Jeevan Dharm

Jeevan-dharm is about our daily life routine, society, culture, entertainment, lifestyle.

Saturday 28 July 2018

सावन के सोमवार, किस चीज से पूजा करे

No comments :

श्रावण  मास के प्रत्येक सोमवार को शिवलिंग पर कुछ विशेष वास्तु अर्पित की जाती है जिसे शिवामुट्ठी कहते है।

1. प्रथम सोमवार को कच्चे चावल एक मुट्ठी,

2. दूसरे सोमवार को सफेद तिल् एक मुट्ठी,

3. तीसरे सोमवार को खड़े मूँग एक मुट्ठी,

4. चौथे सोमवार को जौ एक मुट्ठी और

5. यदि जिस मॉस में पांच सोमवार हो तो पांचवें सोमवार को सतुआ चढ़ाने जाते हैं।

यदि पांच सोमवार  न हो तो आखरी सोमवार को दो मुट्ठी भोग अर्पित करते है।

माना जाता है कि श्रावण मास में शिव की पूजा करने से सारे कष्ट खत्म हो जाते हैं। महादेव शिव सर्व समर्थ हैं। वे मनुष्य के समस्त पापों का क्षय करके मुक्ति दिलाते हैं। इनकी पूजा से ग्रह बाधा भी दूर होती है।

1. सूर्य से संबंधित बाधा है, तो विधिवत या पंचोपचार के बाद लाल { बैगनी } आक के पुष्प एवं पत्तों से शिव की पूजा करनी चाहिए।

2. चंद्रमा से परेशान हैं, तो प्रत्येक सोमवार शिवलिंग पर गाय का दूध अर्पित करें। साथ ही सोमवार का व्रत भी करें।

3. मंगल से संबंधित बाधाओं के निवारण के लिए गिलोय की जड़ी-बूटी के रस से शिव का अभिषेक करना लाभप्रद रहेगा।

4. बुध से संबंधित परेशानी दूर करने के लिए विधारा की जड़ी के रस से शिव का अभिषेक करना ठीक रहेगा।

5. बृहस्पति से संबंधित समस्याओं को दूर करने के लिए प्रत्येक बृहस्पतिवार को हल्दी मिश्रित दूध शिवलिंग पर अर्पित करना चाहिए।

6. शुक्र ग्रह को अनुकूल बनाना चाहते हैं, तो पंचामृत एवं घृत से शिवलिंग का अभिषेक करें।

7. शनि से संबंधित बाधाओं के निवारण के लिए गन्ने के रस एवं छाछ से शिवलिंग का अभिषेक करें।

8-9. राहु-केतु से मुक्ति के लिए कुश और दूर्वा को जल में मिलाकर शिव का अभिषेक करने से लाभ होगा।

शास्त्रों में मनोरथ पूर्ति व संकट मुक्ति के लिए अलग-अलग तरह की धारा से शिव का अभिषेक करना शुभ बताया गया है।

अलग-अलग धाराओं से शिव अभिषेक का फल- जब किसी का मन बेचैन हो, निराशा से भरा हो, परिवार में कलह हो रहा हो, अनचाहे दु:ख और कष्ट मिल रहे हो तब शिव लिंग पर दूध की धारा चढ़ाना सबसे अच्छा उपाय है।

इसमें भी शिव मंत्रों का उच्चारण करते रहना चाहिए।

1. वंश की वृद्धि के लिए शिवलिंग पर शिव सहस्त्रनाम बोलकर घी की धारा अर्पित करें।

2. शिव पर जलधारा से अभिषेक मन की शांति के लिए श्रेष्ठ मानी गई है।

3. भौतिक सुखों को पाने के लिए इत्र की धारा से शिवलिंग का अभिषेक करें।

4. बीमारियों से छुटकारे के लिए शहद की धारा से शिव पूजा करें।

5. गन्ने के रस की धारा से अभिषेक करने पर हर सुख और आनंद मिलता है।

6. सभी धाराओं से श्रेष्ठ है गंगाजल की धारा। शिव को गंगाधर कहा जाता है। शिव को गंगा की धार बहुत प्रिय है। गंगा जल से शिव अभिषेक करने पर चारों पुरुषार्थ की प्राप्ति होती है। इससे अभिषेक करते समय महामृत्युंजय मन्त्र जरुर बोलना चाहिए।

कार्य सिद्धि के लिए:--

1. हर ‍इच्छा पूर्ति के लिए हैं अलग शिवलिंग
पार्थिव शिवलिंग  हर कार्य सिद्धि के लिए।

2. गुड़ के शिवलिंग  प्रेम पाने के लिए।

3. भस्म से बने शिवलिंग सर्वसुख की प्राप्ति के लिए।

4. जौ या चावल या आटे के शिवलिंग  दाम्पत्य सुख, संतान प्राप्ति के लिए।

5. दही से बने शिवलिंग ऐश्वर्य प्राप्ति के लिए।

6. पीतल, कांसी के शिवलिंग मोक्ष प्राप्ति के लिए।

7. सीसा इत्यादि के शिवलिंग शत्रु संहार के लिए।

8. पारे के शिवलिंग अर्थ, धर्म, काम, मोक्ष के लिए।

पूजन में रखे इन बातों का ध्यान:--

1. सावन के महीने में शिवलिंग की करें | शिवलिंग जहां स्थापित हो पूरव् दिशा की ओर मुख करके ही बैठें।

2. शिवलिंग के दक्षिण दिशा में  बैठकर पूजन न  करें।

ये होता है अभिषेक का फल:--

1. दूध से अभिषेक करने पर परिवार में कलह, मानसिक पीड़ा में शांति मिलती है।

2. घी से अभिषेक करने पर वंशवृद्धि होती है।

3. इत्र से अभिषेक करने पर भौतिक सुखों की प्राप्ति होती है।

4. जलधारा से अभिषेक करने पर मानसिक शान्ति मिलती है।

5. शहद से अभिषेक करने पर परिवार में बीमारियों का अधिक प्रकोप नहीं रहता।

6. गन्ने के रस की धारा डालते हुये अभिषेक करने से आर्थिक समृद्धि व परिवार में सुखद माहौल बना रहता है।

7. गंगा जल से अभिषेक करने पर चारो पुरूषार्थ की प्राप्ति होती है।

8. अभिषेक करते समय महामृत्युंजय का जाप करने से फल की प्राप्ति कई गुना अधिक हो जाती है।

9. सरसों के तेल से अभिषेक करने से शत्रुओं का शमन होता।

ये भी मिलते हैं फल:--

9. बिल्वपत्र चढ़ाने से जन्मान्तर के पापों व रोग से मुक्ति मिलती है।

10. कमल पुष्प चढ़ाने से शान्ति व धन की प्राप्ति होती है।

11. कुशा चढ़ाने से मुक्ति की प्राप्ति होती है।

12. दूर्वा चढ़ाने से आयु में वृद्धि होती है।

13. धतूरा अर्पित करने से पुत्र रत्न की प्राप्ति व पुत्र का सुख मिलता है।

14. कनेर का पुष्प चढ़ाने से परिवार में कलह व रोग से निवृत्ति मिलती हैं।

15. शमी पत्र चढ़ाने से पापों का नाश होता, शत्रुओं का शमन व भूत-प्रेत बाधा से मुक्ति मिलती है।
हर हर महादेव



Ruchi Sehgal

2naina.com

No comments :



Ruchi Sehgal

Friday 27 July 2018

Free matrimonial website

No comments :



