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Saturday 15 February 2020

गोमती चक्र के चमत्कारी उपाय जो बदल दे भाग्य

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जीवन में अनेक तरह की बाधाएं हमारा पीछा करती हैं, कुछ बाधाएं तो हम स्‍वयं सुलझा लेते हैं, कुछ चिकित्‍सा जगत सुलझा देता है और कुछ के लिए तंत्र-मंत्र का सहारा लेना पड़ता है।

गोमती चक्र एक ऐसा ही पत्‍थर है जो मनुष्‍य को बाधाओं के भंवरजाल से उबार लेने में सक्षम है। इसकी उत्‍पत्ति समुद्र मंथन के दौरान हुई। जब देव-दानव मंदराचल पर्वत मथ रहे थे, रगड़ व गर्जना से पृथ्‍वी व्‍याकुल होकर गाय के रूप में भगवान विष्‍णु के समक्ष उपस्थित हुई और अपनी पीड़ा कही। भगवान ने अपना चक्र चलाया और समुद्र में चक्रवाती गोलाकार तरंग उठने लगी, उसके भंवर में फंसकर मंदराचल भी पृथ्‍वी से ऊपर उठकर बड़ी तेजी से घूमने लगा। उसकी सतह से अनेक मणि, बहुमूल्‍य धातुएं, शंख आदि निकल कर बाहर आने लगे। उसके घर्षण से कुछ कीमती रत्‍न, पत्‍थर आदि पिघल कर पानी के ऊपर आ गए और धीरे-धीरे ठंडे होते गए। समुद्र में बड़ा भंवर बन गया था जिसमें घूम-घूम कर ये वस्‍तुएं गोल होती गईं। इनकी संख्‍या इतनी ज्‍यादा हो गई कि भंवर हल्‍का होने लगा, अंतत: मंथन रोकना पड़ा।

गोमती चक्र की बनावट

को देखा जाये तो उसके

ऊपर चिकने भाग पर हिन्दी के ७ का अंक
बना मिलता है,वर्तमान के ज्योतिषियों के अनुसार यह अंक राहु
का अंक कहा जाता है और पानी की वस्तु
जिसे चन्द्रमा का रूप दिया जाता है उसके अन्दर इस अंक के होने से
यह राहु कृत प्रभावो को दूर रखने के लिये
अपनी युति को प्रदान करता है साथ
ही बेकार की शंका को दूर रखने मे सहायक
होता है,जिनकी कुंडली मे राहु चन्द्र
की युति होती है वह इसे
चांदी की अंगूठी या पेंडल मे
बनवाकर धारण कर सकते है।
होली, दिवाली और नव रात्रों आदिपर
गोमती चक्र की विशेष
पूजा होती है। सर्वसिद्धि योग, अमृत योग और रविपुष्य
योग आदि विभिन्न मुहूर्तों पर गोमती चक्र
की पूजा बहुत फलदायक होती है।
उपाय
1.गोमती चक्र की भस्म शहद मे मिलाकर
पैरो के नाखून मे लगाने के बाद वात का दर्द दूर होता देखा गया है। साथ
ही पैर के अंगूठे मे लगाने के बाद नेत्र
ज्योति भी बढती देखी गयी है।
2.गोमती चक्र कम कीमत वाला एक
ऐसा पत्थर है जो गोमती नदी मे मिलता है।
विभिन्न तांत्रिक कार्यो तथा असाध्य रोगों में इसका प्रयोग होता है।
असाध्य रोगों को दुर करने तथा मानसिक शान्ति प्राप्त करने के लिये
लगभग 10 गोमती चक्र लेकर रात को पानी में
डाल देना चाहिऐ। सुबह उस
पानी को पी जाना चाहिऐ । इससे पेट संबंध के
विभिन्न रोग दुर होते है।
3.धन लाभ के लिऐ 11 गोमती चक्र अपने पुजा स्थान मे
रखना चाहिऐ उनके सामने ॐ श्री नमः का जाप
करना चाहिऐ। इससे आप जो भी कार्य करेंगे उसमे
आपका मन लगेगा और सफलता प्राप्त होगी ।
किसी भी कार्य को उत्साह के साथ करने
की प्रेरणा मिलेगी।
4.गोमती चक्रों को यदि चांदी अथवा किसी अन्य
धातु की डिब्बी में सिंदुर तथा अक्षत डालकर
रखें तो ये शीघ्र फलदायक होते है।
5. यदि घर में भूत-प्रेतों का उपद्रव हो तो दो गोमती चक्र
लेकर घर के मुखिया के ऊपर घुमाकर आग में डाल दें तो घर से भूत-
प्रेत का उपद्रव समाप्त हो जाता है।
6.यदि घर में
बीमारी हो या किसी का रोग शांत
नहीं हो रहा हो तो एक गोमती चक्र लेकर
उसे चांदी में पिरोकर रोगी के पलंग के पाये पर
बांध दें। उसी दिन से रोगी को आराम मिलने
लगता है।
7. प्रमोशन नहीं हो रहा हो तो एक
गोमती चक्र लेकर शिव मंदिर में शिवलिंग पर चढ़ा दें और
सच्चे ह्रदय से प्रार्थना करें। निश्चय ही प्रमोशन के
रास्ते खुल जाएंगे।

