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Sunday, 8 March 2020

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ज्योतिष के अनुसार अलग-अलग नक्षत्रों में चोरी गई वस्तुओं के मिलने या न मिलने का अलग-अलग परिणाम होता है। जिस समय हमें अपनी चोरी गई वस्तु का पता लगे उस समय के नक्षत्र या अंतिम बार आपने फलां वस्तु को किस वक्त देखा था, उस समय के नक्षत्र के अनुसार चोरी गई वस्तु का विचार किया जाता है।

आइये जानते हैं किस नक्षत्र का क्या परिणाम होता है:
1. रोहिणी, पुष्य, उत्तरा फाल्गुनी, विशाखा, पूर्वाषाढ़ा, धनिष्ठा और रेवती को ज्योतिष में अंध नक्षत्र माना गया है। इन नक्षत्रों में चोरी होने वाली वस्तु पूर्व दिशा में जाती है और जल्दी मिल जाती है। इन नक्षत्रों में यदि कोई वस्तु चोरी हुई है तो वह अधिक दूर नहीं जाती है उसे आसपास ही तलाशना चाहिए।
2. मृगशिरा, अश्लेषा, हस्त, अनुराधा, उत्तराषाढ़ा, शतभिषा, अश्विनी ये मंद नक्षत्र कहे गए हैं। इन नक्षत्रों में यदि कोई वस्तु चोरी होती है तो वह तीन दिन में मिलने की संभावना रहती है। इन नक्षत्रों में गई वस्तु दक्षिण दिशा में प्राप्त होती है। साथ ही वह वस्तु रसोई, अग्नि या जल के स्थान पर छुपाई होती है।
3. आर्द्रा, मघा, चित्रा, ज्येष्ठा, अभिजीत, पूर्वाभाद्रपद, भरणी ये मध्य लोचन नक्षत्र होते हैं। इन नक्षत्रों में चोरी गई वस्तुएं पश्चिम दिशा में मिल जाती हैं। वस्तु के संबंध में जानकारी 64 दिनों के भीतर मिलने की संभावना रहती है। यदि 64 दिनों में न मिले तो फिर कभी नहीं मिलती। इस स्थिति में वस्तु के अत्यधिक दूर होने की जानकारी भी मिल जाती है, लेकिन मिलने में संशय रहता है।
4. पुनर्वसु, पूर्वाफाल्गुनी, स्वाति, मूल, श्रवण, उत्तराभाद्रपद, कृतिका को सुलोचन नक्षत्र कहा गया है। इनमें गई वस्तु कभी दोबारा नहीं मिलती। वस्तु उत्तर दिशा में जाती है, लेकिन पता नहीं लगा पाता कि कहां रखी गई है या आप कहां रखकर भूल गए हैं।

भद्रा, व्यतिपात और अमावस्या में गया धन प्राप्त नहीं होता।
प्रश्न: लग्न के अनुसार भी चोरी गई वस्तु के संबंध में विचार किया जाता है। यदि कोई व्यक्ति चोरी गई वस्तु के संबंध में जानने के लिए आए और प्रश्न करे तो जिस समय वह प्रश्न करे उस समय की लग्न कुंडली बना लेना चाहिए। या जिस समय वस्तु चोरी हुई है उस समय गोचर में जो लग्न चल रहा था उसके अनुसार फल कथन किया जाता है।

चोर ब्राह्मण वर्ग का व्यक्ति होता है
1. मेष लग्न मेष वस्तु चोरी हुई हो प्रश्नकाल में मेष लग्न हो तो चोरी गई वस्तु पूर्व दिशा में होती है। चोर ब्राह्मण वर्ग का व्यक्ति होता है और उसका नाम स अक्षर से प्रारंभ होता है। नाम में दो या तीन अक्षर होते हैं।
2. वृषभ लग्न में वस्तु चोरी हुई हो तो वस्तु पूर्व दिशा में होती है और चोर क्षत्रिय वर्ण का होता है। उसके नाम में आदि अक्षर म रहता है तथा नाम चार अक्षरों वाला होता है।
3. मिथुन लग्न में चोरी गई वस्तु आग्नेय कोण में होती है। चोरी करने वाला व्यक्ति वैश्य वर्ण का होता है और उसका नाम क ककार से प्रारंभ होता है। नाम में तीन अक्षर होते हैं।
4. कर्क लग्न में वस्तु चोरी होने पर दक्षिण दिशा में मिलती है और चोरी करने वाला शूद्र होता है। उसका नाम त अक्षर से प्रारंभ होता है और नाम में तीन वर्ण होते हैं।