Ruchi Sehgal

Wednesday 25 July 2018

गोमती चक्र के टोटके तांत्रिक प्रयोग उपाय

No comments :
गोमती चक्र के टोटके तांत्रिक प्रयोग उपाय
गोमती चक्र के वशीकरण टोटके उपाय:- गोमती चक्र के टोटके से आप धन, परिवार, कोट-कचहरी, बीमारी, भूत-प्रेत, शत्रु-समाधान, वशीकरण आदि से सम्बंधित समस्याओं का समाधान प्राप्त कर सकते हैं. गोमती चक्र को दीवाली, नवरात्र और होली के दिन पूजा करके अभिमंत्रित किया जाता है| गोमती चक्र की ग्रहण वाले दिन या अमावस्या को विशेष पूजा की जाती है| इस तरह से गोमती चक्र की पूजा करने से कार्य जल्द ही संपन्न हो जाते हैं और सुख-सम्रद्धि की प्राप्ति होती है. कुछ विशेष मुहर्त भी होते हैं जब गोमती चक्र के प्रयोग से तांत्रिक सिद्धि की जाती है. रविपुष्य योग, सर्वसिद्धि योग और गुरुपुष्य योग पर गोमती चक्र की पूजा का विशेष महत्व है| तांत्रिक प्रक्रियाएं जैसे – वशीकरण, स्तम्भन, सम्मोहन, मारण, उच्चाटन में इसका प्रयोग किया जाता है|
गोमती चक्र तांत्रिक प्रयोग:-
गोमती चक्र के तांत्रिक प्रयोग की सहायता से हर प्रकार की बाधा से मुक्ति पायी जा सकती है. गोमती चक्र गोमती नदी से प्राप्त किया जाता है. चूँकि ये पत्थर गोमती नदी में पाया जाता है, इसलिए इसको गोमती चक्र के नाम से जाना जाता है. इसके प्रयोग से बड़े उद्देश्यों की पूर्ति की जा सकती है साथ ही असाध्य रोगों का उपचार भी किया जा सकता है| अगर आप रोगों से मुक्ति पाने में असमर्थ हैं तो आप गोमती चक्र के तांत्रिक प्रयोग अवश्य करें. असाध्य रोगों से मुक्ति के लिए तथा चिंता से मुक्ति के लिए आप रात में एक बर्तन में पानी लेकर उसमे दस गोमती चक्र डाल दें. सुबह उठकर ये पानी पी लें. इस छोटे से प्रयोग से आपको हर तरह की बीमारी से छुटकारा मिल जायेगा|
गोमती चक्र से शत्रुता समाप्त करना:-
अगर आपके शत्रु आपको बार-बार परेशान कर रहे हैं तो आप गोमती चक्र से उनसे आसानी से छुटकारा पा सकते हैं. इसके लिए आप एक गोमती चक्र लें और इस पर अपने शत्रु का नाम लिख दें. अब इसे किसी सुने स्थान पर जा कर गाड़ दें. इस तरह के आसान से प्रयोग से आपका कोई भी शत्रु आपको परेशान करना छोड़ देगा और मैत्री के लिए हाथ आगे बढ़ाने लगेगा| किसी शत्रु ने मन से शत्रुता समाप्त करने के लिए आप गोमती चक्र के तांत्रिक प्रयोग के अंतर्गत होली के दिन ये प्रयोग करें. आप होली के दिन गोमती चक्र पर थोड़ा सा सिंदूर लगा दें. अब अपने शत्रु का नाम उच्चारित करें और उस गोमती चक्र को जलती हुई होलिका में डाल दें. इस प्रयोग से आपकी शत्रुता मित्रता में बदल जाएगी| 
गोमती चक्र से सफलता पाना:-
कभी बहुत प्रयास करने पर भी प्रमोशन के सभी प्रयास असफ़ल हो जाते हैं. ऐसे में गोमती चक्र का प्रयोग आपके लिए वरदान साबित हो सकता है. आप एक आसान सा गोमती चक्र का प्रयोग करें. आप किसी शिवमंदिर में जाकर शिवलिंग के ऊपर गोमती चक्र चढ़ा दें. अपने प्रभु से प्रार्थना करें कि वे आपको आपकी नौकरी में तरक्की दें. इस प्रयोग पर आपको जल्दी ही सफलता मिलने लगेगी|
गोमती चक्र से गृह-क्लेश से मुक्ति, पति-पत्नी में मन मुटाव दूर करना:-
गृह-क्लेश से मुक्ति के लिए भी गोमती चक्र के तांत्रिक प्रयोग किये जाए हैं. अगर आपके घर में वाद-विवाद होता रहता हो. हर बात पर झगड़ा और पति-पत्नी में मन मुटाव रहता हो तो आपको गोमती चक्र एक सिंदूर की डिबिया में रखना चाहिए. इस प्रयोग से आपके घर में शांति का वास होगा और घर के सभी सदस्य शांति पूर्वक घर में रहेंगे| पति-पत्नी घर की बुनियाद होते हैं. अगर पति या पत्नी में से कोई भी सहयोग नही करता तो घर में शांति और प्यार को कायम रख पाना बहुत मुश्किल हो जाता है. अगर आप ऐसी ही किसी स्थिति में हैं तो आपको गोमती चक्र को “हलूं बल्जाद” बोलकर दक्षिण दिशा की ओर फैक देना चाहिए|
गोमती चक्र से बुरी नजर बचाव:-
आप बुरी नज़र से बचाव के लिए भी गोमती चक्र का प्रयोग कर सकते हैं. अगर आपको ज्यादा नज़र लगती है तो किसी भी सुनसान स्थान पर जाकर ख़ुद के सिर के ऊपर से 7 बार फिराकर पीछे की तरफ़ फैक दें और बिना पीछे मुड़े घर आ जाएँ. इस आसन से प्रयोग से आपको नज़र लगने की समस्या से निजात मिल जायेगा| भय से मुक्ति के लिए भी आप गोमती चक्र का प्रयोग कर सकते हैं. अगर आपके घर में कोई बच्चा डरता है तो आपको ये प्रयोग करना चाहिए. आप किसी मंगलवार को हनुमान मंदिर में हनुमान जी की मूर्ति के दायें कंधे से सिंदूर निकाल लें अब इससे गोमती चक्र पर लगाकर वहीँ उनके चरणों में रखें. इसके बाद आप हनुमान चालीसा पढ़ें. अब गोमती चक्र को एक लाल कपड़ा लेकर उससे बांध दें. जिस भी बच्चे को डर परेशान कर रहा है आप उसके गले में ये डाल दें|
गोमती चक्र को अभिमंत्रित कैसे करे:-
धन हानि से बचने के लिए आप गोमती चक्र के तांत्रिक प्रयोग कर सकते हैं. 21 गोमती चक्र को अभिमंत्रित कर आप महीने के पहले सोमवार को लाल या पीले रंग के रेशमी में बांधकर अपनी तिजोरी में रखें. इस पोटली के ऊपर हल्दी से तिलक कर दें. इस प्रयोग से आपके घर में धन की हानि रुक जाएगी और माता लक्ष्मी की कृपा हमेशा बनी रहेगी| अपने व्यापार में अगर आप लाभ प्राप्त करना चाहते हैं तो आप ये उपाय कर सकते हैं. आप दो गोमती चक्रों को बांधकर अपनी दुकान की चौखट पर लटका दें. इस टोटके को करने पर आपके व्यापार में दिन-ब-दिन तरक्की होती चली जाएगी|
गोमती चक्र से स्त्री का गर्भ धारण करना/भूत-प्रेत से मुक्ति:-
जिस स्त्री का गर्भ बार-बार गिर जाता हो उन्हें इस प्रयोग को करना चाहिए. बार-बार गर्भ के गिरने की समस्या के लिए 2 गोमती चक्र लेकर उन्हें स्त्री की कमर से बांध देना चाहिए| किसी घर में अगर सदस्यों को भूत-प्रेत सता रहे हों तो गोमती चक्र के तांत्रिक प्रयोग से इसका समाधान इस तरह किया जा सकता है. 2 गोमती चक्रों को घर के मुख्य सदस्य के सिर से घुमाएँ और अग्नि में डाल दें. इस प्रयोग को करने से भूत-प्रेत बाधा से मुक्ति मिलती है|

गोमती चक्र गोमती नदी

No comments :


गोमती चक्र गोमती नदी में पाया जाता है, इसलिए इसको गोमती चक्र कहते है. गोमती चक्र अल्पमोली कैल्शियम मिश्रित पत्थर होते है जिनकी सतह एक तरफ से उठी हुई होती है और दूसरी तरफ चक्र होता है।

गोमती चक्र के फायदे

हिन्दू धरम शास्त्रों के अनुसार गोमती चक्र की उत्पत्ति का कारण समुद्र मंथन के समय विष्णु जी के चक्र का प्रयोग करने से समुद्र में भयंकर चक्रीय तरंगे उत्पन्न हुई जिसके प्रभाव से समुद्र तल से बहुत सी बहुमूल्य वस्तुएं छिटक कर बाहर आई | गोमती चक्र में बहुत ही अद्भुत रसायन और दिव्य शक्ति समाविष्ट हैं| इसलिए गोमती चक्र के टोटके/प्रयोग तंत्र शास्त्र मैं बहुत ही प्रभावशाली माने गए हैं|
आज हम आपको बता रहे हैं ज्योतिष और तंत्र शास्त्र मैं बताये गए कुछ बहुत ही प्रभावशाली गोमती चक्र के टोटके/उपाय जिन्हे करकर आप अपने जीवन की बहुत सी समस्याओ का अंत कर सकते हैं.गोमती चक्र के टोटके की मदद से आप धन प्राप्ति, पारिवारिक शांति , कोट-कचहरी मैं जीत , बीमारी मैं लाभ , अला-बला से मुक्ति , शत्रुता , वशीकरण आदि से सम्बंधित समस्याओं का समाधान कर सकते हैं.

गोमती चक्र अभिमंत्रित करने का उपाय

होली, दिवाली , नवरात्री या फिर रवि पुष्य नक्षत्र में गोमती चक्र अभिमंत्रित करना चाहिए। आवशयकता अनुसार संख्या में गोमती चक्र लाकर अपने घर के पूजा स्थल मैं माँ लक्ष्मी की मूर्ति/तस्वीर के सामने स्थापित करें। विधिवत पूजा करें तथा निम्नलिखित मंत्र की 21 माला जप करें-
“ओम् श्रीं नमः”
मंत्र जाप के बाद गोमती चक्र अभिमंत्रित हो जाता है।

गोमती चक्र के टोटके/उपाय

धन प्राप्ति के लिए गोमती चक्र के टोटके/उपाय

21 अभिमंत्रित गोमती चक्र को हल्दी से तिलक कर लाल रंग के कपडे में बांधकर अपनी तिजोरी में रखें.

