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Saturday, 12 May 2018

भैरव वशीकरण तंत्र साधना

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भैरव वशीकरण तंत्र साधना

भैरव वशीकरण तंत्र साधना- भैरव तंत्र साधना सभी तरह की तंत्र साधनाओं में सबसे महत्वपूर्ण है. हमारे जीवन में होने वाली सुख दुःख की घटनाएँ भी तंत्र से ही प्रभावित होती हैं. इसलिए भैरव तंत्र साधना के प्रयोग से कई तरह से आपने उद्देश्यों की प्राप्ति की जा सकती है|
मनुष्य को अपने जीवन में हर तरह की परेशानियों और बाधाओं का सामना करना पड़ता है. इन समस्याओं से निजात पाने के उपायों में भैरव तंत्र साधना का विशेष महत्व है. जीवन में आये दुःख, हानि, चिंता, बीमारी, प्रेत-बाधा आदि से निजात दिलाने में भैरव तंत्र साधना का अति विशिष्ट महत्व है. शत्रुओं से मुक्ति में भैरव की साधना बहुत उपयोगी साबित हुई है. भैरव तंत्र साधना के बारे में एक और महत्वपूर्ण बात ये है कि इसको करना बहुत ही सरल है. बहुत ही थोड़े प्रयासों से इसे साधा जा सकता है. शिव-पुराण में तो भैरव को भगवान शिव का अवतार भी बताया है|
भैरव हर तरह की परेशानी और चिंता को हरने वाले हैं. भैरव से मौत भी खौफ़ खाती है, दुश्मन कांपने लगते हैं और भूत-प्रेत तुरंत भाग जाते हैं. भैरव को काल भैरव और आमर्दक भी कहा जाता है| “काली खंड” के अनुसार भैरव की उत्पत्ति सभी देवताओं के शरीर से निकली तेज-धार के कारण हुए थी. इस तेजधार से बकुट का जन्म हुआ था. बकुट ने “आपद” नाम के राक्षस का संहार किया और देवताओं को उसके भय से मुक्त किया था. भैरव तंत्र साधना में किसी भी महाविद्या को साधने के साथ उससे सम्बंधित भैरव को साधना भी अनिवार्य होता है|
भैरव की साधना के संबंध में लोगों की सोच ये है कि यह कठिन और भयभीत कर देने वाली है. लेकिन सच ये है कि भैरव की साधना सौम्य, सरल और तत्काल फल देने वाली है. कोई साधक सरल प्रयोग विधियों से इसको साध सकता है| इस भैरव तंत्र साधना और वशीकरण मन्त्र अपने आप में बहुत उपयोगी हैं, लेकिन इसे करने से पहले साधक को कुछ नियमों को समझ लेना चाहिए. ये नियम इस प्रकार हैं –
  1. भैरव की साधना किसी कामना की पूर्ति के लिए की जाती है.
  2. भैरव की साधना के लिए रात का समय उत्तम माना गया है. इसलिए आप इस साधना को रात में ही करें.
  3. भैरव की साधना में भोग के रूप में सोमवार को लड्डू, मंगलवार के दिन लापसी, बुधवार के दिन दही-चिवडा, वृहष्पतिवार के दिन बेसन का लड्डू चढ़ाया जाता है. भुने चने शुक्रवार और उड़द के पकौड़ शनिवार के दिन तथा रविवार को खीर नैवेद्य के रूप में लगाते हैं.
  4. भैरव की साधना में पूजा संपन्न होने पर प्रसाद को वहीँ पर ग्रहण कर लेना चाहिए. प्रसाद को पूजा के स्थल से दूर लेकर जाना वर्जित है.
  5. भैरव की साधना में अगरबत्ती, धूप, तेल का दीया प्रयुक्त होता है.
  6. भैरव की साधना में काले रंग की हकिक माला का प्रयोग करना चाहिए.