वस्तु नैऋत्य कोण में होती है
5. सिंह लग्न में चोरी हो तो वस्तु नैऋत्य कोण में होती है। चोरी करने वाला नौकर, सेवक होता है। चोर का नाम न से प्रारंभ होता है और नाम तीन या चार अक्षरों का होता है।
6. प्रश्नकाल या चोरी के समय कन्या लग्न हो तो चोरी गई वस्तु पश्चिम दिशा में होती है। चोरी करने वाली कोई स्त्री होती है और उसका नाम म से प्रारंभ होता है। नाम में कई वर्ण हो सकते हैं।
7. चोरी के समय तुला लग्न हो तो वस्तु पश्चिम दिशा में जानना चाहिए। चोरी करने वाला पुत्र, मित्र, भाई या अन्य कोई संबंधी होता है। इसका नाम म से प्रारंभ होता है और नाम में तीन वर्ण होते हैं। तुला लग्न में गई वस्तु बड़ी कठिनाई से प्राप्त होती है।

वस्तु नैऋत्य कोण में होती है
8. वृश्चिक लग्न में चोरी गई वस्तु पश्चिम दिशा में होती है। चोर घर का नौकर ही होता है और उसका नाम स अक्षर से प्रारंभ होता है। नाम चार अक्षरों वाला होता है। चोरी करने वाला उत्तम वर्ण का होता है।
9. प्रश्नकाल या चोरी के समय धनु लग्न हो तो चोरी गई वस्तु वायव्य कोण में होती है। चोरी करने वाली कोई स्त्री होती है और उसका नाम स अक्षर से प्रारंभ होता है। नाम में चार वर्ण पाए जाते हैं।
10. चोरी के समय मकर लग्न हो तो चोरी गई वस्तु उत्तर दिशा में समझनी चाहिए। चोरी करने वाला वैश्य जाति का होता है। नाम चार अक्षरों का होता है और वह स से प्रारंभ होता है।
11. प्रश्नकाल या चोरी के समय कुंभ लग्न हो तो चोरी गई वस्तु उत्तर या उत्तर-पश्चिम दिशा में होती है। इस प्रश्न लग्न के अनुसार चोरी करने वाला व्यक्ति कोई मनुष्य नहीं हो बल्कि चूहों या अन्य जानवरों के द्वारा इधर-उधर कर दी जाती है।
12. मीन लग्न में वस्तु चोरी हुई हो तो वस्तु ईशान कोण में होती है। चोरी करने वाला निम्न जाति का व्यक्ति होता है। वह व्यक्ति चोरी करके वस्तु को जमीन में छुपा देता है। ऐसे चोर का नाम व अक्षर से प्रारंभ होता है और उसके नाम में तीन अक्षर रहते हैं। चोर कोई परिचित महिला या नौकरानी भी हो सकती है।


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कोई भी सामान खोना या चोरी होना सामान्य सी बात है। अंक विद्या में गुम हुई वस्तु के बारे में प्रश्र किया जाए तो उसका जवाब बहुत हद तक सच साबित होता है। अंक विद्या में इसके लिए छोटा सा सूत्र है। यदि आपकी कोई वस्‍तु खो गई है तो पहले आप 1 से 108 के बीच का एक अंक मन में सोचें। इस अंक को 9 से भाग दें। शेष जो अंक आए तो उसका फल इस तरह से होगा।

- एक अंक सूर्य का है। खोई वस्‍तु के पूर्व में मिलने की आशा है।
- दो अंक चंद्रमा का अंक है। खोई वस्तु किसी स्त्री के पास हो सकती है लेकिन वापस नहीं मिलेगी।
- तीन अंक गुरु का अंक है। वस्तु वापस मिल जाएगी। मित्रों और परिवार के लोगों से पूछें।
- चार अंक  राहु का अंक है। ढूढ़ने का प्रयास व्यर्थ है। वस्तु आपकी लापरवाही से खोई है।
- पांच अंक बुध का अंक है। आप धैर्य रखें। वस्तु वापस मिलने की आशा है।
- छह अंक शुक्र का अंक है। वस्तु आप किसी को देकर भूल गए हैं। घर के दक्षिण पूर्व या रसोई घर में ढूंढने की कोशिश करें।
- सात अंक  केतु का है। चिंता न करें। खोई वस्तु मिल जाएगी।
- नौ या शून्‍य  अंक मंगल का अंक है। यदि खोई वस्तु आज मिल गई तो ठीक अन्यथा मिलने की कोई आशा नहीं है।