व्यापार में लाभ के लिए गोमती चक्र के टोटके/उपाय

२ अभिमंत्रित गोमती चक्र लाल रंग के कपडे में बांधकर अपनी दुकान की चौखट पर लटका दें. व्यापार में दिन-ब-दिन बढ़ता चला जायेगा|

नौकरी में तरक्की के लिए गोमती चक्र के टोटके/उपाय

किसी भी शिव मंदिर मैं जाकर १ गोमती चक्र शिवलिंग पर नौकरी मैं तरक्की के लिए प्रार्थना करके चढ़ा दे

नजर दोष के लिए गोमती चक्र के टोटके/उपाय

बुरी नजर उतारने के लिए किसी सुनसान जगह पर जाये और ३ गोमती चक्र अपने ऊपर से ७ बार उसार ले और पीछे फ़ेंक दे और सीधे घर आ जाये

गर्भपात रोकने के लिए गोमती चक्र के टोटके/उपाय

2 गोमती चक्र गर्भवती स्त्री की कमर मैं बांध देने से गर्भपात की समस्या ख़तम हो जाती हैं

गोमती चक्र के टोटके/उपाय तभी अपना असर दिखते हैं जब आप पूरी श्रद्धा और विश्वास से इन्हे करते हैं|

गोमती चक्र की उत्पत्ति

No comments :





गोमती चक्र की उत्पत्ति रहस्य-

गोमती चक्र(Gomati Chakra)की उत्पत्ति भगवान् विष्णु के चक्र से उस समय हुई जब देव दानव दोनों मिल कर समुद्र मन्थन करने लगे-पृथ्वी उसके भयंकर रगड़ एवं गर्जना से उत्तप्त हो गई-रोती बिलखती गाय के रूप में वह भगवान विष्णु की शरण में गयी-भगवान विष्णु ने अपने चक्र से समुद्र में ऐसी भयंकर चक्रवाती गोलाकार तरंग उत्पन्न किया कि मन्दराचल उसी में फँसकर अत्यंत तीव्र गति से पृथ्वी से ऊपर उठकर घूमने लगा-इस चक्र को ही भँवर कहा गया है-इस भँवर में फँसकर बड़े बड़े जलपोत डूब जाते है इस भयंकर वेग से मन्दराचल के निचले सतह से अनेक पत्थर लावा बनकर बाहर छिटकने लगे तथा अनेक मणियाँ, बहुमूल्य धातुएँ तथा अन्य वस्तुएं जैसे शङ्ख आदि भी छिटक कर बाहर गिरने लगे-

कुछ अति कीमती रत्न, पत्थर आदि घर्षण से पिघल तो गए किन्तु ऊपर पानी के सतह पर आते ही ठन्डे पड़ने लगे जो भँवर की अबाध तीव्र गति के कारण गोल रूप लेते चले गये-इनकी संख्या धीरे धीरे इतनी ज्यादा बढ़ गई कि भँवर हल्का पड़ने लगा और अंत में समुद्र मन्थन को रोकना पड़ गया-

वरुण (जल) के निचले सतह-पेंदे और गो रूप धारिणी माता पृथ्वी के ऊपरी सतह के मध्यवर्ती रत्न-धातु आदि “गो मृत्तिका” या “गो मिटटी” या गोमती चक्र(Gomati Chakra)के नाम से जाने गये-रहस्य विज्ञान के प्रवर्तक वरुण देव(जल)के घर्षणमय रासायनिक संयोग के कारण इसके अंदर शक्तिशाली अतिविचित्र शक्तियों का समावेश हो गया और 'गोमाता' पृथ्वी के आशीर्वाद से इसमें धनसंम्पदा आदि प्रदान करने की शक्तियाँ भी समाविष्ट हो गईं-गोमती चक्र(Gomati Chakra)एक अत्यंत शक्तिशाली उग्र रासायनिक प्रभाव वाला जल से उत्पन्न प्राकृतिक पदार्थ है जिसका नियम से और जिसके लिये उपयुक्त है वह प्रयोग करे तो अनेक विघ्न बाधा से निश्चित मुक्ति मिल सकती है-

तंत्र शास्त्र के अंतर्गत तांत्रिक क्रियाओं मे एक ऐसे दिव्य पत्थर का उपयोग किया जाता है जो दिखने में बहुत ही साधारण होता है लेकिन इसका प्रभाव असाधारण होता है  तंत्र शास्त्र के ज्ञाता इस पर अनेक विधि पूजन कर इसे प्राणप्रतिष्ठा से विशेष सिद्धि दायक बना देते हे -

गोमती चक्र(Gomati Chakra)के साधारण तंत्र उपयोग इस प्रकार हैं-

मानसिक शांति ,रोग और भय से मुक्ति,दरिद्रता से मुक्ति,कोर्ट कचेरी के मामलो मे राहत,भुत-प्रेत बाधा शत्रुपीड़ा,संतान प्राप्ति और खास कर धन संचय में-इसकी सिद्धि के विषय में अनेको मत-मतान्तर देखे जाते है कुछ इसे स्वयं सिद्ध बताते है तो कही इसकी सिद्धि के निर्देश मिलते है होली,दीवाली तथा नवरात्र आदि प्रमुख त्योहारों पर गोमती चक्र की विशेष पूजा की जाती है-ग्रहण या अमावस्या भी महत्त्वपूर्ण और सिद्धि दायक माने जाते है-

अन्य विभिन्न मुहूर्तों के अवसर पर भी इनकी पूजा लाभदायक मानी जाती है जैसे-गुरुपुष्य योग,सर्वसिद्धि योग तथा रविपुष्य योग पर इनकी पूजा करने से घर में सुख-शांति बनी रहती है-खासकर मारण,संमोहन,वशीकरण,स्तम्भन,उच्चाटन जैसे प्रयोग में और व्यापार वृद्धि,अचल-स्थिरलक्ष्मी,शत्रु भय,पीड़ा,देह व्याधि,दुस्वप्न जैसे विषयों में इसका प्रयोग अत्यंत प्रभावी देखा गया है लेकिन अभिमंत्रित करने से गोमती चक्र का प्रभाव सौ  गुना बढ़ जाता है -

