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Thursday, 3 August 2017

गठिया रोग के लक्षण और उपाय

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गठिया रोग के लक्षण और उसका घरेलू इलाज

गठिया को आयुर्वेद में नामदिया कहा जाता है। आधुनिक चिकित्सा के अनुसार खून में यूरिक एसिड की अधिक मात्रा होने से गठिया रोग होता है। भोजन में शामिल खाघ पदार्थों के कारण जब शरीर में यूरिक एसिड अधिक मात्रा में बनता है तब गुर्दे उन्हें खत्म नहीं कर पाते और शरीर के अलग- अलग जोड़ों में में यूरेट क्रिस्टल जमा हो जाता है। और इसी वजह से जोड़ों में सूजन आने लगती है तथा उस सूजन में दर्द होता है। 

गठिया रोग का कारण- 

1 फास्ट फूड, जंक फूड और डिब्बाबंद खाना खाने से भी गठिया रोग हो सकता है। 

2 ज्यादा गुस्सा आने की प्रवृति और ठंठ के दिनों में अधिक सोने की आदत से भी गठिया हो सकता है। 

3 आलसी व्यक्ति जो खाना खाने के बाद श्रम नहीं करते हैं उन्हें भी गठिया की शिकायत हो सकती है। 

4 वसायुक्त भोजन अधिक मात्रा में खाने से भी गठिया रोग हो सकता है। 

5 जिन लोगों को अजीर्ण की समस्या रहती है और अधिक मात्रा में खाना खाते हैं, इस वजह से भी गठिया रोग हो सकता है। 

6 वैदिक आयुर्वेद के अनुसार दूषित आम खाने की वजह से भी गठिया रोग हो सकता है। 

गठिया रोग का लक्षण- 

1 गठिया के लक्षण पैरों और हाथों की उंगलियों में सूजन के रूप में देखे जाते हैं। गठिया के शुरूवाती दौर में शरीर के जोड़ों वाले हिस्सों में दर्द होने लगता है, और हाथ लगाने से भी दर्द होता है। 

2 गठिया के रोगियों को बुखार और कब्ज़ के साथ सिर दर्द भी होता रहता है। 

3 जोड़ों में अधिक सूजन और पीड़ा होना। 

4 गठिया रोग में रोगी को अधिक प्यास लगती है। 

5 गठिया रोग में हाथ-पांवों में छोटी-छोटी गांठें बन जाती है और इलाज में देर होने से यह गंभीर रूप ले सकती है। 

गठिया रोग का इलाज संभव है बस इन बातों पर आप ध्यान दें 

गठिया रोग का घरेलू उपचार-

अपने खान-पान पर नियंत्रण रखते हुए घरेलू चिकित्सा को अपनाने से गठिया रोग में लाभ मिलता है

1. रोज 1 से 2 हरड़ कूटकर उसका चूर्ण बनाकर इसे गुड़ के साथ खाएं। 

2. गिलोय का रस पीने से गठिया रोग में सूजन और दर्द दूर होता है। 

3. देसी घी के साथ गिलोय का रस लेने से गठिया से मुक्ति मिलती है। 

4. एरंड तेल के साथ गिलोय का रस लेने से गठिया खत्म होती है। 

5. तिल को तवे पर भूनने के बाद दूध के साथ पीसकर लेप बनायें और उसे गठिया से होने वाली सूजन पर इसका लेप लगाने से सूजन और दर्द में राहत मिलती है। 

6. अलसी को दूध में पीसकर गठिया की सूजन से प्रभावित हिस्सों में लगाने से सूजन और दर्द में लाभ मिलता है। 

7. गठिया से प्रभावित लोग यदि समुद्र में स्नान करें तो उन्हें गठिया से राहत मिल सकती है। 

8. जैतून के तेल की मालिश करने से गठिया के दर्द में राहत मिलती है। 

9. अदरक के सेवन से भी गठिया रोग कम होता है।

लघु नारियल के अचूक उपाय

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लघु नारियल से धन-संपत्ति पाने के उपाय

तंत्र प्रयोगों में कई वस्तुओं का उपयोग किया जाता है जिनके माध्यम से टोटके और अधिक प्रभावशाली हो जाते हैं। ऐसी ही एक तांत्रिक वस्तु है लघु नारियल। लघु नारियल का प्रयोग अनेक टोटकों में किया जाता है विशेषकर धन-संपत्ति प्राप्ति के टोटको में। लघु नारियल को कुछ साधारण प्रयोग इस प्रकार हैं-

- धन, वैभव व समृद्धि पाने के लिए 5 लघु नारियल स्थापित कर उस पर केसर से तिलक करें और हर नारियल पर तिलक करते समय 27 बार नीचे लिखे मंत्र का मन ही मन जप करते रहें-

ऐं ह्लीं श्रीं क्लीं

- 11 लघु नारियल को मां लक्ष्मी के चरणों में रखकर ऊँ महालक्ष्म्यै च विद्महे विष्णुपत्नीं च धीमहि तन्नो लक्ष्मी प्रचोदयात् मंत्र की 2 माला फेर कर किसी लाल कपड़े में उन लघु नारियल को लपेट कर तिजोरी में रख दें व दीपावली के दूसरे दिन किसी नदी या तालाब में विसर्जित कर दें। ऐसा करने से लक्ष्मी चिरकाल तक घर में निवास करती है।

- अगर आप चाहते हैं कि घर में कभी धन-धान्य की कमी न रहे और अन्न का भंडार भरा रहे तो 11 लघु नारियल एक पीले कपड़े में बांधकर रसोई घर के पूर्वी कोने में बांध दें। 

भूत बाधा दूर करे इस टोटके से

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भूत बाधा दूर करें इस टोटके से

भूत- प्रेत, ऊपरी बाधा या हवा। यह शब्द अक्सर हमारे सुनने में आते हैं। ऐसा माना जाता है जिन लोगों पर इनका असर होता है उनमें कुछ शारीरिक व मानसिक परिवर्तन हो जाता है। उत्तेजना में आकर ऐसे लोग किसी पर भी वार कर सकते हैं। भूत बाधा से पीडि़त व्यक्ति को नीचे लिखे टोटके से इस परेशानी से मुक्ति मिल सकती है।

सामग्री 
लौंग का जोड़ा, फूल का जोड़ा, इलाइची, पान और पेड़ा।

टोटका एक हरा दोना लेकर उसमें सबसे पहले पान रखें। उसके ऊपर फूल व अन्य वस्तुएं रखकर भूतबाधा से पीडि़त व्यक्ति के नाम राशि के ग्रह का मंत्र 108 बार पढ़ें। यह कार्य पवित्र होकर व दोना सामने रखकर करें। इसके पश्चात सात बार मंत्र पढ़ते हुए उस दोने को रोगी के सिर से पांव तक उतार कर बहते हुए जल में प्रवाहित कर दें। ऐसा करने से प्रेत बाधा शांत हो जाती है ( यह टोटका अनटोका किया जाना चाहिए।)