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अंकशास्त्र: इस तरीके से जानें कहां है आपका खोया हुआ सामान, किसने देखा था उसे आखिरी बार

किसी चीज का खोना
किसी चीज का खोना वाकई बहुत दुखदायी होता है, विशेषकर अगर वो चीज या तो बहुत महंगी हो या फिर किसी प्रियजन द्वारा गिफ्ट की गई हो। इसके अलावा जिन चीजों या सामानों के साथ कुछ खास यादें जुड़ी होती हैं, उनका खोना भी कष्टप्रद होता है। बहुत से लोग तो अपनी चीजों के लिए इतने पोजेसिव होते हैं कि खोए हुए सामान को पाने के लिए कुछ भी कर गुजरने तक को तैयार रहते हैं।



अंकशास्त्र
ये लेख उन्हीं के लिए है। घबराइए मत, आपको अपने सामान को वापस पाने के लिए कोई कड़ी तपया नहीं करनी और ना ही व्रत रखने हैं और ना ही कुछ और भारी-भरकम काम करना है, क्योंकि मात्र अंकशास्त्र की सहायता से आप अपने सामान को वापस पा सकते हैं।



कबाला
अंकशास्त्र पर आधारित “कबाला” नामक किताब में इस बात की पूर्ण जानकारी प्रदान की गई है कि किस तरीके को अपनाकर आप आने खोए हुए सामान को ढूंढ़ सकते हैं, तो चलिए जानते हैं क्या वो प्राचीन शास्त्रीय तरीका।


अंक
किसी पेपर पर कोई भी 9 अंक लिखिए, जो सबसे पहले आपके दिमाग में आते हैं। उदाहरण के तौर पर आप 1,9,6,8,5,7,3,0,0 ले लीजिए। अब इन अंकों को जोड़ दीजिए।


अब जो भी संख्या आए उसमें 3 और जोड़ दीजिए। मसलन 1,9,6,8,5,7,3,0,0 का जोड़ 39 है तो उसमें 3 और जोड़ दीजिए। ये हुआ 42।



अंक
अब 42 को पहले तोड़िए और फिर उस संख्या को जोड़ दीजिए। 4 2=6।


सामान का मिलना
अब देखिए आपके चुने हुए अंक का रिजल्ट क्या है, क्योंकि यही रिजल्ट बताएगा कि आपका खोया हुआ सामान आखिर कहा है, वह आपको मिलेगा भी या नहीं।


अंक 1
अगर आपका अंक 1 आया है तो जिस सामान को आप ढूंढ़ रहे हैं वो आपके बेडरूम में मिलेगा या घर के उस कमरे में जिसमें आप सबसे ज्यादा समय बितात


अंक 2
अगर आपके जोड़ का अंक 2 आया है तो समझ लीजिए कि जिस सामान की तलाश आप कर रहे हैं, उसे आपके घर पर काम करने वाली स्त्री ने किसी गमले या किसी बर्तन के पीछे छोड़ दिया है। सफाई करते-करते वह सामान इधर-उधर गिर गया है, ध्यान से देखिए।


अंक 3
अगर आपका अंक 3 आया है तो आपका सामान किसी ऐसी जगह पर गिर गया है जहां बहुत सारे कागज या किताबे हों।


अंक 4
अगर आपका अंक 4 आया है तो आपको अपनी पॉकेट या वॉलेट देखना चाहिए, जहां आपने आखिरी बार अपना सामान देखा था, अभी भी आपको वही मिलेगा।



अंक 5
अंक 5 बताता है कि जिस चीज को आप ढूंढ़ रहे हैं वह किसी टोपी या हेल्मेट के नीचे हैं।


अंक 6
अंक 6 इस बात को दर्शाता है कि आपका सामान जूते के रैक या किसी स्टैंड के पीछे गिरा हुआ है। आपको घर की अल्मारियों या रैक पर देखना चाहिए।


अंक 7
अंक 7 का सीधा निशाना आपके जीवनसाथी की ओर है, उन्होंने ही कहीं रखा है या उनसे खो गया है। लेकिन उससे पहले अपनी अल्मारी चेक कीजिए।


15
अंक 8
8 का अंक कहता है कि घर में काम करने वाले किसी व्यक्ति को यह जानकारी है कि आपका खोया हुआ सामान कहां है। उन्हीं से पूछताछ कीजिए।


अंक 9
अगर आपका अंक 9 आया है तो इसका अर्थ है कि आपके घर का कोई बच्चा उस चीज से खेल रहा था, उन्हीं से पूछिए।