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Wednesday 25 July 2018

क्या है गोमती चक्र

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क्या होता है गोमती चक्र ??

भारत की प्रसिद्ध नदियों में से एक नदी है जिसका नाम है गोमती || यह नदी श्री कृष्ण जी की द्वारिका नगरी में है|| गोमती चक्र जो की सिप्पी के जैसा एक पत्थर होता है वो इसी नदी में पाया जाता है || गोमती चक्र एक तरफ से पत्थर जैसा होता है और एक तरफ से समतल होता है ||
इस समतल के ऊपर एक सांप जैसा आकार बना होता है इसीलिए गोमती चक्र को नाग चक्र भी कहा जाता है || वेदों शास्त्रों में गोमती चक्र के बहुत से उपयोग बताये गए है और इसको कैसे इस्तेमाल करना है उसका विवरण भी वेदो में स्पष्ट बताया गया है ||


गोमती चक्र की महिमा यहाँ से पता चलती है की पुराने समय से ही गोमती चक्र का इस्तेमाल पूजा, साधना, तांत्रिक प्रयोगों और कई तरह के टोटके करने में किया जाता रहा है || गोमती चक्र को सुदर्शन चक्र भी कहा जाता है जो की श्री कृष्ण का एक बहुत शक्तिशाली हथियार है और गोमती चक्र बिलकुल वैसा ही दिखाई देता है ||
गोमती चक्र को इस्तेमाल करने से आप कई तरह की परेशानिओं और कठनाईओं से बच सकते है और इसके इस्तेमाल से आप अपनी कुंडली में बने हुए कई तरह के दोषों से भी छुटकारा पा सकते है || पुराने समय में लोग गोमती शकर को गहनों की तरह भी इस्तेमाल करते थे जिससे एक तो वो नकारात्मक शक्तिओं के प्रभाव से बचे रहते थे और भाग्यशाली बनते थे ||

गोमती चक्र इस्तेमाल करने के लिए आवश्यक जानकारी : –

अगर आप किसी भी काम के लिए गोमती चक्र इस्तेमाल करना चाहते है तो यह ध्यान रखें की गोमती चक्र जीवित भी होते हैं और निर्जीव भी मगर आपको सिर्फ और सिर्फ जीवित गोमती चक्र का ही इस्तेमाल करना है ||



कैसे पता लगाएं की गोमती चक्र जीवित है या निर्जीव ??

जीवित गोमती चक्र को पहचानने के लिए दो तरीके है पहला ये की जब आप जीवित गोमती चक्र के ऊपर थोड़ा सा सिरका डालेंगे तो उस में से छोटे छोटे बुलबुले पैदा होंगे और दूसरा आप गोमती चक्रो को जोड़ो में रख दें उनको ऐसे रखना है की वो आपस में टच न करें फिर उनके ऊपर थोड़ा थोड़ा सिरका डाल दें और सुबह होने पर जो जीवित गोमती चक्र होंगे वो आपस में जुड़ जायेंगे और जो निर्जीव होंगे वो अकेले रहेंगे ||



गोमती चक्र के उपयोग

1. जब भी कोई नयी ईमारत बनाई जाती है चाहे वो रहने के लिए या फिर व्यवसाय के लिए तो ईमारत बनाते समय एक गोमती चक्र को उसकी नींव में दबा दिया जाता है || ऐसा करने से उस ईमारत में रहने वाले सभी लोगों का भाग्य उदय होता है और ईमारत को भी कोई नुकसान नहीं पहुंचता ||

2. गोमती चक्र को लाल कपडे में बांधकर चावलों में या गेंहू में रख दिया जाता है ऐसा करने से घर में कभी अनाज की कमी नहीं होती और घर में खुशीआं आती है ||

3. दीवाली के दिन माँ लक्ष्मी जी के पूजन के साथ गोमती चक्र रखा जाता है ऐसा करने से हमेशा माँ लक्ष्मी जी की कृपा बानी रहती है और धन प्राप्ति होती है ||



4. अगर किसी की कोख बांध दी गयी हो और उसको बच्चा न हो रहा हो या फिर बार बार गर्भ गिर जाता हो तो कपडे में लपेट कर गोमती चक्र उस महिला की कमर पर बांध दें ऐसा करने से बहुत जल्द बच्चा हो जायेगा ||

5. अगर किसी इंसान की कुंडली में सर्प दोष बनता है और वो सर्प दोष से मुक्ति प्राप्त करना चाहता है तो वो इंसान गोमती चक्र को अभिमंत्रित करके अपने गले में पहनने से काल सर्प दोष और सर्प दोष से मुक्ति पा सकता है ||

6. गोमती चक्र को अपने घर के अंदर दबाने से सभी तरह के वास्तु दोष दूर होते हैं ||

7. अपने शत्रु से पीछा छुड़वाने के लिए एक गोमती चक्र पर उसका नाम लिखकर गोमती चक्र को जमीं में गाड़ दें ऐसा करने से आपका शत्रु परास्त हो जायेगा ||

8. घर में अगर लड़ाई झगड़ा रहता है तो गोमती चक्र को एक सिन्दूर की डब्बी में रखकर डब्बी को घर के अंदर रख लें ऐसा करने से घर में शांति और खुशीआं बरक़रार रहती हैं ||

 

9. जिस इंसान की शादी में बाधा आ रही है या फिर शादी नहीं हो रही वो गोमती चक्र को श्री कृष्ण जी की मूर्ति के साथ रखकर सात दिन लगातार पूजा करे तो बहुत जल्दी शादी हो जाएगी ||

10. अगर आपकी नौकरी नहीं लग रही या फिर उन्नति नहीं हो रही तो दो गोमती चक्र अपनी जेब में रखकर इंटरव्यू दें तो आपकी नौकरी लग जाएगी या फिर अपनी जेब में रखकर कार्यस्थल जाएं तो बहुत जल्दी उन्नति हो जाएगी ||

कैसे गोमती चक्र को अभिमंत्रित करते हैं ??

अभिमंत्रित गोमती चक्र को घर में रखने से है में बरकत रहती है और घर में खुशीआं आती है || घर में गोमती चक्र रखने से घर में परिवार के लोगों में प्यार बढ़ता और कभी लड़ाई झगड़ा नहीं होता || अपने कार्यस्थल पर अभिमंत्रित गोमती चक्र रखने से व्यपार में कभी घाटा नहीं होता और अधिक मुनाफा होता है ||

गोमती चक्र को अभिमंत्रित करने का तरीका : –

1. सबसे पहले जीवित गोमती चक्र को गाये के कच्चे दूध से स्नान करवाएं ||
 
2. फिर उसको एक थाली में रख दे ||

3. थाली में थोड़े से चावल डाल दें ||

4. फिर गोमती चक्र पर फूल चढ़ाएं ||

5. उसके साथ एक आटे का दिया जलाएं ||

6. अब नीचे दिए गए मन्त्र को 108 जाप करें ||

|| मंत्र ||

 ” क्लीं क्रीं हुं क्रों स्फ्रों कामकलाकाली स्फ्रों क्रों क्लीं स्वाहा “

7. फिर गोमती चक्र पर चन्दन से अभिषेक करें ||

8. यह किर्या लगातार सात दिन तक करें ||

9. सातवें दिन गोमती चक्र को लाल कपडे में लपेट लें ||

10. अब इसे आप चाहे घर के पूजा स्थल में रखें और चाहे अपने कार्यस्थल पर रखें ||

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