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Tuesday 18 February 2020

नौकरी व व्यापार में उन्नत्ति के अचूक टोटके ||

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नौकरी व व्यापार में उन्नत्ति के अचूक टोटके ||

कभी- कभी ग्रहों की दशाओं के कारण व्यक्ति की नौकरी और व्यापार में रूकावट आ जाती है | दिखाई देने वाले कारण कुछ भी हो सकते है किन्तु कहीं न कहीं इन कारणों के पीछे ग्रहों का प्रभाव भी होता है | ग्रहों के अनुकूल होने पर जीवन में सभी कार्य बनते चले जाते है | फिर चाहे वो नौकरी हो , व्यापार हो या  फिर विवाह में हो रहा विलंभ |



इसके विपरीत यदि ग्रह आपके अनूकुल नहीं है तो समय -समय पर आपको मुसीबतों का सामना करना पड़ सकता है | आज हम आपको कुछ ऐसे टोटके बताने जा रहे है जिनके करने से आप नौकरी व व्यापार  की उन्नत्ति में हो रही रूकावट को दूर कर सकते है  :

⇒  किसी शुक्रवार के दिन, थोड़ी मात्रा में गुड़ और चने लेकर उसमें खट्टी- मीठी बच्चों के खाने वाली टोफियाँ मिला लें  अब इसे 8 बच्चों को बाँट दे , ध्यान दे सभी बच्चों की आयु 8 वर्ष से कम होनी चाहिए | इस प्रयोग को 8 शुक्रवार तक करना है | बीच के दिनों में करने की आवश्यकता नहीं है | यह प्रयोग सिर्फ शुक्रवार वाले दिन ही करें | आठ शुक्रवार पूरे होने से पहले ही आपको अपनी नौकरी या व्यापर में उन्नति के लक्षण दिखने लगेंगे |

|| व्यवसाय में वृद्धि के उपाय ||

⇒   व्यवसाय वृद्धि के लिए :-  शनिवार के दिन पीपल का पत्ता लेकर उसे अच्छे से धो ले और धुप – दीप दिखाकर उसे जहाँ आप अपनी दुकान पर बैठते है उस आसन के नीचे रख दे | इस क्रिया को सात शनिवार तक करें | जैसे ही सात शनिवार पूरे हो जाते है आप इन सभी पत्तों को लेकर किसी नहर या बहते पानी में डाल दे | इस प्रकार करने से आपका व्यापार चलने लगेगा |

⇒  कपूर और रोली को जलाकर उसकी राख बना ले | अब राख को आप किसी डिब्बी में डालकर बंद कर दे | इस डिब्बी को आप अपने व्यापार में जहा पैसे रखते है उस स्थान पर रख दे | व्यापार में लाभ मिलेगा |

⇒   रविवार के दिन एक साफ़ पात्र में गंगाजल लेकर उसे गायत्री मंत्र से 21 बार जाप कर जल में फूंक लगाकर अभिमंत्रित कर ले | प्रत्येक मंत्र के बाद आप जल में फूंक लगायें | अब इस जल को आप अपनी दुकान या कारखाना जो भी हो सभी जगह पर छिड़क दे | शौचालय जैसी जगहों को छोड़ दे | इस प्रकार यह कार्य आप 7 रविवार तक करें | आपके व्यापार में वृद्धि होने लगेगी |



⇒   सुबह – सुबह अपने व्यवसाय पर जाने से पहले अपने ईष्ट देव का नाम लेकर परफ्यूम लगाकर जाने से भी व्यापार अच्छा चलता है |

⇒   एक चांदी की कटोरी में चांदी के ही गणेश जी और लक्ष्मी जी स्थापित करें | अब इसे अपने व्यापर के या दुकान के पूर्व दिशा में स्थापित कर दे | रोज सुबह -सुबह इनके सामने दूप -दीप करें आपके व्यापार में वृद्धि होने लगेगी |

⇒   मिट्टी के चार बर्तन ले ले, अब इनमे से एक बर्तन में काले तिल , दुसरे में जौ , तीसरे बर्तन में साबुत हरे मूंग और चौथे बर्तन में पीली सरसों भरकर रख दे  | अब इन चारों बर्तन को दुकान में कहीं पर भी रख दे | एक साल तक इन्हें इसे ही रखे रहने दे | एक साल बाद इनको  कहीं बहते पानी में विसर्जित कर दे |  यदि आपके व्यसाय में ग्राहक नही आ रहे है या आपकी दुकान में भी ग्राहक नही आ रहे है तो इस टोटके का प्रयोग अवश्य करें |

|| नौकरी में उन्नत्ति के लिए ||

⇒   नौकरी में उन्नत्ति के लिए :  प्रतिदिन सुबह -सुबह सूर्यदेव को जल चढ़ाये | और जल अर्पित करते समय  गायत्री मंत्र का जाप भी करें | ऐसा करने से सूर्य से मिलने वाली उर्जा का आप पर सकारात्मक प्रभाव आने लगेगा और आपकी नौकरी में उन्नति के दरवाजे खुलने लगेंगे |

