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Tuesday, 18 February 2020

प्रभावी इत्र से वशीकरण कैसे करे

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करे प्रभावी इत्र का मोहिनी वशीकरण मंत्र प्रयोग साधना द्वारा किसी को भी मंत्र मुग्ध | यह कहना बिलकुल गलत नहीं होगा कि इत्र तो अपने आप में आकर्षण बढ़ाने का सबसे कारगर तरीका है। इत्र को लगाने से तो मानो इंसान कि पर्स्नालिटी मे एक अलग ही charm आ जाता है। वैसे भी खुसबू किसे अच्छी नहीं लगती। व्यक्ति आज कहीं भी घूमने-फिरने जाता है, तो मेकअप के साथ-साथ deo, पर्फ्यूम या कहे इत्र भी ज़रूर लगाकर जाता है। यह मेकअप का हिस्सा ही बन चुका है। लेकिंन अच्छी सुगंध के बारे मे एक और धारणा यह भी है कि इत्र वगेरा लगाकर सुनसान जगह, जंगल या समसान घाट के आस-पास नहीं जाना चाहिए। क्यूंकी बुरे शक्ति या भूत-प्रेत सुगंध से बड़े आकर्षित होते है। साथ ही रात को सोते वक़्त भी इनका इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। तो इन बातों का आप ज़रूर ध्यान रखे।


प्रभावी इत्र से वशीकरण कैसे करे

बहुत से लोग ऐसे होते है, जिनपर राहू-केतू का साया मंडरा रहा होता है और उन्हे समझ नहीं आता की आखिर कैसे उनके असर को शांत करें। तो यहाँ हम आपको एक उपाय बता रहें है, जिसकी मदद से आप राहू के प्रभाव को शांत कर सकते हैं। करना बस यह है कि पानी मे  चन्दन का इत्र डाल ले व फिर इससे नहाए। ऐसा करके राहू शांत होकर आप पर कृपा करने लगता है।

बहुत से लोग ऐसे होते है जिनकी बुद्धि बाकियों के मुक़ाबले थोड़ी कमजोर होती है। कुछ बच्चे भी ऐसे होते है जो चाहे जितना मर्जी चीज़े याद करें आखिरी पल मे भूल जाते है या फिर बहुत मे से सिर्फ थोड़ा ही याद रख पाते है। तो ऐसे मे बुद्धि को तेज़ करने के लिए बुधवार के दिन साफ-सुथरे होकर आप पीपल के एक पेड़ पर चमेली का इत्र रख दे। ऐसा करने से बुद्धि मे तेज़ी आती है।

इत्र से वशीकरण मंत्र

अब हम आपको बताते है की कैसे आप हनुमान जी को इत्र के प्रयोग से प्रसन्न कर सकते है। यहाँ आपको केवड़े के इत्र की अवश्यकता पड़ेगी। सबसे पहले तो हनुमान जी को चोला व गुलाब की माला चढ़ा दे। अब उनके दोनों कंधों पर थोड़ा-थोड़ा सा केवड़े के इत्र को लगा दे या हल्का सा छिड़क दे। अब एक पान के पत्ते पर थोड़ा सा गुड व चना रखकर उसे हनुमान जी को अर्पित करे। ध्यान दे पान का पत्ता कटा-फटा न हो। अब इस मंत्र का 5 माला जप करें। मंत्र है: “राम रामेति रामेति रमे रामे मनोरमे। सहस्त्र नाम तत्तुन्यं राम नाम वरानने”। जप के लिए तुलसी की माला ले। इतना सब कर लेने के बाद आप हनुमान जी को अर्पित किए हुए गुलाब की माला से एक गुलाब का फूल लेकर उसे एक लाल रंग के कपड़े मे बांध ले और घर की तिजोरी मे रख दे। ऐसा करके आपको धन लाभ मिलना शुरू हो जाएगा।

वैसे एक और सरल सा तरीका है जिसको करके आप हनुमान जी की कृपा पा सकते हैं। आपको बस मंगलवार के दिन हनुमान जी के मंदिर जाकर चमेली का तेल चड़ा दे व साथ मे फूल भी अर्पित करें। चमेली की खुशबू तो किसिका भी मन मोह लेती है। आप चमेली के तेल का दिया उनके सामने जला दे। ऐसा करके आप हनुमान जी की कृपा पा सकेंगे व आपकी सारे मनोकामनए पूर्ण हो जाएंगी।

