Saturday, 2 September 2017
पथरी का इलाज !
1.
पथरी के लिए एक बहुत ही आजमाया हुआ उपाय है जो पुराने समय से चला आ रहा है |
नित्य प्रात: दो चम्मच प्याज के रस को पिसी मिश्री के साथ मिलाकर पीने से केवल 20-25 दिन में ही पथरी गल कर निकल जाती है|
नित्य प्रात: दो चम्मच प्याज के रस को पिसी मिश्री के साथ मिलाकर पीने से केवल 20-25 दिन में ही पथरी गल कर निकल जाती है|
2.
स्नेहा ही पथरी में सहजन बहुत उपयोगी है |
आप पथरी में 25 ग्राम सहजन की जड़ की छाल को लगभग 250 ग्राम पानी में उबालें फिर छान लें । फिर इसे थोड़ा गर्म रहने पर ही अपनी माता जी को पिलायें । इसको पीने से कैसी भी पथरी हो, वह कट के गल के 20-25 दिनों में ही निकल जाती है ।
आप पथरी में 25 ग्राम सहजन की जड़ की छाल को लगभग 250 ग्राम पानी में उबालें फिर छान लें । फिर इसे थोड़ा गर्म रहने पर ही अपनी माता जी को पिलायें । इसको पीने से कैसी भी पथरी हो, वह कट के गल के 20-25 दिनों में ही निकल जाती है ।
3.
एक पानी से भरा गिलास में दो चम्मच मेथी दाना डाल कर उसे रात में भिगो दें। सुबह इस पानी को छानकर खाली पेट पी जाएं और उन मेथी के दानो को चबा चबा कर खा लें | रात भर पानी में मेथी भिगोने से पानी में एंटी इंफ्लेमेटरी और एंटी ऑक्सीडेंट गुण बढ जाते हैं।
इसका एक महीने तक नित्य सेवन करने से शरीर की पथरी गल कर निकल जाती है और पथरी होने के कारणों पर प्रहार होता है अर्थात भविष्य में पथरी बनने नहीं पाती है |
इसका एक महीने तक नित्य सेवन करने से शरीर की पथरी गल कर निकल जाती है और पथरी होने के कारणों पर प्रहार होता है अर्थात भविष्य में पथरी बनने नहीं पाती है |
4. 6 ग्राम पपीते की जड़ पीस कर इसे 50 ग्राम पानी में अच्छी तरह से घोल कर साफ़ कपडे से छान ले और पथरी के मरीज़ को पीला दे।
इस घोल को लगातार 21 दिन तक रोगी को पिलाने से पथरी गल कर पेशाब के रास्ते बाहर निकल जाती है।
admin memorymuseum.net
5.
पथरी के मरीज़ो के लिए तरबूज़ की गिरी ( मिंगी ) रामबाण का काम करती है । तरबूज के बीजों का छिलका निकालकर सुबह सुबह उसकी 15 ग्राम गिरी को सिलबट्टे पर थोड़े से पानी के साथ अच्छी तरह से पीस / घोट लें फिर इसमें आधा लीटर पानी मिलाकर थोड़ी सी पिसी हुई मिश्री भी मिलाएं जिससे इसका स्वाद मीठा हो जाये फिर खाली पेट ही इसे धीरे धीरे पी लें ।
इस उपाय को सुबह शाम दोनों समय लगभग 11 दिन करें । इससे गुर्दे और मूत्राशय की पथरी आसानी से गल कर निकल जाती है , ह्रदय को बल मिलता है , ह्रदय के रोगों में भी लाभ मिलता है । यह बहुत ही आसान, परीक्षित, और बहुत कम खर्चे का इलाज है ।
इस उपाय को सुबह शाम दोनों समय लगभग 11 दिन करें । इससे गुर्दे और मूत्राशय की पथरी आसानी से गल कर निकल जाती है , ह्रदय को बल मिलता है , ह्रदय के रोगों में भी लाभ मिलता है । यह बहुत ही आसान, परीक्षित, और बहुत कम खर्चे का इलाज है ।
6.
लगातार 15 दिन तक दिन में दो बार 100 ग्राम चुकंदर का जूस और 100 गाजर का जूस ( एक बार में 200 ग्राम ) बराबर मात्रा में मिलाकर पीने से गाल ब्लाडर और किडनी दोनों ही जगह की पथरी नष्ट हो जाती है ।
इसको लेने के बाद एक घंटे तक कुछ भी ना लेंवे ।
इसको लेने के बाद एक घंटे तक कुछ भी ना लेंवे ।
7.
