवार की रात को चौराहे पर रख आये , और यह बोले की मै अपना दुर्भाग्य यही छोड़ जा रहा हूँ और पीछे मुड़ कर न देखे ।

वशीकरण करना –

१- यदि किसी को अपने वश में करना है तो तीन पान ले और  मंत्रो द्वारा पान को अभिमंत्रित कर ले , अभिमंत्रित करने के लिये स्वच्छ होकर स्नान २१ बार जप करना चाहिए और जिस स्त्री को वश में करना चाहते है उसको पहला पान खाना खाते समय दे यह पान खाते ही वह आप की मित्र बन जायेगी , दूसरा पान खाते ही वह आप से यौन सबन्ध बना लेगी और तीसरा पान खाते ही वह आप से इस तरह जुड़ जायेगी की कभी दूर नहीं होगी केवल आप की होकर रह जायेगी।

बंगाली वशीकरण मंत्र-

श्री राम नाम् रबेलीयः अकनः कबीरी

सुनियों नारी

बात हमारी

एक पान संग मंगायः

एक पान सेज्  सो लाव्

मक् पान मुखः बुलावः

हमको छोड़ और को देख़त

त्वार कलेजा मुहम्म्द वीर चक्खे



Ruchi Sehgal

कोर्ट केस जीतने के लिए टोटके

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मुकदमा जीतने के टोटके मंत्र
मुकदमा में विजय का उपाय/मंत्र, कोर्ट केस जीतने के उपाय, मुकदमा जीतने का मंत्र- दुनिया में शायद ही कोई ऐसा मनुष्य होगा जिसे कोर्ट-कचहरी के मामलों में पड़ना रास आता हो| परंतु, मुसीबत पूछकर नहीं आती| अनचाहे-अनजाने में कई बार दूसरों की जमीन पर नज़रें गड़ा बैठने वाले लोगों के वजह से, कभी पारिवारिक अनबन की वजह से तो कभी जानकारी के अभाव में लोग कोर्ट केस में फंस जाते हैं| एक बार किसी मामले में कोर्ट का चक्कर लग जाए, फिर तो तारीख दर तारीख इंसान उसके साथ घिसटता चला जाता है| अपने देश में न्याय प्रणाली भी कुछ इस तरह से काम करती है कि छोटे से मामले में भी फैसला आने में वर्षो लग जाते हैं| ज्योतिष शास्त्र में ऐसी समस्याओं के लिए समाधान की चर्चा भी की गई है| इसके अंतर्गत कुछ छोटे-छोटे उपाय भी किए जा सकते हैं जिसे हम समान्यतः टोटका कहते हैं, इसके अलावा इस समस्या से निजात के लिए कुछ विशेष मंत्र तथा यंत्र भी हैं| पीड़ित व्यक्ति अपनी रुचि तथा सुविधा से इनमे से कोई उपाय चुन सकता है|


मुकदमा जीतने के टोटके मंत्र
मुकदमा में विजय प्राप्ति के लिए उपाय

यदि आप भी ऐसे ही किसी मामले के तहत कोर्ट के चक्कर में फंस चुके हैं तो ज्योतिष शास्त्र में वर्णित निम्नलिखित टोटकों की मदद से जल्द निकल सकते हैं –

