Jeevan dharam

Krishna sakhi is about our daily life routine, society, culture, entertainment, lifestyle.

Showing posts with label आयुर्वेदिक उपाय व दवाई. Show all posts
Showing posts with label आयुर्वेदिक उपाय व दवाई. Show all posts

Friday, 23 February 2018

जानिए रंगों का आपके जीवन में क्या है प्रभाव

No comments :

जानिए रंगों का आपके जीवन में क्या है प्रभाव .....
रंगों से बदलें अपनी दुनिया।

रंगों की अपनी बहुत ही हसीन दुनिया,अपना एक अलग ही महत्व है। रंग हमारे मन की भावनाओं को दर्शाते हैं, हमारे व्यक्तित्व को निखारते हैं,जीवन में खुशी, उमंग, उत्साह जागते हैं। लेकिन क्या आप जानते है कि रंग हमारे भाग्य का भी निर्धारण कर सकते है .....जी हाँ यह बिलकुल ही सत्य है कुछ रंगों से हमें 'पॉजीटिव एनर्जी' मिलती हैं, और कुछ रंग हमारा बनता काम भी बिगाड़ देते है ... इसलिए ज्योतिष पर यकीन रखने वाले अपने जीवन में सफलता हेतु रंगों का विशेष ध्यान रख रहे है और दिन के हिसाब से रंगों का चयन करने में सावधानी बरत रहे हैं।
1. रविवार :रविवार भगवान सूर्य का, तेज का, उर्जा का दिन है, इसीलिए इस दिन लाल, गहरा पीला, सुनहरे,संतरी और गुलाबी रंग हमें विशेष उर्जा देते है । इस दिन नए कपड़े नहीं पहने जाते है,लेकिन रंगीन परिधानों को इस दिन पहनने से हम बहुत ही तरोताजा, उत्साह का अनुभव करते है।

2. सोमवार : सोमवार चंद्रमा का दिन है ।इस दिन सफेद या सिल्वर कलर के कपड़े पहनने की सलाह दी जाती है । इस दिन आप और भी हलके कलर के कपड़े पहन सकते है। लेकिन सफेद रंग के कपड़े पहनना बहुत शुभ होता है। इसलिए इस दिन को सफल और शानदार बनाने के लिए सफ़ेद के अलावा कोई और रंग का ना ही चयन करें तो बेहतर है .......और गहरे रंग वह तो इस दिन बिलकुल ही भूल जाईये ।


3. मंगलवार :मंगलवार बजरंग बलि जी का दिन है। इसलिए इस दिन लाल,नारंगी,गहरे भूरे और चाकलेटी कलर बहुत ही सहायक सिद्ध हो सकते है । इस दिन का ग्रह 'मंगल' है इसलिए लाल, मैरून रंग भी बहुत ही महत्वपूर्ण साबित होते है । इस दिन इन गहरे रंगों को पहनने से व्यक्तित्व में एक अलग ही आकर्षण उत्पन्न होता है और आपकी बातों का सामने वाले पर गहरा प्रभाव पड़ता है ।

4. बुधवार :बुधवार भगवान गणपति का दिन है , जिन्हे दूर्वा सबसे ज्यादा प्रिय है । इस दिन हरे रंग का विशेष महत्व है। हरा रंग बुध ग्रह का भी प्रतीक है अत: इस दिन हरे रंग के कपड़े पहनना विशेष फलदायी है, इससे व्यापार, नौकरी में अनुकूल वातावरण बनता है । इस दिन श्वेत रंग भी पहना जा सकता है।

5. गुरुवार :बृहस्पति वार बृहस्पति देव का, साईं महाराज का दिन है। साईं भगवान और बृहस्पति देव दोनों को ही पीला रंग अति प्रिय है । ब्रहस्पति देव मान - सम्मान के देव भी माने गए है इसलिए इस दिन पीला और सुनहरी रंग का इस्तेमाल करना अत्यंत ही श्रेयकर है । इसके अतिरिक्त गुलाबी, नारंगी भी उत्तम माने गए हैं। लेकिन पीले और सुनहरे रंग के कपड़े पहनने से यह दिन आपके ही नाम रहेगा ।

6. शुक्रवार :शुक्रवार मां दुर्गा का शुक्र ग्रह का दिन है । इस दिन हमेशा बिलकुल साफ और धुले कपड़े ही पहनने चाहिए। इस दिन रंग बिरंगे, प्रिंटेड कपड़े पहनने से शरीर में स्फूर्ति,उर्जा का प्रवाह लगता है । इस दिन हलके लाल,गुलाबी,भगवा रंग, चैक्स, लाईनिंग कपड़े हमें हर क्षेत्र में लाभ प्रदान करते है ।

7. शनिवार : शनिवार के स्वामी न्याय के देव स्वयं शनि महाराज है। शनि देव को काला, नीला, गहरे बैगनी और जामुनी रंग बहुत पसंद है इसलिए आज के दिन इन्ही गहरे रंगों के कपड़े पहनने से शनि देव की कृपा बनी रहती है। इन गहरे रंगों के कपड़े पहनने से व्यक्ति में आत्मविश्वास और संकल्प शक्ति की भावना प्रबल होती है । अत: आप इस दिन इन गहरे रंग पहनने शुरू करें यकीन मानिये आप जिस भी क्षेत्र में कार्यरत है आप अपनी छाप छोड़ने में अवश्य ही सफल होंगे ।

