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Thursday 3 August 2017

चिल्ली पोटेटोज

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चिली पटॅटोस्

मज़े का पुरा आश्वासन! विभिन्न प्रकार के सॉस, लहसुन, अदरक और हरी मिर्च के मेल के साथ यह चिली पटॅटोस् आपकी प्लेट को मज़े से भर देंगे। 

फिंगर चिप्स् के रुप में कटे हुए आलू सॉस के स्वाद को अच्छी तरह सोख लेते हैं और करारी हरी प्याज़ के साथ घुल-मिल जाते हैं, जिससे आपके भोजन के लिए, एक बेहद चटपटा स्वादिष्ट स्टार्टर तैयार होता है। 

चिली पटॅटोस् की सबसे अच्छी बात यह है कि इसे काफी आसानी से बनाया जा सकता है, क्यूंकि इसका स्वाद लगभग तैयार सॉस पर निर्भर करता है। 

इस व्यंजन को 5 स्पाइस वेजिटेबल फ्राइड राइस और हक्का मशरुम्स् विद राईस नूडल्स् के साथ परोसें। 

तैयारी का समय: १५ मिनट 
पकाने का समय: १५ मिनट 
कुल समय : ३० मिनट 
२ मात्रा के लिये

सामग्री

३ कप आधे उबले हुए पटेटो फींगर्स्
तेल , तलने के लिए
२ टी-स्पून कोर्नफ्लॉर
१ टेबल-स्पून तेल
२ टी-स्पून बारीक कटी हुई हरी मिर्च
१ टेबल-स्पून बारीक कटा हुआ लहसुन
१ टी-स्पून बारीक कटा हुआ अदरक
१/४ कप बारीक कटी हुई हरी प्याज़ का सफेद भाग और पत्ते
१ टेबल-स्पून टमॅटो कैचप
१ टेबल-स्पून चिली सॉस
१ टी-स्पून सोया सॉस
नमक स्वादअनुसार

सजाने के लिए

१ टेबल-स्पून बारीक कटी हुई हरी प्याज़ का सफेद भाग औरपत्ते

विधि

एक गहरी नॉन-स्टिक कढ़ाई में तलने के लिए तेल गरम करें, थोड़े-थोड़े पटेटो फींगर्स डालकर, उनके सभी तरफ से सुनहरा होने तक तल लें। तेल सोखने वाले कागज़ पर निकाल लें। एक तरफ रख दें।

कोर्नफ्ला़र और ¼ कप पानी को एक बाउल में अच्छी तरह मिला लें और एक तरफ रख दें।

एक चौड़े नॉन-स्टिक पॅन या वॉक में तेल गरम करें, लहसुन, अदरक और हरी मिर्च डालकर, तेज़ आँच पर कुछ सेकन्ड तक भुन लें।

हरी प्याज़ का सफेद भाग और पत्ते, टमॅटो कैचप, चिली सॉस, सोया सॉस, कोर्नफ्लॉर-पानी का मिश्रण और नमक डालकर अच्छी तरह मिला लें और कुछ सेकन्ड तक तेज़ आँच पर भुन लें।

तले हुए पटेटो फींगर्स डालकर हल्के हाथों मिला लें और तेज़ आँच पर 1 मिनट तक पका लें।
इसे परोसे ताज़ी कटी हरी प्याज के साथ

बेबी कॉर्न फ्रिटर्स

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बेबी कॉर्न फ्रिटर्स

अन्य कबाब और टिक्की की तलना में बनाने में बेहद आसान, लेकिन उनके परोसने के लिए पर्याप्त, यह बेबी कॉर्न फ्रिटर्स, स्वाद से भरे घोल में डोबोकर तले हुए करारे नरम बेबी कॉर्न, स्वादिष्ट बेबी कॉर्न फ्रिटर्स बनाते हैं। बेबी कॉर्न का अनोखा रुप ही इन फ्रिटर्स को खास बनाने के लिए काफी है, लेकिन खाट्टर घोल और चटपटे मसालों के पाउडर और दही के साथ, इनका स्वाद और भी अनोखा हो जाता है। इसे और भी बेहतरीन और मज़ेदार बनाने के लिए, चिली-गार्लिक सॉस के साथ गरमा गरम और करारा परोसें। 