जल के निचले सतह यानी जल के भीतर पृथ्‍वी के ऊपरी सतह पर जो रत्‍न- धातु मिला, उसे गोमती चक्र कहा गया। यह मूल रूप से गोमती नदी में मिलता है और बहुत सस्‍ता होता है। समुद्र मंथन के दौरान घर्षण व रासायनिक संयोग के चलते इसमें अद्भुत शक्तियों का समावेश हो गया। माना जाता है कि वरुण देवता व पृथ्‍वी माता के आशीर्वाद से इसमें तमाम तरह की बाधाएं समाप्‍त करने व धन संपदा में वृद्धि की शक्तियां प्रवेश कर गईं।

तंत्र शास्‍त्र के पंडित इसे सिद्ध कर और दिव्‍य बना देते हैं। कुछ लोग इसे स्‍वत: सिद्ध बताते हैं लेकिन कुछ लोगों के अनुसार इसे सिद्ध करने के लिए होलिका दहन, दीपावली, अमावस्‍या व नवरात्र में इसकी विशेष पूजा की जाती है।

गोमती चक्र के लाभ गोमती चक्र मानसिक शांति प्रदान करने साथ ही रोग व भय से मुक्ति दिलाता है। दरिद्रता का नाश करता है, अनेक प्रकार की समस्‍याओं के समाधान का मार्ग सुझाता है जैसे मुकदमा, प्रेत बाधा, संतान व धन प्राप्ति में आड़े आ रही बाधाओं को दूर करता है। घर में हमेशा सुख-शांति के लिए गुरुपुष्य योग, सर्वसिद्धि योग व रविपुष्य योग में इसकी पूजा करने का विधान है। मारण, सम्‍मोहन, वशीकरण, स्थम्‍भन, उच्चाटन, व्यापार वृद्धि, स्थिर लक्ष्मी, शत्रु भय व रोग आदि में इसका प्रयोग प्रभावी है। यदि इसे अभिमंत्रित कर लिया जाए तो इसका प्रयोग सौ गुना बढ़ जाता है।

गोमती चक्र के प्रयोग -

दस गोमती चक्र लेकर रात को पानी में डाल दें। सुबह उसे पी लेने से अनेक प्रकार के असाध्‍य रोग दूर हो जाते हैं, मानसिक शांति मिलती है और उदर रोगों में लाभ होता है।