तो आप सभी देर न करें इन रंगों से दोस्ती करके सप्ताह के प्रत्येक दिन के हिसाब से कपड़े पहनना शुरू करें निश्चय ही आप अपने अन्दर नया आत्मविश्वास और उर्जा का संचार पाएंगे ।

Friday, 26 January 2018

तिजोरी में क्या रखे क्या ना रखे

No comments :

तिजोरी में क्या रखे क्या ना रखे 

Tijori me kya rakhe kya nahi




शास्त्रों के अनुसार धन , आभूषण को सदैव एक नियत स्थान पर तिजोरी , अलमारी आदि में रखना चाहिए । मान्यता है कि यदि तिजोरी , धन धन स्थान पर कुछ शुभ वस्तुएं रखें तो माँ लक्ष्मी की सदैव कृपा बनी रहती है । इस बात का भी ध्यान रहे कि तिजोरी में ऐसा कुछ भी ना रखा जाय जिससे धन के आगमन में बाधा उत्पन्न हो । जानिए तिजोरी में क्या रखे और क्या नहीं रखना चाहिए ।

 तिजोरी ( Tijori ) में लाल रंग का कपड़ा बिछाना शुभ रहता है । तिजोरी में रोज़ सुबह शाम धूप,अगरबत्ती अवश्य दिखानी चाहिए ।

तिजोरी ( Tijori ) में शुभ यंत्र जैसे श्रीयंत्र, व्यापार वृद्धि यंत्र, महालक्ष्मी यंत्र, बीसा यंत्र या हत्था जोड़ी की लाल कपडे अथवा चाँदी की प्लेट में स्थापना करने से शुभता बनी रहती है। इन्हें रोज़ धूप अगरबत्ती अवश्य ही दिखाते रहे।

तिजोरी ( Tijori ) में पाँच कौड़ियाँ, पांच कमलगट्टे तथा 5 साबुत हल्दी की गांठें भी अवश्य रखनी चाहिए।

कुछ नोटों में चंदन का इत्र लगाकर उन्हें अपनी तिजोरी में रखे इससे तिजोरी में बरकत बनी रहती है , घर में सुख -समृद्धि बनी रहती है

मोर पंख लेकर उसमें अच्छा गुलाब का इत्र लगाएं। उसके बाद इस मोर पंख को साफ सफेद रेशमी वस्त्र में बांधकर / लपेटकर तिजोरी में रख दें, इस उपाय को करने से तिजोरी कभी भी खाली नहीं होती है।

एक मोती शंख कोे तिलक करके लाल वस्त्र में बांधकर तिजोरी में रख दें। इससे घर में धन की बरकत बनी रहेगी।


अपनी तिजोरी पर स्वास्तिक का चिन्ह भी अवश्य ही अंकित करवाएं, क्योंकि स्वास्तिक के चिन्ह से लक्ष्मी माता प्रसन्न होती हैं और उनकी कृपा से घर , कारोबार में धन की कोई भी कमी नहीं रहती है ।


तिजोरी ( Tijori ) के अंदर के दरवाज़े पर शीशा जरूर लगाएं जिसमें तिजोरी खोलते समय अंदर के धन का प्रतिबिम्ब भी नज़र आता रहे, इससे वृद्धि होती है ।

सभी शुभ मुहूर्तों विशेषकर हर माह के पुष्य नक्षत्र, नवरात्री,धनतेरस, दीपावली आदि में धन स्थान की पूजा निश्चित रूप से करनी चाहिए ।

मार्गशीर्ष महीने में प्रत्येक बृहस्पतिवार और शुक्रवार को भी तिजोरी की पूजा जरूर करनी चाहिए।

Friday, 19 January 2018

मनुष्य की आयु घटाने व बढ़ाने वाले कर्म

No comments :




मनुष्य की आयु घटाने व बढ़ाने वाले कर्म



हमारे प्राचीन धर्म ग्रंथों के अनुसार हम मनुष्यों की आयु लगभग 100 वर्ष या उससे अधिक मानी गयी है लेकिन वर्तमान समय में हमारे रहन सहन, विचारों, कर्मों के कारण हमारी आयु में लगातार कमी आती जा रही है। हम अपनी आयु को बढ़ाने, निरोगी रहने के तमाम प्रयत्न भी करते है लेकिन ज्यादातर लोगो को इसमें असफलता ही हाथ लगती है ।

इसका प्रमुख कारण हमारे द्वारा रोज किए जाने वाले कुछ ऐसे कार्य हैं, जो शास्त्रों में बिलकुल निषेध है। महाभारत के अनुशासव पर्व में मनुष्य की आयु को घटाने व बढ़ाने वाले हमारे कर्मों के बारे में पूरे विस्तार से बताया गया है।ये महत्वपूर्ण बातें भीष्म पितामाह जी ने युधिष्ठिर जी को बताई थी।

 भीष्म पितामह के अनुसार जो व्यक्ति धर्म को नहीं मानते है नास्तिक है, कोई भी कार्य नहीं करते है, अपने गुरु और शास्त्र की आज्ञा का पालन नहीं करते है, व्यसनी, दुराचारी होते है उन मनुष्यों की आयु स्वत: कम हो जाती है। जो मनुष्य दूसरे जाति या धर्म की स्त्रियों से संसर्ग करते हैं, उनकी भी मृत्यु जल्दी होती है।