⇒   शनि देव हमारे कर्मो का फल देने वाले देव माने जाते है | इसलिए यदि आप चाहते है नौकरी में उन्नति करना तो आज से ही प्रत्येक   शनिवार को शनिदेव की पूजा पूरे विधि -विधान अनुसार करना आरम्भ कर दे | सात मुखी रुद्राक्ष धारण करें | और शनिदेव के मंत्र का जाप करें :   “ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनिश्चराय नमः” |

⇒   सात प्रकार के अनाज को मिलाकर घर पर रख ले | अब इनमे से प्रतिदिन थोडा -थोडा अनाज पक्षियों को खिलाये | इस प्रकार करने से सभी गृह दोष शांत होकर नौकरी में आने वाली सभी कठिनाइयाँ समाप्त हो जाती है |

⇒   सुबह घर से नौकरी पर जाते समय एक रोटी साथ लेकर जाये और रस्ते में किसी गाय को खिला दे | ऐसा करने से आपको नौकरी में जल्द ही प्रोमोशन मिलता है |


Karz Mukti ke upay कर्ज से छुटकारा पाने के उपाय : –

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Karz Mukti ke upay कर्ज से छुटकारा पाने के उपाय : –

बुधवार को सुबह नहाने के बाद खाली पेट गाय को हरा चारा खिलाये | यह प्रयोग लगातार तब तक करते रहे जब तक कि कर्ज के लिए परिस्तिथियाँ अनुकूल न हो जाये |
लगातार 2 मंगलवार को हनुमान जी को चौला चढ़ाये | और हनुमान जी के चरणों से सिन्दूर लेकर माथे पर टीका लगाये | इसके साथ – साथ नियमित रूप से हनुमान चालीसा और बजरंग बाण का पाठ करें |
प्रतिदिन लाल मसूर की दाल का दान करें | इस प्रयोग से कर्ज धीरे -धीरे कम होने लगता है |
भगवान श्री गणेश , रिद्धि -सिद्धि देने वाले देव कहलाते है | इसलिए नियमित रूप से उनकी पूजा करने से और दूर्वा व मोदक का भोग लगाने से कर्ज से मुक्ति मिलती है |
पांच गुलाब के ताजा फूल लेकर इन्हें 7 बार गायत्री मंत्र द्वारा अभिमंत्रित कर इसे एक सफ़ेद कपडे में बांधकर किसी नदी या बहते हुए जल में प्रवाहित कर दे | कर्ज चुकाने के द्वारा खुलने लगेंगे |
सर्व सिद्धि बीसा यन्त्र धारण करने से भी क़र्ज़ से मुक्ति मिलती है |
शनिवार के दिन घर की चौखट पर घोड़े की नाल को अभिमंत्रित कर लगाना चाहिए |
मंगलवार को किसी निकट के शिवमंदिर में जाकर शिवलिंग पर मसूर की दाल और जल अर्पित करे और साथ ही इस मंत्र का जाप भी करें ” ॐ ऋण मुक्तेश्वर महादेवाय  नमः ” |
शनिवार के दिन एक मिट्टी के दिए में सरसों का तेल भरकर इसे अच्छे से ढक दे | अब इस दिए को किसी तालाब या नदी के किनारे थोडा गड्डा खोदकर दबा दे | यह भी एक परीक्षित प्रयोग है कर्ज से शीघ्र मुक्ति पाने का |
कर्ज से जल्द छुटकारा पाने हेतु ऋणमोचन मंगल स्त्रोत का पाठ भी करना चाहिए |
इन सब उपायों के अतिरिक्त आप पूजा के समय इन मंत्रो की एक माला का जाप कर अपने कर्ज से मुक्ति (karz mukti ke upay) पा सकते है :