गॉल ब्लैडर अर्थात पित्त की थैली में पथरी को दूर करने के लिए सुबह खाली पेट पचास मिली लीटर नींबू का रस पिएं इससे 10 से 12 दिन में ही आराम मिलता है,गॉल ब्लैडर की पथरी गलने लगती है ।
8.
कई लोगो को पथरी का ऑपरेशन कराने के बाद भी पथरी हो जाती है, या आपको पथरी नहीं है और आप चाहते है कि आपको कभी ना हो तो आप होमियोपेथी दवा है CHINA 1000 की दो-दो बूंद सीधे जीभ पर एक ही दिन 3 बार सुबह-दोपहर-शाम डाल दीजिए |
यह दवा इतनी कारगर है की फिर जीवन मे कभी भी स्टोन नहीं बनेगा।
यह दवा इतनी कारगर है की फिर जीवन मे कभी भी स्टोन नहीं बनेगा।
9.
पथरी की होमियोपेथी मे एक अचूक दवा है, उसका नाम हे BERBERIS VULGARIS ये MOTHER TINCHER है । यह दवा होमियोपेथी की दुकान से ले आएं, इस दवा की 10-15 बूंदों को एक चौथाई कप गनगुने पानी मे मिलाकर सुबह,दोपहर,शाम और रात अर्थात दिन में 4 बार लें । इसको लगातार डेढ़ महीने तक लेना है ,दो महीने भी लग जाते है |
इससे कही भी स्टोन हो चने हो गोलब्लेडर मे हो या फिर किडनी मे हो, या फिर मुत्रपिंड मे , यह दवा सभी स्टोन को पिघलाकर निकाल देती है ।
आप दो महीने बाद चैक करवा लीजिए आपको पता चल जायेगा कि पथरी पूर्णतया ख़त्म हो गयी है अथवा उसका कुछ अंश बचा भी है। यह दवा का साइड इफेक्ट नहीं है | यही दवा से पित की पथरी gallbladder stones भी ठीक कर देती है ।
इससे कही भी स्टोन हो चने हो गोलब्लेडर मे हो या फिर किडनी मे हो, या फिर मुत्रपिंड मे , यह दवा सभी स्टोन को पिघलाकर निकाल देती है ।
आप दो महीने बाद चैक करवा लीजिए आपको पता चल जायेगा कि पथरी पूर्णतया ख़त्म हो गयी है अथवा उसका कुछ अंश बचा भी है। यह दवा का साइड इफेक्ट नहीं है | यही दवा से पित की पथरी gallbladder stones भी ठीक कर देती है ।
10.
गलबलेडर की पथरी का अचूक उपाय :-
गलबलेडर अर्थात पित्त की पथरी में नित्य पाँच दिन तक दिन में चार गिलास सेब का ताजा निकाला हुआ जूस पियें और 5, 6 सेब भी खाएं । छठवें दिन रात में भोजन ना करें वरन शाम को एक गिलास गर्म पानी में एक चम्मच सेंधा नमक लें , उसके दो घंटे बाद पुन: एक गिलास गर्म पानी में एक चम्मच सेंधा नमक लें , उसके और दो घंटे बाद रात को सोने से पहले आधा कप जैतून या तिल के तेल का आधे कप नींबू के रस में अच्छी तरह से मिला कर सेवन करें , पथरी अवश्य ही निकल जाएगी , प्रात: शौच में आपको हरे रंग की पथरी नज़र आ जाएगी ।
गलबलेडर अर्थात पित्त की पथरी में नित्य पाँच दिन तक दिन में चार गिलास सेब का ताजा निकाला हुआ जूस पियें और 5, 6 सेब भी खाएं । छठवें दिन रात में भोजन ना करें वरन शाम को एक गिलास गर्म पानी में एक चम्मच सेंधा नमक लें , उसके दो घंटे बाद पुन: एक गिलास गर्म पानी में एक चम्मच सेंधा नमक लें , उसके और दो घंटे बाद रात को सोने से पहले आधा कप जैतून या तिल के तेल का आधे कप नींबू के रस में अच्छी तरह से मिला कर सेवन करें , पथरी अवश्य ही निकल जाएगी , प्रात: शौच में आपको हरे रंग की पथरी नज़र आ जाएगी ।
11.
पथरी का होमियोपेथी इलाज !