जो मनुष्य व्यर्थ में ही तिनके तोड़ता है, अपने नाखूनों को चबाता है तथा हमेशा गन्दा रहता है , उसकी भी जल्दी मृत्यु हो जाती है। जो व्यक्ति उदय, अस्त, ग्रहण एवं दिन के समय सूर्य की ओर अनावश्यक देखते है उनकी मृत्यु भी कम आयु में ही हो जाती है।यह बहुत ही छोटी छोटी बातें है जिनका हमें अवश्य ही ध्यान रखना चाहिए ।

 शास्त्रों के अनुसार हम सभी मनुष्यों को मंजन करना,नित्य क्रिया से निवृत होना, अपने बालों को संवारना, और देवताओं कि पूजा अर्चना ये सभी कार्य दिन के पहले पहर में ही अवश्य कर लेने चाहिए। जो मनुष्य सूर्योदय होने तक सोता है तथा ऐसा करने पर प्रायश्चित भी नहीं करता है,जो ये समस्त कार्य अपने निर्धारित समय पर नहीं करते, जो पक्षियों से हिंसा करते है वे भी शीघ्र ही काल के ग्रास बन सकते हैं।

शौच के समय अपने मल-मूत्र की ओर देखने वाले, अपने पैर पर पैर रखने वाले, माह कि दोनों ही पक्षों की चतुर्दशी,अष्टमी,अमावस्या व पूर्णिमा के दिन स्त्री से संसर्ग करने वाले व्यक्तियों कि अल्पायु होती है।अत: हमें इनसे अवश्य ही बचना चाहिए ।

सदैव ध्यान दें कि भूसा, कोई भी भस्म, किसी के भी बाल और मुर्दे की हड्डियों,खोपड़ी पर कभीभी न बैठें। दूसरे के नहाने में उपयोग किये हुए जल का कभी भी किसी भी रूप में प्रयोग न करें। भोजन सदैव बैठकर ही करे। जहाँ तक सम्भव हो खड़े होकर पेशाब न करें। किसी भी ,राख तथा गोशाला में भी मल, मूत्र-त्याग न करें। भीगे पैर भोजन तो करें लेकिए भीगे पैर सोए नहीं। उक्त सभी बातों का ध्यान में रखने वाला वाला मनुष्य सौ वर्षों तक जीवन धारण करता है।

जो मनुष्य सूर्य, अग्नि, गाय तथा ब्राह्णों की ओर मुंह करके और बीच रास्ते में मूत्र त्याग करते हैं, उन सब की आयु कम हो जाती है।

 मैले, टूटे और गन्दे दर्पण में मुंह देखने वाला, गर्भवती स्त्री के साथ सम्बन्ध बनाने वाला,उत्तर और पश्चिम की ओर सर करके सोने वाला, टूटी, ढीली और गन्दी खाट / पलंग पर सोने वाला, किसी कोने ,अंधेरे में पड़े पलंग, चारपाई पर सोने वाला मनुष्य कि आयु अवश्य ही कम हो जाती है।


Thursday, 18 January 2018

सुख-समृद्धि के टोटके ( Sukh samridhi ke totke )

No comments :

हर व्यक्ति चाहता है कि उसे सुख-समृद्धि ( Sukh Smraddhi ) मिले उसके पास धन की कोई भी कमी ना हो, वह और उसका परिवार समस्त भौतिक सुख सुविधाओं का लाभ उठा सके। इसके लिए सभी मनुष्य जीवन भर मेहनत करते है बहुत से लोगो को अपने कार्यो में सफलता मिलती है उनके पास पर्याप्त धन होता है, वह अपनी आवश्यताओं को आसानी से पूर्ण कर लेते है अपने सभी शौक को पूरा कर लेते है लेकिन अधिकांश लोग चाहकर भी अधिक धन प्राप्त करने में सफल नहीं हो पाते है । या उनकी कमाई तो होती है लेकिन धन रुक नहीं पाता है, खर्चे पहले से ही तैयार रहते है ।

ज्योतिष शास्त्र में ऐसे सुख-समृद्धि पाने के उपाय ( Sukh Smraddhi pane ke upay ) बताये गए है जिन्हें करने से जातक को अपनी मेहनत, अपने प्रयास के उत्तम फल मिलने लगते है, उसे माँ लक्ष्मी का आशीर्वाद मिलता है।


शंख समुद्र मंथन के समय प्राप्त चौदह अनमोल रत्नों में से एक है। माता लक्ष्मी के साथ उत्पन्न होने के कारण इसे लक्ष्मी भ्राता भी कहा जाता है। यही कारण है कि जिस घर में शंख होता है वहां लक्ष्मी का वास अवश्य ही होता है। घर में शंख जरूर रखें इससे घर में सुख-समृद्धि ( Sukh Smraddhi ) आती है ।

पति या पत्नी में कोई भी रात्रि में सोने से पहले घरं में ईश्वर का स्मरण करते हुए दो फूल वाले लौंग देसी कपूर के साथ जला लें मां लक्ष्मी की कृपा ( ma laxmi ki kripa ) सदैव बनी रहेगी ।