तैयारी का समय: १० मिनट 
पकाने का समय: १५ मिनट 
कुल समय : २५ मिनट 
३ मात्रा के लिये

सामग्री

१ कप बेबी कॉर्न , दो भाग में लंबे कटे हुए
१/२ कप मैदा
१ टेबल-स्पून कोर्नफ्लॉर
२ टेबल-स्पून दही
१ टी-स्पून लाल मिर्च पाउडर
१ टी-स्पून लहसुन का पेस्ट
एक चुटकीबेकिंग सोडा
नमक स्वादअनुसार
तेल , तलने के लिए

परोसने के लिए

चिली गार्लिक सॉस

विधि

सभी सामग्री को, लगभग 1/2 कप पानी के साथ एक गहरे बाउल में अच्छी तरह मिला ले और फेंटकर गाढ़ा घोल बना लें।

प्रत्येक बेबी कॉर्न को घोल में डुबोकर, थोड़े-थोड़े डालकर गरम तेल में डालें और सभी तरफ से सुनहरा होने तक तल लें। तेल सोखने वाले कागज़ पर निकाल ले।

चिली गार्लिक सॉस के साथ तुरंत परोसें।

दमा रोग के घेरुलु उपचार

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अस्थमा (दमा) के कारण, लक्षण और घरेलू उपचार

अस्थमा एक फेफड़े की बीमारी है जो साँस लेने में कठिनाई का कारण बनता है। फेफड़ों में हवा के प्रवाह में रुकावट होने पर अस्थमा अटैक होता है।

अस्थमा के कारण -

    एलर्जी

    वायु प्रदूषण

    धूम्रपान और तंबाकू

    श्वसन संक्रमण

    जेनेटिक्स (आनुवांशिक)

    मौसम के कारण

    मोटापा

    तनाव

अस्थमा (दमा) के लक्षण -

    साँस लेने में तकलीफ

    सीने में जकड़न या दर्द

    खाँसी

    घरघराहट

    लगातार सर्दी और खांसी

    नींद में बेचैनी

    थकान

अस्थमा के घरेलू नुस्खे -

    अदरक का रस, अनार का रस और शहद को बराबर मात्रा में मिलाएं। इस मिश्रण का एक चम्मच दिन में दो या तीन बार सेवन करें।

    नींबू में विटामिन सी भरपूर मात्रा में होता हैं जो अस्थमा के इलाज में सहायक होता है। एक गिलास पानी में आधा नींबू का रस निचोड़ लें और उसमें अपने स्वाद के अनुसार चीनी मिलाकर पीयें।

    आंवला दमा के उपचार के लिए एक अच्छा उपाय है। आंवला को कुचलकर उसमें थोड़ा सा शहद मिलाएं और सेवन करें।

    तीन सूखे अंजीर को धो लें और रात भर एक कप पानी में भिगोएँ। सुबह में खाली पेट अंजीर खा लें और अंजीर का पानी पीयें।

    एक चम्मच शहद में आधा चम्मच दालचीनी पाउडर मिलाकर रात में सोने से पहले सेवन करें। यह गले से कफ को निकालने में मदद करता है और इससे अच्छी नींद आती है।

    प्याज में मौजूद एंटी इंफ्लेमेटरी गुण दमा के इलाज में मदद करता है। प्याज को सलाद के रूप में या सब्जियों में पकाकर खा सकते है।

    एक गिलास गर्म दूध में जैतून का तेल और शहद को बराबर मात्रा में मिलाएं। इसमें कुछ लहसुन की कली डालकर नाश्ता करने से पहले सेवन करें।

    संतरा, पपीता, ब्लूबेरी और स्ट्रॉबेरी भी अस्थमा के लक्षणों को कम करने में मदद करते हैं।

    पानी में एक चम्मच अजवाइन डालकर उबाल लें और इसका भाप लें। आप चाहे तो इसे पी भी सकते है।

    अपने आहार में अधिक ताजा फल और सब्जियों को शामिल करें।
     

गठिया रोग के लक्षण और उपाय

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गठिया रोग के लक्षण और उसका घरेलू इलाज