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होमियोपेथी मे किसी भी होमियोपेथी के दुकान पर BERBERIS VULGARIS की देव का MOTHER TINCHER ! लेना है ये उसकी पोटेंसी हे|
अब इस दवा की 10-15 बूंदों को एक चौथाई (1/ 4) कप गुनगुने पानी मे मिलाकर दिन मे कम से कम तीन बार और अधिक से अधिक चार बार (सुबह,दोपहर,शाम और रात) लेना है । इसको लगातार एक से डेढ़ महीने तक लेते रहने से जितनी भी कही भी हो गोलब्लेडर ( gall bladder ) ,किडनी या फिर मुत्रपिंड मे हो यह दवा उन सभी पथरी को गलाकर निकल देती है ।
99% केस मे डेढ़ से दो महीने मे ही सब टूट कर निकाल देता हे कभी कभी हो सकता हे तीन महीने भी हो सकता हे लेना पड़े। तो आप दो महीने बाद सोनोग्राफी करवा लीजिए आपको पता चल जायेगा कितना टूट गया है कितना रह गया है | अगर रह गया हहै तो थोड़े दिन और ले लीजिए । यह दवा का साइड इफेक्ट नहीं है |
पथरी दोबारा भविष्य मे ना बने उसके लिए एक और होमियोपेथी दवा CHINA 1000 का उपयोग करें । इस दवा की एक ही दिन सुबह-दोपहर-शाम मे दो-दो बूंद सीधे जीभ पर डाल दीजिए । सिर्फ एक ही दिन मे तीन बार ले लीजिए फिर भविष्य कभी भी पथरी की शिकायत नहीं होगी ।
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होमियोपेथी मे किसी भी होमियोपेथी के दुकान पर BERBERIS VULGARIS की देव का MOTHER TINCHER ! लेना है ये उसकी पोटेंसी हे|
अब इस दवा की 10-15 बूंदों को एक चौथाई (1/ 4) कप गुनगुने पानी मे मिलाकर दिन मे कम से कम तीन बार और अधिक से अधिक चार बार (सुबह,दोपहर,शाम और रात) लेना है । इसको लगातार एक से डेढ़ महीने तक लेते रहने से जितनी भी कही भी हो गोलब्लेडर ( gall bladder ) ,किडनी या फिर मुत्रपिंड मे हो यह दवा उन सभी पथरी को गलाकर निकल देती है ।
99% केस मे डेढ़ से दो महीने मे ही सब टूट कर निकाल देता हे कभी कभी हो सकता हे तीन महीने भी हो सकता हे लेना पड़े। तो आप दो महीने बाद सोनोग्राफी करवा लीजिए आपको पता चल जायेगा कितना टूट गया है कितना रह गया है | अगर रह गया हहै तो थोड़े दिन और ले लीजिए । यह दवा का साइड इफेक्ट नहीं है |
पथरी दोबारा भविष्य मे ना बने उसके लिए एक और होमियोपेथी दवा CHINA 1000 का उपयोग करें । इस दवा की एक ही दिन सुबह-दोपहर-शाम मे दो-दो बूंद सीधे जीभ पर डाल दीजिए । सिर्फ एक ही दिन मे तीन बार ले लीजिए फिर भविष्य कभी भी पथरी की शिकायत नहीं होगी ।
12.
गुर्दे में पथरी होने पर 15 दिन तक लगातार 5 - 6 ग्राम कच्चा पपीता और इतना ही गुड लेकर उसमें 4 बूंद कलौंजी का तेल मिलाकर सुबह शाम खाली पेट लें , इस दौरान पालक, टमाटर आदि का सेवन ना करें । 15 दिन के बाद पथरी चैक कराएं , पूरी सम्भावना है कि पथरी निकल चुकी होगी ।
13.