शुक्रवार के दिन दक्षिणावर्ती शंख में जल भरकर भगवान विष्णु का अभिषेक करने से मां लक्ष्मी बहुत जल्दी प्रसन्न हो जाती हैं । उस व्यक्ति के घर में सुख समृधि ( sukh Smraddhi ) बनी रहती है ।

बांस की बनी हुई बांसुरी भगवान श्रीकृष्ण को अतिप्रिय है। जिस घर में बांसुरी रखी होती है, उस परिवार में परस्पर प्रेम और सहयोग तो बना रहता ही है साथ ही उस घर में धन-वैभव ( Dhan vaibhav ) , सुख-समृद्धि ( Sukh samridhi ) की भी कोई कमी नहीं रहती है। ध्यान दीजियेगा की बांसुरी टूटी / चिटकी न हो और उस पर कोई रेशमी मोटा धागा अवश्य बांध दें।

माह के किसी भी शुक्रवार के दिन 3 कुंवारी कन्याओं को घर बुलाकर खीर खिलाकर पीला वस्त्र व दक्षिणा देकर विदा करें। इससे मां लक्ष्मी की उस घर पर हमेशा कृपा बनी रहती हैं।

किसी शुभ मुहूर्त में लाल धागे में सातमुखी रुद्राक्ष गले में धारण करने से अवश्य ही धन लाभ होता है।

सफेद अकाव की जड़ को सफेद कपड़े में बांधकर घर के धन स्थान में रखने से समृद्धि बढ़ती है।

घर में समृद्धि लाने हेतु घर के उत्तर पश्चिम के कोण (वायव्य कोण) में सुन्दर से मिट्टी के बर्तन में कुछ सोने-चांदी के सिक्के, लाल कपड़े में बांध कर रखें। फिर बर्तन को गेहूं या चावल से भर दें। ऐसा करने से घर में धन का अभाव नहीं रहेगा।

काले तिल परिवार के सभी सदस्यों के सिर पर सात बार उसार कर घर के उत्तर दिशा में फेंक दें, धनहानि बंद होगी।



Ruchi Sehgal

माँ लक्ष्मी को प्रसन्न करने के उपाय,ma laxmi ko prasann karne ke upay,

No comments :

इस संसार में प्रत्येक व्यक्ति धन की कामना रखता है। सामन्यता धनवान व्यक्ति को सभी लोग स्वीकार कर लेते है।
शास्त्रो के अनुसार जिस प्रकार एक असमर्थ व्यक्ति बिना छड़ी के नहीं चल सकता है वैसे ही धन के बिना इस संसार में चलना, अपने कर्तव्यों का पालन करना अत्यंत दुष्कर कार्य है।
यहाँ पर हम आपको लक्ष्मी प्राप्ति के उपाय, माँ लक्ष्मी को प्रसन्न करने के उपाय ( Ma laxmi ko prasann karne ke upay ) बता रहे है जिनको श्रद्धा पूर्वक करने से निश्चय ही माँ लक्ष्मी की कृपा ( Maa Laxmi ki kripa ) प्राप्त होगी।

भाग्योदय के लिए मनचाही सफलता के लिए रविवार को भगवान सूर्य को नियम से आक का फूल अर्पण करें | यह सोने की अशर्फियाँ चढ़ाने से भी ज्यादा फलदायी है |
इससे कुंडली के सोये ग्रह जाग जाते है , सुख-समृद्धि, मान प्रतिष्ठा की कोई भी कमी नहीं रहती है |



अपने कार्यक्षेत्र में आशातीत सफलता पाने के लिए,लक्ष्मी प्राप्ति के लिये ( Laxmi Prapti Ke leye ) किसी साफ बरतन में सफेद सरसों को इस प्रकार रखें कि वह दिखाई देती रहे। इस बरतन को अपने कार्यस्थल में ऐसी जगह में रख दें, जिससे आने-जाने वालों की निगाह उस पर पड़ती रहे।
इस उपाय से कार्यक्षेत्र में उत्तम लाभ मिलता है, बाधायें दूर होती है, इसे बिना किसी को बताये हुए करें।

शुक्र ग्रह भौतिक सुख के कारक है , इसको मजबूत करने के लिए घर का कुछ हिस्सा कच्चा जरुर रखे, इससे माँ लक्ष्मी की कृपा ( Ma Laxmi ki kripa ) प्राप्त होती है ।

यदि गृह लक्ष्मी प्रतिदिन एक लोटा जल प्रात: घर के मुख्य द्वार पर डाले तो उस घर में धन का आगमन बहुत ही सुगमता से होता है ।

माँ लक्ष्मी ( Maa Laxmi ) का ध्यान करते हुए स्नान के पश्चात यदि मस्तक पर शुद्ध केसर का तिलक, और इत्र लगाकर ही घर से अपने व्यवसाय में जाएँ तो धन लाभ की सम्भावना बड़ जाती है ।

रात को सोते समय अपने दाँत फिटकरी से साफ करें लाभ प्राप्त होगा ,धन की देवी माँ लक्ष्मी ( Dhan ki devi ma laxmi ) की कृपा मिलती है ।

बुधवार को हरा चारा, ब्रहस्पति वार को गीली चने की दाल को आटे में मिलाकर उसके 2 पेड़े और शुक्रवार को सफेद चावल मीठा डालकर गाय को खिलाने से उस घर पर कभी भी कोई भी आर्थिक संकट नहीं आता है ।

