Jeevan Dharm

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Friday 4 August 2017

बैगन मंगोड़ी

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आवश्यक सामग्री

बैंगन - 1 (400 ग्राम)

आलू - 3 (250 ग्राम)

मुंगोडी़ - ½ कप (100 ग्राम)

टमाटर - 3 (पेस्ट)

हरी मिर्च - 2 (पेस्ट)

सरसों का तेल - 2-3 टेबल स्पून

हरा धनिया - 3-4 टेबल स्पून (बारीक कटा हुआ)

हींग - 1 पिंच

जीरा - ½ छोटी चम्मच

अदरक का पेस्ट - 1 छोटी चम्मच

गरम मसाला - ¼ छोटी चम्मच

लाल मिर्च पाउडर - ¼ छोटी चम्मच या स्वादानुसार

हल्दी पाउडर - ¼ छोटी चम्मच

धनियां पाउडर - 1.5 छोटी चम्मच

नमक - 1.5 छोटी चम्मच से कम या स्वादानुसार

विधि

1 मुगोड़ी के 2-3 टुकड़े करते हुये तोड़ लीजिए. बैंगन को छोटे टुकड़ों में काट कर पानी में रख लीजिये, और आलू को छील कर धोकर छोटे-छोटे टुकड़ों में काट कर तैयार कर लीजिए.

पैन में 2 टेबल स्पून तेल डालकर गरम कीजिए. तेल के गरम होने पर मुंगोड़ी को इसमें डालकर मीडियम आंच पर लगातार चलाते हुए हल्का सा कलर बदलने या ब्राउन होने तक भून लीजिए.

मुंगोडी़ भुन जाने पर इसमें ½ कप पानी, कटे हुए आलू बैंगन और नमक डालकर मिक्स कीजिए. अब इसे ढक कर के पकने दीजिए, और बीच-बीच में चैक करते रहें.

अब दूसरे पैन में मसाला भून कर तैयार कर लीजिये: पैन में 1-2 टेबल स्पून तेल डालकर गरम कीजिए. तेल गरम होने पर इसमें जीरा डालें जीरा तड़कने पर हींग, अदरक पेस्ट, हल्दी पाउडर, धनिया पाउडर, टमाटर हरी मिर्च का पेस्ट, लाल मिर्च पाउडर और नमक डालकर तब तक भूनिये जब तक कि मसाले के ऊपर तेल न तैरने लगे.

मसाला भूनने पर इसमें 1 कप पानी डालकर उबाल दिला दीजिए. ग्रेवी में उबाल आने पर इसमें गरम मसाला और दूसरे पैन में पकाई गई सब्जी डालकर अच्छे से मिलाएं ऊपर से हरा धनिया डालकर मिला दीजिए. अब सब्जी़ को ढककर के 4-5 मिनिट और पकने दीजिए.

आलू बैगन मुगोड़ी की सब्जी बनकर तैयार है, इसे प्याले में निकाल लीजिए और हरे धनिये से सजाएं. गरमा गरम आलू बैंगन मुंगोड़ी की सब्जी, चपाती, परांठे, नॉन या चावल के साथ परोसिये और खाइये.

4-5 सदस्यों के लिए

समय - 35 मिनिट

आलू बखरवड़ी

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आवश्यक सामग्री
आटा लगाने के लिये मैदा - 150 ग्राम (1 1/2 कप)
बेसन - 50 ग्राम ( 1/2 कप)
तेल - 50 ग्राम ( 1/4 कप)
नमक- स्वादानुसार ( आधा छोटी चम्मच)
पिठ्ठी बनाने के लिये आलू - 250 ग्राम (3-4 मीडियम साइज के उबाले हुये)
तेल - 1 टेबल स्पून
हींग - 1 पिंच
जीरा - आधा छोटी चम्मच
राई - आधा छोटी चम्मच
सफेद तिल - 1 टेबल स्पून
हल्दी पाउडर - 1/4 छोटी चम्मच
धनियां पाउडर - 1 छोटी चम्मच
लाल मिर्च - 1/4 छोटी चम्मच से कम नमक - स्वादानुसार 1/2 छोटी चम्मच
गरम मसाला - 1/4 छोटी चम्मच से कम हरा धनियां - 1 टेबल स्पून बारीक कतरा हुआ