सुनवाई के लिए जाते समय अपने साथ मुट्ठी भर चावल लेकर जाएँ और उन्हें कचहरी में कहीं फेंक दें, जिस कक्ष में सुनवाई हो रही हो, वहाँ चावल फेंका जाए तो और भी अच्छा है| ध्यान रखें ऐसा करते समय कोई देखे नहीं|
सूर्योदय से पहले काले चावल के 11 दाने लेकर उसे बीज मंत्र ‘क्रीं’ का 21 बार जाप करें तथा उसे दक्षिण दिशा में फेंक दें|
मुट्ठी भर तिल में शहद मिलाकर रख लें तथा उसे किसी उजाड़ स्थान पर रख आए, ध्यान रखें पीछे मुड़कर नहीं देखना है|
कचहरी जाते समय काली मिर्च के तीन साबुत दानो को शक्कर के साथ मिलकर मुंह में रख लें|
किसी सफ़ेद रुमाल में थोड़ा सा कोयला बांधकर रख लें और उसे किसी सुनसान स्थान पर रख आएँ| घर वापस आकार हाथ पैर धो लें| यह कार्य मास में एक दिन 6 महीने तक लगातार करना चाहिए|
सातमुखी पंचमुखी अथवा अथवा ग्यारहमुखी रुद्राक्ष धारण करें|
कचहरी जाते समय पाँच गोमती चक्र जेब में रख लें|
शुक्ल पक्ष के मंगलवार को हनुमान मंदिर में पीतल की घंटी चढ़ाएँ तथा प्रार्थना करें|
यदि आपका धैर्य जवाब दे गया हो, गवाह के मुकरने की आशंका हो अथवा अपने वकील की योगिता संदिग्ध लगे तो कचहरी जाते समय अपने साथ हत्था जोड़ी लेकर जाए|
मुकदमे में सफलता प्राप्त करने के लिए अपने केस की पैरवी कर रहे वकील को कलम उपहार में दें
कचहरी जाते समय लाल कनेर के फूल को पीसकर उससे तिलक लगाएँ
नीबू के चारो कोनो पर चार लौंग गाड़ दें, अपने इष्ट देव से मुकदमे में सफलता हेतु प्रार्थना करें| तथा उस नीबू को कचहरी जाते समय अपने साथ रखें|
लाल तिकोना मूंगा सोने अथवा तांबे में अंगुठी बनवाकर अपनी सबसे छोटी उंगली में पहनें|
अपने केस से जुड़े कागजात घर के मंदिर में ही रखें|
पहली बार कचहरी से लौटते समय किसी मजार पर लाल गुलाब अर्पित करते हुए मन ही मन केस में सफलता दिलाने की प्रार्थना करें|
कचहरी जाते समय गहरे रंग की पोशाक पहने|
किसी मंदिर में 11 हकीक के पत्थर चढ़ाएँ तथा प्रार्थना करें|
भोजपत्र पर जिस व्यक्ति से मुकदमा लड़ रहे हों उसका नाम रक्त चन्दन से लिखें और शहद की शीशी में डूबाकर रख दें| इस टोटके से शत्रु का हृदय परिवर्तन हो जाता है|
घर के पूजा स्थल में सिद्धि विनायक पिरामिड स्थापित करें व प्रत्येक बुधवार को ‘गण गणपतये नमो नमः’ मंत्र का नियमित रूप से जाप करें| कचहरी जाते समय पिरामिड को लाल कपड़े में लपेटकर अपने साथ रखे|
यदि पराजय की संभावना निश्चित प्रतीत हो रही हो तो अपने वजन के बराबर कोयला बहते हुए पानी में बहाकर, ईश्वर से पिछले जन्म के पापपूर्ण कर्मो के लिए क्षमा प्रार्थना करें|
दो दुकानों से 43-43 फल खरीदें तथा कुंवारी कन्याओं में बराबर-बराबर बाँट दें|
जंग लगा चाकू जल में प्रवाहित करें|
पाव भर मसूर की दाल रात को सोते समय अपने सिरहाने रखें, सुबह उसे जमादार को दे दें|



Ruchi Sehgal

Saturday, 12 May 2018

जब किस्मत ने दे साथ

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किस्मत ना दे साथ

कभी-कभी न चाहते हुए भी जीवन में बहुत संघर्ष करना पड़ता है। भाग्य साथ ही नहीं देता है, बल्कि दुर्भाग्य निरन्तर पीछा करता रहता है। दुर्भाग्य से बचने के लिए या दुर्भाग्य नाश के लिए यहां एक अनुभूत टोटका बता रहे हैं। इसका बिना शंका के मन से पूर्ण आस्था के साथ करने से दुर्भाग्य का नाश होकर सौभाग्य वृद्धि होती है। फलत: सुख-समृद्धि एवं उन्नति प्राप्त होती है।

टोटका इस प्रकार है- सूर्योदय के उपरान्त और सूर्यास्त से पूर्व इस टोटके को करना है। एक रोटी ले लें। इस रोटी को अपने ऊपर से 31 बार वार लें। प्रत्येक बार वारते समय इस मन्त्र का उच्चारण भी करें।