इन्द्रकृत महालक्ष्मी स्तोत्र के 11 पाठ नित्य करने और गीताजी के ग्यारहवें अध्याय का नियमित पाठ करने से महालक्ष्मी उस घर में सदा निवास करती है।

श्रीसूक्त के रात्रि के समय 11 पाठ करने व एक पाठ से हवन करने से मां लक्ष्मी उस पर सदा प्रसन्न रहती है।

ध्यान रहे धन लक्ष्मी की पूजा करने वाले किसी भी हाल में स्त्री का अनादर नहीं करें।

धन लक्ष्मी Dhan Lakshmi माता को सफेद पदार्थ जैसे चावल से बनी खीर और यथासंभव दूध से बने पकवानों का भोग लगाएं।

गृह लक्ष्मी Grah Lakshmi, माता या घर की सबसे बड़ी स्त्री को आदर देते हुए घर की किसी भी पूजा का कोई भी प्रसाद सर्वप्रथम उन्हें ही ग्रहण कराएं तत्पश्चात स्वयं ग्रहण करें

पुष्य नक्षत्र Pushya Nakshtra के दिन माँ लक्ष्मी को लाल पुष्प अर्पित करें । इस दिन सांयकाल किसी भी लक्ष्मी मंदिर / मंदिर में माँ को सुगन्धित धूप अगरबत्ती, मिठाई चढ़ाने से माँ अपने भक्त से अति प्रसन्न होती है, सुख सौभाग्य आता है ।

पुष्प नक्षत्र Pushya Nakshtra के दिन दक्षिणावर्ती शंख में केसर मिला दूध भरकर भगवान विष्णु का अभिषेक करें। इससे धन लाभ मिलेगा। माता लक्ष्मी के साथ-साथ भगवान विष्णु की पूजा करने से भी मां की कृपा आप पर बनी रहती है।

पुष्य नक्षत्र Pushya Nakshtra के दिन लक्ष्मी की पूजा करते समय चांदी का सिक्का रखें। बाद में इस सिक्के को अपनी तिजोरी में रख दें। इससे आपकी तिजोरी हमेशा पैसों से भरी रहेगी।



Ruchi Sehgal

धन प्राप्ति के असरदार टोटके

No comments :

इन सिद्ध यंत्रों की स्थापना सभी प्राणियों के कल्याण हेतु की गयी है, यदि आपके मन में कोई संदेह है, या आप इन यंत्रों में विश्वास नहीं रखते है तो आप इस पेज को बंद कर दें, परन्तु इन यंत्रों का उपहास एवं अनादर न करें ।

जीवन में श्रेष्ठ लाभ के लिए , अपनी किसी विशेष इच्छा की पूर्ति के लिए शुक्ल पक्ष के बुधवार से गणेश जी से अपनी मनोकामनाओं के लिए प्रार्थना करते हुए उन्हें गुड़ और घी का भोग लगाएं और उसके बाद इसे किसी गाय को खिला दें।
इस उपाय को लगातार 21 बुधवार तक करे, अगर आप की मनोकामना पूर्ण हो जाय तो भी इस क्रम को ना तोड़े।

शुक्ल पक्ष के बुधवार को एक हंडिया में सवा किलो हरी साबुत मूंग की दाल, और दूसरी में सवा किलो डलिया वाला नमक ( साबुत नमक ) ला कर भर के उसे ढक्कन से ढक दें। फिर यह यह दोनों हंडिया घर में कहीं ऐसी साफ जगह पर रख दें जहाँ पर आने जाने वालो की निगाह ना पड़े।
इस उपाय को करने से व्यापार, कारोबार, नौकरी में अपेक्षा से अधिक लाभ होने लगता है, आय के नए स्रोत खुलते है, घर में धन आना शुरू हो जाता है, धन में बरकत होती है, स्थाई सुख समृद्धि की प्राप्ति होती है ।



आर्थिक लाभ ( Arthik Labh ) प्राप्त करने के लिए बुधवार को हरी वस्तु का सेवन करें लेकिन पीली वस्तु का सेवन बिलकुल भी ना करें और बृहस्पतिवार पीली वस्तु खाएं लेकिन हरी वास्तु का सेवन ना करें तो धन संपत्ति ( dhan sampati ) में वृद्धि होती है ।

हर माह के प्रथम बुधवार को पाँच मुट्ठी हरे साबुत मूँग ( साबुत मूँग की दाल ) साफ हरे रुमाल / कपडे में बाँधकर सूर्योदय के बाद और सूर्यास्त से पहले बहते हुए जल में प्रवाहित कर दें, इससे धन ( Dhan ) सम्बन्धी कार्यों में विघ्न नहीं आते है , आर्थिक पक्ष मजबूत होता जाता है ।

जीवन में धन ( Dhan ) और कार्यों में मनवाँछित सफलता प्राप्त करने के लिए घर में बजरंग बली का फोटो जिसमें वह उड़ते हुए नज़र आ रहे हो रखकर उसकी विधि पूर्वक पूजा करनी चाहिए।