गठिया को आयुर्वेद में नामदिया कहा जाता है। आधुनिक चिकित्सा के अनुसार खून में यूरिक एसिड की अधिक मात्रा होने से गठिया रोग होता है। भोजन में शामिल खाघ पदार्थों के कारण जब शरीर में यूरिक एसिड अधिक मात्रा में बनता है तब गुर्दे उन्हें खत्म नहीं कर पाते और शरीर के अलग- अलग जोड़ों में में यूरेट क्रिस्टल जमा हो जाता है। और इसी वजह से जोड़ों में सूजन आने लगती है तथा उस सूजन में दर्द होता है। 

गठिया रोग का कारण- 

1 फास्ट फूड, जंक फूड और डिब्बाबंद खाना खाने से भी गठिया रोग हो सकता है। 

2 ज्यादा गुस्सा आने की प्रवृति और ठंठ के दिनों में अधिक सोने की आदत से भी गठिया हो सकता है। 

3 आलसी व्यक्ति जो खाना खाने के बाद श्रम नहीं करते हैं उन्हें भी गठिया की शिकायत हो सकती है। 

4 वसायुक्त भोजन अधिक मात्रा में खाने से भी गठिया रोग हो सकता है। 

5 जिन लोगों को अजीर्ण की समस्या रहती है और अधिक मात्रा में खाना खाते हैं, इस वजह से भी गठिया रोग हो सकता है। 

6 वैदिक आयुर्वेद के अनुसार दूषित आम खाने की वजह से भी गठिया रोग हो सकता है। 

गठिया रोग का लक्षण- 

1 गठिया के लक्षण पैरों और हाथों की उंगलियों में सूजन के रूप में देखे जाते हैं। गठिया के शुरूवाती दौर में शरीर के जोड़ों वाले हिस्सों में दर्द होने लगता है, और हाथ लगाने से भी दर्द होता है। 

2 गठिया के रोगियों को बुखार और कब्ज़ के साथ सिर दर्द भी होता रहता है। 

3 जोड़ों में अधिक सूजन और पीड़ा होना। 

4 गठिया रोग में रोगी को अधिक प्यास लगती है। 

5 गठिया रोग में हाथ-पांवों में छोटी-छोटी गांठें बन जाती है और इलाज में देर होने से यह गंभीर रूप ले सकती है। 

गठिया रोग का इलाज संभव है बस इन बातों पर आप ध्यान दें 

गठिया रोग का घरेलू उपचार-

अपने खान-पान पर नियंत्रण रखते हुए घरेलू चिकित्सा को अपनाने से गठिया रोग में लाभ मिलता है

1. रोज 1 से 2 हरड़ कूटकर उसका चूर्ण बनाकर इसे गुड़ के साथ खाएं। 

2. गिलोय का रस पीने से गठिया रोग में सूजन और दर्द दूर होता है। 

3. देसी घी के साथ गिलोय का रस लेने से गठिया से मुक्ति मिलती है। 

4. एरंड तेल के साथ गिलोय का रस लेने से गठिया खत्म होती है। 

5. तिल को तवे पर भूनने के बाद दूध के साथ पीसकर लेप बनायें और उसे गठिया से होने वाली सूजन पर इसका लेप लगाने से सूजन और दर्द में राहत मिलती है। 

6. अलसी को दूध में पीसकर गठिया की सूजन से प्रभावित हिस्सों में लगाने से सूजन और दर्द में लाभ मिलता है। 

7. गठिया से प्रभावित लोग यदि समुद्र में स्नान करें तो उन्हें गठिया से राहत मिल सकती है। 

8. जैतून के तेल की मालिश करने से गठिया के दर्द में राहत मिलती है। 

9. अदरक के सेवन से भी गठिया रोग कम होता है।

लघु नारियल के अचूक उपाय

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लघु नारियल से धन-संपत्ति पाने के उपाय

तंत्र प्रयोगों में कई वस्तुओं का उपयोग किया जाता है जिनके माध्यम से टोटके और अधिक प्रभावशाली हो जाते हैं। ऐसी ही एक तांत्रिक वस्तु है लघु नारियल। लघु नारियल का प्रयोग अनेक टोटकों में किया जाता है विशेषकर धन-संपत्ति प्राप्ति के टोटको में। लघु नारियल को कुछ साधारण प्रयोग इस प्रकार हैं-

