जिस घर में जब कोई रोग आ जाता है तो उस रोगी के साथ साथ उस घर के सभी व्यक्ति भी मानसिक रूप से चिंता और आशांति का अनुभव करने लगते है , लेकिन कुछ छोटी छोटी बातो को ध्यान में रखकर हम हालत पर काबू पा सकते है , शीघ्र स्वास्थ्य लाभ प्राप्त कर सकते है,
महामृत्युञ्जय मंत्र
Mahamrtunjay Mantra
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।
उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥
हिन्दु धर्म शास्त्रो में महामृत्युञ्जय मंत्र ( Mahamrtunjay Mantra ) को अत्यन्त शक्तिशाली माना गया है । किसी भी रोग में इसका जाप परम फलदायी कहा गया है इसे रोग निवारक या रोग मुक्ति मन्त्र भी कहते है । नित्य प्रात: स्नान के पश्चात सफ़ेद वस्त्र धारण करके ईशान या पूर्व दिशा की तरफ मुख करके रुद्राक्ष की माला से इस मन्त्र जप करने से आरोग्य की प्राप्ति होती है, असाध्य से असाध्य रोग भी दूर होते है ।
भादों माह ( अगस्त, सितम्बर ) में अच्छे स्वास्थ्य के लिए ना करें ये काम :-
भादों माह में दही ना खाएं, भादों माह में दही खाने से स्वास्थ्य ख़राब होता है।
भादों माह में गुड़ नहीं खाएं, भादों माह में गुड़ खाने से गला ख़राब होता है, स्वर बिगड़ता है।
भादों माह में तिल का तेल नहीं खाएं, इस माह तिल के तेल का सेवन करने से आयु का नाश होता है।
भादों माह में नारियल का तेल नहीं खाएं, इस माह में नारियल का तेल खाने से संतान सुख में कमी आती है।
भादों माह में दूसरे का दिया भात नहीं खाएं अन्यथा धन का नाश होता है।
सूर्य जब भी मेष राशी में प्रवेश करें (चैत्र शुक्ल प्रतिपदा) तो प्रात: काल नीम की ताजी कपोलें , मिश्री / गुड़ के साथ चबा कर / पीस कर कर खाने से वर्ष भर रोग दूर रहते है , यह घर के सभी छोटे बड़े व्यक्तियों को खाना चाहिए और दूसरो को बाटना भी चाहिए ।
यदि आपके परिवार में कोई व्यक्ति बीमार है तो अगर संभव हो तो उसे सोमवार को डॉक्टर को दिखाएँ और उसकी दवा की पहली खुराक भगवान शिव को अर्पित करके कुछ राशी भी चड़ा दें और रोगी व्यक्ति के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की प्रार्थना करें , व्यक्ति के बहुत जल्दी ही ठीक हो जाने की सम्भावना बन जाती है ।
हर पूर्णिमा को किसी भी शिव मंदिर में भगवान भोलेनाथ से अपने परिवार को निरोग रखने की प्रार्थना रखें ,तत्पश्चात मंदिर में और गरीबों में कुछ ना कुछ फल,मिठाई और नगद दान अवश्य दें ।
रोगी व्यक्ति को मंगलवार और शनिवार किसी भी दिन हनुमान जी की मूर्ति से सिंदूर लेकर उसके माथे पर लगाने से उसका दिल मजबूत होता है और रोगी जल्दी स्वस्थ भी होता है ।
यदि कोई बीमार व्यक्ति प्रात: काल एक गिलास पानी लेकर पूर्व दिशा की ओर मुंह करके खड़े होकर एँ मन्त्र का 21 बार जाप करके पी जाय एवं ईश्वर से अपने रोग को दूर करने के लिए प्रार्थना करें तो शीघ्र ही स्वास्थ्य लाभ प्राप्त होता है। यह प्रयोग सोमवार से शुरू करके रविवार तक लगातार 7 दिन तक करना चाहिए ।
अशोक के वृक्ष की ताजा तीन पत्तियों को प्रतिदिन प्रातः चबाने से चिंताओं से मुक्ति मिलती है और स्वास्थ्य भी उत्तम बना रहता है ।
यदि किसी बीमार व्यक्ति का रोग ठीक ना हो रहा हो तो उसके तकिये के नीचे सहदेई और पीपल की जड़ रखने से बीमारी जल्दी ठीक होती है ।
यदि किसी रोगी को मृत्युतुल्य पीड़ा हो रही हो , तो जौ के आटे ( बाजार में यह आसानी से उपलब्ध है ) में काले तिल और सरसों का तेल मिला कर रोटी बना कर रोगी के ऊपर से 7 बार उतार कर किसी भैंसे को खिलाएं त्वरित लाभ मिलता है ।
यदि कोई व्यक्ति लम्बे समय से बीमार है तो उसे घर के दक्षिण पश्चिम कोने ( नैत्रत्य कोण ) के कमरे में दक्षिण दिशा में सर रखकर सुलाएं , उनकी दवाएं और जल कमरे के ईशान कोण में रखें । ध्यान रखें रोगी व्यक्ति अपनी दवाएं और अपना खाना पीना ईशान कोण अथवा पूर्व की तरफ मुंह करके ही खाएं ।
यदि घर का कोई व्यक्ति अधिक समय से बीमार हो तो उसके तकिये के नीचे मणिक्य रखने से वह जल्दी स्वस्थ होता है
Ruchi Sehgal
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