गोमती चक्र के प्रयोग-

  1. सबसे पहले ये बताना उचित समझता हूँ कि आप जान ले कि गोमती चक्र(Gomati Chakra)क्या है-ये गोमती चक्र कम कीमत वाला एक ऐसा पत्थर है जो गोमती नदी मे मिलता है-विभिन्न तांत्रिक कार्यो तथा असाध्य रोगों में इसका प्रयोग होता है-
  2. असाध्य रोगों को दुर करने तथा मानसिक शान्ति प्राप्त करने के लिये लगभग 10 गोमती चक्र लेकर रात को पानी में डाल देना चाहिऐ तथा सुबह उस पानी को पी जाना चाहिऐ-इससे पेट संबंध के विभिन्न रोग दुर होते है-
  3. यदि शत्रु बढ़ गए हों तो जितने अक्षर का शत्रु का नाम है उतने गोमती चक्र(Gomati Chakra)लेेकर उस पर शत्रु का नाम लिखकर उन्हें जमीन में गाड़ दें तो शत्रु परास्त हो जाएंगे-
  4. प्रमोशन नहीं हो रहा हो तो एक गोमती चक्र लेकर शिव मंदिर में शिवलिंग पर चढ़ा दें और सच्चे ह्रदय से प्रार्थना करें-निश्चय ही प्रमोशन के रास्ते खुल जाएंगे-
  5. यदि गोमती चक्र(Gomati Chakra)को लाल सिंदूर के डिब्बी में घर में रखें तो घर में सुख-शांति बनी रहती है-
  6. यदि पति-पत्नी में मतभेद हो तो तीन गोमती चक्र लेकर घर के दक्षिण में "हलूं बलजाद" कहकर फेंद दें-इश्वेर चाहेगा तो धीरे-धीरे ये मतभेद समाप्त हो जाएगा-
  7. गोमती चक्र(Gomati Chakra)को होली के दिन थोड़ा सिंदूर लगाकर शत्रु का नाम उच्चारण करते हुए जलती हुई होली में फेंक दें-आपका शत्रु भी मित्र बन जाएगा-
  8. यदि किसी का स्वास्थ्य अधिक खराब रहता हो अथवा जल्दी-जल्दी अस्वस्थ होता हो-तो चतुर्दशी को 11 अभिमंत्रित गोमती चक्रों को सफेद रेशमी वस्त्र पर रखकर सफेद चन्दन से तिलक करें फिर भगवान् मृत्युंजय से अपने स्वास्थ्य रक्षा का निवेदन करें और यथा शक्ति महामृत्युंजय मंत्र का जप करें तथा पाठ के बाद छह चक्र उठाकर किसी निर्जन स्थान पर जाकर तीन चक्रों को अपने ऊपर से उसारकर अपने पीछे फेंक दें और पीछे देखे बिना वापस आ जायें बाकि बचे तीन चक्रों को किसी शिव मन्दिर में भगवान् शिव का स्मरण करते हुए शिवलिंग पर अर्पित कर दें और प्रणाम करके घर आ जायें-घर आकर चार चक्रों को चांदी के तार में बांधकर अपने पंलग के चारों पायों पर बांध दें तथा शेष बचे एक को ताबीज का रुप देकर गले में धारण करें-
  9. यदि आपके बच्चे अथवा परिवार के किसी सदस्य को जल्दी-जल्दी नजर लगती हो तो आप शुक्ल पक्ष की प्रथमा तिथि को 11 अभिमंत्रित गोमती चक्र(Gomati Chakra)को घर के पूजा स्थल में मां दुर्गा की तस्वीर के आगे लाल या हरे रेशमी वस्त्र पर स्थान दें -फिर रोली आदि से तिलक करके नियमित रुप से मां दुर्गा को 5 अगरबत्ती अर्पित करें अब मां दुर्गा का कोई भी मंत्र जप करें-जप के बाद अगरबत्ती के भभूत से सभी गोमती चक्रों पर तिलक करें नवमी को तीन चक्र पीड़ित पर से उसारकर दक्षिण दिशा में फेंक दें और एक चक्र को हरे वस्त्र में बांधकर ताबीज का रुप देकर मां दुर्गा की तस्वीर के चरणों से स्पर्श करवाकर पीड़ित के गले में डाल दें- बाकि बचे सभी चक्रों को पीड़ित के पुराने धुले हुए वस्त्र में बांधकर अलमारी में रख दें -
  10. यदि आपको नजर जल्दी लगती हो तो पाँच गोमती चक्र(Gomati Chakra)लेकर किसी सुनसान स्थान पर जायें फिर तीन चक्रों को अपने ऊपर से सात बार उसारकर अपने पीछे फेंक दें तथा पीछे देखे बिना वापस आ जायें - बाकी बचे दो चक्रों को तीव्र प्रवाह के जल में प्रवाहीत कर दें -
  11. यदि आपका बच्चा अधिक डरता हो- तो शुक्ल पक्ष के प्रथम मंगलवार को हनुमान् जी के मन्दिर में जाकर एक अभिमंत्रित गोमती चक्र पर श्री हनुमानजी के दाएं कंधे के सिन्दूर से तिलक करके प्रभु के चरणों में रख दें और एक बार श्री हनुमान चालीसा का पाठ करें-फिर गोमती चक्र(Gomati Chakra)उठाकर लाल कपड़े में बांधकर बच्चे के गले में डाल दें -
  12. यदि आप कितनी भी मेहनत क्यों न करें परन्तु आर्थिक समृद्धि आपसे दूर रहती हो और आप आर्थिक स्थिति से संतुष्ट न होते हों, तो शुक्ल पक्ष के प्रथम गुरुवार को 21 अभिमंत्रित गोमती चक्र(Gomati Chakra)लेकर घर के पूजा स्थल में मां लक्ष्मी व श्री विष्णु की तस्वीर के समक्ष पीले रेशमी वस्त्र पर स्थान दें फिर रोली से तिलक कर प्रभु से अपने निवास में स्थायी वास करने का निवेदन तथा समृद्धि के लिए प्रार्थना करके हल्दी की माला से “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय”मंत्र की तीन माला जप करें-इस प्रकार सवा महीने जप करने के बाद अन्तिम दिन किसी वृद्ध तथा 9 वर्ष से कम आयु की एक बच्ची को भोजन करवाकर दक्षिणा देकर विदा करें -
  13. यदि व्यवसाय में किसी कारण से आपका व्यवसाय लाभदायक स्थिति में नहीं हो तो शुक्ल पक्ष के प्रथम गुरुवार को 3 गोमती चक्र, 3 कौड़ी व 3 हल्दी की गांठ को अभिमंत्रित कर किसी पीले कपड़े में बांधकर धन-स्थान पर रखें -
  14. यदि आपको अचानक आर्थिक हानि होती हो तो किसी भी मास के प्रथम सोमवार को 21 अभिमन्त्रित गोमती चक्रों(Gomati Chakra)को पीले अथवा लाल रेशमी वस्त्र में बांधकर धन रखने के स्थान पर रखकर हल्दी से तिलक करें  फिर मां लक्ष्मी का स्मरण करते हुए उस पोटली को लेकर सारे घर में घूमते हुए घर के बाहर आकर किसी निकट के मन्दिर में रख दें -
  15. यदि आप अधिक आर्थिक समृद्धि के इच्छुक हैं तो अभिमंत्रित गोमती चक्र(Gomati Chakra)और काली हल्दी को पीले कपड़े में बांधकर धन रखने के स्थान पर रखें-
  16. यदि आपके परिवार में खर्च अधिक होता है भले ही वह किसी महत्त्वपूर्ण कार्य के लिए ही क्यों न हो तो शुक्रवार को 21 अभिमन्त्रित गोमती चक्र लेकर पीले या लाल वस्त्र पर स्थान देकर धूप-दीप से पूजा करें अगले दिन उनमें से चार गोमती चक्र(Gomati Chakra)उठाकर घर के चारों कोनों में एक-एक गाड़ दें- 13 चक्रों को लाल वस्त्र में बांधकर धन रखने के स्थान पर रख दें और शेष किसी मन्दिर में अपनी समस्या निवेदन के साथ प्रभु को अर्पित कर दें -
  17. यदि आपके गुप्त शत्रु अधिक हों अथवा किसी व्यक्ति की काली नज़र आपके व्यवसाय पर लग गई हो तो 21 अभिमंत्रित गोमती चक्र(Gomati Chakra)व तीन लघु नारियल को पूजा के बाद पीले वस्त्र में बांधकर मुख्य द्वारे पर लटका दें-
  18. गोमती चक्रों को यदि चांदी अथवा किसी अन्य धातु की डिब्बी में सिंदूर तथा चावल डालकर रखें तो ये शीघ्र शुभ फल देते हैं- सात गोमती चक्रों को शुक्ल पक्ष के प्रथम अथवा दीपावली पर लाल वस्त्र में अभिमंत्रित कर पोटली बना कर धन स्थान पर रखें -
  19. व्यापार वृद्धि के लिए दो गोमती चक्र लेकर उसे बांधकर ऊपर चौखट पर लटका दें और ग्राहक उसके नीचे से निकले तो निश्चय ही व्यापार में वृद्धि होती है-
  20. धन लाभ के लिए 11 गोमती चक्र अपने पूजा स्थान में रखें- उनके सामने श्री नम: का जप करें- इससे आप जो भी कार्य या व्यवसाय करते हैं उसमें बरकत होगी और आमदनी बढऩे लगेगी-
  21. यदि बार-बार गर्भ गिर रहा हो तो दो गोमती चक्र लाल कपड़े में बांधकर कमर में बांध दें तो गर्भ गिरना बंद हो जाता है-
  22. यदि कोई कचहरी जाते समय घर के बाहर गोमती चक्र रखकर उस पर दाहिना पांव रखकर जाए तो उस दिन कोर्ट-कचहरी में सफलता प्राप्त होती है-
  23. चाँदी में जड़वाकर बच्चे के गले में पहना देने से बच्चे को नजर नहीं लगती तथा बच्चा स्वस्थ बना रहता है -
  24. यदि घर में भूत-प्रेतों का उपद्रव हो तो दो गोमती चक्र लेकर घर के मुखिया के ऊपर से घुमाकर आग में डाल दे तो घर से भूत-प्रेत का उपद्रव समाप्त हो जाता है -

गोमती चक्र के फायदे

No comments :