मन्त्र इस प्रकार है

-ऊँ दुभाग्यनाशिनी दुं दुर्गाय नम:।

– बाद में रोटी को कुत्ते को खिला दें अथवा बहते पानी में बहा दें।

बिना शंका के इस प्रयोग को मन से करने से शीघ्र लाभ होता है।

इस प्रयोग से आप भी लाभ उठाएं और दूजों को भी बताकर लाभ पहुंचाएं।


पुत्र प्राप्ति के सही उपाय

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पुत्र प्राप्ति हेतु गर्भाधान का तरीका
* दो हजार वर्ष पूर्व के प्रसिद्ध चिकित्सक एवं सर्जन सुश्रुत ने अपनी पुस्तक सुश्रुत संहिता में स्पष्ट लिखा है कि मासिक स्राव के बाद 4, 6, 8, 10, 12, 14 एवं 16वीं रात्रि के गर्भाधान से पुत्र तथा 5, 7, 9, 11, 13 एवं 15वीं रात्रि के गर्भाधान से कन्या जन्म लेती है।
* 2500 वर्ष पूर्व लिखित चरक संहिता में लिखा हुआ है कि भगवान अत्रिकुमार के कथनानुसार स्त्री में रज की सबलता से पुत्री तथा पुरुष में वीर्य की सबलता से पुत्र पैदा होता है।
* प्राचीन संस्कृत पुस्तक ‘सर्वोदय’ में लिखा है कि गर्भाधान के समय स्त्री का दाहिना श्वास चले तो पुत्री तथा बायां श्वास चले तो पुत्र होगा।
* यूनान के प्रसिद्ध चिकित्सक तथा महान दार्शनिक अरस्तु का कथन है कि पुरुष और स्त्री दोनों के दाहिने अंडकोष से लड़का तथा बाएं से लड़की का जन्म होता है।
* चन्द्रावती ऋषि का कथन है कि लड़का-लड़की का जन्म गर्भाधान के समय स्त्री-पुरुष के दायां-बायां श्वास क्रिया, पिंगला-तूड़ा नाड़ी, सूर्यस्वर तथा चन्द्रस्वर की स्थिति पर निर्भर करता है।
* कुछ विशिष्ट पंडितों तथा ज्योतिषियों का कहना है कि सूर्य के उत्तरायण रहने की स्थिति में गर्भ ठहरने पर पुत्र तथा दक्षिणायन रहने की स्थिति में गर्भ ठहरने पर पुत्री जन्म लेती है। उनका यह भी कहना है कि मंगलवार, गुरुवार तथा रविवार पुरुष दिन हैं। अतः उस दिन के गर्भाधान से पुत्र होने की संभावना बढ़ जाती है। सोमवार और शुक्रवार कन्या दिन हैं, जो पुत्री पैदा करने में सहायक होते हैं। बुध और शनिवार नपुंसक दिन हैं। अतः समझदार व्यक्ति को इन दिनों का ध्यान करके ही गर्भाधान करना चाहिए।
* जापान के सुविख्यात चिकित्सक डॉ. कताज का विश्वास है कि जो औरत गर्भ ठहरने के पहले तथा बाद कैल्शियमयुक्त भोज्य पदार्थ तथा औषधि का इस्तेमाल करती है, उसे अक्सर लड़का तथा जो मेग्निशियमयुक्त भोज्य पदार्थ जैसे मांस, मछली, अंडा आदि का इस्तेमाल करती है, उसे लड़की पैदा होती है।
