अकबर की पत्नी जोधाबाई के बारे में आपने काफी सुना और पढ़ा होगा लेकिन शायद ही कभी अकबर की उस पत्नी के बारे सुना होगा जो थी तो मुसलमान लेकिन कृष्ण की ऐसी दीवानी कि स्वयं गोपाल को इन्हें दर्शन देने के लिए आना पड़ा।
अकबर की इस पत्नी का नाम था ताज बीबी। इनकी समाधि आज भी ब्रजभूमि की रमन रेती से लगभग दो किलोमीटर की दूरी पर मौजूद है और कृष्ण भक्ति की गाथा कह रही है। इनके विषय में कथा है कि एक बार इन्होंने मौलवियों, मुल्लाओं और अपने इमाम से पूछा कि क्या अल्लाह का दीदार हो सकता है।
सभी ने उत्तर दिया हां हो सकता है। इनका उत्तर जानकर ताज बीबी काबाशरीफ की यात्रा पर चल पड़ीं। मार्ग में एक पड़ाव ब्रज में पड़ा। घंटे घड़ियालों की अवाज सुनकर ताज बीबी ने लोगों से पूछा कि यह क्या है।
दीवान ने कहा यहां कुछ लोगों का छोटा खुदा रहता है। ताज ने आग्रह किया कि वह छोटा खुदा से मिलकर ही आगे चलेंगी। जैसे ही मंदिर में प्रवेश करना चाहा, पंडों ने उन्हें रोक दिया। ताज वहीं बैठकर गाने लगीं। कहते हैं ताज की भक्ति से प्रसन्न होकर श्री कृष्ण ने इन्हें साक्षात दर्शन देकर कृतार्थ किया।
ताज बीबी गोस्वामी विट्ठलनाथ जी की सेविका बन गईं। इन्होंने कृष्ण की भक्ति में कविताएं, छंद और धमार लिखे जो आज भी पुष्टिमार्गीय मंदिरों में गाए जाते हैं।
पुरातत्व विभाग की उपेक्षाओं के कारण इनकी समाधि आज विराने में कांटों के वन से घिरा हुआ गुमनाम पड़ा है। जब आप ब्रजभूमि की यात्रा पर जाएं तो कृष्ण की भक्त ताज बीबी की समाधि के भी दर्शन करें, ताकि कृष्ण की यह भक्त गुमनामी में खो न जाएं।
Monday, 1 July 2019
ताज बीबी की कृष्ण की भक्ति
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