विधि
आलू बाकरवडी के लिये आटा लगाईये मैदा और बेसन को किसी बर्तन में छान कर निकाल लीजिये, 2-3 टेबल स्पून सूखा मैदा बचाकर रख लीजिये. बचा हुआ मैदा में नमक और तेल डाल कर अच्छी तरह मिला लीजिये. थोड़ा थोड़ा पानी डालते हुये पूरी के जैसा सख्त आटा गूथ लीजिये. आटे को ढककर 20 मिनिट के लिये रख दीजिये ताकि आटा सैट हो जाय. जब तक आटा सैट होता है, हम आलू की पिठ्ठी बनाकर तैयार कर लेते है. आलू बाकरवडी के लिये पिठ्ठी बनाईये आलू को छील कर, बारीक फोड़ लीजिये. कढ़ाई में तेल डालकर गरम कीजिये, गरम तेल में हींग और जीरा डालिये, जीरा हल्का सा भुनने के बाद, राई डालिये, राई तड़कने के बाद तिल डालिये, तिल हल्के ब्राउन हो जायं तब हल्दी पाउडर, धनियां पाउडर डालकर हल्का सा भूनिये, अब आलू डालिये, लाल मिर्च, नमक और गरम मसाला भी डाल दीजिये. मसाले के साथ आलू को भूनिये और अच्छी तरह मैस करके मिला दीजिये. पिठ्ठी तैयार है, पिठ्ठी में हरा धनियां भी डालकर मिला दीजिये. आलू बाकरवडी बनाईये गुथे आटे को 3 भागों में बांट लीजिये, एक भाग को उठाइये, मसल कर चपटा करके लोई बना लीजिये. लोई को चकले पर रखिये और परांठा जैसा पतला 8-10 इंच के व्यास में वेल लीजिये. बेले हुयी पूरी के ऊपर आलू की पिठ्ठी के 3-4 टेबल स्पून रखिये और पूरी के सभी ओर से थोड़े से किनारे छोड़ते हुये, चम्मच से पिठ्ठी को दबाते हुये चारों तरफ पतला बिछा दीजिये. पूरी के ऊपर पिठ्ठी लगाने के बाद पूरी को एक तरफ से उठाते हुये मोड़िये और रोल बना लीजिये. दोनों खुले किनारे हाथ से दबाकर बन्द कर दीजिये. रोल को आधा या पोना इंच के टुकड़े करते हुये काट लीजिये. सारे टुकड़े काटने के बाद, बाकर बड़ी का एक टुकड़ा उठाइये और उसके दोंनो किनारे पर सुखा मैदा या बेसन लगाकर उंगलियों के सहारे से अच्छी तरह चिपका दीजिये, ताकि आलू की पिठ्ठी बाकर बड़ी तलते समय तेल में बाहर न निकलें. सारे बाकर बड़ी को इसी तरह मैदा या बेसन लगाकर रख लीजिये. बाकर बड़ी तलने के लिये तैयार है. बाकर बड़ी तलने के लिये कढ़ाई में तेल डालकर गरम कीजिये, तेल अच्छी तरह गरम होने पर बाकर बड़ी गरम तेल में डालिये, जितनी बाकर बड़ी एक बार तेल में डाली जा सकें डाल दीजिये. मध्यम और धीमी आग पर बाकर बड़ी को सब तरफ से ब्राउन होने तक तल कर निकाल लीजिये. सारी बाकर बड़ी इसी तरह तल कर निकाल लीजिये. खस्ता कुरकुरी आलू बाकर बड़ी (Aloo Bakarwadi) तैयार है, हरी चटनी या मीठी चटनी के साथ गरमा गरम बाकर बड़ी परोसिये और खाइये, आलू बाकर बड़ी को गरमा गरम खाकर खतम कर दीजिये.