भैरव साधना की विधि
भैरव तंत्र साधना के लिए रविवार का दिन उत्तम होता है. इस दिन रात में नहाकर स्वच्छ कपड़े पहन लें. अब जिस भी स्थान पर आप साधना करने वालें हैं उसे भी साफ़ स्वच्छ कर दें. भैरव की साधना दक्षिण के तरफ़ मुख करने करनी चाहिए. अपने सम्मुख एक बजोट को रखें और इसके ऊपर लाल रंग का वस्त्र बिछा दें. इसके बाद इसके ऊपर गुरु का चित्र और गुरु चरण पादुका रख दें. अब गुरु के चित्र के सम्मुख पूजन पंचोपचार विधि से करें. एक ताम्बे का पात्र लेकर इसके ऊपर कुंकुम के प्रयोग से एक त्रिभुज बना दें. इसके बाद भैरव यंत्र को स्थापित करें. अब बजोट के ऊपर कुंकुम, पुष्प आदि चढ़ा दें|
आप भैरव तंत्र साधना में इस मंत्र का उच्चारण करें –
“ओम हिं बटुकाय आपदूब्द्रणाय कुरू कुरु बटुकाय हिं ओम स्वाहा!”
इस मंत्र का 21 बार माला के साथ उच्चारण करके आप इसे सिद्ध कर सकते हैं. इस तरह से पूजन और माला जप करने से साधक की मनोकामना पूरी हो जाती हैं. ये साधना लगातार 30 दिन तक करें और उसके बाद पानी में प्रवाहित कर दें.
शत्रु बाधा निवारण के लिए भैरव साधना का बहुत अधिक महत्व है. भैरव की साधना शत्रु के द्वारा किये गए हर तरह के प्रभावों को नष्ट करने में सक्षम है. अगर आपको व्यापार में हानि, घर में कलह और चिंता और बीमारी बनी रहती है तो आपको भैरव तंत्र साधना के प्रयोग से आप इससे मुक्ति पा सकते हैं| वशीकरण करने के लिए भी भैरव की उपासना की जाती है. भैरव वशीकरण मन्त्र के प्रयोग से धन प्राप्ति, प्रेम, शत्रु आदि से जुड़ी समस्याओं से आपको निजात मिलती है. वशीकरण करने के लिए आप यहाँ दिए गए प्रयोग को करें. ये बहुत ही सरल प्रयोग है इसका असर तत्काल ही नज़र आने लगता है|
इस प्रयोग को करने के लिए मंगलवार या रविवार का दिन चुनें. इस दिन आप रात को 10 बजे के बाद करें. आप आपने घर पर किसी स्वच्छ स्थान पर बैठ कर एक बजोट को रख दें. बजोट के ऊपर एक लाल रंग का कपड़ा बिछा दें. एक पीपल का पत्ता लेकर उसे कपड़े के ऊपर रख दीजिये. अब जिस भी पुरुष या स्त्री पर ये वशीकरण का प्रयोग करना चाहते हैं उसका नाम इस पत्ते पर लिख दें. आसन पर भैरव वशीकरण की गुटिका भी स्थापित करें. इसके बाद आप विधि पूर्वक धुप-दीप, अक्षत, कुंकुम, फूल आदि सामग्री से पूजन करें. इस साधना को करते समय आपका मुख उत्तर दिशा की तरफ़ होना चाहिए. इसके बाद आपको एक हीरक (काले रंग) की माला से निम्न मंत्र का जाप 3 बार माला जाप करें.