गोमती चक्र के फायदे

गोमती चक्र एक ऐसा नाम है जो अधिकतम हिन्दू परिवारों में प्रसिद्ध है। यह हिन्दू शास्त्रों द्वारा बताए गए कई शास्त्रीय उपायों में उपयोग होने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। लेकिन अगर आप अभी भी इस वस्तु से अपरिचित नहीं हैं, तो चलिए आपको गोमती चक्र से संबंधित कुछ जानकारी और उपाय बताते हैं।
मां लक्ष्मी के उपाय
गोमती चक्र का सबसे अधिक उपयोग मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए किया जाता है। ऐसी मान्यता है कि ये गोल-गोल चक्राकार गोमती चक्र मां लक्ष्मी का ही रूप हैं और यदि इनके उपयोग से कोई शास्त्रीय उपाय, किसी खास दिन किया जाए, तो मां लक्ष्मी प्रसन्न होकर कृपा दृष्टि बरसाती हैं।
माँ लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए
 अन्य सभी वस्तुओं की तुलना में गोमती चक्र एक ऐसी वस्तु है जो काफी कम कीमत में उपलब्ध है। यह आसानी से हासिल हो जाती है, लेकिन इसके प्रयोग से मिलने वाले फल इसकी कीमत से कई गुना अधिक माने गए हैं।
जाने कैसे करें प्रयोग
अब हम आपको गोमती चक्र के प्रयोग से होने वाले कुल 5 शास्त्रीय उपाय बताने जा रहे हैं, यदि इन्हें बताई गई विधि के अनुसार और पूरे लगन से किया जाए तो आपको अमीर बनने से कोई नहीं रोक सकता।
पहला उपाय
गोमती चक्र के प्रयोग से आर्थिक हानि से बचा जा सकता है। इसके लिए किसी भी महीने के प्रथम सोमवार को 11 अभिमंत्रित गोमती चक्रों का हल्दी से तिलक करें और शंकर जी का ध्यान कर पीले कपड़े में बांधकर पूरे घर में घुमाकर किसी बहते हुए जल में प्रवाहित करें। इसे करने से कुछ समय पश्चात ही लाभ मिलेगा।
दूसरा उपाय
आर्थिक नुकसान के अलावा अगर कड़ी मेहनत के बाद भी बिजनेस मंदा चल रहा है, कोई नया मुनाफा नहीं मिल रहा है तो इसमें सुधार लाने के लिए भी गोमती चक्र का एक उपाय शास्त्रीय ग्रंथों में दर्ज है।
अभिमंत्रित गोमती चक्र
इस उपाय के अनुसार 11 अभिमंत्रित गोमती चक्र और तीन छोटे नारियल को पूजा करने के बाद पीले वस्त्र में बांधकर मुख्यद्वार पर लटका दें। इसके बाद आपके व्यवसाय को कभी किसी की नजर नहीं लगेगी और नए अवसरों के द्वार भी खुल जाएंगे।
तीसरा उपाय
धन लाभ के अलावा अन्य कई कारणों से गोमती चक्र का प्रयोग किया जा सकता है, जैसे कि किसी को नजर दोष से बचाने के लिए। यदि किसी व्यक्ति या बच्चे को बार-बार नजर लग जाती है, तो वह किसी निर्जन स्थान पर जाकर 3 गोमती चक्रों को अपने ऊपर से 7 बार उतार कर अपने पीछे फेंक दें।
करें ये उपाय
ध्यान रहे कि गोमती चक्रों को फेंकते ही भूल से भी पीछे मुड़कर न देखें, आंखें केवल सामने ही रखें। ऐसा करने के तुरंत बाद सीधी दिशा में घर की ओर निकल जाएं। यह उपाय जल्द से जल्द नजर दोष को दूर कर दोबारा ऐसा दोष ना हो इसमें सहायक सिद्ध होता है।
चौथा उपाय
अगर आपका बच्चा बहुत डरता है, छोटी-छोटी बातों से घबराता है तो ऐसे में आप गोमती चक्र के प्रयोग से उपाय करें, जरूर आराम मिलेगा। इसके लिए किसी भी माह के प्रथम मंगलवार को अभिमंत्रित गोमती चक्र पर हनुमान जी के दाएं कन्धे का सिन्दूर लेकर तिलक कर किसी लाल कपड़े में बांधकर बच्चे के गले में पहना दें। बच्चे का डरना कम हो जाएगा।
पांचवा उपाय
कई बार लोग यह शिकायत करते हैं कि उनकी आमदनी अच्छी है, विभिन्न स्रोतों से वे आय कमाने में सक्षम हो रहे हैं लेकिन फिर भी धन उनके पास अधिक समय तक बचता नहीं है। धन का आगमन जितनी तेजी से होता है, उतनी ही गति से वह खर्च भी हो जाता है, तो ऐसे में क्या किया जाए?
धन के लिए उपाय
इसका समाधान गोमती चक्र के एक उपाय में है। जिसके अनुसार किसी ही माह के प्रथम शुक्रवार को 11 अभिमंत्रित गोमती चक्रों को पीले कपड़े पर रखकर मां लक्ष्मी का स्मरण कर विधिवत पूजन करें।
जाने विधि
दूसरे दिन उनमें से 4 गोमती चक्र उठाकर घर के चारों कोनों में एक-एक दबा दें। इसके बाद और 3 गोमती चक्र को लाल वस्त्र में बांधकर धन रखने के स्थान पर जैसे कि तिजोरी या जहां भी कमाया हुआ पैसा सबसे पहले लाकर रखा जाता है, ऐसे स्थल पर रख दें।
मंदिर में करें अर्पित
अब शेष बचें एक चक्र को किसी मन्दिर में अपनी समस्या निवेदन के साथ भगवान को अर्पित कर दें। यह प्रयोग करने से ना केवल आर्थिक लाभ होगा, बल्कि साथ ही घर में अलक्ष्मी का वास नहीं होगा, जिसके कारण धन जल्दी नष्ट हो जाता है।

क्या है गोमती चक्र

No comments :

क्या होता है गोमती चक्र ??

भारत की प्रसिद्ध नदियों में से एक नदी है जिसका नाम है गोमती || यह नदी श्री कृष्ण जी की द्वारिका नगरी में है|| गोमती चक्र जो की सिप्पी के जैसा एक पत्थर होता है वो इसी नदी में पाया जाता है || गोमती चक्र एक तरफ से पत्थर जैसा होता है और एक तरफ से समतल होता है ||
इस समतल के ऊपर एक सांप जैसा आकार बना होता है इसीलिए गोमती चक्र को नाग चक्र भी कहा जाता है || वेदों शास्त्रों में गोमती चक्र के बहुत से उपयोग बताये गए है और इसको कैसे इस्तेमाल करना है उसका विवरण भी वेदो में स्पष्ट बताया गया है ||


गोमती चक्र की महिमा यहाँ से पता चलती है की पुराने समय से ही गोमती चक्र का इस्तेमाल पूजा, साधना, तांत्रिक प्रयोगों और कई तरह के टोटके करने में किया जाता रहा है || गोमती चक्र को सुदर्शन चक्र भी कहा जाता है जो की श्री कृष्ण का एक बहुत शक्तिशाली हथियार है और गोमती चक्र बिलकुल वैसा ही दिखाई देता है ||
गोमती चक्र को इस्तेमाल करने से आप कई तरह की परेशानिओं और कठनाईओं से बच सकते है और इसके इस्तेमाल से आप अपनी कुंडली में बने हुए कई तरह के दोषों से भी छुटकारा पा सकते है || पुराने समय में लोग गोमती शकर को गहनों की तरह भी इस्तेमाल करते थे जिससे एक तो वो नकारात्मक शक्तिओं के प्रभाव से बचे रहते थे और भाग्यशाली बनते थे ||

गोमती चक्र इस्तेमाल करने के लिए आवश्यक जानकारी : –

अगर आप किसी भी काम के लिए गोमती चक्र इस्तेमाल करना चाहते है तो यह ध्यान रखें की गोमती चक्र जीवित भी होते हैं और निर्जीव भी मगर आपको सिर्फ और सिर्फ जीवित गोमती चक्र का ही इस्तेमाल करना है ||



कैसे पता लगाएं की गोमती चक्र जीवित है या निर्जीव ??

जीवित गोमती चक्र को पहचानने के लिए दो तरीके है पहला ये की जब आप जीवित गोमती चक्र के ऊपर थोड़ा सा सिरका डालेंगे तो उस में से छोटे छोटे बुलबुले पैदा होंगे और दूसरा आप गोमती चक्रो को जोड़ो में रख दें उनको ऐसे रखना है की वो आपस में टच न करें फिर उनके ऊपर थोड़ा थोड़ा सिरका डाल दें और सुबह होने पर जो जीवित गोमती चक्र होंगे वो आपस में जुड़ जायेंगे और जो निर्जीव होंगे वो अकेले रहेंगे ||



गोमती चक्र के उपयोग

1. जब भी कोई नयी ईमारत बनाई जाती है चाहे वो रहने के लिए या फिर व्यवसाय के लिए तो ईमारत बनाते समय एक गोमती चक्र को उसकी नींव में दबा दिया जाता है || ऐसा करने से उस ईमारत में रहने वाले सभी लोगों का भाग्य उदय होता है और ईमारत को भी कोई नुकसान नहीं पहुंचता ||

2. गोमती चक्र को लाल कपडे में बांधकर चावलों में या गेंहू में रख दिया जाता है ऐसा करने से घर में कभी अनाज की कमी नहीं होती और घर में खुशीआं आती है ||

3. दीवाली के दिन माँ लक्ष्मी जी के पूजन के साथ गोमती चक्र रखा जाता है ऐसा करने से हमेशा माँ लक्ष्मी जी की कृपा बानी रहती है और धन प्राप्ति होती है ||



4. अगर किसी की कोख बांध दी गयी हो और उसको बच्चा न हो रहा हो या फिर बार बार गर्भ गिर जाता हो तो कपडे में लपेट कर गोमती चक्र उस महिला की कमर पर बांध दें ऐसा करने से बहुत जल्द बच्चा हो जायेगा ||

5. अगर किसी इंसान की कुंडली में सर्प दोष बनता है और वो सर्प दोष से मुक्ति प्राप्त करना चाहता है तो वो इंसान गोमती चक्र को अभिमंत्रित करके अपने गले में पहनने से काल सर्प दोष और सर्प दोष से मुक्ति पा सकता है ||

6. गोमती चक्र को अपने घर के अंदर दबाने से सभी तरह के वास्तु दोष दूर होते हैं ||

7. अपने शत्रु से पीछा छुड़वाने के लिए एक गोमती चक्र पर उसका नाम लिखकर गोमती चक्र को जमीं में गाड़ दें ऐसा करने से आपका शत्रु परास्त हो जायेगा ||

8. घर में अगर लड़ाई झगड़ा रहता है तो गोमती चक्र को एक सिन्दूर की डब्बी में रखकर डब्बी को घर के अंदर रख लें ऐसा करने से घर में शांति और खुशीआं बरक़रार रहती हैं ||

 

9. जिस इंसान की शादी में बाधा आ रही है या फिर शादी नहीं हो रही वो गोमती चक्र को श्री कृष्ण जी की मूर्ति के साथ रखकर सात दिन लगातार पूजा करे तो बहुत जल्दी शादी हो जाएगी ||

10. अगर आपकी नौकरी नहीं लग रही या फिर उन्नति नहीं हो रही तो दो गोमती चक्र अपनी जेब में रखकर इंटरव्यू दें तो आपकी नौकरी लग जाएगी या फिर अपनी जेब में रखकर कार्यस्थल जाएं तो बहुत जल्दी उन्नति हो जाएगी ||

कैसे गोमती चक्र को अभिमंत्रित करते हैं ??