- शत्रुओं को परास्‍त करने के लिए के लिए शत्रु के नाम में मौजूद अक्षरों की संख्‍या में गोमती चक्र लें और उस पर शत्रु का नाम लिखकर जमीन में गाड़ देने से शत्रु परास्‍त हो जाएगा।
- नौकरी में प्रमोशन के लिए एक गोमती चक्र भगवान शिव को अर्पित कर कामना करने से प्रमोशन के रास्‍ते खुल जाते हैं।
-घर में सुख-शांति के लिए एक डिब्‍बी में लाल सिंदूर रखें और उसमें गोमती चक्र डालकर घर में रख दें।
- पति-पत्‍नी के बीच अनबन खत्‍म करने के लिए तीन गोमती चक्र लेकर घर के दक्षिण दिशा में "हलूं बलजाद" कहकर फेंक देने से लाभ मिलता है।
- शत्रु को मित्र बनाने के लिए होलिका दहन के दिन गोमती चक्र में थोड़ा सिंदूर लगाकर शत्रु का नाम लेते हुए उसे जलती हुई होलिका में फेंक दें।
- हमेशा बीमार या अस्‍वस्‍थ रहने वाले व्‍यक्ति को चाहिए कि किसी भी माह के चतुर्दशी के दिन पूजा घर में सफेद रेशमी वस्‍त्र बिछाकर उसपर 11 अभिमंत्रित गोमती चक्र रखे और सफेद चंदन से उसका तिलक कर भगवान मृत्‍युंजय से अपने स्‍वास्‍थ्‍य के लिए कामना करे। साथ ही सामर्थ्‍य के अनुसार महामृत्‍युंजय मंत्र का जप करे। जप के बाद छह चक्र उठा ले और किसी निर्जन स्‍थान पर जाकर तीन चक्र अपने ऊपर नेवछ कर पीछे फेंक दे, पीछे मुड़कर न देखे और सीधे चलता हुआ आगे निकल जाए। बचे तीन चक्र शिवलिंग पर चढ़ाकर प्रणाम करे और घर आ जाए। घर में बचे शेष पांच चक्रों में चार को चांदी के तार के साथ पलंग के चारो पायों में बांध दे और एक चक्र को ताबीज की शक्‍ल में गले में धारण कर ले।
- नजर उतारने के लिए किसी भी माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा को पूजा गृह में मां दुर्गा का चित्र रखकर उसके सामने लाल या हरा रेशमी वस्‍त्र बिछाएं और उसपर ११ अभिमंत्रित गोमती चक्र रखें। रोली आदि से तिलक करके पांच अगरबत्‍ती जलाकर मां दुर्गा को दिखाएं। इसके बाद मां दुर्गा के किसी भी मंत्र का जप कर अगरबत्‍ती से गिरे भभूत को गोमती चक्रों का तिलक करें। नवमी के दिन तीन चक्र नजर लगे व्‍यक्ति को नेवछ कर घर के दक्षिण दिशा में फेंक दें। हरे वस्‍त्र में एक चक्र बांधकर मां दुर्गा से स्‍पर्श कराकर गले में ताबीज के रूप में धारण करें। शेष सभी चक्रों को नजर लगे व्‍यक्ति के पुराने धुले हुए कपड़े में बांधकर घर में सुरक्षित रख दें। यदि किसी को जल्‍दी-जल्‍दी नजर लगती है तो पांच गोमती चक्र लें और सुनसान स्थान पर चले जाएं, वहां तीन चक्रों को अपने ऊपर सात बार नेवछ कर पीछे फेंक दें और बिना पीछे देखे चले आएं, शेष चक्रों को बहते जल में प्रवाहित कर दें।
- बच्‍चों का भय दूर करने के लिए किसी भी माह के शुक्‍ल पक्ष के प्रथम मंगलवार को एक अभिमंत्रित गोमती चक्र हनुमानजी को अर्पित करना चाहिए। अर्पित करने से पहले हनुमानजी के दाएं कंधे के सिंदूर से गोमती चक्र का तिलक कर देना चाहिए। अर्पित करने के बाद एक बार हनुमान चालीसा का पाठ करें और गोमती चक्र को लाल कपड़े में बांधकर बच्‍चे के गले में धारण कराएं।
- बहुत ज्‍यादा मेहनत करने के बाद भी यदि बरकत नहीं हो रही है तो किसी भी माह के शुक्ल पक्ष के प्रथम गुरुवार को 21 अभिमंत्रित गोमती चक्र लें। । पूजा घर में मां लक्ष्मी व भगवान विष्णु की तस्वीर स्‍थापित करें और उसके सामने पीला रेशमी वस्‍त्र बिछाकर गोमती चक्र उसपर रख दें। उसे रोली से तिलक करें। इसके बाद भगवान से अपने घर में स्‍थायी निवास करने के लिए निवेदन व समृद्धि की प्रार्थना करें। तत्‍पश्‍चात हल्दी की माला से “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” मंत्र का तीन माला जप करें। जप सवा महीने नियमित होना चाहिए। जप के अंतिम दिन किसी वृद्ध व नौ वर्ष से कम उम्र की एक बच्‍ची को भोजन कराएं और दक्षिणा देकर विदा करें।
- यदि व्यवसाय में घाटा हो रहा हो या अपेक्षित लाभ नहीं हो रहा हो तो किसी भी माह के शुक्ल पक्ष के प्रथम गुरुवार को 3 गोमती चक्र, 3 कौड़ी व 3 हल्दी की गांठ को अभिमंत्रित कर पीले कपड़े में बांधकर जहां पैसा रखते हैं, वहां रख दें।
- अचानक आर्थिक हानि से बचने के लिए किसी भी माह के प्रथम सोमवार को 21 अभिमंत्रित गोमती चक्रों को पीले या लाल रेशमी कपड़े में बांधकर धन वाले स्‍थान पर रख दें, उसका हल्दी से तिलक करने के बाद मां लक्ष्मी का स्मरण करते उस बांधे हुए गोमती चक्र को लेकर पूरे घर में घूमें और बाहर निकलकर किसी मंदिर में उसे रख दें।
- आशातीत आर्थिक सफलता के लिए अभिमंत्रित गोमती चक्र और काली हल्‍दी को पीले कपड़े में बांधकर धन वाले स्‍थान पर रखा जाता है।
- अधिक खर्च से बचने के लिए शुक्रवार को 21 अभिमंत्रित गोमती चक्र पीले या लाल वस्त्र पर रखकर उसकी धूप-दीप से पूजा करें। दूसरे दिन उसमें से चार गोमती चक्र घर के चारों कोनों में गाड़ दें। 13 चक्रों को लाल वस्त्र में बांधकर धन स्थान पर रख दें। बाकी बचे गोमती चक्र अपनी समस्‍या के निराकरण की कामना के साथ किसी मंदिर में चढ़ा दें।
- यदि अप्रत्‍यक्ष शत्रु ज्‍यादा हों और व्‍यवसाय पर किसी की काली नजर लग गई हो तो 21 अभिमंत्रित गोमती चक्र व तीन छोटे नारियल को पूजा करने के बाद पीले वस्‍त्र में बांधकर घर के दरवाजे पर लटका दें।
- गोमती चक्र को चांदी या अन्‍य धातु की डिब्‍बी में सिंदूर व चावल मिलाकर रखने से फल शीघ्र मिलता है। - व्‍यापारिक सफलता के लिए दो गोमती चक्र को कपड़े में बांधकर दुकान के दरवाजे पर लटका दें।
- 11 गोमती चक्र पूजा घर में रखकर उसके सामने ‘श्री नम:’ का जप करने से आमदनी बढ़ती है।
- किसी महिला को बार-बार गर्भ गिरने की समस्‍या हो तो दो गोमती चक्र लाल कपड़े में बांधकर उस महिला के कमर में बांध दें। समस्‍या दूर हो जाएगी।
- मुकदमे के सि‍लसिले में घर से निकलने के पूर्व घर के बाहर गोमती चक्र रखें और उसपर दायां पांव रखकर आगे बढ़ें तो सफलता मिलती है।
- बच्‍चों को नजर से बचाने के लिए गोमती चक्र चांदी में जड़वाकर उसके गले में पहनाना चाहिए।
- दो गोमती चक्र घर के मुखिया के ऊपर से घुमाकर आग में डालने से घर से भूत-प्रेत भाग जाते हैं।