घर में सुख समृद्धि ( Sukh Smradhi ) लाने के लिए घर के वायव्य कोण ( उत्तरपश्चिम के कोण ) में साफ जगह पर सुन्दर से मिट्टी के बर्तन में कुछ सोने-चांदी के सिक्के, लाल कपड़े में बांध कर रखें। फिर उस बर्तन को गेहूं या चावल से भर दें। ऐसा करने से उस घर में धन का प्रवाह लगातार बना रहता है , धन ( Dhan ) का अपव्यय भी नहीं होता है ।

घर में झाड़ू किसी साफ और किसी सुनिश्चित स्थान पर रखे । घर में झाड़ू ऐसी जगह रखे कि वह किसी भी बाहर वाले को दिखाई ना दें । झाड़ू को हमेशा लिटा कर रखे, उसे ना तो खड़ा करके रखे, ना उसे पैर लगाएँ और ना ही उसके ऊपर से गुजरे , अन्यथा लाख प्रयास के बावजूद भी घर में लक्ष्मी टिक नहीं पाती है ।

घर के मुखिया जो अपने घर व्यापार में माँ लक्ष्मी की कृपा चाहते है वह रात के समय कभी भी चावल, सत्तू , दही , दूध ,मूली आदि खाने की सफेद चीजों का सेवन न करें इस नियम का जीवन भर यथासंभव पालन करने से आर्थिक पक्ष हमेशा ही मजबूत बना रहता है ।

कार्यों में सफलता और दैवीय शक्तियों के आशीर्वाद के लिए अपने कार्य क्षेत्र की टेबिल के ईशान कोण ( उत्तर पूर्व का कोना ) में अपने आराध्य देव या देवी का अत्यन्त सुन्दर , साफ चित्र लगाएं इससे शुभ फलों की प्राप्ति होती है ।

हिन्दु धर्म में अक्षत ( चावल ) को बहुत ही शुभ माना जाता है । मान्यता है कि यदि आप लाल रंग के पर्स उपयोग करें और उसमें एक कागज़ में अखंडित अक्षत एवं माँ लक्ष्मी को प्रिय कौड़ी रखे तो आपको धन की कभी भी कोई भी कमी नहीं रहेगी ।

जो व्यक्ति नहाते हुए अथवा पैर धोते हुए पैर से पैर को रगड़कर साफ करता है, सर पर तेल लगाने के बाद हाथों के तेल को मुंह, कलाइयों या बाजुओं में रगड़ता है, नोटों को थूक लगा कर गिनता है, उनसे माता लक्ष्मी रुष्ट हो जाती है ,उसे हमेशा धन का संकट बना रहता है। कहीं आप भी तो यह भूल नहीं कर रहे है ?



Ruchi Sehgal

रोग मुक्ति के असरदार टोटके

No comments :

हर व्यक्ति चाहता है कि वह और उसके परिवार के सदस्य आरोग्य को प्राप्त करें अर्थात निरोगी बने रहे । लेकिन वर्तमान समय के रहन सहन, खान-पान, शरीरिक श्रम की कमी के कारण लोगो को रोग बहुत जल्दी घेर लेते है ।
इन बिमारियों से मुक्ति ( Bimariyo Se Mukti ) के लिए कई उपाय, कई टोटके बताये गए है जिन्हे ध्यान पूर्वक करने से रोगो से छुटकारा Rogon se Chuthkara पाया जा सकता है ।
यहाँ पर हम रोग निवारण के कई आसान उपाय बता रहे है जिसे निरोगी काया पायी जा सकती है, बीमारी से मुक्ति ( Bimari se mukti ) के उपाय ।

बाजार से कपास के थोड़े से फूल खरीद लें। रविवार शाम 5 फूल, आधा गिलास पानी में साफ कर के भिगो दें। सोमवार को प्रात: उठ कर फूल को निकाल कर फेंक दें तथा बचे हुए पानी को पी जाएं। जिस पात्र में पानी पीएं, उसे कहीं पर भी उल्टा कर के रख दें। कुछ ही दिनों में आश्चर्यजनक स्वास्थ्य लाभ अनुभव करेंगे ।

रात्रि के समय शयन कक्ष में कपूर जलाने से पितृ दोष Pitradosh का नाश होता है, घर में शांति बनी रहती है, बुरे स्वप्न नहीं आते है और सभी प्रकार के रोगों से भी छुटकारा ( rogo se chutakra ) मिलता है ।

पूर्णिमा के दिन रात्रि में घर में खीर बनाएं। ठंडी होने पर उसका मंदिर में मां लक्ष्मी को भोग लगाएं एवं चन्द्रमा और अपने पितरों का मन ही मन स्मरण करें और कुछ खीर काले कुत्तों को दे दें। ऐसा वर्ष भर पूर्णिमा में करते रहने से घर में सुख शांति Ghar Me Shukh Shanti, निरोगिता एवं हर्ष और उल्लास का वातावरण बना रहता है धन की कभी भी कमी नहीं रहती है ।

घर में कोई बीमार हो जाए तो उस रोगी को शहद में चन्दन मिला कर चटाएं ।

यदि घर में पुत्र बीमार हो तो कन्याओं को हलवा खिलाएं एवं पीपल के पेड़ की लकड़ी को सिरहाने रखें।


जिस घर में स्त्रीवर्ग को निरन्तर स्वास्थ्य की पीड़ाएँ रहती हो, उस घर में तुलसी का पौधा लगाकर उसकी श्रद्धापूर्वक देखशल करने, संध्या के समय घी का दीपक जलाने से रोग पीड़ाएँ शीघ्र ही समाप्त होती है।