अभिमंत्रित गोमती चक्र को घर में रखने से है में बरकत रहती है और घर में खुशीआं आती है || घर में गोमती चक्र रखने से घर में परिवार के लोगों में प्यार बढ़ता और कभी लड़ाई झगड़ा नहीं होता || अपने कार्यस्थल पर अभिमंत्रित गोमती चक्र रखने से व्यपार में कभी घाटा नहीं होता और अधिक मुनाफा होता है ||

गोमती चक्र को अभिमंत्रित करने का तरीका : –

1. सबसे पहले जीवित गोमती चक्र को गाये के कच्चे दूध से स्नान करवाएं ||
 
2. फिर उसको एक थाली में रख दे ||

3. थाली में थोड़े से चावल डाल दें ||

4. फिर गोमती चक्र पर फूल चढ़ाएं ||

5. उसके साथ एक आटे का दिया जलाएं ||

6. अब नीचे दिए गए मन्त्र को 108 जाप करें ||

|| मंत्र ||

 ” क्लीं क्रीं हुं क्रों स्फ्रों कामकलाकाली स्फ्रों क्रों क्लीं स्वाहा “

7. फिर गोमती चक्र पर चन्दन से अभिषेक करें ||

8. यह किर्या लगातार सात दिन तक करें ||

9. सातवें दिन गोमती चक्र को लाल कपडे में लपेट लें ||

10. अब इसे आप चाहे घर के पूजा स्थल में रखें और चाहे अपने कार्यस्थल पर रखें ||

दैनिक दिनचर्या में गोमती चक्र का प्रयोग

No comments :
दैनिक दिनचर्या  में गोमती चक्र का  प्रयोग
इसके अलावा जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में गोमती चक्र का इस प्रकार प्रयोग किया जा सकता है|
  • नवजात शिशु को गोमती चक्र चांदी में म़ढ़वाकर गले में पहना दें। उसे नजर नहीं लगेगी।
  • अदालत के काम के लिए घर से निकले तों जेब में तीन गोमती चक्र रख लें। सफलता मिलेगी।
  • शत्रुओं से परेशान हैं तो दीपावली के दिन अर्ध रात्रि में पूजा स्थल पर 6 गोमती चक्रों पर अपने शत्रु का नाम उच्चारित करते हुए सिंदुर लगाएं तथा किसी सुनसान जगह पर ले जाकर गाड़ दें। अथवा होलिका दहन के समय सिर्फ 1 गोमती चक्र चक्र हाथ में लेकर अपने दुश्मन का नाम बोलकर कहें तथा जलती हुई होलिका में डाल दें।
  • घर गृह कलह की चपेट में हो तो किसी डिब्बी में पहले सिंदूर भर दें तथा उसके ऊपर तीन गोमती चक्र रखकर ढक्कन बंद कर दें। अब इसे कहीं छुपाकर रख दें।
  • अगर मियां बीबी में रोजाना लड़ाई होती हो 3 गोमती चक्र घर के दक्षिण में हलू बलजाद कहकर फेंक दें।
  • यदि भूत, प्रेत ऊपरी बाधा जैसे समस्या हो तो पीड़ित व्यक्ति के ऊपर से गोमती चक्र उसार कर आग में डाल दें। अगर घर पर ही किसी अशरीरी आत्मा का प्रकोप हो तो गोमती चक्र रसोई घर के दरवाजे पर उसारकर अग्नि में डालें।
  • अपने पूरे घर को सुरक्षित रखने तथा नजर दोष से बचाने के लिए तीन गोमती चक्र घर के मुख्य द्वार पर लटका दें।

कैसे करे अभिमंत्रित गोमती चक्र को

No comments :

गोमती चक्र को अभिमंत्रित  कैसे करे/तांत्रिक प्रयोग

गोमती चक्र से वशीकरण/ गोमती चक्र अभिमंत्रित कैसे करे/ गोमती चक्र के टोटके/उपाय/फायदे – शंख, सीप, कौड़ी की तरह गोमती चक्र भी समुद्र से निकलता है। दक्षिण भारत में इसे गोमथी चक्र तथा संस्कृत में धेनुपदी कहा जाता है। पौराणिक काल में यह यज्ञवेदी के चारो ओर लगाया जाता था। राज तिलक के समय इसे सिंहासन के ऊपर छत्र में लगाया जाता था। गोमती चक्र की बनावट अनूठी होती है। गौर से देखने पर इसमें हिन्दी का सात अंक लिखा दिखाई देता है जो राहु का अंक है। जल में पाये जाने के कारण यह चंद्र गुणों से परिपूर्ण है तथा उसके ऊपर सात लिखा होने के कारण राहु संबंधी समस्या दूर करता है। कुंडली में राहु-चंद्र की युति हो तो यह चमत्कारी प्रभाव डालता है। इसके चमत्कारी गुणों से प्राचीन भारत के आम लोग भी परिचित थे। 

आज भी कई गांवों में दुधारू पशुओं के गले में गोमती चक्र लाली कपड़े में बांध कर पहना देते हैं। किसान अपने खेत के चारो कोनो में इसे दबा देते हैं।  यह बड़ी सरलता से बहुत ही कम मूल्य में मिल जाता है। पूजन सामग्री बेचने वाली दुकानों से कभी भी खरीदा जा सकता है। तंत्र विद्या में गोमती चक्र को अत्यंत महत्वपूर्ण बताया गया है। इसकी सहायता से जीवन की किसी समस्या से मुक्ति पायी जा सकती है, परंतु इसके लिए उन्हें अभिमंत्रित करना आश्यक है। जैसे मोबाइल जब तक चार्ज न हो आप उसे नहीं चला सकते उसी प्रकार तंत्र में उपयोग होने वाली वस्तुओं का प्रभाव उन्हें अभिमंत्रित करने के बाद ही देखा जाता है।
गोमती चक्र अभिमंत्रित कैसे करें
होली, दीपावली, दशहरा जैसे अवसर पर अथवा किसी रवि पुष्य योग, सर्व सिद्धि, अमृत योग जैसे मुहूर्त में गोमती चक्र अभिमंत्रित करना श्रेयस्कर माना जाता है। 11 अथवा 21की संख्या में गोमती चक्र लेकर अपने पूजा स्थल पर स्थापित करें। विधिवत पूजा करें तथा निम्नलिखित मंत्र का 21 माला जप करें-
ओम् श्रीं नमः
इस जाप के बाद गोमती चक्र अभिमंत्रित हो जाता है तथा पारिवार को आर्थिक सम्पन्नता प्रदान करता है। पूजा के बाद इसे धन रखने वाले स्थान पर रख दें तथा नित्य धूप-दीप दिखांए। विशेषज्ञों का मानना है कि अलग अलग अभीष्ट के लिए इसे अभिमंत्रित करने की विधि भी अलग होती है| उदाहरण के लिए ऊपर वर्णित से लक्ष्मी प्राप्ति में सहायता मिलती है| यदि बीमारियों की वजह से परेशान हो तो नीचे लिखी विधि अपनाएं
स्वास्थ्य लाभ के लिए
साफ पानी से गोमती चक्र धों ले तथा पूजा स्थल पर विधिवत स्थापित करें। धूप-दीप नेवेद्य अर्पित करें तथा निम्नलिखित मंत्र का 11 माला जाप करें-
ओम् वाॅ आरोग्यानिकारी रोगानशेषानंम
जाप के बाद गोमती चक्र अभिमंत्रित हो जाता है, इसे किसी सुरक्षित स्थान पर रख दें तथा नित्य धूप-दीप दिखाते रहें। स्वास्थ्य संबंधी समस्या आने पर एक गिलास गंगाजल में गोमती चक्र डाल दें तथा उपर्युक्त मंत्र का जाप 21 बार करते हुए रोगी को पिला दें। अभिमंत्रण का प्रभाव तीन वर्ष तक रहता है, इसलिए तीन वर्ष बाद पुनः अभिमंत्रित करें।
गोमती चक्र के टोटके/उपाय/फायदे
अलग-अलग विधि से गोमती चक्र उपयोग कर किसी भी समस्या का समाधान किया जा सकता है।  सर्वप्रथम आर्थिक लाभ की चर्चा करते हैं| आर्थिक समस्या दो तीन कारणों से आती है, प्रथम आमदनी का स्त्रोत बंद जाना, आमदनी से ज्यादा खर्च होना, कारोबार में पैसा अटक जाना अथवा दिया हुआ कर्ज वापस न आना। इन सभी समस्याओं में निम्नलिखित टोटके अपनाए –
1 किसी भी महीने के पहले सोमवार को 21 गोमती चक्र लाल या पीले रेशमी कपड़े में बांधकर रूपया-पैसा रखने वाले स्थान पर रखें। हल्दी से उस पर तिलक करें। पुनः म नही मन देवी लक्ष्मी से अपने घर में वास करने हेतु याचना करते हुए कपड़े में बंधे गोमती चक्र लेकर पूरे घर में घूमें तथा बाहर निकलकर किसी मंदिर में रख दें।
2 यदि पैसा हाथ में नहीं ठहरता हो तो शुक्रवार को 21 की संख्या में गोमती चक्र लेकर लाल कपड़े में बांध कर पूजा स्थल पर रखें तथा  पूजा करें। अगली सुबह उसमें से चार गोमती चक्रलेकर घर के चारो कोनो पर गाड़ दें, 11 पूजा स्थल में रखंे तथा बाकी निकट के मंदिर में रख  दें|
3 यदि अत्यधिक परिश्रम के बाद भी आर्थिक स्थिति में सुधार न हो रहा हो तो शुक्ल पक्ष के पहले गुरूवार को घर के पूजा स्थल में लक्ष्मी-नारायण के चित्र के समक्ष 21 गोेमती चक्र पीले या लाल कपड़े में बांध कर रखें। लक्ष्मी-नारायण से अपने कृपा करने की याचना करें तथा ओम नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र का तीन माला नित्य जाप करें। नियमित रूप से सवा महीने तक जाप करने के उपरांत एक वृद्ध तथा एक कन्या को भोजन करवाएं दक्षिणा देकर विदा करें।
4 घर के पूजा स्थल पर 11 गोमती चक्र लाल कपड़े मेें बांधकर रखं े तथा श्रीं श्रियै नमः मंत्र जाप करें। इससे कारोबार में वृद्धि होती है।
5 एक सुपारी, एक सिक्का, 11 काली हत्दी तथा 11 गोमती चक्र एक साथ पीले कपड़े में लपेटकर धन स्थान पर रखने से बारहो महिीने धन का प्रवाह रहता है।
6 सात गोमती चक्र चांदी के डिब्बी में सिंदूर और अक्षत के साथ रखने पर घर में धन की कमी नहीं होती।
7 आमदनी कम हो गई हो तो 8 कौड़ी, 8 गोमती चक्र, 8 लाल गुुुंजा दक्षिणावर्ती शंख में डालकर अपने पूजा स्थल पर स्थापित करें। विधिवत पूजन के बाद ओम श्रीं नमः मंत्र का 51 माला जाप करें तथा पूजा के बाद लाल कपड़े में बांध कर गल्ला अथवा धन रखने वाले स्थान पर रख दें। आमदनकी का नया स्त्रोत खुल जाएगा अथवा पुराने कारोबार में वृद्धि होने लगेगी।