विश्वविख्यात वैज्ञानिक प्रजनन एवं स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. लेण्डरम बी. शैटल्स ने हजारों अमेरिकन दंपतियों पर प्रयोग कर प्रमाणित कर दिया है कि स्त्री में अंडा निकलने के समय से जितना करीब स्त्री को गर्भधारण कराया जाए, उतनी अधिक पुत्र होने की संभावना बनती है। उनका कहना है कि गर्भधारण के समय यदि स्त्री का योनि मार्ग क्षारीय तरल से युक्त रहेगा तो पुत्र तथा अम्लीय तरल से युक्त रहेगा तो पुत्री होने की संभावना बनती है।
पुत्र प्राप्ति हेतु गर्भाधान का तरीका
हमारे पुराने आयुर्वेद ग्रंथों में पुत्र-पुत्री प्राप्ति हेतु दिन-रात, शुक्ल पक्ष-कृष्ण पक्ष तथा माहवारी के दिन से सोलहवें दिन तक का महत्व बताया गया है। धर्म ग्रंथों में भी इस बारे में जानकारी मिलती है।
यदि आप पुत्र प्राप्त करना चाहते हैं और वह भी गुणवान, तो हम आपकी सुविधा के लिए हम यहाँ माहवारी के बाद की विभिन्न रात्रियों की महत्वपूर्ण जानकारी दे रहे हैं।
* चौथी रात्रि के गर्भ से पैदा पुत्र अल्पायु और दरिद्र होता है।
* पाँचवीं रात्रि के गर्भ से जन्मी कन्या भविष्य में सिर्फ लड़की पैदा करेगी।
* छठवीं रात्रि के गर्भ से मध्यम आयु वाला पुत्र जन्म लेगा।
* सातवीं रात्रि के गर्भ से पैदा होने वाली कन्या बांझ होगी।
* आठवीं रात्रि के गर्भ से पैदा पुत्र ऐश्वर्यशाली होता है।
* नौवीं रात्रि के गर्भ से ऐश्वर्यशालिनी पुत्री पैदा होती है।
* दसवीं रात्रि के गर्भ से चतुर पुत्र का जन्म होता है।
* ग्यारहवीं रात्रि के गर्भ से चरित्रहीन पुत्री पैदा होती है।
* बारहवीं रात्रि के गर्भ से पुरुषोत्तम पुत्र जन्म लेता है।
* तेरहवीं रात्रि के गर्म से वर्णसंकर पुत्री जन्म लेती है।
* चौदहवीं रात्रि के गर्भ से उत्तम पुत्र का जन्म होता है।
* पंद्रहवीं रात्रि के गर्भ से सौभाग्यवती पुत्री पैदा होती है।
* सोलहवीं रात्रि के गर्भ से सर्वगुण संपन्न, पुत्र पैदा होता है।
व्यास मुनि ने इन्हीं सूत्रों के आधार पर पर अम्बिका, अम्बालिका तथा दासी के नियोग (समागम) किया, जिससे धृतराष्ट्र, पाण्डु तथा विदुर का जन्म हुआ। महर्षि मनु तथा व्यास मुनि के उपरोक्त सूत्रों की पुष्टि स्वामी दयानंद सरस्वती ने अपनी पुस्तक ‘संस्कार विधि’ में स्पष्ट रूप से कर दी है। प्राचीनकाल के महान चिकित्सक वाग्भट तथा भावमिश्र ने महर्षि मनु के उपरोक्त कथन की पुष्टि
पूर्णरूप से की है।