यदि घर में किसी की तबियत ज्यादा ख़राब लग रही है तो रविवार के दिन बूंदी के सवा किलो लड्डू किसी भी धार्मिक स्थान चड़ा कर उसका कम से कम 75% वहीँ पर प्रसाद के रूप में बांटे।

अगर परिवार में कोई परिवार में कोई व्यक्ति बीमार है तथा लगातार दवा सेवन के पश्चात् भी स्वास्थ्य लाभ नहीं हो रहा है, तो किसी भी रविवार से लगातार 3 दिन तक गेहूं के आटे का पेड़ा तथा एक लोटा पानी व्यक्ति के सिर के ऊपर से उसार कर जल को पौधे में डाल दें तथा पेड़ा गाय को खिला दें। इन 3 दिनों के अन्दर व्यक्ति अवश्य ही स्वस्थ महसूस करने लगेगा। अगर इस अवधि में रोगी ठीक हो जाता है, तो भी इस प्रयोग को अवश्य पूरा करना चाहिए।

पीपल के वृक्ष को प्रात: 12 बजे के पहले, जल में थोड़ा दूध मिला कर सींचें और शाम को तेल का दीपक और अगरबत्ती जलाएं। ऐसा किसी भी दिन से शुरू करके 7 दिन तक करें ( अगर सोमवार से शुरू करें तो अति उत्तम होगा )। रोग से ग्रस्त व्यक्ति को जल्दी ही आराम मिलना प्रारम्भ हो जायेगा।

शुक्रवार रात को मुठ्ठी भर काले साबुत चने भिगोयें। शनिवार की शाम उन्हें छानकर काले कपड़े में एक कील और एक काले कोयले के टुकड़े के साथ बांध दें । फिर इस पोटली को रोगी के ऊपर से 7 बार वार कर किसी तालाब या कुएं में फेंक दें। ऐसा लगातार 3 शनिवार करें। बीमार व्यक्ति शीघ्र अच्छा हो जायेगा।

यदि कोई प्राणी कहीं देर तक बैठा हो और उसके हाथ या पैर सुन्न हो जाएँ तो जो अंग सुन्न हो गया हो, उस पर उंगली से 27 का अंक लिख दीजिये, उसका सुन्न अंग तुरंत ठीक हो जाएगा।

काले तिल और जौ का आटा तेल में गूंथकर एक मोटी रोटी बनाकर उसे अच्छी तरह सेंकें। गुड को तेल में मिश्रित करके जिस व्यक्ति के मरने की आशंका हो, उसके सिर पर से 7 बार उतार कर मंगलवार या शनिवार को किसी भैंस को खिला दें।यह क्रिया करते समय ईश्वर से रोगी को शीघ्र स्वस्थ करने की प्रार्थना करते रहें।

गुड के गुलगुले सवाएं लेकर उसे 7 बार रोगी के सर से उतार कर मंगलवार या शनिवार व इतवार को चील-कौए को डाल दें, रोगी को तुरंत राहत मिलने लगती है।



Ruchi Sehgal

बीमारी दूर करने के कुछ अन्य उपयोगी उपाय

No comments :



एक देसी पान,गुलाब का फूल और ग्यारह बताशे बीमार व्यक्ति के ऊपर से 31 बार उतार कर किसी चौराहे पर रख दें ध्यान रहे कोई टोके नहीं ....व्यक्ति को शीघ्रता से स्वास्थ्य लाभ मिलने लगेगा ।

यदि कोई व्यक्ति तमाम इलाज के बाद भी बीमार रहता है तो पुष्य नक्षत्र में सहदेवी की जड़ उसके पास रखिये .....रोग दूर लगेगा ।

पीपल के वृक्ष को प्रातः 12 बजे के पहले, जल में थोड़ा दूध मिला कर सींचें और शाम को तेल का दीपक और अगरबत्ती जलाएं। ऐसा किसी भी वार से शुरू करके 7 दिन तक करें। बीमार व्यक्ति को आराम मिलना प्रारम्भ हो जायेगा।

किसी कब्र या दरगाह पर सूर्यास्त के पश्चात् तेल का दीपक जलाएं। अगरबत्ती जलाएं और बताशे रखें, फिर वापस मुड़ कर न देखें। बीमार व्यक्ति शीघ्र अच्छा हो जायेगा।


धोबी के घर से तुरंत धुलकर आये वस्त्रों को मन ही मन रोगी के अच्छे स्वास्थ्य की प्रार्थना करते हुए रोगी के शरीर से स्पर्श करा देने से बहुत जल्दी आराम मिलता है ।

हर माह के प्रथम सोमवार को सुबह सवेरे अपने ईष्ट देव का नाम लेते हुए थोड़ी सी पीली सरसों अपने सर पर से 7 बार घुमाकर घर से बाहर फ़ेंक दें .....रोग आपके पास भी नहीं आयेंगे ।

यदि घर में आपकी माता जी को निरंतर कोई रोग सता रहा है तो सोमवार के दिन 121 किसी भी साइज़ के पेड़े लेकर बच्चो और गरीबों में बाँट दें ......निश्चय ही रोग में आराम मिलेगा ।