|| ॐ ऋण मुक्तेश्वर महादेवाय  नमः ||

|| ॐ मंगलमूर्तये नमः ||

||ॐ गं ऋणहर्तायै नमः  ||


राहु के 38 उपाय

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राहु को छाया ग्रह कहा जाता है, और श्रीमदभागवतमहापुराण में तो शुकदेवजी ने स्पष्ट वर्णनकिया कि यह सूर्य से 10 हजार योजन नीचे स्थित है,और श्याम वर्ण की किरणें निरन्तर पृथ्वी परछोडता रहता है, यह मिथुन राशि में उच्च का होता है,धनु राशि में नीच का हो जाता है, राहु और शनि रोगकारक ग्रह है, इसलिये यह ग्रह रोग जरूर देता है। काला जादू तंत्र टोना आदि यही ग्रह अपने प्रभाव सेकरवाता है। अचानक घटनाओं के घटने के योग राहु केकारण ही होते है, और षष्टांश में क्रूर होने पर ग्रद्य रोगहो जाते है। राहु ब्रह्माण्ड का दृश्य रूप है।

राहु की दशा से मुक्ति के उपाय

शनिवार के दिन सूर्य उदय से पूर्व दो मोर पंख ले कर आयेंपंख के नीचे भूरे रंग का धागा बाँध लेँ एक थाली मेंपंखों के साथ दो सुपारियाँ रखें गंगाजल छिड़कते हुए 21बार ये मंत्र पढ़ें "ॐ राहवे नम: जाग्रय स्थापय स्वाहा:"
चौमुखा दिया जला कर राहु को अर्पित करें. कोईभी मीठा प्रसाद बना कर चढ़ाएं।

राहु का जाप मंत्र :-
"ऊँ भ्रां भ्रीं भ्रौं स: राहुवे नम:॥" यह मंत्र 18000 बार रोजाना, शांति मिलने तक जाप करना चाहिए।

राहु ग्रह शांति के उपाय :-

1. अपने पास सफेद चन्दन अवश्य रखना चाहिए। सफेद चन्दन की माला भी धारण की जा सकती है। प्रतिदिन सुबह चन्दन का टीका भी लगाना चाहिए। अगर हो सके तो नहाने के पानी में चन्दन का इत्र डाल कर नहाएं।

2. राहु की शांति के लिए श्रावण मास में रुद्राष्टाध्यायी का पाठ करना सर्वोत्तम है।

3. शनिवार को कोयला, तिल, नारियल, कच्चा दूध, हरी घास, जौ, तांबा बहती नदी में प्रवाहित करें।

4. बहते पानी में शीशा अथवा नारियल प्रवाहित करें।

5. नारियल में छेद करके उसके अन्दर ताम्बे का पैसा डालकर नदी में बहा दें।

6. बहते पानी में तांबे के 43 टुकड़े प्रवाहित करें।

7. नदी में लकड़ी का कोयला प्रवाहित करें।

8. नदी में पैसा प्रवाहित करें।

9. एक नारियल + 11 बादाम (साबुत) काले वस्त्र मेंबांधकर जल में प्रवाहित करें।

10. हर बुधवार को चार सौ ग्राम धनियां पानी में
बहाएं।

11. कुष्ठ रोगी को मूली का दान दें।

12. काले कुत्ते को मीठी रोटियां खिलाएं।

13. मोर व सर्प में शत्रुता है अर्थात सर्प, शनि तथा राहू के संयोग से बनता है। यदि मोर का पंख घर के पूर्वी और उत्तर पश्चिम दीवार में या अपनी जेब व डायरी में रखा हो तो राहू का दोष कभी भी नहीं परेशान करता है, मोरपंख की पूजा करें या हो सके तो उसे हमेशा अपने पास रखें।

14. रात को सोते समय अपने सिरहाने में जौ रखें जिसे सुबह पंक्षियों को दें।

15. सरसों तथा नीलम का दान किसी भंगी या कुष्ठ रोगी को दें।

16. राहु ग्रह से पीडि़तव्यक्ति को रोजाना कबूतरों को बाजरे में काले तिल मिलाकर खिलाना चाहिए।

17. गिलहरी को दाना डालें।

18. दो रंग के फूलों को घर में लगाएं और गणेश जी को अर्पित भी करें।

19. कुष्ठ रोगियों को दो रंग वाली वस्तुओं का दान करें।

20. हर मंगलवार या शनिवार को चीटियों को मीठा खिलाएं।

21. अगर राहू आपकी कुंडली में 12 वे घर में बैठा है तो भोजन रसोई घर में करें।

22. अष्टधातु का कड़ा दाहिने हाथ में धारण करना चाहिए।

23. जमादार को तम्बाकू का दान करना चाहिए।

24. अपने पास ठोस चाँदी से बना वर्गाकार टुकड़ा रखें।

25. श्री काल हस्ती मंदिर की यात्रा।

26. चाय की कम से कम 200 ग्राम पत्ती 18 बुधवार दान करने से रोग कारक अनिष्टकारी राहु स्वास्थ्य लाभ प्रदान करता है।