सदैव भोजन भोजन के बाद पेशाब करने की आदत डालें। इससे पथरी का डर बिलकुल भी नहीं रहता है।
राशिनुसार वृक्षों / पौधो की सेवा
हर व्यक्ति चाहता है कि उसे जीवन में हर सुख मिले, उसकी कार्यों की सर्वत्र सराहना हो उसे हर क्षेत्र में सफलता मिले, इसके लिए वह हर जतन भी करता है । लेकिन क्या आप जानते है कि वृक्ष भी आपके मित्र आपके मददगार हो सकते है। जी हाँ यह बिलकुल सत्य है । हिन्दु धर्म शास्त्रों के अनुसार वृक्षों में शक्तियाँ विधमान होती है जो उनकी पूजा / सेवा करने वालो की मदद भी करती है । | |
शास्त्रों के अनुसार हर व्यक्ति को जीवन में वृक्ष अवश्य ही लगाने चाहिए । वृक्षों को लगाने एवं उनकी सेवा करने से उन वृक्षों में रहने वाली शुभ शक्तियाँ हमारी मित्र हमारी मददगार बन जाती है । | |
ज्योतिष के अनुसार सभी राशियों के लिए अलग-अलग वृक्ष बताए गए हैं। इन वृक्षों की विधि-विधान से पूजा करने पर कुंडली में स्थित सभी नौ ग्रहों के दोष सहज ही दूर होते हैं। यदि कोई व्यक्ति इनकी विधिवत पूजा नहीं कर पाता हो तो वह प्रतिदिन केवल एक लोटा जल अपनी राशि से संबंधित वृक्ष में चढ़ाएं। ऐसा करने पर भी जातक को सकारात्मक फल प्राप्त होते है। इन वृक्षों / पौधों की सेवा करने के शुभ प्रभाव से व्यक्ति सदैव निरोगी, सुखी और समृद्धिशाली रहता है।ध्यान रहे कि जल चढ़ाने के लिए तांबे के लोटे का इस्तेमाल करना चाहिए। | |
अपनी राशि अनुसार यहाँ पर बताये गए वृक्षों / पौधों को नित्य प्रात: एक लोटा जल अर्पित करें :- | |
1.मेष एवं वृश्चिक राशि :- मेष एवं वृश्चिक राशि के जातक अपनी राशि के स्वामी मंगल ग्रह के लिए 'खैर' के वृक्ष पर नित्य एक लोटा जल अर्पित करें मंगलवार के दिन लाल कपडे में खैर की जड़ या चन्दन की लकड़ी को लाकर अपनी तिजोरी में रखे । | |
2.वृषभ एवं तुला राशि :- वृषभ एवं तुला राशि के जातक अपनी राशि के स्वामी शुक्र ग्रह के लिए 'गूलर' के वृक्ष पर नित्य एक लोटा जल अर्पित करें । इस राशि के जातक शुक्रवार के दिन गूलर के पेड़ की जड़ या पलाश के फूलो को सफ़ेद कपडे में लपेटकर अपने घर/करोबार की तिजोरी में रखे । | |
3.मिथुन एवं कन्या राशि :-मिथुन एवं कन्या राशि के जातक अपनी राशि के स्वामी बुध ग्रह के लिए 'अपामार्ग' के वृक्ष पर नित्य एक लोटा जल अर्पित करें । इस राशि के जातक बुधवार के दिन अपामार्ग के पेड़ की जड़ या लकड़ी को अपनी तिजोरी में रखे । | |
4.कर्क राशि : कर्क राशि के जातक 'पलाश' के वृक्ष पर नित्य एक लोटा जल अर्पित करें एवं पलाश के फूलो को अपनी तिजोरी में रखे । धन का आभाव नहीं रहेगा । | |
5.सिंह राशि :-सिंह राशि के जातक 'आंकड़े के पौधे' पर नित्य एक लोटा जल अर्पित करें । इस राशि के जातक रविवार को आंकड़े के फूलो को अपनी तिजोरी में रखे, भाग्य साथ देने लगेगा । | |
6.धनु एवं मीन राशि :-धनु एवं मीन राशि के जातक 'पीपल' के वृक्ष पर नित्य (रविवार को छोड़ कर ) एक लोटा जल अर्पित करें । इस राशि के जातक गुरुवार के दिन पीपल या पीले चन्दन की लकड़ी को अपने धन स्थान में रखे धन का कभी भी अभाव नहीं रहेगा । | |
7.मकर एवं कुंभ राशि :- मकर एवं कुंभ राशि के जातक अपनी राशि के स्वामी शनि ग्रह के लिए 'शमी' के वृक्ष पर नित्य एक लोटा जल अर्पित करें । इस राशि के जातक काले कपडे में शमी के पेड़ की जड़ को अपनी तिजोरी में रखे, कार्यो से अवरोध दूर होने लगेंगे । | |
इन्हीं पेड़ों की लकड़ियों से संबंधित राशियों के ग्रहों की शांति हेतु हवन भी करना श्रेष्ठ होता है । हमारे पूर्वजो ने पेड़ों की रक्षा के लिए पेड़ों में जल चढ़ाने की परंपरा बनाई थी ताकि धर्म के कारण लोग पेड़ों पर जल अर्पित करके उनकी सेवा और रक्षा करते रहे। इन पेड़ों की पूजा, इन्हे जल अर्पित करने से हमारी कई समस्याएं तो दूर होती ही हैं यह हरियाली के लिए भी फायदेमंद है। अत: हर मनुष्य को अपनी राशिनुसार वृक्षों की सेवा अवश्य ही करनी चाहिए । |
