Jeevan dharam

Krishna sakhi is about our daily life routine, society, culture, entertainment, lifestyle.

Showing posts with label चालीसा. Show all posts
Showing posts with label चालीसा. Show all posts

Friday, 1 September 2017

श्री सूर्य चालीसा

No comments :
श्री सूर्य चालीसा दोहा कनक बदन कुंडल मकर, मुक्ता माला अंग। पद्मासन स्थित ध्याइए, शंख चक्र के संग।।   चौपाई जय सविता जय जयति दिवाकर, सहस्रांशु सप्ताश्व तिमिरहर। भानु, पतंग, मरीची, भास्कर, सविता, हंस, सुनूर, विभाकर।   विवस्वान, आदित्य, विकर्तन, मार्तण्ड, हरिरूप, विरोचन। अम्बरमणि, खग, रवि कहलाते, वेद हिरण्यगर्भ कह गाते।   सहस्रांशु,...
Read more

श्री वीरभद्र चालीसा

No comments :
श्री वीरभद्र चालीसा || दोहा ||  वन्‍दो वीरभद्र शरणों शीश नवाओ भ्रात । ऊठकर ब्रह्ममुहुर्त शुभ कर लो प्रभात ॥   ज्ञानहीन तनु जान के भजहौंह शिव कुमार। ज्ञान ध्‍यान देही मोही देहु भक्‍ति सुकुमार।   || चौपाई ||   जय-जय शिव नन्‍दन जय जगवन्‍दन । जय-जय शिव पार्वती नन्‍दन ॥   जय पार्वती प्राण दुलारे। जय-जय भक्‍तन के दु:ख...
Read more

श्री विन्ध्येश्वरी चालीसा

No comments :
श्री विन्ध्येश्वरी चालीसा || दोहा || नमो नमो विन्ध्येश्वरी, नमो नमो जगदंब।  संत जनों के काज में, करती नहीं बिलंब॥   || चौपाई ||   जय जय जय विन्ध्याचल रानी। आदि शक्ति जगबिदित भवानी॥ सिंह वाहिनी जय जगमाता। जय जय जय त्रिभुवन सुखदाता॥   कष्ट निवारिनि जय जग देवी। जय जय संत असुर सुरसेवी॥ महिमा अमित अपार तुम्हारी। सेष सहस मुख...
Read more

।। लक्ष्मी चालीसा ।।

No comments :
।। लक्ष्मी चालीसा ।। दोहा   मातु लक्ष्मी करि कृपा करो हृदय में वास। मनोकामना सिद्ध कर पुरवहु मेरी आस॥ सिंधु सुता विष्णुप्रिये नत शिर बारंबार। ऋद्धि सिद्धि मंगलप्रदे नत शिर बारंबार॥ टेक॥   सोरठा यही मोर अरदास, हाथ जोड़ विनती करूं। सब विधि करौ सुवास, जय जननि जगदंबिका॥ ॥ चौपाई ॥   सिन्धु सुता मैं सुमिरौं तोही। ज्ञान बुद्धि विद्या...
Read more

श्री सरस्वती चालीसा

No comments :
श्री सरस्वती चालीसा दोहा जनक जननि पद्मरज, निज मस्तक पर धरि। बन्दौं मातु सरस्वती, बुद्धि बल दे दातारि॥ पूर्ण जगत में व्याप्त तव, महिमा अमित अनंतु। दुष्टजनों के पाप को, मातु तु ही अब हन्तु॥ जय श्री सकल बुद्धि बलरासी। जय सर्वज्ञ अमर अविनाशी॥   जय जय जय वीणाकर धारी। करती सदा सुहंस सवारी॥   रूप चतुर्भुज धारी माता। सकल विश्व अन्दर विख्याता॥   जग...
Read more

।।श्री राम चालीसा।।

No comments :
।।श्री राम चालीसा।।   ॥चौपाई॥ श्री रघुवीर भक्त हितकारी। सुन लीजै प्रभु अरज हमारी॥ निशिदिन ध्यान धरै जो कोई। ता सम भक्त और नहिं होई॥   ध्यान धरे शिवजी मन माहीं। ब्रह्म इन्द्र पार नहिं पाहीं॥ दूत तुम्हार वीर हनुमाना। जासु प्रभाव तिहूं पुर जाना॥   तब भुज दण्ड प्रचण्ड कृपाला। रावण मारि सुरन प्रतिपाला॥ तुम अनाथ के नाथ गुंसाई। दीनन...
Read more

श्री शीतला चालीसा

No comments :
श्री शीतला चालीसा दोहा :-  जय जय माता शीतला तुमही धरे जो ध्यान। होय बिमल शीतल हृदय विकसे बुद्धी बल ज्ञान।।  घट घट वासी शीतला शीतल प्रभा तुम्हार। शीतल छैंय्या शीतल मैंय्या पल ना दार।।     चौपाई :- जय जय श्री शीतला भवानी। जय जग जननि सकल गुणधानी।। गृह गृह शक्ति तुम्हारी राजती। पूरन शरन चंद्रसा साजती।। विस्फोटक सी जलत शरीरा।...
Read more