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Thursday, 3 August 2017

लघु नारियल के अचूक उपाय

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लघु नारियल से धन-संपत्ति पाने के उपाय

तंत्र प्रयोगों में कई वस्तुओं का उपयोग किया जाता है जिनके माध्यम से टोटके और अधिक प्रभावशाली हो जाते हैं। ऐसी ही एक तांत्रिक वस्तु है लघु नारियल। लघु नारियल का प्रयोग अनेक टोटकों में किया जाता है विशेषकर धन-संपत्ति प्राप्ति के टोटको में। लघु नारियल को कुछ साधारण प्रयोग इस प्रकार हैं-

- धन, वैभव व समृद्धि पाने के लिए 5 लघु नारियल स्थापित कर उस पर केसर से तिलक करें और हर नारियल पर तिलक करते समय 27 बार नीचे लिखे मंत्र का मन ही मन जप करते रहें-

ऐं ह्लीं श्रीं क्लीं

- 11 लघु नारियल को मां लक्ष्मी के चरणों में रखकर ऊँ महालक्ष्म्यै च विद्महे विष्णुपत्नीं च धीमहि तन्नो लक्ष्मी प्रचोदयात् मंत्र की 2 माला फेर कर किसी लाल कपड़े में उन लघु नारियल को लपेट कर तिजोरी में रख दें व दीपावली के दूसरे दिन किसी नदी या तालाब में विसर्जित कर दें। ऐसा करने से लक्ष्मी चिरकाल तक घर में निवास करती है।

- अगर आप चाहते हैं कि घर में कभी धन-धान्य की कमी न रहे और अन्न का भंडार भरा रहे तो 11 लघु नारियल एक पीले कपड़े में बांधकर रसोई घर के पूर्वी कोने में बांध दें। 

भूत बाधा दूर करे इस टोटके से

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भूत बाधा दूर करें इस टोटके से

भूत- प्रेत, ऊपरी बाधा या हवा। यह शब्द अक्सर हमारे सुनने में आते हैं। ऐसा माना जाता है जिन लोगों पर इनका असर होता है उनमें कुछ शारीरिक व मानसिक परिवर्तन हो जाता है। उत्तेजना में आकर ऐसे लोग किसी पर भी वार कर सकते हैं। भूत बाधा से पीडि़त व्यक्ति को नीचे लिखे टोटके से इस परेशानी से मुक्ति मिल सकती है।

सामग्री 
लौंग का जोड़ा, फूल का जोड़ा, इलाइची, पान और पेड़ा।

टोटका एक हरा दोना लेकर उसमें सबसे पहले पान रखें। उसके ऊपर फूल व अन्य वस्तुएं रखकर भूतबाधा से पीडि़त व्यक्ति के नाम राशि के ग्रह का मंत्र 108 बार पढ़ें। यह कार्य पवित्र होकर व दोना सामने रखकर करें। इसके पश्चात सात बार मंत्र पढ़ते हुए उस दोने को रोगी के सिर से पांव तक उतार कर बहते हुए जल में प्रवाहित कर दें। ऐसा करने से प्रेत बाधा शांत हो जाती है ( यह टोटका अनटोका किया जाना चाहिए।)

मंत्रो से करे रोग निवारण

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मन्त्रों से करें रोग निवारण

कैंसर रोग ॐ नम: शिवाय शंभवे कर्केशाय नमो नम:। यह मंत्र किसी भी तरह के कैंसर रोग में लाभदायक होता है। 

मस्तिष्क रोग
ॐ उमा देवीभ्यां नम:।
यह मंत्र मस्तिष्क संबंधी विभिन्न रोगों जैसे सिरदर्द, हिस्टीरिया, याददाश्त जाने आदि में लाभदायी माना जाता है। 

आंखों के रोग ॐ शंखिनीभ्यां नम:।
इस मंत्र से जातक को मोतियाबिंद सहित रतौंधी, नेत्र ज्योति कम होने आदि की परेशानी में लाभ मिलता है। 

हृदय रोग
ॐ नम: शिवाय संभवे व्योमेशाय नम:।
हृदय संबंधी रोगों से अधिकांश लोग पीड़ित होते हैं। इसलिए अगर वे इस मंत्र का जप करें, तो उन्हें लाभ मिलता है। 

स्नायु रोग
ॐ धं धर्नुधारिभ्यां नम:। 

कान संबंधी रोग
ॐ व्हां द्वार वासिनीभ्यां नम:।
कर्ण विकारों को दूर करने में यह मंत्र आश्चर्यजनक भूमिका निभाता है। 

कफ संबंधी रोग
ॐ पद्मावतीभ्यां नम:। 

श्वास रोग
ॐ नम: शिवाय संभवे श्वासेशाय नमो नम:। 

पक्षाघात रोग
ॐ नम: शिवाय शंभवे खगेशाय नमो नम:। 

इन मंत्रों की शक्ति से रोग भागते हैं मंत्रों में गजब की शक्ति होती है। इनका नियमित जप न केवल जातक को मानसिक शांति देता है, बल्कि उन्हें होने वाली गंभीर बीमारियों को भी दूर भगा सकता हैं अब आप कितना करते है यह तो आप पर निर्भर करता हैं। इसमे कोई अतिशोक्ति नही यदि कुछ रोग जड से सामाप्त हो जाये।