अशोक के ताजे तीन पत्ते सुबह सुबह रोजाना बिना कुछ खाए चबाये जाएँ तो व्यक्ति शारीरिक एवं मानसिक रूप से स्वस्थ रहता है ....इसके सेवन से रोग और चिन्ताओं का भी नाश होता है।

सदैव ध्यान दें भैया दूज (यम दीतिया) के दिन बहन के घर उसके हाथ से बना भोजन करने से, गुरु पूर्णिमा के दिन गुरु के घर/मंदिर से प्रसाद लेकर खाने से, बसंत पंचमी के दिन पत्नी के हाथ से बने पीले चावल खाने से एवं मात्र नवमी के दिन माँ के हाथ से बना भोजन करने से व्यक्ति निरोगी रहता है उसकी आयु में निसंदेह वृद्धि होती है।

स्वस्थ जीवन जीने के लिये रात्रि को अपने सिरहाने पानी किसी लोटे या गिलास में रख दें। सुबह उसे पी कर बर्तन को उल्टा रख दें तथा दिन में भी पानी पीने के बाद बर्तन को उल्टा रखने से व्यक्ति सदैव स्वस्थ बना रहता है



Ruchi Sehgal

बीमारियों से छुटकारा, Bimariyo se chutkara

No comments :

सभी रोगों में पीपल की सेवा से बहुत लाभ प्राप्त होता है , रविवार को छोड़कर नियमित रूप से पीपल के वृक्ष पर प्रात: मीठा जल चड़ाकर उसकी जड़ जो छूकर अपने माथे से लगायें पुरुष पीपल की 7 परिक्रमा करें स्त्री ना करें और अपने रोग को दूर करने की प्रार्थना करें अति शीघ्र लाभ मिलता है, इससे बीमारी ( Bimari ) दूर होती है ।

भादों माह ( अगस्त , सितम्बर ) में अवश्य करें ये काम :--

भादों माह में मक्खन अवश्य खाएं, भादों माह में मक्खन खाने से उम्र बढ़ती है।
भादों माह में गाय का दूध पियें, भादों माह में गाय का दूध पीने से वंश वृद्धि होती है।
भादों माह में गाय का घी खाएं, इससे शरीर तंदरुस्त रहता है।
भादों माह में जल में गौ मूत्र डालकर स्नान करने से पापो का नाश होता है।

यदि आपके परिवार में कोई लम्बे समय से बीमार है तो आप प्रति माह कम से कम एक बार किसी भी अस्पताल में जाकर गरीबों में अपनी सामर्थ्यानुसार दवा एवं फलों का वितरण अवश्य करें, इससे रोगी को भी लाभ होगा और घर के अन्य सभी सदस्य भी निरोगी रहेंगे। यह बीमारी दूर करने ( Bimari dur karne ) का बहुत ही चमत्कारी और सिद्ध प्रयोग है ।

यदि आप कभी किसी भी बीमार व्यक्ति को देखने जाएँ तो फूल और फल लेकर अवश्य जाएँ और यदि संभव हो तो कुछ ना कुछ नकद राशी भी अवश्य दें , इससे आपके परिवार का सदैव रोगों से बचाव ( Rogo se bachav ) होगा ।

रोगी व्यक्ति को पान में गुलाब की सात पंखुडियां खिलाने से अगर उसको कोई नजर लगी है तो उससे छुटकारा मिलता है और दवा भी जल्दी असर करती है,रोग दूर होते है ( Rog Dur hote hai ) ।

यदि कोई व्यक्ति मरणासन्न अवस्था में हो उसके बचने की कोई आशा ना हो परन्तु उसके प्राण भी नहीं निकल रहें हो तो उसके हाथ से नमक का दान करवाना चाहिए ।

स्वस्थ शरीर के लिए एक रुपये का सिक्का लें। रात को उसे सिरहाने रख कर सो जाएं। प्रातः इसे ष्मशान की सीमा में फेंक आएं। शरीर स्वस्थ रहेगा।

यदि कोई व्यक्ति काफी समय से बीमार है तो एक नारियल से उसकी नज़र उतार कर उस नारियल को तंदूर/अंगीठी/हवनकुंड अथवा किसी तसले में आग जलाकर उसमें जलाने से रोगी अति शीघ्र स्वस्थ होने लगता है,बीमारी दूर होती है ( Bimari dur hote hai ) ।

सात जटा वाले नारियल शुक्ल पक्ष के सोमवार को ॐ नमा शिवाये मन्त्र का जाप करते हुए नदी में प्रवाहित करने से उस व्यक्ति के घर से दरिद्रता और रोगों का नाश ( Rogo ka nash ) होता है ।

रोगी के पीने वाले जल में थोड़ा सा गंगाजल मिला दीजिये ,वह जब भी जल पिए उसे वह जल ही पीने को दिया जाय....... शीघ्र स्वास्थ्य लाभ मिलेगा ।

जिस व्यक्ति की तबियत ख़राब रहती है उसके पलंग की पाए में चाँदी के तार में एक गोमती चक्र बांध दें स्वास्थ्य सम्बन्धी परेशानी दूर होने लगेगी । ( गोमती चक्र को पहले गंगाजल में धोकर घर के मंदिर में रखकर तिलक लगाकर धुप/दीप/अगरबत्ती दिखाकर शुद्ध कर लें।)



Ruchi Sehgal