- धन, वैभव व समृद्धि पाने के लिए 5 लघु नारियल स्थापित कर उस पर केसर से तिलक करें और हर नारियल पर तिलक करते समय 27 बार नीचे लिखे मंत्र का मन ही मन जप करते रहें-

ऐं ह्लीं श्रीं क्लीं

- 11 लघु नारियल को मां लक्ष्मी के चरणों में रखकर ऊँ महालक्ष्म्यै च विद्महे विष्णुपत्नीं च धीमहि तन्नो लक्ष्मी प्रचोदयात् मंत्र की 2 माला फेर कर किसी लाल कपड़े में उन लघु नारियल को लपेट कर तिजोरी में रख दें व दीपावली के दूसरे दिन किसी नदी या तालाब में विसर्जित कर दें। ऐसा करने से लक्ष्मी चिरकाल तक घर में निवास करती है।

- अगर आप चाहते हैं कि घर में कभी धन-धान्य की कमी न रहे और अन्न का भंडार भरा रहे तो 11 लघु नारियल एक पीले कपड़े में बांधकर रसोई घर के पूर्वी कोने में बांध दें। 

भूत बाधा दूर करे इस टोटके से

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भूत बाधा दूर करें इस टोटके से

भूत- प्रेत, ऊपरी बाधा या हवा। यह शब्द अक्सर हमारे सुनने में आते हैं। ऐसा माना जाता है जिन लोगों पर इनका असर होता है उनमें कुछ शारीरिक व मानसिक परिवर्तन हो जाता है। उत्तेजना में आकर ऐसे लोग किसी पर भी वार कर सकते हैं। भूत बाधा से पीडि़त व्यक्ति को नीचे लिखे टोटके से इस परेशानी से मुक्ति मिल सकती है।

सामग्री 
लौंग का जोड़ा, फूल का जोड़ा, इलाइची, पान और पेड़ा।

टोटका एक हरा दोना लेकर उसमें सबसे पहले पान रखें। उसके ऊपर फूल व अन्य वस्तुएं रखकर भूतबाधा से पीडि़त व्यक्ति के नाम राशि के ग्रह का मंत्र 108 बार पढ़ें। यह कार्य पवित्र होकर व दोना सामने रखकर करें। इसके पश्चात सात बार मंत्र पढ़ते हुए उस दोने को रोगी के सिर से पांव तक उतार कर बहते हुए जल में प्रवाहित कर दें। ऐसा करने से प्रेत बाधा शांत हो जाती है ( यह टोटका अनटोका किया जाना चाहिए।)

मंत्रो से करे रोग निवारण

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मन्त्रों से करें रोग निवारण

कैंसर रोग ॐ नम: शिवाय शंभवे कर्केशाय नमो नम:। यह मंत्र किसी भी तरह के कैंसर रोग में लाभदायक होता है। 

मस्तिष्क रोग
ॐ उमा देवीभ्यां नम:।
यह मंत्र मस्तिष्क संबंधी विभिन्न रोगों जैसे सिरदर्द, हिस्टीरिया, याददाश्त जाने आदि में लाभदायी माना जाता है। 

आंखों के रोग ॐ शंखिनीभ्यां नम:।
इस मंत्र से जातक को मोतियाबिंद सहित रतौंधी, नेत्र ज्योति कम होने आदि की परेशानी में लाभ मिलता है। 

हृदय रोग
ॐ नम: शिवाय संभवे व्योमेशाय नम:।
हृदय संबंधी रोगों से अधिकांश लोग पीड़ित होते हैं। इसलिए अगर वे इस मंत्र का जप करें, तो उन्हें लाभ मिलता है। 

स्नायु रोग
ॐ धं धर्नुधारिभ्यां नम:। 

कान संबंधी रोग
ॐ व्हां द्वार वासिनीभ्यां नम:।
कर्ण विकारों को दूर करने में यह मंत्र आश्चर्यजनक भूमिका निभाता है। 