Friday, 1 September 2017
मुकदमें में विजय पाने के कुछ खास उपाय / टोटके
जब भी आप अदालत में जाएँ तो किसी भी हनुमान मंदिर में धूप अगरबत्ती जलाकर, लड्डू या गुड चने का भोग लगाकर एक बार हनुमान चालीसा और बजरंग बान का पाठ करके संकटमोचन बजरंग बलि से अपने मुकदमे में सफलता की प्रार्थना करें .........आपको निसंदेह सफलता प्राप्त होगी
आप जब भी अदालत जाएँ तो गहरे रंग के कपड़े ही पहन कर जाएँ ।
अपने अधिवक्ता को उसके काम की कोई भी वास्तु जैसे कलम उपहार में अवश्य ही प्रदान करें ।
अपने कोर्ट के केस की फाइलें घर में बने मंदिर धार्मिक स्थान में रखकर ईश्वर से अपनी सफलता, अपनी रक्षा के लिए प्रार्थना करें ।
यदि ग्यारह हकीक पत्थर लेकर किसी मंदिर में चदा दें और कहें की मैं अमुक कार्य में विजय होना चाहता हूँ तो निश्चय ही उस कार्य में विजय प्राप्त होती है ।
यदि आप पर कोई मुसीबत आन पड़ी हो कोई रास्ता न सूझ रहा हो या आप कोर्ट कचहरी के मामलों में फँस गए हों, आपका धैर्य जबाब देने लगा हो, जीवन केवल संघर्ष ही रह गया हो, अक्सर हर जगह अपमानित ही महसूस करते हों, तो आपको सात मुखी, पंचमुखी अथवा ग्यारह मुखी रुद्राक्ष धारण करने चाहियें ।
मुकदमे में विजय हेतु कोर्ट कचहरी में जाने से पहले ५ गोमती चक्र को अपनी जेब में रखकर , जो स्वर चल रहा हो वह पाँव पहले कोर्ट में रखे अगर स्वर ना समझ आ रहा हो तो दाहिना पैर पहले रखे , मुकदमे में निर्णय आपके पक्ष में होने की संभावना प्रबल होगी ।
जब आप पहली बार मुकदमें से वापिस आ रहे तो रास्ते में किसी भी मजार में गुलाब का पुष्प अर्पित करते हुए ही अपने निवास पर आएँ ।
यदि किसी व्यक्ति का कोर्ट कचहरी में कोई मुकदमा चल रहा हो और उसमें उसको दण्ड मिलने की / हारने की सम्भावना हो तो वह अपने वजन के बराबर कोयले को बहते पानी में बहाये, ईश्वर से अपने इस जन्म और पिछले जन्मो के पापो के लिए क्षमा मांगे और अपनी किसी भी बुरी आदत को हमेशा के लिए त्याग दें , इससे उसको न्यायालय से लाभ मिलने के योग बढ़ जायेंगे ।
मुकदमें अथवा किसी भी प्रकार के वाद विवाद में सफलता हेतु लाल ध् सिंदूरी मूँगा त्रिकोण की आक्रति का सोने या तांबे मिश्रित अंगूठी में बनवाकर उसे दाहिने हाथ के अनामिका उंगली में धारण करें , इससे सफलता की संभावना और अधिक हो जाती है ।
षष्ठी तिथि के स्वामी भगवान शिव के पुत्र और देवताओं के सेनापति भगवान कार्तिकेय हैं। इनकी कृपा से निर्भयता प्राप्त होती है, राजद्वार , मुक़दमे आदि में सफलता मिलती है ।
मुक़दमे / राज द्वार में विजय प्राप्त करने के लिए षष्टी की शाम को नियमपूर्वक किसी भी शिव मंदिर में जाकर भगवान कार्तिकेय के सामने तेल के 6 दीपक जला कर उनसे अपने मुकदमें में , शत्रुओं पर विजय प्राप्त करने के लिए प्रार्थना करें , सफलता प्राप्त होती है।
जीवन में सभी प्रकार के कष्टों और संकटों को दूर करने के लिए , मुक़दमे में विजय के लिए नित्य एवं षष्टी के दिन तो अनिवार्य रूप से भगवान कार्तिकेय के गायत्री मंत्र
"ओम तत्पुरुषाय विधमहे: महा सैन्या धीमहि तन्नो स्कन्दा प्रचोद्यात:॥"
का जाप अवश्य ही करना चाहिए ।
जिनकी कुंडली में मंगल की दशा चल रही हो या कोई जातक मुक़दमे में फंसा हो तो उसे भगवान कार्तिकेय की पूजा करने से विशेष लाभ मिलता है ।
षष्टी के दिन भगवान कार्तिकेय पर नीला रेशमी धागा चढ़ाकर उसे अपनी बाँह में बाँधने से शत्रु परास्त होते है, मुक़दमे , राजद्वार, समाज में विजय मिलती है।
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