Jeevan-dharm is about our daily life routine, society, culture, entertainment, lifestyle.

Tuesday 22 May 2018

सफल पुजा के नियम

No comments :

पूजा प्रारंभ करने से पहले का काम

मेंटली उसके प्रति गंभीर होना यानी सच में चाहना कि हम करना चाहते है।
यदि सूर्योदय से एक घंटा पहले उठ सकते है; तो बहुत अच्छा, नहीं तो उठने का निश्चित टाइम फिक्स कीजिये।
उठने के बाद गर्दन को ऐंठ मरोड़कर और कमर पर हाथ रखकर कंधे को बाएँ-दायें –आगे-पीछे मोड़कर शारीरिक शिथिलता को दूर कीजिये।
रात में ताम्बे के लोटे में एक लीटर पानी रखें और क्रमांक 3 करने के बाद जितना पी सकते है, उसे पी जाएँ।
शौचादि से निवृत होकर सारे शरीर को ऊपर से नीचे (मस्तक से तलवों तक) पीली मिट्टी या हमारे मोहिनी पैक मंगवाकर , जो 21 जड़ी बूटियों के संयोग से निर्मित है, खूब मल-मलकर ‘ॐ अस्त्राय फट’ मंत्र का जप करें। इसके सुख जाने पर नार्मल टेम्परेचर के जल से स्नान करें।
जल स्नान के समय नियम बाद में कुछ देर जल की धारा को चाँद पर गिराना है और आँखें मूँद का उस पानी की धारा को ऊर्जा धारा के रूप में अनुभूत करना है। यह कल्पना करना है कि शिव की गंगा शीर्ष पर गिरकर ऊर्जा धारा के रूप में सारे विकार धोती जा रही है। यह मात्र दो –तीन मिनट का काम है।
ढीले वस्त्र पहनकर पूजा में बैठे । पहले गुरु का ध्यान करके उसके बाद केवल मानसिक पूजन करें। एक ही ईष्ट की पूजा , जैसे आप करते है और केवल ५ मिनट उनका ध्यान ह्रदय में करके उनके मंत्र या प्रार्थना का जप करें। प्रणाम करके उठ जाए। एक बार फिर याद रखें। ईष्ट केवल एक ही होना चहिये एयर सोचना चहिये कि वे हमारे ह्रदय में विद्यमान है। फिर वे प्रकाशित होते हुए विकसित हो रहे है। इसके अंत में वह प्रकाश रूप समस्त शरीर में व्याप्त हो जाता है। इसमें समय लगता है , पर जब केंद्र में ईष्ट की ज्योति स्थापित हो जाती है, चमत्कारिक अनुभूतियाँ उसी समय से प्रारम्भ हो जाती है। कुछ स्त्रियों में अलौकिक शक्तियां भी लुकाछिपी करने लगती है। समस्त शरीर में प्रकाश व्याप्त होने पर वे गुण भी स्थायी हो जाते है।
रात में सोते समय सिर के चाँद और खोपड़ी में नारियल या शुद्ध सरसों या बादाम या जैतून या कद्दू के बीज का तेल डाले। सुगन्धित तेल न डालें। हो सके तो कान, नाभि आदि शरीर के समस्त छिद्रों को इससे पूरित करें। सुबह चाहे मिट्टी लगाने से पहले अच्छे शैम्पू से इसे धो लें।
खाने-पीने एवं आचरण सम्बन्धी कोई वर्जना नहीं है। इसका मानक है कि जो सरलता से पच जाए, जो मस्तिष्क को भ्रमित या अवसादित न करें और शरीर को क्षति न पहुंचाए।
अपने ह्रदय में अपने ईष्ट को धारण करके स्वयं को वही समझे। समझें कि केंद्र में उनकी ज्योति है और वही आपका अस्तित्त्व या जीवन है। इस भाव को सदा बनाएं रखें। इस बात से कोई अंतर नहीं पड़ता कि वह ईष्ट कौन है। गुरु, देवता, देवी, शिव, भैरव, राम या कृष्ण या कोई भी शक्ति। मुस्लिम महिला अल्लाह को वहां स्थापित करें , इसाई ईसा को। प्रत्येक को चमत्कारी लाभ मिलेगा। यह प्रकृति का स्वाभविक नियम है।
यह नियम है कि आप नेगेटिव पैदा कीजिये, पॉजिटिव अपने आप पैदा होगा।शरीर को तांत्रिक स्नान से शुद्ध करके; जब हृदय में कोई भी भाव प्रकाशित होता है; तो वह नाभिक यानी सूर्य की ऊर्जा का प्राकृतिक समीकरण बदल देता है। वह उस भाव के समीकरण में प्रसारित होने लगता है। भाव जितना गहरा होता जाएगा, प्रकाश बढ़ता जाएगा। ऊर्जा का स्वरुप सूक्ष्म होता चला जाएगा। अलौकिक शक्तियों की प्राप्ति का कारण सूक्ष्म ऊर्जा का प्रवाह होता है। इसका पॉजिटिव वातावरण में बनता है और शरीर में समाता रहता है। यह केंद्र को और प्रकाशित कर देता है। यह एक चेन सिस्टम बना लेता है।
नारियों को लाभ जल्दी मिलता है। इसलिए कि अपनी रूचि में केन्द्रित हो जाने कि उसमें प्रवृति होती है, संभवतः नेगेटिव होने के कारण । मार्ग का मानसिक भाव जल्दी केन्द्रित नहीं होता। विश्वास और धीरज का अन्तर भी इसका कारण होता है।
पर पुरुषों के लिए भी यदि वह पूजा-साधना करता है, यही सूत्र है। करके देखें। तब पता चेलगा कि हमारे देवी-देवता या आपके ईष्ट केवल आस्था हैं या एक विचित्र विज्ञान की शक्तियाँ ।

विशेष –

तलवों पैरों को साफ रखें। इसमें क्रीम आदि भी न लगायें। कोमलता चाहती है, तो मदिरा या पेट्रोल में ब्रश भिंगोकर पैर तलवों को साफ़ करें।विशेष कर सोते समय।
हाथों एवं हथेलियों को भी साफ़ करें। पेट साफ़ रखें। कब्ज हो तो एरंड का तेल गर्म पानी या दूध में रात में 20 ग्राम की मात्रा में पीये। इससे पहले तीन ग्राम हर्रे + 1 ग्राम सेंधा नमक का चूर्ण खा लें। पहले चूर्ण निगल लें , तब दूध या पानी पीयें।
हफ्ते में एक बार शरीर पर सर्वत्र सरसों , नारियल , बादाम, मूंगफली , जैतून – इसमें से किसी एक से मालिश करें।
महीने में एक बार घर के आँगन में ईष्ट देवता के अनुसार दिन में या रात में हवन करें। उसी मन्त्र से जो जपते है। इससे उस घर की सभी नेगेटिव शक्तियां दूर भागत



Ruchi Sehgal

No comments :

Post a Comment