कफ संबंधी रोग
ॐ पद्मावतीभ्यां नम:। 

श्वास रोग
ॐ नम: शिवाय संभवे श्वासेशाय नमो नम:। 

पक्षाघात रोग
ॐ नम: शिवाय शंभवे खगेशाय नमो नम:। 

इन मंत्रों की शक्ति से रोग भागते हैं मंत्रों में गजब की शक्ति होती है। इनका नियमित जप न केवल जातक को मानसिक शांति देता है, बल्कि उन्हें होने वाली गंभीर बीमारियों को भी दूर भगा सकता हैं अब आप कितना करते है यह तो आप पर निर्भर करता हैं। इसमे कोई अतिशोक्ति नही यदि कुछ रोग जड से सामाप्त हो जाये।

मक्की की पूरी

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मक्का की पूरी

12 पूरी बनाने के लिये

समय - 30 मिनिट

आवश्यक सामग्री

- मक्की का आटा - 1 कप (150 ग्राम)

- गेहूं का आटा - 1 कप (150 ग्राम)

- तेल - 2 छोटी चम्मच

- अजवायन - ½ छोटी चम्मच

- नमक - ½ छोटी चम्मच या स्वादानुसार

- तेल - तलने के लिए

विधि

- मक्की के आटे को किसी बड़े प्याले में निकाल लीजिए अब इसमें गेहूं का आटा, आधा छोटी चम्मच नमक, आधा छोटी चम्मच अजवायन और 2 छोटे चम्मच तेल डाल कर सभी चिजों को अच्छे से मिला लीजिए।

- थोडा़-थोडा़ पानी डालते हुए थोड़ा सख्त आटा गूंथ कर तैयार कर लीजिए, जैसा की गेहूं के आटे से पूरी बनाने के लिये गूथा जाता है, गूंथे आटे को 20 - 25 मिनिट के लिए ढककर के रख दीजिए। आटा सैट होकर तैयार हो जाएगा।

- आटा सैट होकर तैयार है, कढ़ाई में तेल डालकर गरम कीजिए, हाथ पर थोडा़ सा तेल लगाकर आटे को थोडा़ मसल लीजिए। अब आटे से छोटी-छोटी लोइयां तोड़ कर तैयार कर लीजिये, एक लोई उठाएं और हाथ पर तेल लगाकर इसे अच्छे से गोल कर लीजिए, सारी लोईयों को इसी तरह से गोल पेडा़ बना कर तैयर कर लीजिए।

- अब 1 लोई लीजिए, चकले पर थोडा़ सा तेल लगाकर, इसे रखिये और 2.5 - 3 इंच के व्यास में थोड़ी मोटी पूरी बेल लीजिए।

- तेल गरम हो गया है चैक कर लीजिये। इसे चैक करने के लिये तेल में थोड़ा सा आटा तोड़कर डालिये, आटा सिककर, तुरन्त ऊपर उठकर आना चाहिये, तेल गरम है, पूरी तलने के लिये तेल में डालिये। पूरी को कलछी से दबा कर फुलाइये और पलट-पलट कर गोल्डन ब्राउन होने पर, किसी प्लेट पर निकाल रख लीजिये।

- सारी पूरी इसी तरह बेल कर और तल कर तैयार कर लीजिये। इतने आटे में लगभग 11- 12 पूरियां बनकर के तैयार हो जाती हैं।

- पूरी को आप मटर आलू की सब्जी, मटर पनीर की सब्जी, आलू टमाटर की सब्जी या अपनी मनपसंद सब्जी के साथ परोस सकते हैं।

सुझाव

- पूरी को थोडा़ सा मोटा ही बेलें।

- पूरी तलते समय तेल अच्छा गरम होना चाहिए, फूरी फूलेंगी और बहुत ही अच्छी बनेंगी।

जलजीरा

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जल जीरा

सामग्री (Ingredients) 

पुदीना की पत्ती - 1/4 कप कटा हुआ
हरि धनिया - 1/4 कप कटी हुई
अदरक - 1 बड़ा स्पून कटा हुआ
भुना जीरा - 1 बड़ा स्पून 
हिंग - चुटकी भर
नमक - 1 बड़ा स्पून 
ठंडा पानी - 3 कप 

विधि (Method) 

सबसे पहले पुदीना और धनिया की पत्तियों को धो कर साफ कर ले.
फिर सभी सामग्री को एक जार में दाल के पीस ले. फिर इसको छननी से छान ले. अब इसमें ठंडा पानी डाल दे. 
इसे एक ग्लास मे निकलिये. ओर पुदिने ओर हरि धनिया के पत्ती से सज़ाकर सर्वस करे.