इत्र से वशीकरण उपाय

यदि आपको लगता है कि आपके घर मे हर वक़्त अशांति का माहोल बना रहता है। आप जितना भी कोशिश कर ले घर वालों के हाव-भाव ही नहीं बदलते। कभी किसी तो कभी किसी के बीच आपसी लड़ाई होती ही रहती है। तो ऐसे मे यह उपाय करें। उपाय बड़ा आसान है, पर पूरे विश्वास के साथ इसे करें। शुक्रवार के दिन साबूदाने की खीर बनाए व उसमे मिश्री डाले। आपको थोड़ी सी खीर मंदिर मे चढ़ानी है और साथ मे इत्र भी चढ़ाना होगा। इसके बाद बाकी खीर को लाकर अपने परिवार वालों को खिला दे। बता दे की उस इत्र का प्रयोग करने से आपके घर मे फिर से सुख-शांति का माहोल बनने लगेगा।

अक्सर पत्नीयां अपने पति की लंबी उम्र के लिए कितने व्रत रखती है व अलग-अलग प्रकार की पूजा-पाठ करती है। अलग-अलग मंदिर जाकर भगवान से उनकी अच्छी सेहत व लंबी उम्र की प्रार्थना करती है। तो यहाँ हम एक उपाय बता रहे हैं, जिसके अनुसार यदि कोई महिला इत्र की शीशी के साथ, लाल सिंदूर, केसर व चने की दाल का दान करें तो उसके पति को लंबी आयु मिलती है। यही नहीं यदि आप शुक्ल पक्ष मे शुक्रवार के दिन माँ लक्ष्मी को श्रृंगार के सामान के साथ इत्र अर्पित करते है तो उसकी मदद से पति-पत्नी के बीच रिश्ता शांतिपूर्ण बना रहता है।

इत्र वशीकरण साधना

यदि आप किसीसे प्रेम करते है और उस व्यक्ति को अपनी ओर  आकर्षित करना चाहते है और चाहते है की वो भी आपसे प्रेम करने लगे तो आप गुलाब से बने इत्र का प्रयोग कर सकते है। यह एक मंत्र विधि हम आपको बता रहें है। मंत्र है: “ॐ हरिम क्रीम फट स्वाः”। सबसे पहले तो आप बाज़ार से गुलाब से बना इत्र ले आए और उसे अपने घर मे पूजा वाले स्थान पर रख दे। अब बताए मंत्र का 21 बार जप करें। ध्यान रहें यह विधि आपको लगातार 21 दिनों तक करनी होगी। तभी आप में आकर्षण शक्ति बढ़ पाएगी। उसके बाद यह इत्र लगाकर आप जिसके पास भी जाएंगे तो वो व्यक्ति आपसे आकर्षित हो जाएगा/जाएगी।

आज तक हम इत्र को बाकी deo, perfume जैसा ही मानते आ रहे थे। लेकिन उम्मीद है इत्र के बारे मे ऊपर दी जानकारी को पढ़कर आप समझ सकेंगे कि इत्र भी वशीकरण के लिए कितना कारगर तरीका है। जिसका प्रयोग आप भी कर सकते है व अपने जीवन को खुशहाल बना सकते है ।

कोई भी साधक इत्र का मोहिनी वशीकरण मंत्र प्रयोग साधना द्वारा किसी को भी मंत्र मुग्ध कर सकता है और इत्र से वशीकरण कर किसी को भी अपने वश में कर सकता है बस पहले इत्र को अभिमंत्रित करना पड़ता है|


चमत्कारिक टोने टोटके (रोग, शोक, वशीकरण, विद्वेषण और उच्चाटन)

