Thursday, 3 August 2017
मंत्रो से करे रोग निवारण
मन्त्रों से करें रोग निवारण
कैंसर रोग ॐ नम: शिवाय शंभवे कर्केशाय नमो नम:। यह मंत्र किसी भी तरह के कैंसर रोग में लाभदायक होता है।
मस्तिष्क रोग
ॐ उमा देवीभ्यां नम:।
यह मंत्र मस्तिष्क संबंधी विभिन्न रोगों जैसे सिरदर्द, हिस्टीरिया, याददाश्त जाने आदि में लाभदायी माना जाता है।
आंखों के रोग ॐ शंखिनीभ्यां नम:।
इस मंत्र से जातक को मोतियाबिंद सहित रतौंधी, नेत्र ज्योति कम होने आदि की परेशानी में लाभ मिलता है।
हृदय रोग
ॐ नम: शिवाय संभवे व्योमेशाय नम:।
हृदय संबंधी रोगों से अधिकांश लोग पीड़ित होते हैं। इसलिए अगर वे इस मंत्र का जप करें, तो उन्हें लाभ मिलता है।
स्नायु रोग
ॐ धं धर्नुधारिभ्यां नम:।
कान संबंधी रोग
ॐ व्हां द्वार वासिनीभ्यां नम:।
कर्ण विकारों को दूर करने में यह मंत्र आश्चर्यजनक भूमिका निभाता है।
कफ संबंधी रोग
ॐ पद्मावतीभ्यां नम:।
श्वास रोग
ॐ नम: शिवाय संभवे श्वासेशाय नमो नम:।
पक्षाघात रोग
ॐ नम: शिवाय शंभवे खगेशाय नमो नम:।
इन मंत्रों की शक्ति से रोग भागते हैं मंत्रों में गजब की शक्ति होती है। इनका नियमित जप न केवल जातक को मानसिक शांति देता है, बल्कि उन्हें होने वाली गंभीर बीमारियों को भी दूर भगा सकता हैं अब आप कितना करते है यह तो आप पर निर्भर करता हैं। इसमे कोई अतिशोक्ति नही यदि कुछ रोग जड से सामाप्त हो जाये।
मक्की की पूरी
मक्का की पूरी
12 पूरी बनाने के लिये
समय - 30 मिनिट
आवश्यक सामग्री
- मक्की का आटा - 1 कप (150 ग्राम)
- गेहूं का आटा - 1 कप (150 ग्राम)
- तेल - 2 छोटी चम्मच
- अजवायन - ½ छोटी चम्मच
- नमक - ½ छोटी चम्मच या स्वादानुसार
- तेल - तलने के लिए
विधि
- मक्की के आटे को किसी बड़े प्याले में निकाल लीजिए अब इसमें गेहूं का आटा, आधा छोटी चम्मच नमक, आधा छोटी चम्मच अजवायन और 2 छोटे चम्मच तेल डाल कर सभी चिजों को अच्छे से मिला लीजिए।
- थोडा़-थोडा़ पानी डालते हुए थोड़ा सख्त आटा गूंथ कर तैयार कर लीजिए, जैसा की गेहूं के आटे से पूरी बनाने के लिये गूथा जाता है, गूंथे आटे को 20 - 25 मिनिट के लिए ढककर के रख दीजिए। आटा सैट होकर तैयार हो जाएगा।
- आटा सैट होकर तैयार है, कढ़ाई में तेल डालकर गरम कीजिए, हाथ पर थोडा़ सा तेल लगाकर आटे को थोडा़ मसल लीजिए। अब आटे से छोटी-छोटी लोइयां तोड़ कर तैयार कर लीजिये, एक लोई उठाएं और हाथ पर तेल लगाकर इसे अच्छे से गोल कर लीजिए, सारी लोईयों को इसी तरह से गोल पेडा़ बना कर तैयर कर लीजिए।
- अब 1 लोई लीजिए, चकले पर थोडा़ सा तेल लगाकर, इसे रखिये और 2.5 - 3 इंच के व्यास में थोड़ी मोटी पूरी बेल लीजिए।
- तेल गरम हो गया है चैक कर लीजिये। इसे चैक करने के लिये तेल में थोड़ा सा आटा तोड़कर डालिये, आटा सिककर, तुरन्त ऊपर उठकर आना चाहिये, तेल गरम है, पूरी तलने के लिये तेल में डालिये। पूरी को कलछी से दबा कर फुलाइये और पलट-पलट कर गोल्डन ब्राउन होने पर, किसी प्लेट पर निकाल रख लीजिये।
- सारी पूरी इसी तरह बेल कर और तल कर तैयार कर लीजिये। इतने आटे में लगभग 11- 12 पूरियां बनकर के तैयार हो जाती हैं।
- पूरी को आप मटर आलू की सब्जी, मटर पनीर की सब्जी, आलू टमाटर की सब्जी या अपनी मनपसंद सब्जी के साथ परोस सकते हैं।
सुझाव
- पूरी को थोडा़ सा मोटा ही बेलें।
- पूरी तलते समय तेल अच्छा गरम होना चाहिए, फूरी फूलेंगी और बहुत ही अच्छी बनेंगी।
जलजीरा
जल जीरा
सामग्री (Ingredients)
पुदीना की पत्ती - 1/4 कप कटा हुआ
हरि धनिया - 1/4 कप कटी हुई
अदरक - 1 बड़ा स्पून कटा हुआ
भुना जीरा - 1 बड़ा स्पून
हिंग - चुटकी भर
नमक - 1 बड़ा स्पून
ठंडा पानी - 3 कप
विधि (Method)
सबसे पहले पुदीना और धनिया की पत्तियों को धो कर साफ कर ले.
फिर सभी सामग्री को एक जार में दाल के पीस ले. फिर इसको छननी से छान ले. अब इसमें ठंडा पानी डाल दे.
इसे एक ग्लास मे निकलिये. ओर पुदिने ओर हरि धनिया के पत्ती से सज़ाकर सर्वस करे.