साल में एक ही बार खुलने वाले अनोखा मंदिर – नागचंद्रेश्वर मंदिर
हिंदी धर्म में सांपो या नागो को पूजनीय माना जाता है | ये नाग देवता के रूप में माने जाते है | भगवान शिव ने इन्हे अपने आभूषण बना रखे है तो भगवान विष्णु इनकी शय्या पर सोते है |
महाकाल की नगरी उज्जैन में ऐसा ही एक मंदिर है जो नाग देवता को समर्प्रित है | यह मंदिर पुरे साल में बस एक बार खुलता है | वह दिन नागो की पूजा का दिन नागपंचमी का होता है | इस मंदिर का नाम नागचंद्रेश्वर है | देश विदेश से दर्शन करने आते है भक्त | यह मंदिर रात 12 बजे खुलता है और पूरी विधि विधान से पूजा अर्चना की जाती है |
कहाँ है यह नागचंद्रेश्वर मंदिर
यह अनोखा मंदिर उज्जैन में स्थित महाकाल मंदिर के तीसरी मंजिल पर स्थित है | प्रबल मान्यता है की नाग पंचमी के दिन इस मंदिर में स्वयं नाग राज तक्षक मौजूद रहते है | मंदिर एक दिन के लिए 24 घंटे खुला रहता है |
मंदिर का इतिहास
इस मंदिर में भगवान शिव और माँ पार्वती की प्रतिमा के फन फैलाये नाग पर विराजमान है | यह पहला मंदिर है जहा शिव और पार्वती नाग पर बैठे हुए है | यह प्रतिमा ग्यारवी शताब्दी की है जो नेपाल देश से लायी हुई बताई जाती है | इस मूर्ति के दाए बाए गणेश जी और कार्तिकेय भी बैठे हुए है | सभी प्रतिमाये एक ही स्लेटी रंग के पत्थर पर बनाई हुई है |
Tuesday, 6 November 2018
साल में एक ही बार खुलने वाले अनोखा मंदिर
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