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टोने टोटके से बचने के उपाय

नदी के झाड़ , वृक्ष की जड़ लाकर उसमें कूड़े की छान मिलावें तथा चूर्ण कर लें, फिर इन दोनों के बराबर श्मशान की राख मिलाकर जिसके ऊपर इसे डाला जाएगा वह वश में हो जायेगा।
सेंधा नमक , देशी कपूर को पीसकर शुद्ध शहद में मिलाकर मैथुन किया जाए तो स्त्री वश में हो जाती है।
पीपर का चूर्ण 2 ग्राम दूध के साथ लेने से पीलिया नष्ट हो जाता है।
बकरी की मेंगनी 50 ग्राम , हल्दी का चूर्ण 15 ग्राम , सेंधा नमक 15 ग्राम मिलाकर चूर्ण कर लेवें जिसे तीन-तीन ग्राम की मात्रा में शहद के साथ दिन में तीन बार प्रयोग में लेने से पीलिया रोग ठीक हो जाता है।
जौन , चना का सत्तू घोलकर शहद मिलाकर देने से भी पीलिया ठीक हो जाता है । ऊपर लिखे प्रयोगों का सेवन किसी कुशल तांत्रिक के परामर्श के पश्चात् ही कर सकते है – वरना दोष आपका ही होगा , हमारा नहीं।
उल्लू के पाँव की हड्डी को शत्रु के घर में गाड़ देने से उसका सर्वनाश हो जायेगा।
सर्प , भौंरा , काला , बिच्छु एवं बंदर के सर का सैम भाग ले चूर्ण कर , शीशी में भर लेवें। तत्पश्चात शत्रु – वस्त्रादीको पर डालते ही शत्रु वणों से पीड़ित होकर मर जावेगा और जब शत्रु को पीड़ा रहित करना हो तो नील, लाल कमल एवं लाल चन्दन को मुर्गी के पित्त में मिला , लेप करने से पीड़ा शांत हो जायेगा।
शत्रु की विष्ठा तथा बिच्छू एक हंडिया में बंदकर ऊपर से मिट्टी लगाकर पृथ्वी में गाड़ दें तो शत्रु का मलावरोध मरण – तुल्य कष्ट पाने लगता है और भूमि खोदकर हांड़ी खोल देने से पुनः सुखी हो जाता है।
कौवे और उल्लू की बींट दोनों को एक साथ मिलाकर गुलाबजल में घोंटे तथा उसका माथे पर तिलक लगाये। अब जिस स्त्री के सम्मुख भी जाया जाएगा, वह सम्मोहित होकर जान तक न्योछावर कर दने को उतावली हो जाएगी।
शेवत पुनर्नवा को चावल के पानी के साथ शुभ मुहूर्त में जो पिता है, उसे सर्प काटने का भय नहीं होता ।
आषाढ़ शुक्ल पंचमी के दिन जो अपनी कमर से सिरिस की जड़ बांधता है तथा चावल का पानी पिता है, उसे सर्पदंश का भय नहीं होता ।
रविवार को काले धतूरे की अभिमंत्रित जड़ बांह में बांधे तो भूत बाधा जाए ।
लहसुन एकड़ीया के रस में हिंग पीसकर भूत- ग्रस्त को सुन्घावे तो भूत भाग जाये।
रविवार को तुलसी – पत्र , काली मिर्च प्रत्येक 8-8 तथा सहदेई की जड़ लाकर तीनों को ताम्बे के यंत्र से भर धूप देकर धारण करने से भूतादी दूर हो जाते है।
मुंडी, गोखरू और बिनौला समभाग लेकर गौमूत्र में पीसकर ब्रह्मराक्षस – ग्रस्त को सुन्घावे तो ठीक हो जाता है।
चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी के दिन चीते के पेड़ को न्योता आवें । फिर नौमी के दिन उसे लाकर धूप दीप देकर अपने पास रखें तो लोग मोहित हो जाते है।
नीलकमल , गूगल और अगर – इन सबको सम भाग लेकर अपने सब अंगों में घूनी दें तो उसे देखते ही सभी लोग मोहित हो जाते है।
रविवार के दिन तुलसी के बीजो को सहदेई के रस में पीसकर तिलक करने से स्त्री देखते ही मोहित हो जाती है ।


काली हल्दी के प्रयोग

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काली हल्दी को चमत्कारी माना जाता है इसमें तांत्रिक और मांत्रिक ताकत छिपी होती है। इसके उपयोग से बीमार व्यक्ति को स्वस्थ किया जा सकता है इसके अलावा यह तांत्रिक विधि से सिद्ध करने पर व्यक्ति को धनवान बनाती है। हम बता रहे हैं इसकी ऐसी ही ताकत के बारे में।

1- यदि परिवार में कोई व्यक्ति निरन्तर अस्वस्थ रहता है, तो प्रथम गुरूवार को आटे के दो पेड़े बनाकर उसमें गीली चने की दाल के साथ गुड़ और थोड़ी सी पिसी काली हल्दी को दबाकर रोगी व्यक्ति के उपर से 7 बार उतार कर गाय को खिला दें। यह उपाय लगातार 3 गुरूवार करने से आश्चर्यजनक लाभ मिलेगा।

2. किसी शुभ दिन गुरु पुष्य या रवि पुष्य नक्षत्र हो, राहुकाल न हो, शुभ घड़ी में इस हल्दी को लाएँ। इसे शुद्ध जल से भीगे कपड़े से पोंछकर लोबान की धूप की धूनी में शुद्ध कर लें व कपड़े में लपेटकर रख दें। आवश्यकता होने पर इसका एक माशा चूर्ण ताजे पानी के साथ सेवन कराएँ व एक छोटा टुकड़ा काटकर धागे में पिरोकर रोगी के गले या भुजा में बाँध दें। इस प्रकार उन्माद, मिर्गी, भ्रांति और अनिन्द्रा जैसे मानसिक रोगों में बहुत लाभ होता है।