मंत्र – ओम नम: रुद्राय कपीलाय भैरवाय त्रिलोक नाथाए हिं फट स्वः
इस मन्त्र से 3 माला जाप संपन्न होने पर भैरव गुटकी के ऊपर 21 लौंग चढ़ाएं. लौंग चढ़ाते हुए ऊपर दिए मंत्र का भी उच्चारण करते रहें. इस तरह साधना के पूरा होने पर पूजन की वस्तुओं को किसी कपड़े में बांधकर चौराहे पर प्रातः काल रख कर आ जाएँ| आप हर तरह के उद्देश्य की प्राप्ति के लिए भैरव तंत्र साधना का प्रयोग कर सकते हैं. घर में हर तरह की समस्या से मुक्ति के लिए भैरव की साधना की जाती है. भैरव की साधना पूरे नियमों का पालन करते हुए करने पर शीघ्र ही आशा के अनुरूप परिणाम प्राप्त होने लगते हैं|

गोमती चक्र को अभिमंत्रित कैसे करे

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गोमती चक्र को अभिमंत्रित कैसे करे

गोमती चक्र को अभिमंत्रित कैसे करे/तांत्रिक प्रयोग

गोमती चक्र से वशीकरण/ गोमती चक्र अभिमंत्रित कैसे करे/ गोमती चक्र के टोटके/उपाय/फायदे – शंख, सीप, कौड़ी की तरह गोमती चक्र भी समुद्र से निकलता है। दक्षिण भारत में इसे गोमथी चक्र तथा संस्कृत में धेनुपदी कहा जाता है। पौराणिक काल में यह यज्ञवेदी के चारो ओर लगाया जाता था। राज तिलक के समय इसे सिंहासन के ऊपर छत्र में लगाया जाता था। गोमती चक्र की बनावट अनूठी होती है। गौर से देखने पर इसमें हिन्दी का सात अंक लिखा दिखाई देता है जो राहु का अंक है। जल में पाये जाने के कारण यह चंद्र गुणों से परिपूर्ण है तथा उसके ऊपर सात लिखा होने के कारण राहु संबंधी समस्या दूर करता है। कुंडली में राहु-चंद्र की युति हो तो यह चमत्कारी प्रभाव डालता है। इसके चमत्कारी गुणों से प्राचीन भारत के आम लोग भी परिचित थे।
आज भी कई गांवों में दुधारू पशुओं के गले में गोमती चक्र लाली कपड़े में बांध कर पहना देते हैं। किसान अपने खेत के चारो कोनो में इसे दबा देते हैं।  यह बड़ी सरलता से बहुत ही कम मूल्य में मिल जाता है। पूजन सामग्री बेचने वाली दुकानों से कभी भी खरीदा जा सकता है। तंत्र विद्या में गोमती चक्र को अत्यंत महत्वपूर्ण बताया गया है। इसकी सहायता से जीवन की किसी समस्या से मुक्ति पायी जा सकती है, परंतु इसके लिए उन्हें अभिमंत्रित करना आश्यक है। जैसे मोबाइल जब तक चार्ज न हो आप उसे नहीं चला सकते उसी प्रकार तंत्र में उपयोग होने वाली वस्तुओं का प्रभाव उन्हें अभिमंत्रित करने के बाद ही देखा जाता है।
गोमती चक्र अभिमंत्रित कैसे करें
होली, दीपावली, दशहरा जैसे अवसर पर अथवा किसी रवि पुष्य योग, सर्व सिद्धि, अमृत योग जैसे मुहूर्त में गोमती चक्र अभिमंत्रित करना श्रेयस्कर माना जाता है। 11 अथवा 21की संख्या में गोमती चक्र लेकर अपने पूजा स्थल पर स्थापित करें। विधिवत पूजा करें तथा निम्नलिखित मंत्र का 21 माला जप करें-
ओम् श्रीं नमः