मुसीबते दूर करेंगे ये 10 छोटे चमत्कारी देवी मंत्र

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मुसीबतों को दूर करते हैं ये 10 छोटे से चमत्कारी देवी मंत्र कार्यक्षेत्र या परिवार से जुड़े मामलों में कई अनचाहे परिणाम कुछ मौकों पर गहरे अवसाद में डूबो देते हैं। दरअसल काम और सफलता में संकल्प शक्ति निर्णायक होती है। कठोर संकल्प शक्ति के बिना मनोबल दम तोड़ देता है। इससे कर्म पूरे समर्पण भाव से नहीं होते और लक्ष्य या सफलता को पाना मुश्किल हो जाता है। शास्त्रों में देवी की पूजा पवित्र और मजबूत संकल्प शक्ति से ही करना बेहद असरकारी मानी गई है। भय, संशय और निराशा से मुक्त जीवन के लिए देवी की पूजा विशेष दिनों जैसे शुक्रवार विशेष देवी मंत्रों के साथ करने का महत्व बताया गया है। - शुक्रवार की सुबह व शाम स्नान के बाद स्वच्छ लाल वस्त्र पहनकर दुर्गा प्रतिमा या नवदुर्गा की तस्वीर को लाल चंदन, अक्षत, सुहाग सामग्री, चुनरी, लाल फूल व दूध से बनी मिठाईयों का भोग लगाएं। - देवी पूजा के बाद 10 देवी मंत्र है, जो बोलने में बहुत छोटे हैं, लेकिन बहुत ही असरकारी हैं और बड़ी से बड़ी परेशानियों से मुक्ति देंगे। अदभुत देवी मंत्र का उपाय - देवी के सामने धूप व दीप जलाकर नीचे लिखे 10 देवी मंत्र गहरी श्रद्धा और सुख-सफलता भरे जीवन की कामना के साथ स्मरण करें – ॐ महाविद्यायै नमः। ॐ जगन्मात्रे नमः। ॐ महालक्ष्म्यै नमः। ॐ शिवप्रियायै नमः। ॐ विष्णुमायायै नमः। ॐ शुभायै नमः। ॐ शान्तायै नमः। ॐ सिद्धायै नमः। ॐ सिद्धसरस्वत्यै नमः। ॐ क्षमायै नमः।

कामयाबी का मंत्र

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जबरदस्त कामयाबी का रहस्य.... भौतिक संपन्नता का क्षेत्र हो या आध्यात्मिक उन्नति का कामयाबी उसे ही मिलती है जिसमें उसे पाने की योग्यता और क्षमता होती है। बल या शक्ति उस समग्र और सम्मिलित क्षमता को कहते हैं जिसमें तीनों बल यानि धन, ज्ञान और बाहु बल शामिल हो। दुनिया में सर्वाधिक शक्तिशाली वही है जो जिसके पास तीनों बलों का पर्याप्त संचय यानि कि संग्रह हो। प्राचीन दुर्लभ शास्त्रों में कुछ ऐसे विलक्षण मंत्र दिये गए हैं जिनको सिद्ध करके आप जिंदगी के हर क्षेत्र में भरपूर कामयाबी प्राप्त कर सकते हैं। ये मंत्र पूरी तरह से ध्वनि विज्ञान के आधार पर कार्य करते हैं:- - धन बल के लिए: कमलासने विद्महे, विष्णु प्रयाये धीमही, तन्नौ लक्ष्मी प्रचोदयात्। - ज्ञान बल के लिए: हंसवाहिनी विद्महे, ज्ञान प्रदानाय धीमही, तन्नौ सरस्वती प्रचोदयात्। - बाहु बल के लिए: नृसिंहाय विद्महे, वज्रनखाय धीमही, तन्नौ नृसिंह प्रचोदयात्। जप के नियम: ऊपर वर्णित अचूक मंत्रों का जप प्रारंभ करने से पूर्व कुछ सरल किंतु अनिवार्य नियमों पर एक नजर- - ध्यान रहे की मंत्र जप की सारी सफलता एकाग्रता और श्रद्धा पर निर्भर होती है। - पूर्व या उत्तर दिशा में मुख करके पद्मासन में कमर सीधी रख कर बैठें। - तीनों, कोई दो या आवश्यकता के अनुसार मात्र एक मंत्र का जप करने से पूर्व भी अनिवार्यरूप से तिगुनी मात्रा में गायत्री जप अवश्य करें। - यदि ज्ञान बल वृद्धि के मंत्र का एक माला जप करना हो तो उससे पूर्व तीन माला गायत्री मंत्र की माला करना चाहिए। यानि 1:3 का ही हो। - मंत्र जप पूर्व बाहरी एवं आंतरिक पवित्रता के बाद प्रारंभ करें। - ध्यान रहे मंत्र जप सूर्योदय से पूर्व ही समाप्त हो जाना चाहिए।

