अनोखा और एकमात्र मेंढक मंदिर – यहा होती है मेंढक की पूजा
मेंढक मंदिर | Frog Temple
भारत में कई ऐसे मंदिर है जहाँ जानवरों की पूजा की जाती है। कुकुरदेव मंदिर में कुत्ते की पूजा तो एक तरफ मत्स्य देवी मंदिर में मछली की पूजा होती है | एक जगह ऐसी है जहा मंदिर का रक्षक एक मगरमच्छ करता है | अब तक हम आपको कई ऐसे मंदिरों के बारे में बता भी चुके है। इसी कड़ी में आज हम आपको बता रहे है भारत के एकमात्र ऐसे मंदिर के बारे में जहां मेंढक की पूजा की जाती है। आइए जानते है कहां है ये मंदिर और क्यों की जाती है मेंढक की पूजा ?
भारत का एक मात्र मेंढक मंदिर ( Frog Temple) उत्तरप्रदेश के लखीमपुर-खीरी जिले के ओयल कस्बें में स्तिथ है। बताया जाता है कि ये मंदिर करीब 200 साल पुराना है। मान्यता है कि सूखे और बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदा से बचाव के लिए इस मंदिर का निर्माण कराया गया था।
यह जगह ओयल शैव संप्रदाय का प्रमुख केंद्र था और यहां के शासक भगवान शिव के उपासक थे। इस कस्बे के बीच मंडूक यंत्र पर आधारित प्राचीन शिव मंदिर भी है।
यह क्षेत्र ग्यारहवीं शताब्दी के बाद से 19वीं शताब्दी तक चाहमान शासकों के आधीन रहा। चाहमान वंश के राजा बख्श सिंह ने ही इस अद्भुत मंदिर का निर्माण कराया था।
तांत्रिक ने किया मंदिर का वास्तु
मंदिर की वास्तु परिकल्पना कपिला के एक महान तांत्रिक ने की थी। तंत्रवाद पर आधारित इस मंदिर की वास्तु संरचना अपनी विशेष शैली के कारण मनमोह लेती है। मेंढक मंदिर में दीपावली के अलावा महाशिवरात्रि पर भी भक्त बड़ी संख्या में आते हैं।
कैसे पहुंचे
लखीमपुर से ओयल 11 किमी दूर है। यहां जाने के लिए आपको पहले लखीमपुर आना होगा। आप बस या टैक्सी करके लखीमपुर से ओयल जा सकते हैं। यदि आप फ्लाइट से आना चाहें तो यहां से सबसे नजदीकी एयरपोर्ट लखनऊ 135 किमी दूर है। यहां से आपको UPSRTC की बसें लखीमपुर के लिए मिल जाएगी।
Tuesday, 6 November 2018
अनोखा और एकमात्र मेंढक मंदिर
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