इस जाप के बाद गोमती चक्र अभिमंत्रित हो जाता है तथा पारिवार को आर्थिक सम्पन्नता प्रदान करता है। पूजा के बाद इसे धन रखने वाले स्थान पर रख दें तथा नित्य धूप-दीप दिखांए। विशेषज्ञों का मानना है कि अलग अलग अभीष्ट के लिए इसे अभिमंत्रित करने की विधि भी अलग होती है| उदाहरण के लिए ऊपर वर्णित से लक्ष्मी प्राप्ति में सहायता मिलती है| यदि बीमारियों की वजह से परेशान हो तो नीचे लिखी विधि अपनाएं
स्वास्थ्य लाभ के लिए
साफ पानी से गोमती चक्र धों ले तथा पूजा स्थल पर विधिवत स्थापित करें। धूप-दीप नेवेद्य अर्पित करें तथा निम्नलिखित मंत्र का 11 माला जाप करें-
ओम् वाॅ आरोग्यानिकारी रोगानशेषानंम
जाप के बाद गोमती चक्र अभिमंत्रित हो जाता है, इसे किसी सुरक्षित स्थान पर रख दें तथा नित्य धूप-दीप दिखाते रहें। स्वास्थ्य संबंधी समस्या आने पर एक गिलास गंगाजल में गोमती चक्र डाल दें तथा उपर्युक्त मंत्र का जाप 21 बार करते हुए रोगी को पिला दें। अभिमंत्रण का प्रभाव तीन वर्ष तक रहता है, इसलिए तीन वर्ष बाद पुनः अभिमंत्रित करें।
गोमती चक्र के टोटके/उपाय/फायदे
अलग-अलग विधि से गोमती चक्र उपयोग कर किसी भी समस्या का समाधान किया जा सकता है।  सर्वप्रथम आर्थिक लाभ की चर्चा करते हैं| आर्थिक समस्या दो तीन कारणों से आती है, प्रथम आमदनी का स्त्रोत बंद जाना, आमदनी से ज्यादा खर्च होना, कारोबार में पैसा अटक जाना अथवा दिया हुआ कर्ज वापस न आना। इन सभी समस्याओं में निम्नलिखित टोटके अपनाए –
1 किसी भी महीने के पहले सोमवार को 21 गोमती चक्र लाल या पीले रेशमी कपड़े में बांधकर रूपया-पैसा रखने वाले स्थान पर रखें। हल्दी से उस पर तिलक करें। पुनः म नही मन देवी लक्ष्मी से अपने घर में वास करने हेतु याचना करते हुए कपड़े में बंधे गोमती चक्र लेकर पूरे घर में घूमें तथा बाहर निकलकर किसी मंदिर में रख दें।
2 यदि पैसा हाथ में नहीं ठहरता हो तो शुक्रवार को 21 की संख्या में गोमती चक्र लेकर लाल कपड़े में बांध कर पूजा स्थल पर रखें तथा  पूजा करें। अगली सुबह उसमें से चार गोमती चक्रलेकर घर के चारो कोनो पर गाड़ दें, 11 पूजा स्थल में रखंे तथा बाकी निकट के मंदिर में रख  दें|
3 यदि अत्यधिक परिश्रम के बाद भी आर्थिक स्थिति में सुधार न हो रहा हो तो शुक्ल पक्ष के पहले गुरूवार को घर के पूजा स्थल में लक्ष्मी-नारायण के चित्र के समक्ष 21 गोेमती चक्र पीले या लाल कपड़े में बांध कर रखें। लक्ष्मी-नारायण से अपने कृपा करने की याचना करें तथा ओम नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र का तीन माला नित्य जाप करें। नियमित रूप से सवा महीने तक जाप करने के उपरांत एक वृद्ध तथा एक कन्या को भोजन करवाएं दक्षिणा देकर विदा करें।
4 घर के पूजा स्थल पर 11 गोमती चक्र लाल कपड़े मेें बांधकर रखं े तथा श्रीं श्रियै नमः मंत्र जाप करें। इससे कारोबार में वृद्धि होती है।
5 एक सुपारी, एक सिक्का, 11 काली हत्दी तथा 11 गोमती चक्र एक साथ पीले कपड़े में लपेटकर धन स्थान पर रखने से बारहो महिीने धन का प्रवाह रहता है।
