सभी धर्मो का भगवान और भगवान को देखने के तरीके अलग अलग है परंतु सभी धर्मो का मूल सिद्धान्त एक ही है, एक निस्वार्थ, सभ्य और भाईचारे से पूर्ण समाज बनाना।
मूर्ति पूजा गलत नहीं है लेकिन आप जिस देव की मूर्ति पूजा करते है गर उस देव् के सिद्धान्तों पर आप खरे नहीं उतारते तो मूर्ति पूजा महज एक दिखावा है
जैसे आप कृष्ण की पूजा करे तो कृष्णा की मधुर वाणी को भी धारण करे, गीता के उपदेश का भी पालन करे।
मूर्ति पूजा यदि गलत हैं तो पुस्तक को भगवान मन्ना भी गलत सिद्ध हो जायेगा। अब आप जानते है कई धर्मो में केवल पुस्तक को ही भगवान या गुरु मन जाता है जैसे सिख धर्म में गुरु ग्रन्थ साहिब और मुस्लिम समाज में कुरआन शरीफ।
परन्तु यह गलत नहीं है, वास्तव में पुस्तक हो या मूर्ति , जो भी आप को जीवन में सही मार्ग दर्शन करे तो वह गलत नहीं है
Monday, 4 February 2019
क्या मूर्ति पूजा गलत है
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