विशेष चमत्कारी टोटके (Special miracle tricks)
लोबान के पौधे की जड़ को सूत से गले में धारण करने से असाध्य खाँसी क रोग भी खत्म हो जाता है
बंदर की एक नौ अंगूल की अस्थि लेकर , उसे धुप दीप देकर गाँव की सीमा में गड़वा दें। इस क्रिया से गाँव पर आई विपदा टल जाती है।
मूल नक्षत्र में ताड़ की जड़ लाकर धारण करने से पित्त रोग खत्म हो जाता है।
जिस स्त्री की पहली सन्तान लड़की हो , उसे लड़के की नाल जो निःसन्तान स्त्री खोलती है, वह अवश्य ही पुत्र रत्न से वशीभूत होगी ।
आश्लेषा नक्षत्र में बरगद का पत्ता लाकर घर में रख लेने से कभी भी अन्न का संकट सामने अन्हीं आएगा।
अपने दोनों हाथों व पैरों के नाखूनों को जलाकर किसी को भी उसकी भस्म खिला दें। भस्म काहते ही वह आपके वश में हो जायेगा।
मंडूर के छोटे से टुकड़े को कमल की डंठल के तंतुओं से बाँधकर दर्द अथवा शोथ (सूजन) वाले कान पर लटका दें। सभी प्रकार की वदना शांत होकर आराम पड़ जायेगा।
आश्लेषा नक्षत्र में आंवले के वृक्ष की जड़ लाकर हाथ में बाँधने से चोर, बाघ अथवा उच्चाधिकारी का भय समाप्त हो जाता है।
जहाँ कीड़े – मकौड़े बहुत अधिक मात्रा में निकल रहे हो तथा जहाँ से निकल रहे हो, वहां (बिल) पर अपने बायें पैर का जूता उल्टा करके रख दें। सारे कीड़े-मकौड़े उसी बिल में वापिस जा घुसेंगे।
पुष्य नक्षत्र में लाइ गयी चमेली की जड़ को ताबीज में धारण करने से शत्रु पर विजय प्राप्त हो जाती है।
रक्तपित्त तथा वात के कारण यदि आँख में पीड़ा हो रही हो तो किसी भी शिशु की माँ के बायें स्तन के दूध की कुछ बूंदे आँख में टपकवा लें। पीड़ा तत्काल दूर हो जायेगी।
सुदर्शन की जड़ या अपामार्ग की जड़ अथवा सफेद घुंघची की जड़ को भुजा पर धारण करने से शस्त्रघात से रक्षा होती है।
Ruchi Sehgal
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