Monday, 17 February 2020
मूंगे की माला कब पहननी चाहिए
मूंगे की माला कब पहननी चाहिए और क्या है इसका महत्व
मूंगा सुख समृद्धि का प्रतीक होता है. मूंगे की माला पहनने से सुख समृद्धि बढ़ती है. लेकिन इसको धारण करने से पहले कुछ सावधानियां बरतनी जरूरी होती हैं.
मूंगे की माला
मूंगा सुख समृद्धि का प्रतीक होता है. इसी प्रकार मूंगे की माला पहनने से गणपति जी, भगवान श्री राम और हनुमान जी की कृपा मिलती है. मूंगे की माला पहनने से सुख समृद्धि बढ़ती है, धन आता है. इस से बीमारी से मुक्ति मिलती है. रोगा से लड़ने की क्षमता मिलती है और नकारात्मक या अशुभ शक्तियां परेशान नहीं करती हैं. मूंगे की माला से जाप भी किया जा सकता है. आइए जानते हैं मूंगे की माला पहनने का क्या है महत्व.
कौन-कौन पहन सकता है मूंगे की माला-
अगर याद्दाश्त कमज़ोर हो, पढ़ाई में बच्चे कमज़ोर हो, बच्चे कहना ना मानते हो, कुंडली में बुद्धि का ग्रह बुध कमज़ोर हो, ज्ञान का ग्रह गुरु कमज़ोर हो तो मूंगे की माला पहननी चाहिए. मूंगे माला पहनने से मंगल बलवान होते हैं. लेकिन माला धारण करने से पहले इस माला की हनुमान मंदिर में पूजा जरूर करा लें.
मूंगे की माला आत्मविश्वास को बढ़ाती है-
- मूंगे की माला से हनुमान जी और श्री राम के मन्त्रों का जाप कर सकते हैं.
- अगर सुहागिन स्त्री मूंगे की माला पहने तो उनके पति की सेहत ठीक रहती है.
- उनका हर संकट दूर होता है और भगवान हनुमान जी हरदम पूरे परिवार की रक्षा करते हैं.
मूंगे की माला कब पहनें-
- तुलसी की माला मूंगे की लकड़ी से लाल धागे में बनाई जाती है.
- इसे मंगलवार को धारण करना चाहिए.
- धारण करने से पहले हनुमान जी, शिव जी और श्री राम जी की पूजा करनी चाहिए.
- मूंगे की माला पहनने से नजर नहीं लगती और सभी प्रकार के सुख की प्राप्ति होती है.
- इसे गंगाजल से धोकर, धूप दीप दिखाकर पहनें.
- मूंगे की माला पहनकर मास-मदिरा का सेवन नहीं कर सकते हैं और ना ही झूठ बोल सकते हैं.
राहु की ग्रह दशा के उपाय
यह मिथुन राशि में उच्च का होता है,धनु राशि में नीच का हो जाता है, राहु और शनि रोगकारक ग्रह है, इसलिये यह ग्रह रोग जरूर देता है...
रायपुर. राहु को छाया ग्रह कहा जाता है, और श्रीमदभागवतमहापुराण में तो शुकदेवजी ने स्पष्ट वर्णनकिया कि यह सूर्य से 10 हजार योजन नीचे स्थित है,और श्याम वर्ण की किरणें निरन्तर पृथ्वी परछोडता रहता है, यह मिथुन राशि में उच्च का होता है,धनु राशि में नीच का हो जाता है, राहु और शनि रोगकारक ग्रह है, इसलिये यह ग्रह रोग जरूर देता है। काला जादू तंत्र टोना आदि यही ग्रह अपने प्रभाव सेकरवाता है। अचानक घटनाओं के घटने के योग राहु केकारण ही होते है, और षष्टांश में क्रूर होने पर ग्रद्य रोगहो जाते है। राहु ब्रह्माण्ड का दृश्य रूप है।
राहु की दशा से मुक्ति के उपाय
शनिवार के दिन सूर्य उदय से पूर्व दो मोर पंख ले कर आयेंपंख के नीचे भूरे रंग का धागा बाँध लेँ एक थाली मेंपंखों के साथ दो सुपारियाँ रखें गंगाजल छिड़कते हुए 21बार ये मंत्र पढ़ें "ॐ राहवे नम: जाग्रय स्थापय स्वाहा:"
चौमुखा दिया जला कर राहु को अर्पित करें. कोईभी मीठा प्रसाद बना कर चढ़ाएं।
राहु का जाप मंत्र :-
"ऊँ भ्रां भ्रीं भ्रौं स: राहुवे नम:॥" यह मंत्र 18000 बार रोजाना, शांति मिलने तक जाप करना चाहिए।
राहु ग्रह शांति के उपाय :-
1. अपने पास सफेद चन्दन अवश्य रखना चाहिए। सफेद चन्दन की माला भी धारण की जा सकती है। प्रतिदिन सुबह चन्दन का टीका भी लगाना चाहिए। अगर हो सके तो नहाने के पानी में चन्दन का इत्र डाल कर नहाएं।
2. राहु की शांति के लिए श्रावण मास में रुद्राष्टाध्यायी का पाठ करना सर्वोत्तम है।
3. शनिवार को कोयला, तिल, नारियल, कच्चा दूध, हरी घास, जौ, तांबा बहती नदी में प्रवाहित करें।
4. बहते पानी में शीशा अथवा नारियल प्रवाहित करें।
5. नारियल में छेद करके उसके अन्दर ताम्बे का पैसा डालकर नदी में बहा दें।
6. बहते पानी में तांबे के 43 टुकड़े प्रवाहित करें।
7. नदी में लकड़ी का कोयला प्रवाहित करें।
