नरक दिखाने वाला मंदिर
आज हम एक ऐसे विचित्र मंदिर की बात करेंगे जो हमारे मन में भक्तिमय माहौल नही बल्कि कौफ भर देता है | इस मंदिर में देवी देवताओ की मुस्कान भरी प्रतिमा नही बल्कि उनके द्वारा दंड देने वाली मूर्तियाँ स्थापित है | हमारे 18 महापुराणों में से एक है गरुढ़ पुराण | इस पुराण में विस्तार से बताया गया है की मनुष्य को उसके गंदे कर्म के अनुसार किस तरह अलग अलग प्रकार के दिल दहला देने वाली नरक भोगने पड़ते है | इसी बात को ध्यान में रखकर इस मंदिर की स्थापना की गयी है |
कहाँ और किसने बनाया यह मंदिर :
यह मंदिर थाईलैंड के शहर चियांग माइ में है जो बैंकाक से लगभग 700 किलोमीटर दूर स्थित है |
इस मंदिर का निर्माण करते समय सनातन धर्म और बौद्ध धर्म के विचारो को ध्यान में रखा गया है | मंदिर बनाने की सोच बौद्ध भिक्षु प्रा क्रू विशानजालिकॉन की थी |
क्यों बनाया इस मंदिर को :
इस मंदिर को बनाने के पीछे लोगो को यह सन्देश देना था की मरने के बाद भी आपके कर्म आपकी आगे की यात्रा में फल या दंड देने वाले होते है | यदि आप इस जीवन में अच्छे कर्म करते है तो आपको यह सब दंड भोगना नही पड़ेगा पर यदि आपके कर्म पाप लोभ लालच वाले है तो इस मंदिर में लगी मूर्तियाँ आपकी आत्मा के लिए आपबीती हो सकती है |
मंदिर को लेकर विशेष मान्यता :
इस मंदिर को लेकर मुख्य मान्यता यह है की इस मंदिर में दर्शन करने जो भक्त आते है वे अपने पापो प्रायश्चित और पश्चाताप करते है | इन दिल में कौफ भर देने वाली सजाओ को देखकर वे आगे का जीवन अच्छे मनुष्य और कर्मो के साथ बिताती है |
Wednesday, 7 November 2018
नरक दिखाने वाला मंदिर
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