गोमती चक्र के टोटके तांत्रिक प्रयोग उपाय

कोई भी साधक गोमती चक्र के टोटके तांत्रिक प्रयोग उपाय मंत्र यन्त्र को सिद्ध/अभिमंत्रित कर के किसी भी कार्य को सम्पन कर सकता है और इसके बहुत से फायदे/बेनिफिट्स के अनुसार इसका उपयोग किया जा सकता है| गोमती चक्र का उल्लेख हमारे धर्म ग्रंधों में विशेष रूप से किया गया है, ऐसा माना जाता है कि समुद्र मंथन के समय विष्णु जी ने अपने महाशक्तिशाली चक्र का प्रयोग करते हुए समुद्र में भयंकर चक्रीय तरंगे उत्पन्न कर दी थी| इसके प्रभाव से मंदराचल पर्वत जोर-जोर से घुमने लगा और समुद्र से वस्तुएं बहुत सी बहुमूल्य वस्तुएं छिटक कर बाहर गिरने लगीं| गोमती चक्र का निर्माण जल के नीचले तल और धरती माँ की ऊपरी सतह के बीच होने के कारण इसमें अद्भुत रसायन और दिव्य शक्ति समाविष्ट हो गयी हैं| इसलिए गोमती चक्र के तांत्रिक प्रयोग बहुत ही प्रभाशाली हो गए हैं| अगर आप गोमती चक्र के तांत्रिक प्रयोग से आपने कार्य की सिद्धि करना चाहते हैं तो आपको इससे शीघ्र से सफलता हासिल हो सकती है|

