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Thursday 17 January 2019

क्यूँ करे कुलदेवता कुलदेवी की पूजा, kyo kare kuldevta ki pooja

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क्यूँ करे कुलदेवता कुलदेवी की पूजा



कौन है ? कुलदेवता/कुलदेवी पूजा क्यो करनी चाहिये ?



हिन्दू पारिवारिक आराध्य व्यवस्था में कुल देवता/कुलदेवी का स्थान सदैव से रहा है।



प्रत्येक हिन्दू परिवार किसी न किसी ऋषि के वंशज हैं जिन से उन के गोत्र का पता चलता है।





बाद में कर्मानुसार इन का विभाजन वर्णों में हो गया विभिन्न कर्म करने के लिए जो बाद में उन की विशिष्टता बन गया और जाति कहा जाने लगा।



हर जाति वर्ग ,किसी न किसी ऋषि की संतान है , और उन मूल ऋषि से उत्पन्न संतान के लिए वे ऋषि या ऋषि पत्नी कुलदेव / कुलदेवी के रूप में पूज्य हैं।



पूर्व के हमारे कुलों अर्थात पूर्वजों के खानदान के वरिष्ठों ने अपने लिए उपयुक्त कुल देवता अथवा कुलदेवी का चुनाव कर उन्हें पूजित करना शुरू किया था।



जिससे कि एक आध्यात्मिक और पारलौकिक शक्ति कुलों की रक्षा करती रहे ! जिस से उनकी नकारात्मक शक्तियों/ऊर्जाओं और वायव्य बाधाओं से रक्षा होती रहे तथा वे निर्विघ्न अपने कर्म पथ पर अग्रसर रह उन्नति करते रहें।




समय क्रम में परिवारों के एक दुसरे स्थानों पर स्थानांतरित होने ,धर्म परिवर्तन करने आक्रान्ताओं के भय से विस्थापित होने।



जानकार व्यक्ति के असमय मृत होने संस्कारों के क्षय होने ,विजातीयता पनपने ,इन के पीछे के कारण को न समझ पाने आदि के कारण बहुत से परिवार अपने कुल देवता /देवी को भूल गए अथवा उन्हें मालूम ही नहीं रहा की उन के कुल देवता /देवी कौन हैं या किस प्रकार उनकी पूजा की जाती है।





इन में पीढ़ियों से नगरों में रहने वाले परिवार अधिक हैं ,कुछ स्वयंभू आधुनिक मानने वाले और हर बात में वैज्ञानिकता खोजने वालों ने भी अपने ज्ञान के गर्व में अथवा अपनी वर्त्तमान अच्छी स्थिति के गर्व में इन्हें छोड़ दिया या इन पर ध्यान नहीं दिया।



कुल देवता /देवी की पूजा छोड़ने के बाद कुछ वर्षों तक तो कोई ख़ास अंतर नहीं समझ में आता किन्तु उस के बाद जब सुरक्षा चक्र हटता है।



तो परिवार में दुर्घटनाओं नकारात्मक ऊर्जा ,वायव्य बाधाओं का बेरोक-टोक प्रवेश शुरू हो जाता है।




उन्नति रुकने लगती है पीढ़िया अपेक्षित उन्नति नहीं कर पाती ,संस्कारों का क्षय ,नैतिक पतन कलह, उपद्रव ,अशांति शुरू हो जाती हैं।



व्यक्ति कारण खोजने का प्रयास करता है, कारण जल्दी नहीं पता चलता क्यों कि व्यक्ति की ग्रह स्थितियों से इन का बहुत मतलब नहीं होता है।



अतः ज्योतिष आदि से इन्हें पकड़ना मुश्किल होता है , भाग्य कुछ कहता है ,और व्यक्ति के साथ कुछ और घटता है।





कुल देवता या देवी हमारे वह सुरक्षा आवरण हैं ! जो किसी भी बाहरी बाधा नकारात्मक ऊर्जा के परिवार में अथवा व्यक्ति पर प्रवेश से पहले सर्व-प्रथम उस से संघर्ष करते हैं और उसे रोकते हैं।



यह पारिवारिक संस्कारों और नैतिक आचरण के प्रति भी समय समय पर सचेत करते रहते हैं।



यही किसी भी ईष्ट को दी जाने वाली पूजा को ईष्ट तक पहुचाते हैं।



यदि इन्हें पूजा नहीं मिल रही होती है ,तो यह नाराज भी हो सकते हैं ,और निर्लिप्त भी हो सकते हैं।



ऐसे में आप किसी भी ईष्ट की आराधना करे वह उस ईष्ट तक नहीं पहुँचता।



क्यो कि सेतु कार्य करना बंद कर देता है ! बाहरी बाधाये ,अभिचार आदि नकारात्मक ऊर्जा बिना बाधा व्यक्ति तक पहुचने लगती है।



कभी-कभी व्यक्ति या परिवारों द्वारा दी जा रही ईष्ट की पूजा कोई अन्य बाहरी वायव्य शक्ति लेने लगती है।



अर्थात पूजा न ईष्ट तक जाती है ,न उस का लाभ मिलता है।



ऐसा कुलदेवता की निर्लिप्तता अथवा उन के कम शशक्त होने से होता है।



कुलदेवता या देवी सम्बंधित व्यक्ति के पारिवारिक संस्कारों के प्रति संवेदनशील होते हैं , और पूजा पद्धति ,उलट-फेर ,विधर्मीय क्रियाओं अथवा पूजाओं से रुष्ट हो सकते हैं।



सामान्यतया इन की पूजा वर्ष में एक बार अथवा दो बार निश्चित समय पर होती है ,यह परिवार के अनुसार भिन्न समय होता है ,और भिन्न विशिष्ट पद्धति होती है।



