Monday, 20 August 2018
कद बढ़ाने के उपाय
कद अथवा लम्बाई बढ़ाने के घरेलू उपाय
लोग अपनी लंबाई बढाने के लिये बाजार में मिलने वाली कई तरह की दवाइयों का भी सेवन करने लगते हैं जिससे तमाम साइड इफेक्ट्स भी होते हैं। हम आपके लिए कुछ प्राकृतिक तरीके दे रहे हैं जिसके बिल्कुल भी साइड इफेक्ट नहीं होगें और आपकी हाइट 18 साल के बाद भी बढ़ सकती है।
लम्बाई और स्मरण शक्ति बढ़ाने के लिए गेहूँ के दाने के बराबर मात्रा में चूना रोज दही, दाल या सब्जी में मिलाकर खाना चाहिए । या पानी में मिला के पीना चाहिए । इससे लम्बाई और स्मरण शक्ति दोनों का ही विकास होता है। शरीर में चैतन्यता और चपलता आती है। ( लेकिन पथरी के मरीज चूने का सेवन ना करें )
कद बढ़ाने के लिये सूखी नागौरी, अश्वगंधा की जड़(बराबर की मात्रा में ) को कूटकर बारीक कर चूर्ण बना लें। बराबर मात्रा में खांड मिलाकर किसी टाईट ढक्कन वाली कांच की शीशी में रखें। इसे रात सोते समय रोज दो चम्मच गाय के दूध के साथ लें। इससे दुबले व्यक्ति भी मोटे हो जायेंगे। कम कद वाले लोग लंम्बे हो सकते हैं। इससे नया नाखून भी बनना शुरू होता है। इस चूर्ण का सेवन करने से कमजोर व्यक्ति अपने अंदर स्फूर्ति महसूस करने लगता है। इस चूर्ण को लगातार 40 दिन तक लेते रहें। इस चूर्ण को शीतकाल में लेने से अधिक लाभ मिलता है।
मनुष्य को अपने हाथ तथा पैरों के बल झूलने तथा दौड़ने जैसी कसरतों के अलावा भोजन में प्रोटीन, कैल्शियम तथा विटामिनों की जरूरत बहुत आवश्यक है तथा पौष्टिक भोजन करने से लम्बाई बढ़ने में फायदा मिलता है।
एक से दो ग्राम अश्वगंधा चूर्ण, एक से दो ग्राम काले तिल, 3 से 5 खजूर को 5 से 20 ग्राम गाय के घी में एक महीने तक खाने से लाभ होता है। साथ में पादपश्चिमोत्तानासन, 'पुल्ल-अप्स'करने से एवं हाथ से शरीर झुलाने से ऊँचाई बढ़ती है। इस चूर्ण का सेवन करते समय खटाई, तली चीजें न खायें और जिन्हें आंव की शिकायत हो,तो अश्वगंधा न लें।
विटामिन डी- लंबाई बढ़ाने के लिए जिस विटामिन की सबसे ज्यादा जरूरत होती है उनमें से एक है विटामिन डी। अच्छी तरह से कैल्शियम को हड्डी में अवशोषित करने के लिए, हड्डी के विकास के लिए और प्रतिरक्षा प्रणाली के बेहतर कार्य करने के लिए आपको विटामिन डी की जरूरत होती है जो दाल, सोया मिल्कर, सोया बीन, मशरूम और बादाम आदि में पाया जाता है।
सफ़ेद दाग का पूर्णतय इलाज
सफ़ेद दाग की कुछ अन्य सफल दवाइया
1.100 ग्राम तिल व 100 ग्राम बावची मिलाकर बारीक कूट ले। 1 चम्मच सुबह हर दिन पानी से ले। बीच मे यदि गर्मी लगे तो कुछ दिन बंद कर दे। फिर दोबारा शुरू कर दे। इससे भी सफ़ेद दाग ठीक हो जाते हैं।
2- बावची 100 ग्राम व चित्रक्मूल 100 ग्राम ले। मोटा मोटा कूट ले। रात को 2 चम्मच यह मिश्रण +1 कप पानी +2 कप दूध उबाले। जब केवल दूध बच जाए। तब छान कर दहि जमा दे। इस दहि मे ½ कप पानी मिलाकर लस्सी बना ले। इसमे नमक या चीनी ना मिलाए। एसे प्रतिदिन पिए। कभी कभी इसमे से मक्खन निकाल कर उस मक्खन को सफ़ेद दागों पर लगाए व लस्सी पी ले।