8. नदी में पैसा प्रवाहित करें।
9. एक नारियल + 11 बादाम (साबुत) काले वस्त्र मेंबांधकर जल में प्रवाहित करें।
10. हर बुधवार को चार सौ ग्राम धनियां पानी में
बहाएं।
11. कुष्ठ रोगी को मूली का दान दें।
12. काले कुत्ते को मीठी रोटियां खिलाएं।
13. मोर व सर्प में शत्रुता है अर्थात सर्प, शनि तथा राहू के संयोग से बनता है। यदि मोर का पंख घर के पूर्वी और उत्तर पश्चिम दीवार में या अपनी जेब व डायरी में रखा हो तो राहू का दोष कभी भी नहीं परेशान करता है, मोरपंख की पूजा करें या हो सके तो उसे हमेशा अपने पास रखें।
14. रात को सोते समय अपने सिरहाने में जौ रखें जिसे सुबह पंक्षियों को दें।
15. सरसों तथा नीलम का दान किसी भंगी या कुष्ठ रोगी को दें।
16. राहु ग्रह से पीडि़तव्यक्ति को रोजाना कबूतरों को बाजरे में काले तिल मिलाकर खिलाना चाहिए।
17. गिलहरी को दाना डालें।
18. दो रंग के फूलों को घर में लगाएं और गणेश जी को अर्पित भी करें।
19. कुष्ठ रोगियों को दो रंग वाली वस्तुओं का दान करें।
20. हर मंगलवार या शनिवार को चीटियों को मीठा खिलाएं।
21. अगर राहू आपकी कुंडली में 12 वे घर में बैठा है तो भोजन रसोई घर में करें।
22. अष्टधातु का कड़ा दाहिने हाथ में धारण करना चाहिए।
23. जमादार को तम्बाकू का दान करना चाहिए।
24. अपने पास ठोस चाँदी से बना वर्गाकार टुकड़ा रखें।
25. श्री काल हस्ती मंदिर की यात्रा।
26. चाय की कम से कम 200 ग्राम पत्ती 18 बुधवार दान करने से रोग कारक अनिष्टकारी राहु स्वास्थ्य लाभ प्रदान करता है।
27. नेत्रेत्य कोण में पीले फूल लगायें।
28. अपने घर के वायु कोण (उत्तर-पश्चिम) में एक लाल झंडा लगाएं।
29. यदि क्षय रोग से पीडि़त हों तो गोमूत्र से जौ को धो कर एक बोतल में रखें तथा गोमूत्र के साथ
उस जौ से अपने दाँत साफ करें।
30. शनिवार के दिन अपना उपयोग किया हुआ कंबल किसी गरीब को दान करें।
31. अमावस्या को पीपल पर रात में 12 बजे दीपक जलाएं।
32. शिवजी पर जल, धतुरा के बीज, चढ़ाएं और सोमवार
का व्रत करें।
33. यदि राहु चंद्रमा के साथ हो तो पूर्णिमा के दिन नदी की धारा में नारियल, दूध, जौ, लकड़ी का कोयला, हरी दूब, यव, तांबा, काला तिल प्रवाहित करें।
34. यदि राहु सूर्य के साथ हो तो सूर्य ग्रहण के समय कोयला और सरसों नदी की धारा में प्रवाहित करना चाहिए।
35. अगर आपकी कुंडली में भी राहु और शनि एक साथ बैठे है तो यह उपाय करे। हर रोज मजदूरों को तम्बाकु की पुडिया दान दे। ऐसा 43 दिन करे आपको कभी यह योग बुरा फल नहीं देगा।
36. यदि राहु सूर्य के साथ हो तो जौ को दूध या गौ मू
शुक्र ग्रह के उपाय
शुक्र ग्रहों में सबसे चमकीला है और प्रेम का प्रतीक है. शुक्र स्त्री गृह है ,मनुष्य की कामुकता से इसका सीधा संबंध भी है और हर प्रकार के सौंदर्य और ऐश्वर्य से ये सीधे संबंध रखता है. यदि किसी की कुंडली में शुक्र शुभ प्रभाव देता है तो वह जातक आकर्षक, सुंदर और मनमोहक होता है. शुक्र के विशेष प्रभाव से वह जीवनभर सुखी रहता है. शुक्र को सुन्दरता का प्रतीक माना जाता है. सुख का कारक माना जाता है. शुक्र की चमक एवं शान अन्य ग्रहो के अलग व निराली है. इसी सुंदरता के लिए शुक्र जाना जाता है. शुक्र की आराधना कर शुक्र को बलवान बनाकर सुख व ऐश्वर्य पाया जा सकता है. आज हर व्यक्ति अपने जीवन को अपनी हैसियत से ज्यादा आरामदायक वस्तुओं पर खर्च करता है. यदि आप भी जिन्दगी को ऐश्वर्य और आराम से भरपुर बनाना चाहते हैं तो शुक्र बलवान बनाने वाले उपायों को अपनाए. शुक्र के लिए ओपल, हीरा, स्फटिक का प्रयोग करना चहिये और यदि ये बहुत ही खराब है तो पुरुषों को अश्विनी मुद्रा या क्रिया रोज करनी चाहिये. इस ग्रह के पीड़ित होने पर आपको ग्रह शांति हेतु सफेद रंग का घोड़ा दान देना चाहिए. रंगीन वस्त्र, रेशमी कपड़े, घी, सुगंध, चीनी, खाद्य तेल, चंदन, कपूर का दान शुक्र ग्रह की विपरीत दशा में सुधार लाता है. इसके साथ ही कुछ प्रभावशाली मंत्रों के जाप से शुक मजबूत होकर सुखद फल प्रदान करता है.