आम पन्ना

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आम पन्ना

सामग्री (Ingredients) 

कच्चे आम - 300 ग्राम
भुना जीरा पाउडर - 2 छोटी स्पून 
काला नमक - स्वादानुसार
काली मिर्च - 1/4 छोटी स्पून 
चीनी - 1/2 - 3/4 कप
पोदीना - 20-30 पत्तियाँ

विधि (Method) 

आप कच्चे आम को उबाल कर पीस सकते हैं या फिर उबले हुए आमों को छील कर उनका गूदा निकाल के भी पीस सकते है या कच्चे आम को आग पर भुन भी सकते है.
लेकिन आज कल लोग अपनी सुविधा के अनुसार कच्चे आम को छिल के उबाल लेते है.
इसके लिये सबसे पहले कच्चे आमों को धोकर उन्हें छील लीजिये और फिर उनके गुदे निकल कर अलग करले.प्रेशर कुकर में एक कप पानी में डालकर उबाल लीजिये.
अब ब्लेंडर में उबला हुआ आम, चीनी, काला नमक और पोदीने की पत्तियाँ डालकर अच्छी तरह से ग्राइंड कर लीजिये और फिर इसमें एक लीटर ठंडा पानी मिला कर इसे छननी से छान लीजिये.
आपका आम का पन्ना तैयार है. अब इसमें काली मिर्च व भुना हुआ जीरा पाउडर डालकर अच्छे से मिलाइये और फिर बर्फ के टुकड़े और पुदीने की पत्तियों को डालकर ठंडा-ठंडा सर्व करिए. गर्मी के मोसम में इसको पीने से लू नहीं लगती है.

तुलसी का शरबत

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तुलसी शरबत

सामग्री (Ingredients) 

तुलसी की पत्तियां - 1/2 कप 
गुड़ - 3/4 कप
छोटी इलाइची - 10
पानी - 10 कप
नीबू का रस - 5-6 

विधि (Method) 

सबसे पहेले तुलसी की पत्तियों को पानी से धो ले.फिर एक ब्लेंडर में तुलसी की पत्ती, इलाइची, और नीबू के रस को बारीक ग्राइंड कर ले.
अब एक पैन में गुड और पानी को डाल कर उबलने के लिए रख दे और जब पानी में उबाल आ जाये तो गैस बन्द कर दे 
जब पानी थोडा गरम हो तो इसमें तुलसी की पत्ती, नींबू का रस, इलाइची का पेस्ट मिला कर 2 - 3 घंटे के लिये ढक कर रख दीजिये.
फिर इसको छननी से छान ले. आपकी स्वादिष्ट तुलसी शरबत तैयार है.
तुलसी स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद होता है. इसलिए तुलसी शरबत दुसरो को भी पिलाये और खुद भी पिए.

लोकी जूस

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लोकी जूस

सामग्री (Ingredients) 

लौकी मध्यम कटा हुआ - 2 मध्यम कटा हुआ
आवला कटा हुआ - 4
अदरक - 2 इंच के टुकड़े
पुदीने की पत्ती - 15-20 
नमक - स्वादअनुसार
काला नमक - स्वाद के लिए
जीरा - 1 स्पून 
नींबू का रस - 2-3 बड़े स्पून
आइस क्यूब्स आवश्यकतानुसार 


विधि (Method) 

एक ब्लेंडर में लौकी, आंवला, अदरक, पुदीने के पत्ते, नमक, काला नमक और जीरा डाल दे.फिर उसमे 1 कप पानी 2-3 मिनट के लिए ग्राइंड करे.
और अब एक पानी, नींबू का रस, आइस क्यूब ब्लेंडर में डाले और दो से तीन मिनट के लिए ग्राइंड करे. अब छननी से जूस को छान के ग्लास में निकाल ले अब ठंडा ठंडा सर्व करे.



Ruchi Sehgal