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Sunday 16 February 2020

ज्योतिष से विदेश योग और उपाय

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ज्योतिष शास्त्र के अंतर्गत कई उपाय हैं, जिन्हें करने से विदेश जाना और वहां अपना बसेरा बना लेने का सपना पूरा किया जा सकता है।


ज्योतिष शास्त्र के पास हैं उपाय
कई बार कुछ लोगों की कुंडली में विदेश जाने का योग तो जरूर होता है, लेकिन दशा परिवर्तन के बाद योग कमजोर होते ही उन्हें वापस आना पड़ता है। ऐसे में भी कुछ उपाय हैं जिन्हें विदेश जाने से पहले यदि किया जाए तो आपका काम पूरा बन सकता है।





जानिए उपाय
तो चलिए आपको आगे की स्लाइड्स में उन उपायों से अवगत कराते हैं जिन्हें विधिवत करने के बाद आप विदेश भी जा सकेंगे और वहां हमेशा के लिए सेटल होने का आपका सपना भी पूरा हो पाएगा।


पहला उपाय - राहु स्तोत्र जाप
राहु को ज्योतिष शास्त्र के अनुसार पापी ग्रह माना गया है। यह ग्रह जातक के हर कार्य में रुकावट पैदा करने वाला होता है। इसलिए यदि आप चाहते हैं कि आपके द्वारा किया जा रहा कार्य किसी भी रूप में सफल हो, तो आपको राहु ग्रह को प्रसन्न करके ही उस कार्य को करना चाहिए।


पहला उपाय - राहु स्तोत्र जाप
विदेश जाने के सपने को पूरा करने में कोई रुकावट ना आए, इसके लिए ‘राहु स्तोत्र’ का जाप करें। इसे दिन में कम से कम एक माला यानि कि 108 बार अवश्य करें।


पहला उपाय - राहु स्तोत्र जाप
आप किसी ज्योतिषी से भी सलाह ले सकते हैं, यदि आपकी कुंडली में राहु अधिक रुकावटें पैदा कर रहा है तो आप जाप माला की संख्या में वृद्धि कर सकते हैं।

राहु स्तोत्र (भाग 1)
अस्य श्रीराहुस्तोत्रस्य वामदेव ऋषिः । गायत्री छन्दः । राहुर्देवता । राहुप्रीत्यर्थं जपे विनियोगः ॥ राहुर्दानव मन्त्री च सिंहिकाचित्तनन्दनः । अर्धकायः सदाक्रोधी चन्द्रादित्यविमर्दनः ॥ १ ॥ रौद्रो रुद्रप्रियो दैत्यः स्वर्भानुर्भानुमीतिदः । ग्रहराजः सुधापायी राकातिथ्यभिलाषुकः ॥ २ ॥


राहु स्तोत्र (भाग 2)
कालदृष्टिः कालरुपः श्रीकष्ठह्रदयाश्रयः । विधुंतुदः सैंहिकेयो घोररुपो महाबलः ॥ ३ ॥ ग्रहपीडाकरो द्रंष्टी रक्तनेत्रो महोदरः । पञ्चविंशति नामानि स्मृत्वा राहुं सदा नरः ॥ ४ ॥


राहु स्तोत्र (भाग 3)
यः पठेन्महती पीडा तस्य नश्यति केवलम् । विरोग्यं पुत्रमतुलां श्रियं धान्यं पशूंस्तथा ॥ ५ ॥ ददाति राहुस्तस्मै यः पठते स्तोत्रमुत्तमम् । सततं पठते यस्तु जीवेद्वर्षशतं नरः ॥ ६ ॥ ॥ इति श्रीस्कन्दपुराणे राहुस्तोत्रं संपूर्णम् ॥




दूसरा उपाय – राहु बीज मंत्र
अगर आप राहु स्तोत्र मंत्र का जप ना कर सकें, तो राहु को प्रसन्न करने के लिए राहु बीज मंत्र का जाप भी कर सकते हैं। इस मंत्र का 40 दिन के भीतर 18000 बार जाप करना लाभदायक सिद्ध होता है। मंत्र इस प्रकार है - ॐ भ्रां भ्रीं भ्रौं सः राहवे नमः।

तीसरा उपाय – कालभैरवाष्टकम्
अगर किसी जातक की कुंडली में राहु की दशा, अंतर्दशा या राहु पूरी कुंडली को नष्ट करने में लगा हो, तो ऐसे में कालभैरवाष्टकम् स्तोत्र का जाप एकमात्र रामबाण उपाय बनता है। आप यकीन नहीं कर पाएंगे, लेकिन इस जाप के आरंभ करते ही कुछ दिनों में जीवन में बड़े बदलाव आने लगते हैं।


चौथा उपाय – दान करें
शनिवार के दिन कुष्ठ रोगियों को उड़द दाल एवं नारियल दान करें, ऐसा करने से राहु ग्रह प्रसन्न होता है।


पांचवां उपाय – व्रत करें
अगर संभव हो तो शनिवार के दिन व्रत किया जा सकता है। शनिवार के दिन लोग शनि देव के लिए भी व्रत करते हैं, लेकिन यह व्रत विशेषकर राहु ग्रह के लिए ही होना चाहिए।


पांचवां उपाय – व्रत करें
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार पापी ग्रह राहु और केतु का व्रत 18 शनिवारों तक करना चाहिए। काले रंग का वस्त्र धारण करके राहु के व्रत में 'ॐ भ्रां भ्रीं भ्रौं स: राहवे नम:’ इस मंत्र की 18, 11 या 5 माला जप करें।


छठा उपाय – रुद्राक्ष धारण करें
राहु ग्रह को प्रसन्न करने के लिए आठ मुखी रुद्राक्ष धारण किया जाता है। आप चाहें तो आठ मुखी रुद्राक्ष की माला बनवाकर हाथ में पहन लें या गले में भी पहन सकते हैं। यह उपाय जीवन की रुकावटों को दूर कर खुशहाली लाएगा।



सातवां उपाय – राहु रत्न
राहु ग्रह से संबंधित समस्त दोष तथा राहु दशा जैसी समस्या एवं दुष्प्रभाव गोमेद रत्न को धारण करने से दूर हो जाते हैं। राहु ग