शुक्र महाग्रह मंत्र
ॐ नमो अर्हते भगवते श्रीमते पुष्पदंत तीर्थंकराय। अजितयक्ष महाकालियक्षी सहिताय ॐ आं क्रों ह्रीं ह्र:।।
शुक्र महाग्रह मम दुष्टग्रह। रोग कष्ट निवारणं सर्व शान्तिं च कुरू कुरू हूं फट्।।
मध्यम मंत्र
ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं शुक्रग्रह अरिष्ट निवारक श्री पुष्पदंत जिनेन्द्राय नम: शान्तिं कुरू कुरू स्वाहा
लघु मंत्र
ॐ ह्रीं णमो अरिहंताणं
तांत्रिक मंत्र
ॐ द्रां द्रीं द्रौं स: शुक्राय नम:
शुक्र गायत्री मंत्र
ॐ भृगुवंशजाताय विद्यमहे। श्वेतवाहनाय धीमहि।तन्नो : कवि: प्रचोदयात॥
शुक्रवार के दिन किसी नवग्रह मंदिर या घर के देवालय में यथासंभव शुक्रदेव की सोने से बनी मूर्ति या लिंग रूप प्रतिमा की यथाविधि पूजा करें. पूजा में दो सफेद वस्त्र, सफेद फूल, गंध और अक्षत चढ़ाएं. पूजा के बाद शुक्रदेव को खीर या घी से बने सफेद पकवान का भोग लगाएं. पूजा के बाद इस शुक्र गायत्री मंत्र का कम से कम 108 बार जप करना श्रेष्ठ होता है.
नवग्रह शांति मंत्र
ॐ ब्रह्मामुरारि त्रिपुरान्तकारी भानु: राशि भूमि सुतो बुध च।
गुरू च शुक्र: शनि राहु केतव: सर्वेग्रहा: शान्ति करा: भवन्तु।।
हमारे धर्म ग्रंथों में कई मंत्रों का वर्णन है जिनके जाप से किसी भी ग्रह की शांति हो जाती है. एक मंत्र ऐसा भी है जिसके माध्यम से सभी ग्रहों की एक साथ पूजा की जा सकती है. यह मंत्र नौ ग्रहों की पूजा के लिए उपयुक्त है. यदि इस मंत्र का प्रतिदिन जाप किया जाए तो सभी ग्रहों का बुरा प्रभाव समाप्त हो जाता है और शुभ फल प्राप्त होते हैं. इस मंत्र के जाप के लिए कुछ उपाय हैं. सुबह जल्दी उठकर नहाकर साफ वस्त्र पहनकर नवग्रहों की पूजा करनी चाहिए. नवग्रह की मूर्ति के सामने आसन लगाकर रुद्राक्ष की माला से इस मंत्र का पांच माला जप करें. आसन कुश का हो तो अच्छा रहेगा.
तांत्रिक उपाय
काली चींटियों को चीनी खिलानी चाहिए.
शुक्रवार के दिन सफेद गाय को आटा खिलाना चाहिए.
किसी काने व्यक्ति को सफेद वस्त्र एवं सफेद मिष्ठान्न का दान करना चाहिए.
किसी महत्त्वपूर्ण कार्य के लिए जाते समय 10 वर्ष से कम आयु की कन्या का चरण स्पर्श करके आशीर्वाद लेना चाहिए.
अपने घर में सफेद पत्थर लगवाना चाहिए.
किसी कन्या के विवाह में कन्यादान का अवसर मिले तो अवश्य स्वीकारना चाहिए.
शुक्रवार के दिन गौ को दुग्ध से स्नान करना चाहिए.