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Thursday, 18 January 2018

बीमारी दूर करने के कुछ अन्य उपयोगी उपाय

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एक देसी पान,गुलाब का फूल और ग्यारह बताशे बीमार व्यक्ति के ऊपर से 31 बार उतार कर किसी चौराहे पर रख दें ध्यान रहे कोई टोके नहीं ....व्यक्ति को शीघ्रता से स्वास्थ्य लाभ मिलने लगेगा ।

यदि कोई व्यक्ति तमाम इलाज के बाद भी बीमार रहता है तो पुष्य नक्षत्र में सहदेवी की जड़ उसके पास रखिये .....रोग दूर लगेगा ।

पीपल के वृक्ष को प्रातः 12 बजे के पहले, जल में थोड़ा दूध मिला कर सींचें और शाम को तेल का दीपक और अगरबत्ती जलाएं। ऐसा किसी भी वार से शुरू करके 7 दिन तक करें। बीमार व्यक्ति को आराम मिलना प्रारम्भ हो जायेगा।

किसी कब्र या दरगाह पर सूर्यास्त के पश्चात् तेल का दीपक जलाएं। अगरबत्ती जलाएं और बताशे रखें, फिर वापस मुड़ कर न देखें। बीमार व्यक्ति शीघ्र अच्छा हो जायेगा।


धोबी के घर से तुरंत धुलकर आये वस्त्रों को मन ही मन रोगी के अच्छे स्वास्थ्य की प्रार्थना करते हुए रोगी के शरीर से स्पर्श करा देने से बहुत जल्दी आराम मिलता है ।

हर माह के प्रथम सोमवार को सुबह सवेरे अपने ईष्ट देव का नाम लेते हुए थोड़ी सी पीली सरसों अपने सर पर से 7 बार घुमाकर घर से बाहर फ़ेंक दें .....रोग आपके पास भी नहीं आयेंगे ।

यदि घर में आपकी माता जी को निरंतर कोई रोग सता रहा है तो सोमवार के दिन 121 किसी भी साइज़ के पेड़े लेकर बच्चो और गरीबों में बाँट दें ......निश्चय ही रोग में आराम मिलेगा ।

अशोक के ताजे तीन पत्ते सुबह सुबह रोजाना बिना कुछ खाए चबाये जाएँ तो व्यक्ति शारीरिक एवं मानसिक रूप से स्वस्थ रहता है ....इसके सेवन से रोग और चिन्ताओं का भी नाश होता है।

सदैव ध्यान दें भैया दूज (यम दीतिया) के दिन बहन के घर उसके हाथ से बना भोजन करने से, गुरु पूर्णिमा के दिन गुरु के घर/मंदिर से प्रसाद लेकर खाने से, बसंत पंचमी के दिन पत्नी के हाथ से बने पीले चावल खाने से एवं मात्र नवमी के दिन माँ के हाथ से बना भोजन करने से व्यक्ति निरोगी रहता है उसकी आयु में निसंदेह वृद्धि होती है।

स्वस्थ जीवन जीने के लिये रात्रि को अपने सिरहाने पानी किसी लोटे या गिलास में रख दें। सुबह उसे पी कर बर्तन को उल्टा रख दें तथा दिन में भी पानी पीने के बाद बर्तन को उल्टा रखने से व्यक्ति सदैव स्वस्थ बना रहता है



Ruchi Sehgal

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