3- काली हल्दी के 7 या 9 या 11 दाने बनाएँ। उन्हें धागे में पिरोकर धूप आदि देकर जिस व्यक्ति के गले में यह माला पहनाई जाए उसे ग्रहपीड़ा, बाहरी हवा, टोना-टोटका, नजर आदि से बचाया जा सकता है।




4- यदि किसी व्यक्ति या बच्चे को नजर लग गयी है, तो काले कपड़े में हल्दी को बांधकर 7 बार उपर से उतार कर बहते हुये जल में प्रवाहित कर दें।
5- गुरु पुष्य नक्षत्र में काली हल्दी को सिंदूर में रखकर लाल वस्त्र में लपेटकर धूप आदि देकर कुछ सिक्कों के साथ बाँधकर बक्से या तिजोरी में रख दें तो धनवृद्धि होने लगती है।
6-किसी की जन्मपत्रिका में गुरू और शनि पीडि़त है, जिससे धन न रुकता हो या कम धंधा बार बार ठप हो जाता हो तो वह  शुक्लपक्ष के प्रथम गुरूवार से नियमित रूप से काली हल्दी पीसकर तिलक लगाएं,ये दोनों ग्रह शुभ फल देने लगेंगे।
7- यदि किसी के पास धन आता तो बहुत है किन्तु टिकता नहीं है, उन्हें यह उपाय अवश्य करना चाहिए। शुक्लपक्ष के प्रथम शुक्रवार को चांदी की डिब्बी में काली हल्दी, नागकेशर व सिन्दूर को साथ में रखकर मां लक्ष्मी के चरणों से स्पर्श करवा कर धन रखने के स्थान पर रख दें। यह उपाय करने से धन रुकने लगेगा।



8. यदि आपके व्यवसाय में निरन्तर गिरावट आ रही है, तो शुक्ल पक्ष के प्रथम गुरूवार को पीले कपड़े में काली हल्दी, 11 अभिमंत्रित गोमती चक्र, चांदी का सिक्का व 11 अभिमंत्रित धनदायक कौडिय़ों को बांधकर 108 बार
ऊँ नमो भगवते वासुदेव नम: का जाप कर धन रखने के स्थान पर रखने से व्यवसाय में प्रगतिशीलता आ जाती है।
9- यदि आपका व्यवसाय मशीनों से सम्बन्धित है, और आये दिन कोई   मशीन  खराब हो जाती है, तो  काली हल्दी को पीसकर केशर व गंगा जल मिलाकर प्रथम बुधवार को उस मशीन पर स्वास्तिक बना दें। यह उपाय करने से मशीन जल्द  खराब नहीं होगी।
10- दीपावली के दिन पीले वस्त्रों में काली हल्दी के साथ एक चांदी का सिक्का  रखकर धन रखने के स्थान पर रख देने से वर्ष भर मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है।
अन्य उपाय
1.चंदन की भाँति काली हल्दी का टीका लगाएँ। यदि अपनी कनिष्ठा उँगली का रक्त भी मिला दिया जाए तो प्रभाव में वृद्धि होगी। यह तिलक लगाने वाला सबका प्यारा होता है। सामने वाले को आकर्षित करता है।
2. काली हल्दी रोली तुलसी की मंजरी को समरूप आंवले के रस में पीस कर जिसके भी सामने जायेंगे वो स्वत: आपके अनुरूप कार्य करेगा।
3. व्यक्ति विशेष हेतु वशीकरण के लिए काली हल्दी, श्वेतार्क की जड़, श्वेत चन्दन, गोरोचन, पान और हरसिंगार की जड़ पीस कर एक चाँदी की डिब्बी में लेप बनाकर रख लें। जिसे वश में करना हो उसके सम्मुख आने से पूर्व इसका तिलक धारण कर लें । काली हल्दी , श्वेतार्क मूल रक्त चन्दन और हनुमान मंदिर या काली मंदिर में हुए हवन की विभूति गोमूत्र में मिलाकर लेप बनायें और उससे घर के मुख्य  द्वार और सभी प्रवेश के दरवाजों के ऊपर स्वास्तिक का चिन्ह बनायें। इससे किसी भी प्रकार की बुरी नजऱ, टोना टोटका या बाधा आपके घर में प्रवेश नहीं कर सकेंगे।  काली हल्दी का चूर्ण दूध में भिगोकर चेहरे और शरीर पर लेप करने से सौन्दर्य की वृद्धि होती है।

इनका कहना है
काली हल्दी का तंत्र शास्त्र में बड़ा महत्व है। इसमें अद्भुत शक्ति है इसका सम्यक उपयोग अपने और दूसरों के कल्याण के लिए किया जा सकता है। इसे आसानी से जागृत किया जा सकता है।