6 सात गोमती चक्र चांदी के डिब्बी में सिंदूर और अक्षत के साथ रखने पर घर में धन की कमी नहीं होती।
7 आमदनी कम हो गई हो तो 8 कौड़ी, 8 गोमती चक्र, 8 लाल गुुुंजा दक्षिणावर्ती शंख में डालकर अपने पूजा स्थल पर स्थापित करें। विधिवत पूजन के बाद ओम श्रीं नमः मंत्र का 51 माला जाप करें तथा पूजा के बाद लाल कपड़े में बांध कर गल्ला अथवा धन रखने वाले स्थान पर रख दें। आमदनकी का नया स्त्रोत खुल जाएगा अथवा पुराने कारोबार में वृद्धि होने लगेगी।
जीवन में गोमती चक्र का  प्रयोग
इसके अलावा जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में गोमती चक्र का इस प्रकार प्रयोग किया जा सकता है|
  • नवजात शिशु को गोमती चक्र चांदी में म़ढ़वाकर गले में पहना दें। उसे नजर नहीं लगेगी।
  • अदालत के काम के लिए घर से निकले तों जेब में तीन गोमती चक्र रख लें। सफलता मिलेगी।
  • शत्रुओं से परेशान हैं तो दीपावली के दिन अर्ध रात्रि में पूजा स्थल पर 6 गोमती चक्रों पर अपने शत्रु का नाम उच्चारित करते हुए सिंदुर लगाएं तथा किसी सुनसान जगह पर ले जाकर गाड़ दें। अथवा होलिका दहन के समय सिर्फ 1 गोमती चक्र चक्र हाथ में लेकर अपने दुश्मन का नाम बोलकर कहें तथा जलती हुई होलिका में डाल दें।
  • घर गृह कलह की चपेट में हो तो किसी डिब्बी में पहले सिंदूर भर दें तथा उसके ऊपर तीन गोमती चक्र रखकर ढक्कन बंद कर दें। अब इसे कहीं छुपाकर रख दें।
  • अगर मियां बीबी में रोजाना लड़ाई होती हो 3 गोमती चक्र घर के दक्षिण में हलू बलजाद कहकर फेंक दें।
  • यदि भूत, प्रेत ऊपरी बाधा जैसे समस्या हो तो पीड़ित व्यक्ति के ऊपर से गोमती चक्र उसार कर आग में डाल दें। अगर घर पर ही किसी अशरीरी आत्मा का प्रकोप हो तो गोमती चक्र रसोई घर के दरवाजे पर उसारकर अग्नि में डालें।
  • अपने पूरे घर को सुरक्षित रखने तथा नजर दोष से बचाने के लिए तीन गोमती चक्र घर के मुख्य द्वार पर लटका दें।

पुलिस कोर्ट जेल से बचने का उपाय

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पुलिस कोर्ट जेल से बचने का उपाय

यह एक सिद्ध तथ्य है कि ग्रह संयोजन के लिए क्या एक करने से जेल नहीं जाना होगा या पट्टी के पीछे अपने जीवनकाल में डाला जाएगा के संकेत कर रहे हैं है। बुरे ग्रहों के संयोजन भी एक लंबे समय तक जेल में भर्ती के लिए जिम्मेदार हैं। सही अर्थों में प्रसूति अवधि जब एक में असमर्थ है या स्वतंत्र रूप से बढ़ने से अक्षम और नियंत्रण से परे है जो कारावास में भर्ती लंबे समय तक, भव्य परिस्थितियों के कारण एक सामान्य जीवन जीने में असमर्थ बना देता है।
