1) “ओम रं श्रृं ( प्रेमी की पत्नी का नाम ) वश्यमानाया हुं “.. इस मंत्र का जाप करें ७ दिनों तक लगातार ३०१ बार | जाप करते समय अपने प्रेमी के पत्नी की तस्वीर अपने हाथ में रख कर जाप करें | १ सप्ताह के अंदर ही आपको अपनी मनोकामना सिद्ध होती हुई दिखेगी |
2 ) एक पानी वाला नारियल ले लें | साथ में कुछ धतूरे के बीज तथा कपूर ले | फिर आप नारियल- पानी, बीज और कपूर को साथ में मिलाकर पीस ले | इसके बाद इसमें थोड़ा सा शहद मिलाएं | अब आप इस निश्रण से तिलक करें | तिलक करते हुए अपने प्रेमी का नाम का स्मरण करते हुए तिलक करें | अगर संभव हो तो तिलक कर अपने प्रेमी के सामने जाए | आपका प्रेमी आपके वशीभूत हो जाएगा |
3) अभिमंत्रित किया हुआ ३ गोमती चक्र ले ले | अब इसमें सिंदूर लगा कर प्रज्वलित होलिका में दहन कर दे अपने प्रेमी की पत्नी का नाम लेते हुए |
4) एक सफेद कागज पर आप अपना और अपने प्रेमी अपने प्रेमी का नाम लिख दे लाल रंग की स्याही से सोमवार के दिन | अब दिए गए मंन्त्र का जाप करें २५० बार | मंन्त्र है– “ओम सुदर्शनाय हुं फट स्वाहा”.. मंत्र जाप पूरा हो जाने के बाद कागज को घर में किसी ऐसे स्थान पर रखें जहां पर किसी की नजर उस पर ना पड़े | फिर २ दिन बाद इसे किसी सुनसान जगह पर गाड़ दे |
5) “ओम नमो त्रिजट लंबोदर वद वद अमुक (नाम) आकर्षण आकर्षण स्वाहा”.. इस मंत्र को सबसे पहले सिद्ध कर ले २१०० बार मंन्त्र जाप द्वारा | सिद्ध करने के लिए किसी पूर्णिमा या ग्रहण अथवा अमावस्या वाले दिन का चुनाव करे | इसके बाद अल्प मात्रा में जल लेकर अभिमंत्रित करें १०८ बार मंन्त्रों का जाप करते हुए | इस जल को रात को सोते वक्त अपने सिरहाने रख कर सोए | आधी रात को उठकर इसे पी लें | ४० दिनों तक लगातार इस प्रयोग को करें, आपकी मनोकामना की पूर्ति होगी |
2 ) एक पानी वाला नारियल ले लें | साथ में कुछ धतूरे के बीज तथा कपूर ले | फिर आप नारियल- पानी, बीज और कपूर को साथ में मिलाकर पीस ले | इसके बाद इसमें थोड़ा सा शहद मिलाएं | अब आप इस निश्रण से तिलक करें | तिलक करते हुए अपने प्रेमी का नाम का स्मरण करते हुए तिलक करें | अगर संभव हो तो तिलक कर अपने प्रेमी के सामने जाए | आपका प्रेमी आपके वशीभूत हो जाएगा |
3) अभिमंत्रित किया हुआ ३ गोमती चक्र ले ले | अब इसमें सिंदूर लगा कर प्रज्वलित होलिका में दहन कर दे अपने प्रेमी की पत्नी का नाम लेते हुए |
4) एक सफेद कागज पर आप अपना और अपने प्रेमी अपने प्रेमी का नाम लिख दे लाल रंग की स्याही से सोमवार के दिन | अब दिए गए मंन्त्र का जाप करें २५० बार | मंन्त्र है– “ओम सुदर्शनाय हुं फट स्वाहा”.. मंत्र जाप पूरा हो जाने के बाद कागज को घर में किसी ऐसे स्थान पर रखें जहां पर किसी की नजर उस पर ना पड़े | फिर २ दिन बाद इसे किसी सुनसान जगह पर गाड़ दे |
5) “ओम नमो त्रिजट लंबोदर वद वद अमुक (नाम) आकर्षण आकर्षण स्वाहा”.. इस मंत्र को सबसे पहले सिद्ध कर ले २१०० बार मंन्त्र जाप द्वारा | सिद्ध करने के लिए किसी पूर्णिमा या ग्रहण अथवा अमावस्या वाले दिन का चुनाव करे | इसके बाद अल्प मात्रा में जल लेकर अभिमंत्रित करें १०८ बार मंन्त्रों का जाप करते हुए | इस जल को रात को सोते वक्त अपने सिरहाने रख कर सोए | आधी रात को उठकर इसे पी लें | ४० दिनों तक लगातार इस प्रयोग को करें, आपकी मनोकामना की पूर्ति होगी |
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