27. नेत्रेत्य कोण में पीले फूल लगायें।

28. अपने घर के वायु कोण (उत्तर-पश्चिम) में एक लाल झंडा लगाएं।

29. यदि क्षय रोग से पीडि़त हों तो गोमूत्र से जौ को धो कर एक बोतल में रखें तथा गोमूत्र के साथ
उस जौ से अपने दाँत साफ करें।

30. शनिवार के दिन अपना उपयोग किया हुआ कंबल किसी गरीब को दान करें।

31. अमावस्या को पीपल पर रात में 12 बजे दीपक जलाएं।

32. शिवजी पर जल, धतुरा के बीज, चढ़ाएं और सोमवार
का व्रत करें।

33. यदि राहु चंद्रमा के साथ हो तो पूर्णिमा के दिन नदी की धारा में नारियल, दूध, जौ, लकड़ी का कोयला, हरी दूब, यव, तांबा, काला तिल प्रवाहित करें।

34. यदि राहु सूर्य के साथ हो तो सूर्य ग्रहण के समय कोयला और सरसों नदी की धारा में प्रवाहित करना चाहिए।

35. अगर आपकी कुंडली में भी राहु और शनि एक साथ बैठे है तो यह उपाय करे। हर रोज मजदूरों को तम्बाकु की पुडिया दान दे। ऐसा 43 दिन करे आपको कभी यह योग बुरा फल नहीं देगा।

36. यदि राहु सूर्य के साथ हो तो जौ को दूध या गौ मूत्र से धोकर बहते पानी में बहायें।

37. शुक्र राहु की युति होने पर दूध एवं हरे नारियल का दान करें ।

38. 41 दिन तक 1 रूपया प्रतिदिन भंगी को दें।

सूर्य के उपाय

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गाय का दान अगर बछड़े समेत
गुड़, सोना, तांबा और गेहूं
सूर्य से सम्बन्धित रत्न का दान
दान के विषय में शास्त्र कहता है कि दान का फल उत्तम तभी होता है जब यह शुभ समय में सुपात्र को दिया जाए। सूर्य से सम्बन्धित वस्तुओं का दान रविवार के दिन दोपहर में ४० से ५० वर्ष के व्यक्ति को देना चाहिए। सूर्य ग्रह की शांति के लिए रविवार के दिन व्रत करना चाहिए। गाय को गेहुं और गुड़ मिलाकर खिलाना चाहिए। किसी ब्राह्मण अथवा गरीब व्यक्ति को गुड़ का खीर खिलाने से भी सूर्य ग्रह के विपरीत प्रभाव में कमी आती है। अगर आपकी कुण्डली में सूर्य कमज़ोर है तो आपको अपने पिता एवं अन्य बुजुर्गों की सेवा करनी चाहिए इससे सूर्य देव प्रसन्न होते हैं। प्रात: उठकर सूर्य नमस्कार करने से भी सूर्य की विपरीत दशा से आपको राहत मिल सकती है।
सूर्य को बली बनाने के लिए व्यक्ति को प्रातःकाल सूर्योदय के समय उठकर लाल पुष्प वाले पौधों एवं वृक्षों को जल से सींचना चाहिए।
रात्रि में ताँबे के पात्र में जल भरकर सिरहाने रख दें तथा दूसरे दिन प्रातःकाल उसे पीना चाहिए।
ताँबे का कड़ा दाहिने हाथ में धारण किया जा सकता है।
लाल गाय को रविवार के दिन दोपहर के समय दोनों हाथों में गेहूँ भरकर खिलाने चाहिए। गेहूँ को जमीन पर नहीं डालना चाहिए।
किसी भी महत्त्वपूर्ण कार्य पर जाते समय घर से मीठी वस्तु खाकर निकलना चाहिए।
हाथ में मोली (कलावा) छः बार लपेटकर बाँधना चाहिए।
लाल चन्दन को घिसकर स्नान के जल में डालना चाहिए।
सूर्य के दुष्प्रभाव निवारण के लिए किए जा रहे टोटकों हेतु रविवार का दिन, सूर्य के नक्षत्र (कृत्तिका, उत्तरा-फाल्गुनी तथा उत्तराषाढ़ा) तथा सूर्य की होरा में अधिक शुभ होते हैं।
क्या न करें
आपका सूर्य कमज़ोर अथवा नीच का होकर आपको परेशान कर रहा है अथवा किसी कारण सूर्य की दशा सही नहीं चल रही है तो आपको गेहूं और गुड़ का सेवन नहीं करना चाहिए। इसके अलावा आपको इस समय तांबा धारण नहीं करना चाहिए अन्यथा इससे सम्बन्धित क्षेत्र में आपको और भी परेशानी महसूस हो सकती है।