पुत्र प्राप्ति के कुछ सिद्ध उपाय

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यदि किसी व्यक्ति को संतान प्राप्ति में समस्या आ रही हो, तो ऐसे व्यक्ति इस लेख में लिखे गये सरल उपायों को अपना कर संतान की प्राप्ति अति ही सहजता के साथ कर सकते हैं। किंतु उपायों को अति सावधानी से व श्रद्धा के साथ करना अति आवश्यक होता है।
उपाय निम्नवत हैं:-
दंपति को गुरुवार का व्रत रखना चाहिए।
गुरुवार के दिन पीले वस्त्र धारण करें, पीली वस्तुओं का दान करें यथासंभव पीला भोजन ही करें।
माता बनने की इच्छुक महिला को चाहिए गुरुवार के दिन गेंहू के आटे की 2 मोटी लोई बनाकर उसमें भीगी चने की दाल और थोड़ी सी हल्दी मिलाकर नियमपूर्वक गाय को खिलाएं।
शुक्ल पक्ष में बरगद के पत्ते को धोकर साफ करके उस पर कुंकुम से स्वस्तिक बनाकर उस पर थोड़े से चावल और एक सुपारी रखकर सूर्यास्त से पहले किसी मंदिर में अर्पित कर दें और प्रभु से संतान का वरदान देने के लिए प्रार्थना करें निश्चय ही संतान की प्राप्ति होगी ।
गुरुवार के दिन पीले धागे में पीली कौड़ी को कमर में बांधने से संतान प्राप्ति का प्रबल योग बनता है।
माता बनने की इच्छुक महिला को पारद शिवलिंग का रोजाना दूध से अभिषेक करें उत्तम संतान की प्राप्ति होगी ।
हर गुरुवार को भिखारियों को गुड़ का दान देने से भी संतान सुख प्राप्त होता है ।
पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र में आम की जड़ को लाकर उसे दूध में घिसकर स्त्री को पिलाएं यह सिद्ध एंवम परीक्षित प्रयोग है ।
रविवार को छोड़कर अन्य सभी दिन निसंतान स्त्री यदि पीपल पर दीपक जलाए और उसकी परिक्रमा करते हुए संतान की प्रार्थना करें उसकी इच्छा अति शीघ्र पूरी होगी ।
श्वेत लक्ष्मणा बूटी की 21 गोली बनाकर उसे नियमपूर्वक गाय के दूध के साथ लेने से संतान सुख की अवश्य ही प्राप्ति होती है ।
उत्तर फाल्गुनी नक्षत्र में नीम की जड़ लाकर सदैव अपने पास रखने से निसंतान दम्पति को संतान सुख अवश्य प्राप्त होता है ।
नींबू की जड़ को दूध में पीसकर उसमे शुद्ध देशी घी मिला कर सेवन करने से पुत्र प्राप्ति की संभावना बड़ जाती है ।
पहली बार ब्याही गाय के दूध के साथ नागकेसर के चूर्ण का लगातार 7 दिन सेवन करने से संतान पुत्र उत्पन्न होता है ।
सवि ( सांवा) का भात और मुंग की दाल खाने से बांझ पन दूर होता है और पुत्र रत्न की प्राप्ति होती है ।
गर्भ का जब तीसरा महीना चल रहा हो तो गर्भवती स्त्री को शनिवार को थोडा सा जायफल और गुड़ मिलाकर खिलाने से अवश्य ही पुत्र रत्न की प्राप्ति होगी ।
पुराने चावल को धोकर भिगो दें बनाने से पहले उसके पानी को अलग करके उसमें नीबूं की जड़ को महीन पीसकर उस पानी को स्त्री पी कर अपने पति से सम्बन्ध बनाये वह स्त्री कन्या को जन्म देगी ।
संतान प्राप्ति के लिए पति-पत्नी दोनों को रामेश्वरम् की यात्रा करनी चाहिए तथा वहां सर्प-पूजन करवाना चाहिए। इस कार्य को करने से संतान-दोष समाप्त होता है।
स्त्री में कमी के कारण संतान होने में बाधा आ रही हो, तो लाल गाय व बछड़े की सेवा करनी चाहिए। लाल या भूरा कुत्ता पालना भी शुभ रहता है।
यदि विवाह के दस या बारह वर्ष बाद भी संतान न हो, तो मदार की जड़ को शुक्रवार को उखाड़ लें। उसे कमर में बांधने से स्त्री अवश्य ही गर्भवती हो जाएगी।
जब गर्भ धारण हो गया हो, तो चांदी की एक बांसुरी बनाकर राधा-कृष्ण के मंदिर में पति-पत्नी दोनों गुरुवार के दिन चढ़ायें तो गर्भपात का भय/खतरा नहीं होता।
यदि बार-बार गर्भपात होता है, तो शुक्रवार के दिन एक गोमती चक्र लाल वस्त्र में सिलकर गर्भवती महिला के कमर पर बांध दें। गर्भपात नहीं होगा।
जिन स्त्रियों के सिर्फ कन्या ही होती है, उन्हें शुक्र मुक्ता पहना दी जाये, तो एक वर्ष के अंदर ही पुत्र-रत्न की प्राप्ति होगी।
यदि बच्चे न होते हों या होते ही मर जाते हों, तो मंगलवार के दिन मिट्टी की हांडी में शहद भरकर श्मशान में दबायें।