गोमती चक्र के टोटके तांत्रिक प्रयोग उपाय

गोमती चक्र के वशीकरण टोटके उपाय:- गोमती चक्र के टोटके से आप धन, परिवार, कोट-कचहरी, बीमारी, भूत-प्रेत, शत्रु-समाधान, वशीकरण आदि से सम्बंधित समस्याओं का समाधान प्राप्त कर सकते हैं. गोमती चक्र को दीवाली, नवरात्र और होली के दिन पूजा करके अभिमंत्रित किया जाता है| गोमती चक्र की ग्रहण वाले दिन या अमावस्या को विशेष पूजा की जाती है| इस तरह से गोमती चक्र की पूजा करने से कार्य जल्द ही संपन्न हो जाते हैं और सुख-सम्रद्धि की प्राप्ति होती है. कुछ विशेष मुहर्त भी होते हैं जब गोमती चक्र के प्रयोग से तांत्रिक सिद्धि की जाती है. रविपुष्य योग, सर्वसिद्धि योग और गुरुपुष्य योग पर गोमती चक्र की पूजा का विशेष महत्व है| तांत्रिक प्रक्रियाएं जैसे – वशीकरण, स्तम्भन, सम्मोहन, मारण, उच्चाटन में इसका प्रयोग किया जाता है|

गोमती चक्र तांत्रिक प्रयोग:-

गोमती चक्र के तांत्रिक प्रयोग की सहायता से हर प्रकार की बाधा से मुक्ति पायी जा सकती है. गोमती चक्र गोमती नदी से प्राप्त किया जाता है. चूँकि ये पत्थर गोमती नदी में पाया जाता है, इसलिए इसको गोमती चक्र के नाम से जाना जाता है. इसके प्रयोग से बड़े उद्देश्यों की पूर्ति की जा सकती है साथ ही असाध्य रोगों का उपचार भी किया जा सकता है| अगर आप रोगों से मुक्ति पाने में असमर्थ हैं तो आप गोमती चक्र के तांत्रिक प्रयोग अवश्य करें. असाध्य रोगों से मुक्ति के लिए तथा चिंता से मुक्ति के लिए आप रात में एक बर्तन में पानी लेकर उसमे दस गोमती चक्र डाल दें. सुबह उठकर ये पानी पी लें. इस छोटे से प्रयोग से आपको हर तरह की बीमारी से छुटकारा मिल जायेगा|

गोमती चक्र से शत्रुता समाप्त करना:-

अगर आपके शत्रु आपको बार-बार परेशान कर रहे हैं तो आप गोमती चक्र से उनसे आसानी से छुटकारा पा सकते हैं. इसके लिए आप एक गोमती चक्र लें और इस पर अपने शत्रु का नाम लिख दें. अब इसे किसी सुने स्थान पर जा कर गाड़ दें. इस तरह के आसान से प्रयोग से आपका कोई भी शत्रु आपको परेशान करना छोड़ देगा और मैत्री के लिए हाथ आगे बढ़ाने लगेगा| किसी शत्रु ने मन से शत्रुता समाप्त करने के लिए आप गोमती चक्र के तांत्रिक प्रयोग के अंतर्गत होली के दिन ये प्रयोग करें. आप होली के दिन गोमती चक्र पर थोड़ा सा सिंदूर लगा दें. अब अपने शत्रु का नाम उच्चारित करें और उस गोमती चक्र को जलती हुई होलिका में डाल दें. इस प्रयोग से आपकी शत्रुता मित्रता में बदल जाएगी|

गोमती चक्र से सफलता पाना:-

कभी बहुत प्रयास करने पर भी प्रमोशन के सभी प्रयास असफ़ल हो जाते हैं. ऐसे में गोमती चक्र का प्रयोग आपके लिए वरदान साबित हो सकता है. आप एक आसान सा गोमती चक्र का प्रयोग करें. आप किसी शिवमंदिर में जाकर शिवलिंग के ऊपर गोमती चक्र चढ़ा दें. अपने प्रभु से प्रार्थना करें कि वे आपको आपकी नौकरी में तरक्की दें. इस प्रयोग पर आपको जल्दी ही सफलता मिलने लगेगी|