चंद्रमा के उपाय

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चन्द्रमा के नीच अथवा मंद होने पर शंख का दान करना उत्तम होता है। इसके अलावा सफेद वस्त्र, चांदी, चावल, भात एवं दूध का दान भी पीड़ित चन्द्रमा वाले व्यक्ति के लिए लाभदायक होता है। जल दान अर्थात प्यासे व्यक्ति को पानी पिलाना से भी चन्द्रमा की विपरीत दशा में सुधार होता है। अगर आपका चन्द्रमा पीड़ित है तो आपको चन्द्रमा से सम्बन्धित रत्न दान करना चाहिए। चन्दमा से सम्बन्धित वस्तुओं का दान करते समय ध्यान रखें कि दिन सोमवार हो और संध्या काल हो। ज्योतिषशास्त्र में चन्द्रमा से सम्बन्धित वस्तुओं के दान के लिए महिलाओं को सुपात्र बताया गया है अत: दान किसी महिला को दें। आपका चन्द्रमा कमज़ोर है तो आपको सोमवार के दिन व्रत करना चाहिए। गाय को गूंथा हुआ आटा खिलाना चाहिए तथा कौए को भात और चीनी मिलाकर देना चाहिए। किसी ब्राह्मण अथवा गरीब व्यक्ति को दूध में बना हुआ खीर खिलाना चाहिए। सेवा धर्म से भी चन्द्रमा की दशा में सुधार संभव है। सेवा धर्म से आप चन्द्रमा की दशा में सुधार करना चाहते है तो इसके लिए आपको माता और माता समान महिला एवं वृद्ध महिलाओं की सेवा करनी चाहिए। कुछ मुख्य बिन्दु निम्न है-

व्यक्ति को देर रात्रि तक नहीं जागना चाहिए। रात्रि के समय घूमने-फिरने तथा यात्रा से बचना चाहिए। रात्रि में ऐसे स्थान पर सोना चाहिए जहाँ पर चन्द्रमा की रोशनी आती हो।
ऐसे व्यक्ति के घर में दूषित जल का संग्रह नहीं होना चाहिए।
वर्षा का पानी काँच की बोतल में भरकर घर में रखना चाहिए।
वर्ष में एक बार किसी पवित्र नदी या सरोवर में स्नान अवश्य करना चाहिए।
सोमवार के दिन मीठा दूध नहीं पीना चाहिए।
सफेद सुगंधित पुष्प वाले पौधे घर में लगाकर उनकी देखभाल करनी चाहिए।
क्या न करें
ज्योतिषशास्त्र में जो उपाय बताए गये हैं उसके अनुसार चन्द्रमा कमज़ोर अथवा पीड़ित होने पर व्यक्ति को प्रतिदिन दूध नहीं पीना चाहिए। स्वेत वस्त्र धारण नहीं करना चाहिए। सुगंध नहीं लगाना चाहिए और चन्द्रमा से सम्बन्धित रत्न नहीं पहनना चाहिए।


मंगल के उपाय

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पीड़ित व्यक्ति को लाल रंग का बैल दान करना चाहिए। लाल रंग का वस्त्र, सोना, तांबा, मसूर दाल, बताशा, मीठी रोटी का दान देना चाहिए। मंगल से सम्बन्धित रत्न दान देने से भी पीड़ित मंगल के दुष्प्रभाव में कमी आती है। मंगल ग्रह की दशा में सुधार हेतु दान देने के लिए मंगलवार का दिन और दोपहर का समय सबसे उपयुक्त होता है। जिनका मंगल पीड़ित है उन्हें मंगलवार के दिन व्रत करना चाहिए और ब्राह्मण अथवा किसी गरीब व्यक्ति को भर पेट भोजन कराना चाहिए। मंगल पीड़ित व्यक्ति के लिए प्रतिदिन 10 से 15 मिनट ध्यान करना उत्तम रहता है। मंगल पीड़ित व्यक्ति में धैर्य की कमी होती है अत: धैर्य बनाये रखने का अभ्यास करना चाहिए एवं छोटे भाई बहनों का ख्याल रखना चाहिए।

