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Sunday 25 November 2018

रसोई घर। वास्तु व‌िज्ञान

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हर घर की खुश‌ियों की शुरुआत रसोई घर से होती है। इसल‌िए शयन कक्ष के बाद वास्तु व‌िज्ञान में ज‌िसे सबसे अध‌िक महत्व द‌िया गया है वह है रसोई घर। वास्तु व‌िज्ञान के अनुसार अगर आप रसोई घर का घ्यान वास्तु के अनुसार रखते हैं तो आपकी आधी परेशानी तो यूं ही दूर हो जाएगी यानी आपके घर में लोग कम बीमार होंगे। घर के लोगों में सामंजस्य और धन दौलत की भी बरकत होगी।

अगर आपके रसोई घर में ज‌िस द‌िशा में चूल्हा हो उस द‌िशा में पानी नहीं होना चाह‌िए यानी पानी और आग दो अलग द‌‌िशाओं में होना चाह‌िए। पानी के ल‌िए यान स‌िंक के ल‌िए उत्तर और पूर्व द‌िशा अच्छा है वहीं चूल्हे के ल‌िए पश्च‌िम और पूर्व की द‌िशा।

रसोई घर में जूठे बर्तनों को जमा करके नहीं रखें। वास्तु व‌िज्ञान के साथ ही शास्‍त्र भी कहता है यह धन और स्वास्थ्य के ल‌िए हान‌िकारक होता है।

अगर आप एल्युम‌िन‌ियम के बर्तनों का इस्तेमाल कर रहे हैं तो यह स्वास्‍थ्य और समृ्द्ध‌ि में बाधक है। वास्तु व‌िज्ञान के अनुसार एल्युम‌िन‌ियम का स्वामी ग्रह राहु है जो रहस्यमयी तरीके से आपको अंदर ही अंदर नुकसान पहुंचाता है

रसोई घर में लाल रंग का प्रयोग कम करें जैसे टाइल, पेंट, स‌िंक यह लाल रंग के नहीं होने चाह‌िए। वास्तु व‌िज्ञान के अनुसार रसोई घर में लाल रंग का अध‌िक प्रयोग अग्न‌ि के प्रभाव को बढ़ाता है जो हान‌िकारक होता है।


एल्युम‌िन‌ियम के बर्तनों में दूध नहीं उबालें। दरअसल ज्योत‌िषशास्‍त्र में दूध का कारक ग्रह चन्द्रमा है और राहु एल्युम‌िन‌ियम का। राहु और चन्द्रमा का संयोग अशुभ प्रभाव देता है जो आपके स्वास्‍थ्‍य के ल‌िए हान‌िकारक होता है।


रसोई घर से लगा हुआ बाथरुम और टॉयलेट नहीं होना। यह नकारात्मक उर्जा को घर में बढ़ाता है और रोग का कारक होता है।