गोमती चक्र से गृह-क्लेश से मुक्ति, पति-पत्नी में मन मुटाव दूर करना:-

गृह-क्लेश से मुक्ति के लिए भी गोमती चक्र के तांत्रिक प्रयोग किये जाए हैं. अगर आपके घर में वाद-विवाद होता रहता हो. हर बात पर झगड़ा और पति-पत्नी में मन मुटाव रहता हो तो आपको गोमती चक्र एक सिंदूर की डिबिया में रखना चाहिए. इस प्रयोग से आपके घर में शांति का वास होगा और घर के सभी सदस्य शांति पूर्वक घर में रहेंगे| पति-पत्नी घर की बुनियाद होते हैं. अगर पति या पत्नी में से कोई भी सहयोग नही करता तो घर में शांति और प्यार को कायम रख पाना बहुत मुश्किल हो जाता है. अगर आप ऐसी ही किसी स्थिति में हैं तो आपको गोमती चक्र को “हलूं बल्जाद” बोलकर दक्षिण दिशा की ओर फैक देना चाहिए|

गोमती चक्र से बुरी नजर बचाव:-

आप बुरी नज़र से बचाव के लिए भी गोमती चक्र का प्रयोग कर सकते हैं. अगर आपको ज्यादा नज़र लगती है तो किसी भी सुनसान स्थान पर जाकर ख़ुद के सिर के ऊपर से 7 बार फिराकर पीछे की तरफ़ फैक दें और बिना पीछे मुड़े घर आ जाएँ. इस आसन से प्रयोग से आपको नज़र लगने की समस्या से निजात मिल जायेगा| भय से मुक्ति के लिए भी आप गोमती चक्र का प्रयोग कर सकते हैं. अगर आपके घर में कोई बच्चा डरता है तो आपको ये प्रयोग करना चाहिए. आप किसी मंगलवार को हनुमान मंदिर में हनुमान जी की मूर्ति के दायें कंधे से सिंदूर निकाल लें अब इससे गोमती चक्र पर लगाकर वहीँ उनके चरणों में रखें. इसके बाद आप हनुमान चालीसा पढ़ें. अब गोमती चक्र को एक लाल कपड़ा लेकर उससे बांध दें. जिस भी बच्चे को डर परेशान कर रहा है आप उसके गले में ये डाल दें|

गोमती चक्र को अभिमंत्रित कैसे करे:-

धन हानि से बचने के लिए आप गोमती चक्र के तांत्रिक प्रयोग कर सकते हैं. 21 गोमती चक्र को अभिमंत्रित कर आप महीने के पहले सोमवार को लाल या पीले रंग के रेशमी में बांधकर अपनी तिजोरी में रखें. इस पोटली के ऊपर हल्दी से तिलक कर दें. इस प्रयोग से आपके घर में धन की हानि रुक जाएगी और माता लक्ष्मी की कृपा हमेशा बनी रहेगी| अपने व्यापार में अगर आप लाभ प्राप्त करना चाहते हैं तो आप ये उपाय कर सकते हैं. आप दो गोमती चक्रों को बांधकर अपनी दुकान की चौखट पर लटका दें. इस टोटके को करने पर आपके व्यापार में दिन-ब-दिन तरक्की होती चली जाएगी|

गोमती चक्र से स्त्री का गर्भ धारण करना/भूत-प्रेत से मुक्ति:-

जिस स्त्री का गर्भ बार-बार गिर जाता हो उन्हें इस प्रयोग को करना चाहिए. बार-बार गर्भ के गिरने की समस्या के लिए 2 गोमती चक्र लेकर उन्हें स्त्री की कमर से बांध देना चाहिए| किसी घर में अगर सदस्यों को भूत-प्रेत सता रहे हों तो गोमती चक्र के तांत्रिक प्रयोग से इसका समाधान इस तरह किया जा सकता है.
2 गोमती चक्रों को घर के मुख्य सदस्य के सिर से घुमाएँ और अग्नि में डाल दें. इस प्रयोग को करने से भूत-प्रेत बाधा से मुक्ति मिलती है|

कोई भी मनुष्य गोमती चक्र के टोटके तांत्रिक प्रयोग उपाय मंत्र यन्त्र को सिद्ध/अभिमंत्रित कर के किसी भी कार्य को सम्पन कर सकता है और इससे होने वाले फायदे/बेनिफिट्स का लाभ प्राप्त कर सकता है| गोमती चक्र का प्रयोग कर आप किसी को भी दुश्मन, प्रेमी, पति, पत्नी, दोस्त, सौतन इत्यादि को अपने काबू/वश में किया जा सकता है | इसके लिए पहले इसको अभिमंत्रित करना पड़ता है इसके बाद आपकी जरुरत के अनुसार ये आपको सफलता प्रदान करेगा | यदि किसी भी समस्या का समाधान गोमती चक्र द्वारा प्राप्त करना चाहते हो तो संपर्क करे और जीवन में आंनद पाए |