लाल कपड़े में सौंफ बाँधकर अपने शयनकक्ष में रखनी चाहिए।
ऐसा व्यक्ति जब भी अपना घर बनवाये तो उसे घर में लाल पत्थर अवश्य लगवाना चाहिए।
बन्धुजनों को मिष्ठान्न का सेवन कराने से भी मंगल शुभ बनता है।
लाल वस्त्र ले कर उसमें दो मुठ्ठी मसूर की दाल बाँधकर मंगलवार के दिन किसी भिखारी को दान करनी चाहिए।
मंगलवार के दिन हनुमानजी के चरण से सिन्दूर ले कर उसका टीका माथे पर लगाना चाहिए।
बंदरों को गुड़ और चने खिलाने चाहिए।
अपने घर में लाल पुष्प वाले पौधे या वृक्ष लगाकर उनकी देखभाल करनी चाहिए।
मंगल के दुष्प्रभाव निवारण के लिए किए जा रहे टोटकों हेतु मंगलवार का दिन, मंगल के नक्षत्र (मृगशिरा, चित्रा, धनिष्ठा) तथा मंगल की होरा में अधिक शुभ होते हैं।
क्या न करें
आपका मंगल अगर पीड़ित है तो आपको अपने क्रोध नहीं करना चाहिए। अपने आप पर नियंत्रण नहीं खोना चाहिए। किसी भी चीज़ में जल्दबाजी नहीं दिखानी चाहिए और भौतिकता में लिप्त नहीं होना चाहिए


बुध शांति के उपाय

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बुध की शांति के लिए स्वर्ण का दान करना चाहिए। हरा वस्त्र, हरी सब्जी, मूंग का दाल एवं हरे रंग के वस्तुओं का दान उत्तम कहा जाता है। हरे रंग की चूड़ी और वस्त्र का दान किन्नरो को देना भी इस ग्रह दशा में श्रेष्ठ होता है। बुध ग्रह से सम्बन्धित वस्तुओं का दान भी ग्रह की पीड़ा में कमी ला सकती है। इन वस्तुओं के दान के लिए ज्योतिषशास्त्र में बुधवार के दिन दोपहर का समय उपयुक्त माना गया है। बुध की दशा में सुधार हेतु बुधवार के दिन व्रत रखना चाहिए। गाय को हरी घास और हरी पत्तियां खिलानी चाहिए। ब्राह्मणों को दूध में पकाकर खीर भोजन करना चाहिए। बुध की दशा में सुधार के लिए विष्णु सहस्रनाम का जाप भी कल्याणकारी कहा गया है। रविवार को छोड़कर अन्य दिन नियमित तुलसी में जल देने से बुध की दशा में सुधार होता है। अनाथों एवं गरीब छात्रों की सहायता करने से बुध ग्रह से पीड़ित व्यक्तियों को लाभ मिलता है। मौसी, बहन, चाची बेटी के प्रति अच्छा व्यवहार बुध ग्रह की दशा से पीड़ित व्यक्ति के लिए कल्याणकारी होता है।

अपने घर में तुलसी का पौधा अवश्य लगाना चाहिए तथा निरन्तर उसकी देखभाल करनी चाहिए। बुधवार के दिन तुलसी पत्र का सेवन करना चाहिए।
बुधवार के दिन हरे रंग की चूड़ियाँ हिजड़े को दान करनी चाहिए।
हरी सब्जियाँ एवं हरा चारा गाय को खिलाना चाहिए।
बुधवार के दिन गणेशजी के मंदिर में मूँग के लड्डुओं का भोग लगाएँ तथा बच्चों को बाँटें।
घर में खंडित एवं फटी हुई धार्मिक पुस्तकें एवं ग्रंथ नहीं रखने चाहिए।
अपने घर में कंटीले पौधे, झाड़ियाँ एवं वृक्ष नहीं लगाने चाहिए। फलदार पौधे लगाने से बुध ग्रह की अनुकूलता बढ़ती है।
तोता पालने से भी बुध ग्रह की अनुकूलता बढ़ती है।
बुध के दुष्प्रभाव निवारण के लिए किए जा रहे टोटकों हेतु बुधवार का दिन, बुध के नक्षत्र (आश्लेषा, ज्येष्ठा, रेवती) तथा बुध की होरा में अधिक शुभ होते हैं।