शराब छुड़ाने के उपाय

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शराब छुड़ाने के उपाय

यदि कोई व्यक्ति बहुत ज्यादा शराब पीता है तो उसकी पत्नी मंगल या शनिवार को चरखा चलाए।जो व्यक्ति जरूरत से ज्यादा शराब का सेवन करता है तो उसकी पत्नी अपने पैरों के बिच्छुए को पानी से धोकर तथा शराब की बोतल में से थोड़ी सी शराब लेकर उसमें अपने बिच्छुए डाल दे। त्रयोदशी या पूर्णमाशी के दिन वह शराब निकाल कर दूसरी किसी शराब की बोतल में डाल दें। ऐसा पांच मंगलवार या शनिवार करने से शराब पीने की लत छूट जाती है।जो जातक शराब का सेवन अधिक करता है तो उसके लिए सात पताशे लेकर प्रत्येक पताशे में सरसों के तेल की दो-चार बूंदे डालकर फिर बताशे को हाथ से मसलकर घर से बाहर कहीं दूर जाकर फेंक दें। ऐसा ११ दिन लगातार करने से शराब पीने की लत छूट जाती है।

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जब शराब पीने की इच्छा हो तब किशमिश का १-१ दाना मुंह में डालकर चूसें किशमिश का शरबत पीने से भी दिमाग को ताकत मिलेगी और धीरे-धीरे शराब छोड़ने की क्षमता आ जायेगी l साथ ही इस मंत्र का जप करें : - " ॐ ह्रीं यं यश्वराये नमः " अथवा जब शराबी निद्रा में हो तो कुटुम्बी उसकी चोटी वाले भाग में देखते हुए मन ही मन इसका जप करें

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सोने-चांदी का काम करने वाले सोनारों के पास से शुद्ध गंधक का तेज़ाब यानि कि सल्फ़्युरिक एसिड ले आइए और आप जो शराब पीने जा रहे हैं उसके बने हुए पैग में चार बूंद यह तेज़ाब डाल दीजिए और जैसे सेवन करते है वैसे ही पीजिए और आप देखेंगे कि धीरे-धीरे आपकी शराब पीने की इच्छा अपने आप ही कम होने लगी है । इसी क्रम में आप एक दिन खुद ही शराब के प्रति अरुचि महसूस करने लगेंगे और पीना अपने आप छूट जाएगा ,ध्यान रखिए कि आप और कोई उपाय न करें बस खाने पर ध्यान दें कि स्वास्थ्यवर्धक आहार लें ।दूसरा यह कि शिमला मिर्च(कैप्सिकम) जो कि मोटी-मोटी होती हैं व खाने में तीखी नहीं होती व सब्जी बनाने में प्रयोग करी जाती हैं ,ले लीजिए और उनका जूसर से रस निकाल लीजिए व इस रस का सेवन दिन में दो बार आधा कप नाश्ते या भोजन के बाद करें । आप चमत्कारिक रूप से पाएंगे कि आपकी शराब की तलब अपने आप घटने लगी है और एक दिन आप खुद ही पीने से इंकार कर देते हैं चाहे कोई कितना भी दबाव क्यों न डाले । ये दोनो उपाय सन्यासियों के आजमाए हुए हैं जोकि लोगों की शराब छुड़ाने के प्रसिद्ध रहे हैं। आप यकीन मानिये कि इन सरल से उपायों से चालाक किस्म के लोग मजबूर शराबियों की आदत छुड़ाने की दवा के रूप में देकर लाखों रुपए कमाते हैं

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तो अपनी शराब में यह होम्योपैथिक दवा प्रति लीटर में बारह बूंद मिला कर रख लें और यकीन मानिए कि जो लोग आपके साथ शराब पीते हैं वे दो महीने में खुद ही शराब पीना बंद कर देंगे,दवा का नाम है SPIRTAS GLANDIUM QUERCUS . यह वही दवा है जिसका प्रचार कर-करके तमाम दवाखानों ने करॊड़ो रुपए कमा लिए हैं । हम किस दवा कए बाद जब शराबी की आदत छूट जाती है तो उसे दो माह तक सुबह शाम दो-दो चम्मच गुलकन्द(प्रवाल मिश्रित) खिलाते हैं और इसके बीस मिनट बा्द दो चम्मच अश्वगंधारिष्ट बराबर पानी के साथ देते हैं । इससे उसका खोया स्वास्थ्य वापस आ जाता है । आप भी इसी तरह से अपनी टूटती हुई कसमों से बच सकते हैं और यदि नियमित रूप से प्राणायाम करते हैं तो फिर तो सोने में सुगंध जैसी बात है ।