शत्रु के नाश के टोटके

No comments :
शत्रु के नाश के टोटके -:
– अगर आपका कोई दुश्‍मन आपको बेवजह परेशान कर रहा है तो उससे छुटकारा पाने के लिए एक भोजपत्र पर लाल चंदन से उस व्‍यक्‍ति का नाम लिखें। इस पत्र को शहद की डिब्‍बी में भिगोकर रख दें। आपका शत्रु अपने आप शांत हो जाएगा।
– यदि कोई अपने दुश्‍मन को शांत करना चाहता है तो वह 38 दाने काली उड़द की दाल के और 40 चावल के दाने मिलाकर किसी गड्ढे में मिला दें। इसके ऊपर नीबू को निचोड़ दें। नीबू को निचोड़ते समय लगातार अपने शत्रु का नाम लेते रहें। इस उपाय के प्रभाव से आपका शत्रु शांत होगा और आपको कुछ भी अहित नहीं कर पाएगा।
– अगर कोई आपके पीछे पड़ा हुआ है और कैसे भी आपका अहित करना चाहता है तो नियमित हनुमान जी को गुड़ या बूंदी का भोग लगाएं। इसके अलावा हनुमान जी को प्रसन्‍न करने के लिए हनुमान जी को लाल रंग का गुलाब का फूल चढ़ाएं और बजरंग बाण का पाठ करें।
– कभी-कभी जीवन में कोई ऐसा व्‍यक्‍ति मिल जाता है जो बस दिन-रात आपको किसी न किसी तरह परेशान करने की सोचता है। ऐसे व्‍यक्‍ति से छुटकारा पाने के लिए मंगलवार या शनिवार के दिन हनुमान जी के मस्‍तक के सिंदूर से मोर पंख पर अपने शत्रु का नाम लिखें। इस मोर पंख को अपने घर के मंदिर में रखें और सुबह उठते ही बिना नहाए बहते हुए जल में प्रवाहित कर दें। इस उपाय से शीघ्र ही आपका शत्रु शांत हो जाएगा।
– अपने शत्रुओं के नाश के लिए शनिवार की रात को 7 लौंग लेकर उस पर 21 बार अपने दुश्‍मन का नाम लेकर फूंक मारें। अगले दिन रविवार को इन 7 लौंगों को जला दें। यह टोटका लगातार 7 शनिवार तक करना है। इस टोटके से किसी व्‍यक्‍ति का वशीकरण भी किया जा सकता है। इस टोटके से आपका शत्रु भी शांत रहता है।
– शत्रु से छुटकारा पाने के लिए सूर्योदय से पूर्व ‘नृसिंहाय विद्यहे,वज्र नखाय धीमही तन्‍नो नृसिंह प्रचोदयात्’ मंत्र का 108 बार जाप करें। इस मंत्र का जाप किसी शांतिमय एवं एकांतपूर्ण स्‍थान पर करें। इस मंत्र का रोज़ाना जाप करने से आपके शत्रुओं के सारे प्रयास असफल हो जाएंगें।
इसके अलावा अगर आप अपने शत्रु को पेरशान करना चाहते हैं या किसी व्‍यक्‍ति से उसका अहित कर बदला लेने चाहते हैं तो इस काम में ये उपाय आपकी मदद कर सकता है।
– अगर आप अपने शत्रु को तबाह करना चाहते हैं तो अमावस्‍या या रविवार की रात को ये उपाय करें। दक्षिण दिशा की ओर मुंह करके बैठें और अपने सामने काले रंग के वस्‍त्र के ऊपर मां काली का चित्र लगाएं। मां काली का पूजन करें और पूजन की समाप्‍ति होने पर एक नीबू पर सिंदूर से अपने दुश्‍मन का नाम लिखें। इसके पश्‍चात् रुद्राक्ष की माला से ‘क्रीं क्रीं शत्रु नाशिनी क्रीं क्रीं फट’ मंत्र का 11 बार जाप करें।
हर एक माला के जाप के पूरा होने पर नीबू पपर उड़द की दाल चढ़ाएं और काली मां से प्रार्थना करें कि वे आपके शत्रुओं को दुर्बल बना दें। मंत्र का जाप पूरा होने के बाद एक तांबे के लोटे में उस नीबू को डाल दें और इसे किसी गड्ढे में गाड दें।
– अगर आप अपने दुश्‍मन को हराना चाहते हैं या उसके सारे प्रयास असफल करना चाहते हैं तो अपने घर के किसी कोने में अपना फटा जूता लटका दें। इस जूते के तलवे पर अपने शत्रु का नाम लिखें। ये टोटका आपके शत्रु को बरबाद करने के लिए काफी है।
– अपने शत्रु को बरबाद करने की इच्‍छा रखते हैं या उसके सभी प्रयासों को असफल करना चाहते हैं तो इसके लिए एक मुट्ठी पिसा नमक लेकर उसे शाम के समय अपने सिर से तीन बार उतार लें और इसके बाद इसे दरवाज़े के बाहर फेंक दें। ये टोटका आपको तीन दिन तक लगातार करना है।
– अगर आपका कोई शत्रु आपको बहुत ज्‍यादा परेशान कर रहा है तो आप उसे भैरव अष्‍टमी से कमजोर बना सकते हैं। ये टोटका भैरव मंदिर में ही करें। एक छोटे-से कागज़ पर भैरव देव के इस मंत्र ‘ओम क्षौं क्षौं भैरवाय स्वाहा!’ का जाप करते हुए अपने शत्रु का नाम लिखें। अब इस कागज़ को शहद की शीशी में डुबो दें और उसका ढक्‍कन बंद कर दें। इस टोटके के प्रभाव से आपका शत्रु शांत हो जाएगा।
– शुक्‍ल पक्ष के किसी भी बुधवार के दिन 5 गोमती चक्रों को अपने सिर के चारों ओर घुमाकर फेंक दें। इस टोटके के बाद आपके शत्रु आपको नुकसान नहीं पहुंचा पाएंगें। यह एक तांत्रिक टोटका है।
– अगर आप अपने शत्रु को वशीभूत करना चाहते हैं या किसी से अपनी शत्रुता को खत्‍म करना चाहते हैं तो छोटी इलायची, लाल चंदन, सिंदूर, कंगनी, ककड़सिंगी से धूप बनाएं। अब रोज़ इस धूप को अपने शत्रु का नाम लेते हुए जलाएं। इस टोटके को करने के चंद दिनों के बाद ही आपको इसका असर दिखने लगेगा।
– अगर आप अपने शत्रु को सम्‍मोहित या वशीभूत करना चाहते हैं तो अपने गले में वैजयंती माला धारण करें। इस माला के प्रयोग से आप किसी को भी सम्‍मोहित कर सकते हैं। भगवान कृष्‍ण भी सदा वैजयंती माला पहने रहते थे। ये टोटका जरूर आपकी मदद करने में सफल रहेगा।