शादी-विवाह-संतानोत्पत्ति आदि होने पर इन्हें विशिष्ट पूजाएँ भी दी जाती हैं।



यदि यह सब बंद हो जाए तो या तो यह नाराज होते हैं ! या कोई मतलब न रख मूकदर्शक हो जाते हैं ,और परिवार बिना किसी सुरक्षा आवरण के पारलौकिक शक्तियों के लिए खुल जाता है।



परिवार में विभिन्न तरह की परेशानियां शुरू हो जाती हैं ! अतः प्रत्येक व्यक्ति और परिवार को अपने कुल देवता या देवी को जानना चाहिए तथा यथायोग्य उन्हें पूजा प्रदान करनी चाहिए।



जिससे परिवार की सुरक्षा उन्नति होती रहे।


बेड के नीचे रखे ये चीज़े और बदलेकिस्मत, bed ke neeche rakhe ye cheeje

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अगर आप सितारे बदलना चाहते हैं तो अपने बेड पर आराम करते हुए भी बदल सकते हैं |. ये आपको अजीब लग रहा होगा कि ये कैसे हो सकता है? लेकिन ये सच है क्योंकि ज्योतिष के अनुसार कुछ ऐसे उपाय होते है जो बेड पर सोकर भी कर सकते हैं जिनसे किस्मत बदली जा सकती हैं. जानें कैसे –

* अगर आपकी कुंडली में सूर्य अशुभ है व उसका कुप्रभाव आपको परेशान कर रहा है तो पलंग के नीचे तांबे के पात्र में जल या तकिए के नीचे लाल चंदन रखें |.



* यदि चंद्र से परेशान हों तो पलंग के नीचे चांदी के बर्तन में जल रखें या चांदी के आभूषण धारण करें |.

* यदि कुंडली में मंगल अशुभ है तो पलंग के नीचे कांसे के बर्तन में जल रखें या सोने-चांदी मिश्रित आभूषण तकिए के नीचे रखें |.

* यदि आप बुध से परेशान हों तो तकिए के नीचे सोने के आभूषण रखें |.

* गुरु से परेशान हों तो पलंग के नीचे पीतल के बर्तन में जल रखें या हल्दी की गांठ पीले कपड़े में बांधकर तकिए के नीचे रखें |.


* शुक्र से संतप्त हों तो चांदी की मछली बनाकर तकिए के नीचे रखें या पलंग के नीचे चांदी के पात्र में जल रखें |.

* शनि से संतप्त हों तो लोहे के पात्र में पलंग के नीचे जल रखें या तकिए के नीचे लोहा या नीलम रखें।


सेल्फी फ़ोटो से खोले किस्मत Selfie photo se khole kismat

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हम लोग जो सेल्फी लेते है वो भी हमारे जीवन के कई राज खोलती है आप के चेहरे को देख कर आप के बारे में काफी कुछ बाते पता चल सकती है।यदि आप किसी परेशानी से जूझ रहे है तो अपनी सेल्फी द्वारा कैसे उस परेशानी से निजात पाये।







सेल्फी के कुछ आजमाए हुए प्रयोग-



1.आप को यदि अपने कामों में सफलता नही मिल रही है। योग्यता के अनुसार कार्यक्षेत्र नही मिल पा रहा है तो आप उगते सूर्य के साथ अपनी सुन्दर सेल्फी लीजिये ओर बेडरूम में पूर्व दिशा की दीवार पर टांग दीजिये तथा नित्य सबसे पहले इसे 6 मिनिट लगातार देखिये ओर उत्तम कार्यक्षेत्र की कामना कीजिये।



2.यदि आप से सब ही अकारण नाराज़ रहते है तो आप फूलों के साथ सेल्फी लीजिये ओर प्रेम की दिशा उत्तर-पूर्व में फ़ोटो फ्रेम करवा कर टांग दीजिये ओर नित्य 7 मिनिट प्रेम से खुद को निहारिये।



3.आप के जीवन मे स्थायित्व नही है तो पहाड़ के साथ सेल्फी लीजिये ओर कक्ष में दक्षिण दिशा की तरफ पर फ़ोटो बनवा कर किसी अलमारी में रखिये दीवार पर नही टांगना है।और नित्य खुद को बरगद की मिट्टी का तिलक लगाइए ओर स्थायित्व की 9 मिनिट तक कामना कीजिये।



4.आप पर यदि खर्चा कमाई से भारी पड़ रहा है तो हनुमान मंदिर के साथ सेल्फी लेकर दक्षिण की तरफ अलमारी में रखिये ओर खुद को गुड़ का भोग लगा कर नित्य 9 मिनिट निहारिये ओर ऐसी कामना कीजिये कि कर्ज समाप्त हो रहा है।



5.आपको आर्थिक परेशानी है तो किसी पीपल के पेड़ के साथ सेल्फी लीजिये ओर फ्रेम करवा कर पश्चिम की दीवार पर फ़ोटो टांगना है।नित्य 8 मिनिट स्वयं से यह कहना है कि आप धनवान है।सिर्फ इतना ही कहना अपनी तरफ से कोई शब्द नही जोड़ें।



6.गणेश जी साथ सेल्फी लेने से अभिचार कर्म से बचा जा सकता है।वॉर गुरुवार दोपहर बाद सेल्फी लेवे।



7.जीवन मे कोई खुशी नही है जीवन निराश है तो खुद को किसी हरे घास के मैदान में खड़ा करके फिर सुबह जल्दी जब सूर्य उग जाए तब बुधवार को सेल्फी लेकर फोन में वालपेपर में लगा ले सुबह नित्य इसके दर्शन करें।जीवन मे खुशियां उत्पन्न होनी शुरू हो जाएगी।