शनि के उपाय

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जिनकी कुण्डली में शनि कमज़ोर हैं या शनि पीड़ित है उन्हें काली गाय का दान करना चाहिए। काला वस्त्र, उड़द दाल, काला तिल, चमड़े का जूता, नमक, सरसों तेल, लोहा, खेती योग्य भूमि, बर्तन व अनाज का दान करना चाहिए। शनि से सम्बन्धित रत्न का दान भी उत्तम होता है। शनि ग्रह की शांति के लिए दान देते समय ध्यान रखें कि संध्या काल हो और शनिवार का दिन हो तथा दान प्राप्त करने वाला व्यक्ति ग़रीब और वृद्ध हो। शनि के कोप से बचने हेतु व्यक्ति को शनिवार के दिन एवं शुक्रवार के दिन व्रत रखना चाहिए। लोहे के बर्तन में दही चावल और नमक मिलाकर भिखारियों और कौओं को देना चाहिए। रोटी पर नमक और सरसों तेल लगाकर कौआ को देना चाहिए। तिल और चावल पकाकर ब्राह्मण को खिलाना चाहिए। अपने भोजन में से कौए के लिए एक हिस्सा निकालकर उसे दें। शनि ग्रह से पीड़ित व्यक्ति के लिए हनुमान चालीसा का पाठ, महामृत्युंजय मंत्र का जाप एवं शनिस्तोत्रम का पाठ भी बहुत लाभदायक होता है। शनि ग्रह के दुष्प्रभाव से बचाव हेतु गरीब, वृद्ध एवं कर्मचारियो के प्रति अच्छा व्यवहार रखें. मोर पंख धारण करने से भी शनि के दुष्प्रभाव में कमी आती है।

शनिवार के दिन पीपल वृक्ष की जड़ पर तिल्ली के तेल का दीपक जलाएँ।
शनिवार के दिन लोहे, चमड़े, लकड़ी की वस्तुएँ एवं किसी भी प्रकार का तेल नहीं खरीदना चाहिए।
शनिवार के दिन बाल एवं दाढ़ी-मूँछ नही कटवाने चाहिए।
भड्डरी को कड़वे तेल का दान करना चाहिए।
भिखारी को उड़द की दाल की कचोरी खिलानी चाहिए।
किसी दुःखी व्यक्ति के आँसू अपने हाथों से पोंछने चाहिए।
घर में काला पत्थर लगवाना चाहिए।
शनि के दुष्प्रभाव निवारण के लिए किए जा रहे टोटकों हेतु शनिवार का दिन, शनि के नक्षत्र (पुष्य, अनुराधा, उत्तरा-भाद्रपद) तथा शनि की होरा में अधिक शुभ फल देता है।
क्या न करें
जो व्यक्ति शनि ग्रह से पीड़ित हैं उन्हें गरीबों, वृद्धों एवं नौकरों के प्रति अपमान जनक व्यवहार नहीं करना चाहिए। नमक और नमकीन पदार्थों के सेवन से बचना चाहिए, सरसों तेल से बनें पदार्थ, तिल और मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए। शनिवार के दिन सेविंग नहीं करना चाहिए और जमीन पर नहीं सोना चाहिए। शनि से पीड़ित व्यक्ति के लिए काले घोड़े की नाल और नाव की कांटी से बनी अंगूठी भी काफी लाभप्रद होती है परंतु इसे किसी अच्छे पंडित से सलाह और पूजा के पश्चात ही धारण करना चाहिए। साढ़े साती से पीड़ित व्यक्तियों के लिए भी शनि का यह उपाय लाभप्रद है। शनि का यह उपाय शनि की सभी दशा में कारगर और लाभप्रद है।


शुक्र ग्रह के उपाय

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शुक्र ग्रहों में सबसे चमकीला है और प्रेम का प्रतीक है। इस ग्रह के पीड़ित होने पर आपको ग्रह शांति हेतु सफेद रंग का घोड़ा दान देना चाहिए। रंगीन वस्त्र, रेशमी कपड़े, घी, सुगंध, चीनी, खाद्य तेल, चंदन, कपूर का दान शुक्र ग्रह की विपरीत दशा में सुधार लाता है। शुक्र से सम्बन्धित रत्न का दान भी लाभप्रद होता है। इन वस्तुओं का दान शुक्रवार के दिन संध्या काल में किसी युवती को देना उत्तम रहता है। शुक्र ग्रह से सम्बन्धित क्षेत्र में आपको परेशानी आ रही है तो इसके लिए आप शुक्रवार के दिन व्रत रखें. मिठाईयां एवं खीर कौओं और गरीबों को दें। ब्राह्मणों एवं गरीबों को घी भात खिलाएं. अपने भोजन में से एक हिस्सा निकालकर गाय को खिलाएं. शुक्र से सम्बन्धित वस्तुओं जैसे सुगंध, घी और सुगंधित तेल का प्रयोग नहीं करना चाहिए। वस्त्रों के चुनाव में अधिक विचार नहीं करें।