Tuesday 24 July 2018

वशीकरण से बचने के उपाय

No comments :

ग्यारहमुखी रुद्राक्ष

ग्यारहमुखी रुद्राक्ष साक्षात रुद्र है। यह 11 रुद्रों एवं भगवान शंकर के ग्यारहवें अवतार संकटमोचन महावीर बजरंगबली का प्रतीक है। इसे धारण करने वाले व्यक्ति को सांसारिक ऐश्वर्य और संतान सुख प्राप्त होता है और उसकी सारी ऊपरी बाधाएं दूर होती हैं।

पंद्रहमुखी रुद्राक्ष

इसे धारण करने से भूत, पिशाच आदि का भय नहीं रहता। साथ ही क्रूर ग्रहों का अशुभ प्रभाव भी नहीं पड़ता है। वह श्रद्धा एवं तंत्र विद्या के जरिए विशेष सफलता प्राप्त करता है। उसे सर्पादि विषधारी प्राणियों का भी भय नहीं होता है।

वशीकरण व जादू-टोने से मुक्ति के कुछ अन्य उपाय –

यदि आपके घर पर रोज कोई न कोई आपदा आ रही है, और आपको किसी जादू-टोने की आशंका है, तो ऐसे में आपको चाहिए कि एक नारियल को काले कपड़े में सिलकर घर के बाहर लटका दें।

यदि आपने कोई नया वाहन खरीदा है और रोज वाहन में गड़बड़ हो जाती है या दुर्घटना में चोट-चपेट लग जाती है और जान-माल की हानि का खतरा बना रहता है तो आप अपने वाहन पर काले धागे से पीली कौड़ी बांधने से आप इस बुरी नजर औा वशीकरण से बच सकते हैं।

शनिवार के दिन हनुमान मंदिर में जाकर प्रेमपूर्वक हनुमान जी की आराधना कर उनके कंधे पर से सिंदूर लाकर वशीकृत हुए व्यक्ति के माथे पर लगाने से वशीकरण से मुक्ति मिलती है।

वशीकरण या नकारात्मक शक्तियों से बचने के लिए रोज हनुमान जी का पूजन करे व हनुमान चालीसा का पाठ करें। प्रत्येक शनिवार को शनि को तेल चढायें और अपनी पहनी हुई एक जोडी चप्पल किसी गरीब को एक बार दान करें !



Ruchi Sehgal

वशीकरण से बचने के उपाय

No comments :

वशीकरण से बचने के उपाय
बहुत से लोग अपनी कार्य सिद्धि के लिए वशीकरण या जादू -टोने का सहारा लेते हैं। संसार में यदि सकारात्मक शक्तियाँ हैं तो नकारात्मक शक्तियाँ भी अवश्य ही हैं और हमें उनसे बचकर रहने की आवश्यकता है। मनुष्य जब भूत-प्रेत अथवा नजर, हाय या किसी दुष्ट आत्मा के जाल में फंस जाता है तब उसकी समस्या का समाधान करना दुष्कर कार्य होता है। पीड़ित व्यक्तियों को ऐसे में ज्योतिषीय उपायों या पूजन की सहायता लेनी चाहिए।


वशीकरण से बचने के उपाय
ऐसे उपायों का प्रयोग मंत्र-जादू, टोने के दुष्प्रभाव को काटते हैं। पूर्ण श्रद्धा और विश्वास से यह उपाय करने पर व्यक्ति की सभी पराबाधाओं का निवारण होता है। इनके चमत्कारिक प्रभाव से मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य में वृद्धि होती है तथा सकारात्मक ऊर्जा का संचार व्यक्ति को सभी समस्याओं से मुक्ति दिलवाता है। नीचे ऐसे ही कुछ यंत्रों तथा उपायों के विषय में बताया जा रहा है, जिनका सही प्रकार से प्रयोग करने से आप वशीकरण, काले जादू व अन्य नकारात्मक प्रभावों से बचे रहेंगे –

श्री हनुमान जी कृपा यंत्र

जिन व्यक्तियों की कुंडली में मांगलिक योग हो, उन व्यक्तियों के लिए इस यंत्र का पूजन करना लाभकारी सिद्ध हो सकता है। श्री हनुमान कृपा यंत्र के नियमित पूजन से सभी प्रकार की ऊपरी बाधाओं से मुक्ति मिलती है। ऊपरी बाधा, नजर, टोना-टोटका, भूत-प्रेत आदि की शांति एवं इनसे होने वाले कष्टों से बचने के लिए लोबान, गंधक, राई एवं काली मिर्च को हनुमान यंत्र के ऊपर से 7 बार फेर कर घर के प्राणियों के पास रखने से ऊपरी बाधाएं नष्ट होती हैं।

बगलामुखी यंत्र

बगलामुखी यंत्र द्वारा शत्रुओं पर विजय व वांछित सफलता प्राप्त हो सकती है। बगलामुखी यंत्र बुरी शक्तियों से बचाव के लिए अचूक यंत्र है। बगलामुखी यंत्र अकाल मृत्यु, दंगा फसाद, आपरेशन आदि से बचाव करता है। इसे गले में पहनने के साथ-साथ पूजा घर में रख सकते हैं। अपनी सफलता के लिए कोई भी व्यक्ति इस यंत्र का उपयोग कर सकता है।

बाधामुक्ति कवच

बाधामुक्ति कवच बाधामुक्ति कवच पांचमुखी, तेरहमुखी तथा गणेश रुद्राक्ष के संयुक्त मेल से बनाया गया है। तेरह मुखी रुद्राक्ष विश्वेश्वर का प्रतीक होने के कारण सभी बाधाओं को नष्ट करता है। पांचमुखी रुद्राक्ष, महारुद्र स्वरूप है और पाप, ताप आदि अशुभ बाधाओं से रक्षा करता है। गणेश रुद्राक्ष विघ्नेश्वर का स्वरूप होने के कारण जीवन में आने वाली सभी विघ्न-बाधाओं को दूर करता है। इस बाधामुक्ति कवच को धारण करने से धारणकर्ता के जीवन में आने वाली सभी बाधाओं का निराकरण होता है।

काले घोड़े की नाल

काले घोड़े की नाल की अंगूठी काले घोड़े की नाल की अंगूठी नीच कर्मों से दूर रखती है तथा भूत-प्रेत, टोना, टोटका, नजर दोष आदि से बचाती है। एवं परिवार में कलह-पीड़ा नहीं होती। यह नौकरी पेशावालों के लिए भी उपयोगी है। ज्योतिष के अनुसार शनि जीवन में कई बार ढैय्या, साढ़ेसाती, महादशा व अंतर्दशा के रूप में प्रभावी होते हैं। इस स्थिति में काले घोड़े की नाल अंगूठी में धारण करना शनि दोषों का निवारण करता है।

काले हकीक की माला

काले हकीक की माला पर हनुमान मंत्र का जप करने से शत्रु बाधा और प्रेत बाधा का निवारण होता है। जन्म पत्रिका में शनि अकारक होने पर तथा शनि से संबंधित वस्तुओं के व्यापारियों को शनि उपासना नियमित रूप से करनी चाहिए। काले हकीक की माला पर शनि के मंत्र का जप करना अत्यंत लाभकारी रहता है।

भैरव यंत्र

भैरव यंत्र भूत-प्रेत, काले जादू के प्रभाव को दूर करने में सहयोग करता है, तंत्र-मंत्र की नकारात्मक शक्तियों से व्यक्ति को बचा कर रखता है तथा सकारात्मक शक्तियों की शुभता बनाए रखता है।

संपूर्ण बाधामुक्ति यंत्र

संपूर्ण बाधामुक्ति यंत्र शत्रुओं पर विजय, मुकद्दमे में जीत, रुके कार्यों में सफलता और बुरी नजर से बचाव के लिए संपूर्ण बाधामुक्ति यंत्र बहुत प्रभावशाली है। इससे जातक का चोट, दुर्घटना, दुर्भाग्य आदि से बचाव होता है। जातक का प्रभामंडल उज्जवल होता है। संपूर्ण बाधामुक्ति यंत्र में महामृत्युंजय यंत्र, बगलामुखी यंत्र, नवग्रह यंत्र, वशीकरण यंत्र, वाहन दुर्घटना नाशक यंत्र, शनि यंत्र, राहु और केतु यंत्र, वास्तु दोष निवारण यंत्र, गणपति यंत्र और कालसर्प यंत्र सम्मिलित हैं।

गीता यंत्र

यंत्र के सम्मुख गीता पाठ करने से सहस्त्रोगुण से अधिक फल मिलता है। पाठ करने में असमर्थता होने पर यंत्र के सम्मुख शुद्ध मन से तुलसी या पंचमुखी रूद्राक्ष की माला पर जप करना विशेष लाभ देता है। गीता यंत्र पर प्रतिदिन ग्यारह की संख्या में बिल्वपत्र अर्पण करने से लक्ष्मी जी संतुष्ट होकर लाभवृद्धि करती हैं। गीता यंत्र की उपासना से भूत-प्रेत एवं पितृ दोष की शांति होती है तथा गीता यंत्र की उपासना से विद्या प्राप्ति होती है



Ruchi Sehgal