3- यदि लगाने कि दवाई ना बना सके तो स्वामी रामदेव का कायाकल्प तेल या किसी दूसरी कम्पनी का मरीच्यादी तेल ले। सफ़ेद दाग पर दवाई लगाने से पहले उसे सूखे कपड़े से रगड़ लें।
4-. 100 ग्राम बावची को लाकर साफ करके कूट ले। इसमे खैर व विजयसार का काढ़ा डाल कर धूप मे सुखाए। काढ़ा इतना ही डालें कि 1 दिन मे सुख जाए। इस तरह कम से कम 10 दिन करे। यदि इस तरह 21 बार काढ़ा डालकर सूखा ले तो अधिक अच्छा। उसके बाद इस बावची को बारीक पीस ले। ½ चम्मच इस बावची पाउडर को सुबह शाम आंवले के पानी से ले। बहुत जल्दी लाभ होता है।
5- खैर विजयसार का काढ़ा बनाने की विधि- जड़ी बूटी वाले से 250 ग्राम खैर की छाल व 250 ग्राम विजयसार की लकड़ी ले आए। कूट कर मिला ले।
50 ग्राम इस मिश्रण को 400 ग्राम पानी मे पकाए। धीमी आग पर पकाए। जब लगभग 100 ग्राम पानी रह जाए तब छान ले। ठंडा होने पर जो बचा हुआ अंश है उसे कपड़े मे से निचोड़ ले। यह काढ़ा साफ बर्तन मे 1 रात के लिए रख ले। सुबह ऊपर का साफ पानी निथार ले। जो अंश नीचे बैठ जाए उसे छोड़ दे। {छानने के बाद जो बचता है उसे कचरे मे ना फेंके। किसी पेड़ की जड़ में डाल दे। खाद का काम करेगी।}यह काढ़ा प्रतिदिन ताजा बनाए।
आंवले का पनि बनाने की विधि- रात को 2 कप पानी मे 2 चम्मच आंवला चूर्ण डाल दे। सुबह छान कर इस पानी का प्रयोग करे।
सफ़ेद दाग की लगाने की दवाई
लगाने की दवाई – सफ़ेद दाग मे लगाने की दवाइयाँ प्रायः जलन पैदा करती हैं। परंतु यह दवाई बिलकुल भी जलन पैदा नहीं करती। खाने की दवाइयों के साथ लगाने के लिए यह प्रयोग करे। यदि किसी कि आँख के पास या अन्य किसी कोमल अंग पर सफ़ेद दाग हो तब यह जरूर प्रयोग करें। यह भी बहुत सफल दवाई है।
• सरसों का तेल 250 ग्राम (कच्ची घानी का अधिक लाभदायक है)
• हल्दी (साबुत हल्दी ले)
• यदि कच्ची हल्दी मिल जाए जो आधिक गुणकारी है तो वह 1 किलो ले।
• यदि कच्ची हल्दी ना मिले तो सुखी साबुत हल्दी 500 ग्राम ले । ध्यान दे कि साबुत सुखी हल्दी मे घुन ना लगा हो।
बनाने का तरीका –
• 1 किलो कच्ची या गीली हल्दी को या 500 ग्राम सुखी साबुत हल्दी को मोटा मोटा कूट ले।
• इसे 4 किलो पानी मे उबाले।
• जब 1 किलो पानी बचे तब छान कर इस हल्दी के पानी को रख ले।
• एक लौहे कि कड़ाही ले जिसमे 4 किलो पानी आ सके।
• इसमे 250 ग्राम सरसों का तेल व 1 किलो हल्दी का पानी मिलाकर धीमी आग पर पकाए।
• जब हल्दी का पानी खत्म हो जाए व कड़ाही मे नीचे कीचड़ सा बच जाए तब आग बंद कर दे।
• ठंडा होने पर तेल को सावधानी से अलग कर ले।
• यदि आप अधिक प्रभावशाली दवाई बनाना चाहते हैं तो इस तेल मे 3 बार 1-1 किलो हल्दी का पानी मिलाकर पकाए।
यह तेल लगाने पर धीरे धीरे सफ़ेद दाग को खत्म कर देता है। साथ मे खाने की दवाई भी जरूर खाए।