रविवार के दिन पुष्प नक्षत्र में जब अमावस्या हो उस दिन अपना वीर्य अच्छी मिठाई में मिलाकर जिस स्त्री को खिला दिया जाय ,वही वश में हो जाता है
करवीर पुष्प,गोघृत दोनों मिलकर जिस किसी स्त्री का नाम लेकर हवन किया जय और यह क्रम प्रतिदिन सात दिन लगातार १०८ बार हवन किया जय तो सात दिन के अन्दर वह स्त्री वष में हो जाती है
उल्लू पक्षी की रीढ़ की हड्डी ,केसर ,कस्तूरी और कुंकुम सबको एक साथ घिसकर ललाट पर तिलक लगाकर जिस भी स्त्री के सामने जाय भी वशीभूत हो जायगा
पुष्प नक्षत्र में धोबी के पैर की धूल जिस किसी सुंदरी के सर पे डालोगे वही स्त्री आपके वश में हो जाएगी
शनिवार के पुष्प नक्षत्र में भोजपत्र पर लाल चन्दन से शत्रु का नाम लिखकर शहद में डूबा देना चाहिए यह जब तक वह शहद में डूबा रहेगा ,तब तक शत्रु वश में रहेगा
उल्लू पक्षी का सुखा विष्ठा पान में रखकर यदि शत्रु को खिला दिया जाये तो शत्रु शत्रुता छोड़कर वशीभूत हो जाता है
सहदेवी और अपामार्ग बूटी के रस को लोहे के पात्र में अच्छी तरह घोंटकर उसका तिलक लगाकर शत्रु के सामने जाने से शत्रु आत्म समर्पित करता है
ब्रह्म डंडी ,वच और कूट इस तीनो के चूर्ण को पान में रखकर जिसको खिला दिया जाय वह सदा के लिए वशीभूत हो जाता है
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