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Wednesday 7 November 2018

सबसे बड़ी पतिव्रता अनुसूईया

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सबसे बड़ी पतिव्रता अनुसूईया

यह एक पौराणिक प्रसंग है जो सती अनुसूईया के चरित्र की महिमा का गुणगान करता है | सती अनुसूईया अपने पतिधर्म और पतिव्रता के लिए जानी जाती थी | तीनो लोको में उनके इस धर्म की कीर्ति का बख्यान होता था | देव ऋषि नारद जी को तो आप जानते है , अपने स्वभाव वस उन्होंने  अनुसूईया की यह महिमा बारी बारी लक्ष्मी जी, पार्वती जी और सावित्री जी को बताई | अनुसूईया की ऐसी प्रशंसा सुनकर देवियों को उससे ईर्ष्या होने लगी और उन्होंने उसकी परीक्षा लेने के लिए तैयार हो गयी |


तीनो देवियाँ एक जगह मिलकर एक युक्ति बनाई जिससे पतिव्रता की परीक्षा ली जा सके | उन्होंने अपने अपने पतियों को इसमे साथ देने के मानना शुरू कर दिया | पहले तो त्रिदेवो को यह करना पाप समान लगा पर अपनी पत्नियों के हठ के सामने उन्हें झुकना पड़ा और इस कार्य के लिए तैयार हो गये |
अब तीनो देव साधु का वेश धारण करके अत्रि ऋषि के आश्रम  पहुंचे | उस समय अनुसूईया अकेली थी | साधुओ को अपने द्वार पर देख कर उन्होंने उनका अच्छे से स्वागत किया और भोजन पान करने का अनुग्रह किया | साधु के रूप में त्रिदेवो ने उसके सामने शर्त रखी की यदि वो  निवस्त्र होकर  उन्हें भोजन करवाएगी तब ही वो भोजन करेंगे |

अब यह सुनकर अनुसूईया धर्म संकट में पड़ गयी | एक तरफ साधुओ का सम्मान और एक तरफ पतिव्रता | पर जो सत्य और अच्छे होते है उन्हें राह मिल ही जाती है | ऐसा ही अनुसूईया के साथ हुआ | उसने परमेश्वर से विनती की , हे ईश्वर यदि मेरे पतिधर्म में कोई कमी ना हो तो  इन साधुओ को  छः-छः महीने के बच्चे की आयु के शिशु बना दो जिससे मैं इन्हे माँ के रूप में भोजन करा सकु | ऐसा करने से मेरा पति धर्म और साधू को उनकी शर्त पर  भोजन पान दोनों पूर्ण हो जायेंगे |



परमेश्वर की कृपा से तीनों देवता छः-छः महीने के बच्चे बन गए तथा अनुसूईया ने तीनों को निःवस्त्र होकर दूध पिलाया तथा पालने में लेटा दिया।

यह सब तीनो देवियाँ देख रही थी | अनुसूईया ने जिस तरह परीक्षा दी और अपने पतिव्रता धर्म का पालन किया , यह उन तीनो के लिए महान था | तीनो देवियों ने अनुसूईया के आश्रम आकर दर्शन दिए और उनसे ईर्ष्यावश जो परीक्षा ली उसके लिए माफ़ी मांगी | तीनो शिशु भी त्रिदेव ब्रह्मा ,विष्णु , महेश  के रूप में आकर अनुसूईया के धर्म की जय जयकार करने लग गये | उन सभी ने उसे आशीष दिया की जब जब पतिव्रता धर्म की बात की जाएगी अनुसूईया का नाम उस धर्म में हमेशा अमर रहेगा |


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