आजकल यह समस्या आम है .लड़ाई झगड़ा न भी हो रहा हो , तो भी पति पत्नी एक दूसरे की सूरत से बेजार शिकायतों का गुबार मन में दबाये घुटते रहते है .यहाँ हम सभी तरह के कारण और ऩिदान बता रहे हैं .
1–मानसिक लगाव न होना .भौतिक अपेक्छा और केवल सेक्स सम्बन्ध का आधार होना .
निदान -साँस के साथ राधे कृष्ण मंन्त्र का 9 बजे रात के बाद जप . या तो स्वयं को राधा कल्पित करें या पति को कृष्ण .जप विधि धमाेलय में देखें
2–..पति द्वारा भावना विहीन ,प्रेम विहीन सेक्स करना .
निदान –शिवलिंग पर बेल पत्र और जल चढ़ा कर 9 बेल पत्र का शबेत पति को आयु वृद्धि के नाम पर पिलायें .यह पति के मंगली होने पर मंगल दोष भी काटता हैं
3– स्वयं ही अधिक सेक्सी होना य़ा पति के सेक्स की दुबॆलता ..
निदान –यदि पति का लिंग टेढ़ा या दुबेल नहीं है ,तो गूलर, पीपल ,पाकड़ ,बरगद् इनमें स् किसी का कच्चा फल सुखा कर पीस कर 6 ग्राम की मात्रा में मिश्री और दूध के साथ लेने पर 10दिन रति वजिेत करने पर वह सशक्त हो जायेगा .
4–पति से वितृषणा .उसे पसन्द न करना .
निदान –यह कठिन मामला होता है ,पत्नी की नापसन्दगी हर बात मेम झलकती है और कलह होता है ंपुरूष मारपीट पर आमादा हो जाता है .नापसन्दगी के कई कारण होते है .निदान उसके अनुसार होते हैं .कोई भी महिला दिन में 11 से 1 बजे के बीच निशुल्क सलाह ले सकतीं हैं .
5 — पत्नी से विमुखता .
निदान –इसके भी कई कारण होते हैं .दोनों में कोई भी इसका कारण हो सकता है .पत्नी का सेक्स में कापरेट न करना या किसी अन्य स्त्री से लगाव इसका प्रमुख कारण होता है .विशेष कर धनपति परिवारों में पति का लगाव किसी न किसी अन्य स्त्री से होता हैं .अक्सर ऐसी स्त्रियाँ काला जादू का भी प्रयोग किये रहतीं हैं .इसकी सामान्य पहचान पुरूष का खोया रहना है.
निदान — जादू की काट ,सुरक्छा और वशीकरण .किसी जानकार से स्म्पर्क करें .
6–किसी अन्य पुरूष पर मन का लगाव ,भले ही मन की बात जुँबाँ पर न आये भी दामंपत्य कलह का कारण होता है .तब पति की अच्छी बात भी चनका देती है.
निदान –मन को सम्हालें.गुरुमंत्र का जप करें
7–सम्भोग में कष्ट होना .यह स्त्रीको होता है .कारण योनि का एसिडिटिक होना या पुरूष के विपरित होना होता है .
निदान –गन्धप्रसारिणी 20 ग्राम 6घन्टे पानीमेम रखकर मसल कर पीयें .
पत्नी शशक प्रकृति की और पुरुष वृषभ या अश्व प्रकृति की हो ,तो योनि छोटी होने के कारण ददॆ होता है .पद्मिनी को अश्व वृषभ भोगे तो भी ददे होताहै .
Ruchi Sehgal