काली चींटियों को चीनी खिलानी चाहिए।
शुक्रवार के दिन सफेद गाय को आटा खिलाना चाहिए।
किसी काने व्यक्ति को सफेद वस्त्र एवं सफेद मिष्ठान्न का दान करना चाहिए।
किसी महत्त्वपूर्ण कार्य के लिए जाते समय १० वर्ष से कम आयु की कन्या का चरण स्पर्श करके आशीर्वाद लेना चाहिए।
अपने घर में सफेद पत्थर लगवाना चाहिए।
किसी कन्या के विवाह में कन्यादान का अवसर मिले तो अवश्य स्वीकारना चाहिए।
शुक्रवार के दिन गौ-दुग्ध से स्नान करना चाहिए।
शुक्र के दुष्प्रभाव निवारण के लिए किए जा रहे टोटकों हेतु शुक्रवार का दिन, शुक्र के नक्षत्र (भरणी, पूर्वा-फाल्गुनी, पुर्वाषाढ़ा) तथा शुक्र की होरा में अधिक शुभ होते हैं।


बृहस्पति के उपाय

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बृहस्पति के उपाय हेतु जिन वस्तुओं का दान करना चाहिए उनमें चीनी, केला, पीला वस्त्र, केशर, नमक, मिठाईयां, हल्दी, पीला फूल और भोजन उत्तम कहा गया है। इस ग्रह की शांति के लए बृहस्पति से सम्बन्धित रत्न का दान करना भी श्रेष्ठ होता है। दान करते समय आपको ध्यान रखना चाहिए कि दिन बृहस्पतिवार हो और सुबह का समय हो। दान किसी ब्राह्मण, गुरू अथवा पुरोहित को देना विशेष फलदायक होता है। बृहस्पतिवार के दिन व्रत रखना चाहिए। कमज़ोर बृहस्पति वाले व्यक्तियों को केला और पीले रंग की मिठाईयां गरीबों, पंक्षियों विशेषकर कौओं को देना चाहिए। ब्राह्मणों एवं गरीबों को दही चावल खिलाना चाहिए। रविवार और बृहस्पतिवार को छोड़कर अन्य सभी दिन पीपल के जड़ को जल से सिंचना चाहिए। गुरू, पुरोहित और शिक्षकों में बृहस्पति का निवास होता है अत: इनकी सेवा से भी बृहस्पति के दुष्प्रभाव में कमी आती है। केला का सेवन और सोने वाले कमड़े में केला रखने से बृहस्पति से पीड़ित व्यक्तियों की कठिनाई बढ़ जाती है अत: इनसे बचना चाहिए।

ऐसे व्यक्ति को अपने माता-पिता, गुरुजन एवं अन्य पूजनीय व्यक्तियों के प्रति आदर भाव रखना चाहिए तथा महत्त्वपूर्ण समयों पर इनका चरण स्पर्श कर आशिर्वाद लेना चाहिए।
सफेद चन्दन की लकड़ी को पत्थर पर घिसकर उसमें केसर मिलाकर लेप को माथे पर लगाना चाहिए या टीका लगाना चाहिए।
ऐसे व्यक्ति को मन्दिर में या किसी धर्म स्थल पर निःशुल्क सेवा करनी चाहिए।
किसी भी मन्दिर या इबादत घर के सम्मुख से निकलने पर अपना सिर श्रद्धा से झुकाना चाहिए।
ऐसे व्यक्ति को परस्त्री / परपुरुष से संबंध नहीं रखने चाहिए।
गुरुवार के दिन मन्दिर में केले के पेड़ के सम्मुख गौघृत का दीपक जलाना चाहिए।
गुरुवार के दिन आटे के लोयी में चने की दाल, गुड़ एवं पीसी हल्दी डालकर गाय को खिलानी चाहिए।
गुरु के दुष्प्रभाव निवारण के लिए किए जा रहे टोटकों हेतु गुरुवार का दिन, गुरु के नक्षत्र (पुनर्वसु, विशाखा, पूर्व-भाद्रपद) तथा गुरु की होरा में अधिक शुभ होते हैं।