मेरी माता बड़ी निराली।
मुझको देख बजाती ताली।।
आँगन में दौड़ाती मुझको।
हंसती और हंसाती मुझको।।
जाती जहाँ मुझे ले जाती।
नये नये कपड़े पहनाती।।
खेल खिलौना खूब मंगाती।
और कहानी रोज सुनाती।।
मुझे सुलाती मुझे जगाती।
मुझे हिलाती मुझे झुलाती।।
मुझे खिलाती मुझे पिलाती।
छोड़ मुझे वह कहीं न जाती।।
उसका तन मेरा ही तन है।
उसका मन मेरा ही मन है।।
उसका कर मेरा ही कर है।
है वह तो न किसी का डर है।।
मेरा उसका नाता सच्चा।
मैं हूँ उसका प्यारा बच्चा।।
Wednesday 26 February 2020
मेरी माता
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