एक समय था जब चरम अभिजात वर्ग के लिए ही आरक्षित थे मुकदमों और अदालत मामलों का एक बिंदु था। समयोपरि, व्यापार और व्यापार एक स्तर है जहाँ मेरे जैसे एक साधारण व्यक्ति भी और खुद को कानूनी विवादों में उलझा पा सकते है |यहाँज्योतिष एक बड़ी भूमिका निभाता है। लोग सोचते हैं के विपरीत, मुकदमेबाजी के लिए ज्योतिषीय उपचार वास्तव में एक हद तक लाभदायक होता है और आपकी आशाओं पर खरा उतरता है ।
कभी-कभी किसी व्यक्ति की कुंडली में ग्रहों के प्रभाव इतना मजबूत हो जाते हैं कि व्यक्ति, अनिच्छा, कानूनी समस्याओं या कानूनी कार्यवाही में पढ़ जाता है। तीसरा घर, आठवें और नौवें घर, दूसरे घर के लिए कानूनी समस्याओं के लिए जिम्मेदार पदों पर रहे हैं। व्यक्ति को अदालत और फ़ाइलें मुकदमा यायी और किसके खिलाफ कार्यवाही लेने वाले व्यक्ति के रूप में कहा जाता है स्त्याहीकहा जाता है|कहा जाता है ग्रहों की स्थिति अगर सहि ना रहे , उनके दैनिक जीवन और कभी कभी मन अशांत रहता है |
पूजा के माध्यम से मदद –
अदालत ने मामले के लिए सबसे लोकप्रिय उपाय बगलामुखी पूजा है। एक अनुभवी ज्योतिषी विश्लेषण करने के लिए जन्म कार्ड का उपयोग करता है।ताकि चल रही कानूनी लड़ाई को पूर्णतः दूर कर सके| एक बार यह पूजा हो जाए तो यह योजना के अनुसार मुकदमेबाजी परिणामों के लाभदायक होता है।ज्योतिषीय विधियों के अनुसार, मकान तीन से आठ कक्ष के लिए घरों के लिए वादी हैं, जबकि बचाव पक्ष के लिए संबंधित रूप में देखा जाता है। सातवें घर प्रतिद्वंद्वी का प्रतिनिधि है, जबकि लग्न (मुसीबतों के देवता)के रूप में देखा जाता है। लग्न प्रभु कमजोर हो  तोकार्यवाही नहीं जीत सकते।  तांत्रिक पूजा देवी के रूप में एक परीक्षण उपाय बगलामुखी पूजा होता है।पञ्चमुखी हनुमान पूजन भी अदालत मामलों जीत में प्रभावी है। कुछ व्यक्तियों को मजबूत विरोधियों के खिलाफ जीतने के लिए, रास्ते खुलने के लिए महाकाली साधना से लाभ हो सकता है। ज्योतिषी अक्सर सलाह देते हैं की कई तरह के कवच को धारण करे  जैसे नरसिंह कवच, वशीकरण कवच या हनुमान कवच, जो पक्ष कानूनी अधिकारियों से हो रही मदद में सहयोग देता है |जब भी किसी अधिकारी से मदद लेने जाए तो एक कवच पहने हुए जाए। अक्सर  कानूनी विवादों में भाग्य बदलने के लिए कालभेरव पूजा भी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
बेहतर अदालत मामला समाधान के लिए आसान उपचार–
  1. ज्योतिषियों का सुझाव है कि अगर अदालत के मामले में लगे हुए हैं, तो चावल की एक छोटी राशि ले और यह बिना किसी को दिखाए , अदालत के बाहर छिड़क दे।
  2. एक कागज, नींबू ले और उसके बाद प्रत्येक कोनों में चार लौंग डालने से सफल परिणाम उपज सकता है। इससे अपनी जेब मेंही रखे |
  3. एक और उपाय एवं सुझाव है कि आप एक भूर्ज के पेड़ से एक पत्ता ले और लाल चप्पल में ही इसके ऊपर अपने दुश्मन या प्रतिद्वंद्वी का नाम लिख दीजिये और इसे शहद में ही डूबा लीजिये । ज्योतिषियों का मानना कि इस तंत्र से यह आप की ओर अपने विरोधी रुख को नरम कर देगा।
  4. जल्दी सुबह , सूर्योदय से पहले 11 काले चावल के दाने और क्रीम मंत्र का 21 बार जाप करे और उसे दक्षिण दिशा में फेंक दीजिये ।
  5. कुछ तिल के बीज लीजिये और चीनी के साथ मिश्रण बना लीजिये । इसे अलग रखिये और अपनी जीत के लिए भगवान से प्रार्थना कीजिये। अंत में बिना पीछे देखे घटनास्थल से दूर जाइये।
  6. काले वस्त्र पहने| हमेशा डार्क रंग कपड़े जब अदालत में सुनवाई के लिए प्रदर्शित हो|इससे आसानी से सभी नकारात्मक ऊर्जा दूर हो जाएंगी| यह बहुत लाभदायी सलाह मानी जाती है।
  7. गोमती चक्र कृष्ण का लघु रूप माना जाता है और अगर आप उन्हें अपनी जेब में रखेंगे तो वह सौभाग्य को लाने में लाभदायी माना जाता है।आप हमेशा अपने दाहिना पैर आगे रखे और अपनी जेब में गोमती चक्र के साथ अदालत में हाज़िर हो। गोमती चक्र, वैदिक ज्योतिष के अनुसार उनकी कुंडली में सर्प दोष जो वर्षो से लोगो की कुंडली में प्रभावित है उसको दूर करता है। चुनाव के दौरान, कई राजनेता जो बड़े मार्जिन से जीत जाते है कथित तौर पर गोमती चक्र अपने जीत की उम्मीद में अपनी जेब में रखते है ।
  8. आपको लगता है की आपको गलत तरीके से मुकदमेबाजी में आपके दुश्मन या प्रतिद्वंद्वी द्वारा लाया गया है तो आप रुद्राक्ष पहने| जिसमे पंचमुखी (पांच-सामना), सात्मुखी (सात का सामना करना पड़ा) और ग्यारह्मुखी (ग्यारह का सामना करना पड़ा) रुद्राक्ष हो।
  9. अदालत विजय यज्ञ – अदालत विजय यज्ञ द्वारा अदालत मामलों में जीत के लिए यज्ञ पूजा करे और अपने डर का ध्यान रखते हुए जीत सुनिश्चित करे। अदालत के मामले को सुलझाने के लिए, विशेष यज्ञ किया जाता है और शत्रुओं से नि: शुल्क प्राप्त करने के लिए यह कहा जाता है कि जटिलताओं के कारण हमारे पिछले जन्म के कर्म जीवन में आते है और इसलिए इस अदालत विजय यज्ञ कर्म करने से पिछले जीवन को नष्ट करके अपने जीवन की सभी कठिनाइयों को समाप्त कर देती है और सकारात्मकता बढ़ा देती है । यह यज्ञ अपने पक्ष में वातावरण को संशोधित करता है। जो भी उसके समर्थन में जाता है वह साहसी और खुशहाल बन जाता है। अगर आप कोर्ट केस से निपटने के लिए उत्सुक हैं, तो यह यज्ञ जरुर करे और सकारात्मक उपाय पाए |
इस तरह एक प्रभावी ज्योतिषीय उपचार है जो कि एक उच्च डिग्री में ग्रहीय गति के प्रभाव को कम कर सकते हैं। जेसे –
  • दिन ब दिन आपका कचहरी मामला सुलझने लगेगा |
  • केस जीतने की संभावना बहुत अधिक हो जाएगी ।
  • इन शर्तों में उठता मामला पार्टियों में बाध्य हो जाएगा।
  • आप मामले से लाभ प्राप्त करेंगे।
  • कानूनी मामलों में मनोवैज्ञानिक बोझ काफी कम होंगे ।
तो, इन ज्योतिषीय उपचारो से अदालत मामलों में जीत के लिए का पालन करें। उपरोक्त यज्ञ-पूजा एवं निम्न विकल्प बोल्ड और साहसी व्यक्ति बना देता है और सामग्री, भौतिक और आध्यात्मिक, वृद्धि प्राप्त करने में मदद करता है। यह सुनिश्चित करता है सुख, मानसिक शांति और सद्भाव जीवन में।