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Tuesday, 18 February 2020

Karz Mukti ke upay कर्ज से छुटकारा पाने के उपाय : –

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Karz Mukti ke upay कर्ज से छुटकारा पाने के उपाय : –

बुधवार को सुबह नहाने के बाद खाली पेट गाय को हरा चारा खिलाये | यह प्रयोग लगातार तब तक करते रहे जब तक कि कर्ज के लिए परिस्तिथियाँ अनुकूल न हो जाये |
लगातार 2 मंगलवार को हनुमान जी को चौला चढ़ाये | और हनुमान जी के चरणों से सिन्दूर लेकर माथे पर टीका लगाये | इसके साथ – साथ नियमित रूप से हनुमान चालीसा और बजरंग बाण का पाठ करें |
प्रतिदिन लाल मसूर की दाल का दान करें | इस प्रयोग से कर्ज धीरे -धीरे कम होने लगता है |
भगवान श्री गणेश , रिद्धि -सिद्धि देने वाले देव कहलाते है | इसलिए नियमित रूप से उनकी पूजा करने से और दूर्वा व मोदक का भोग लगाने से कर्ज से मुक्ति मिलती है |
पांच गुलाब के ताजा फूल लेकर इन्हें 7 बार गायत्री मंत्र द्वारा अभिमंत्रित कर इसे एक सफ़ेद कपडे में बांधकर किसी नदी या बहते हुए जल में प्रवाहित कर दे | कर्ज चुकाने के द्वारा खुलने लगेंगे |
सर्व सिद्धि बीसा यन्त्र धारण करने से भी क़र्ज़ से मुक्ति मिलती है |
शनिवार के दिन घर की चौखट पर घोड़े की नाल को अभिमंत्रित कर लगाना चाहिए |
मंगलवार को किसी निकट के शिवमंदिर में जाकर शिवलिंग पर मसूर की दाल और जल अर्पित करे और साथ ही इस मंत्र का जाप भी करें ” ॐ ऋण मुक्तेश्वर महादेवाय  नमः ” |
शनिवार के दिन एक मिट्टी के दिए में सरसों का तेल भरकर इसे अच्छे से ढक दे | अब इस दिए को किसी तालाब या नदी के किनारे थोडा गड्डा खोदकर दबा दे | यह भी एक परीक्षित प्रयोग है कर्ज से शीघ्र मुक्ति पाने का |
कर्ज से जल्द छुटकारा पाने हेतु ऋणमोचन मंगल स्त्रोत का पाठ भी करना चाहिए |
इन सब उपायों के अतिरिक्त आप पूजा के समय इन मंत्रो की एक माला का जाप कर अपने कर्ज से मुक्ति (karz mukti ke upay) पा सकते है :

|| ॐ ऋण मुक्तेश्वर महादेवाय  नमः ||

|| ॐ मंगलमूर्तये नमः ||

||ॐ गं ऋणहर्तायै नमः  ||


राहु के 38 उपाय

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राहु को छाया ग्रह कहा जाता है, और श्रीमदभागवतमहापुराण में तो शुकदेवजी ने स्पष्ट वर्णनकिया कि यह सूर्य से 10 हजार योजन नीचे स्थित है,और श्याम वर्ण की किरणें निरन्तर पृथ्वी परछोडता रहता है, यह मिथुन राशि में उच्च का होता है,धनु राशि में नीच का हो जाता है, राहु और शनि रोगकारक ग्रह है, इसलिये यह ग्रह रोग जरूर देता है। काला जादू तंत्र टोना आदि यही ग्रह अपने प्रभाव सेकरवाता है। अचानक घटनाओं के घटने के योग राहु केकारण ही होते है, और षष्टांश में क्रूर होने पर ग्रद्य रोगहो जाते है। राहु ब्रह्माण्ड का दृश्य रूप है।

राहु की दशा से मुक्ति के उपाय

शनिवार के दिन सूर्य उदय से पूर्व दो मोर पंख ले कर आयेंपंख के नीचे भूरे रंग का धागा बाँध लेँ एक थाली मेंपंखों के साथ दो सुपारियाँ रखें गंगाजल छिड़कते हुए 21बार ये मंत्र पढ़ें "ॐ राहवे नम: जाग्रय स्थापय स्वाहा:"
चौमुखा दिया जला कर राहु को अर्पित करें. कोईभी मीठा प्रसाद बना कर चढ़ाएं।

राहु का जाप मंत्र :-
"ऊँ भ्रां भ्रीं भ्रौं स: राहुवे नम:॥" यह मंत्र 18000 बार रोजाना, शांति मिलने तक जाप करना चाहिए।

राहु ग्रह शांति के उपाय :-

1. अपने पास सफेद चन्दन अवश्य रखना चाहिए। सफेद चन्दन की माला भी धारण की जा सकती है। प्रतिदिन सुबह चन्दन का टीका भी लगाना चाहिए। अगर हो सके तो नहाने के पानी में चन्दन का इत्र डाल कर नहाएं।

2. राहु की शांति के लिए श्रावण मास में रुद्राष्टाध्यायी का पाठ करना सर्वोत्तम है।

3. शनिवार को कोयला, तिल, नारियल, कच्चा दूध, हरी घास, जौ, तांबा बहती नदी में प्रवाहित करें।

4. बहते पानी में शीशा अथवा नारियल प्रवाहित करें।

5. नारियल में छेद करके उसके अन्दर ताम्बे का पैसा डालकर नदी में बहा दें।

6. बहते पानी में तांबे के 43 टुकड़े प्रवाहित करें।

7. नदी में लकड़ी का कोयला प्रवाहित करें।

8. नदी में पैसा प्रवाहित करें।

9. एक नारियल + 11 बादाम (साबुत) काले वस्त्र मेंबांधकर जल में प्रवाहित करें।

10. हर बुधवार को चार सौ ग्राम धनियां पानी में
बहाएं।

11. कुष्ठ रोगी को मूली का दान दें।

12. काले कुत्ते को मीठी रोटियां खिलाएं।

13. मोर व सर्प में शत्रुता है अर्थात सर्प, शनि तथा राहू के संयोग से बनता है। यदि मोर का पंख घर के पूर्वी और उत्तर पश्चिम दीवार में या अपनी जेब व डायरी में रखा हो तो राहू का दोष कभी भी नहीं परेशान करता है, मोरपंख की पूजा करें या हो सके तो उसे हमेशा अपने पास रखें।

14. रात को सोते समय अपने सिरहाने में जौ रखें जिसे सुबह पंक्षियों को दें।

15. सरसों तथा नीलम का दान किसी भंगी या कुष्ठ रोगी को दें।

16. राहु ग्रह से पीडि़तव्यक्ति को रोजाना कबूतरों को बाजरे में काले तिल मिलाकर खिलाना चाहिए।

17. गिलहरी को दाना डालें।

18. दो रंग के फूलों को घर में लगाएं और गणेश जी को अर्पित भी करें।

19. कुष्ठ रोगियों को दो रंग वाली वस्तुओं का दान करें।

20. हर मंगलवार या शनिवार को चीटियों को मीठा खिलाएं।

21. अगर राहू आपकी कुंडली में 12 वे घर में बैठा है तो भोजन रसोई घर में करें।

22. अष्टधातु का कड़ा दाहिने हाथ में धारण करना चाहिए।

23. जमादार को तम्बाकू का दान करना चाहिए।

24. अपने पास ठोस चाँदी से बना वर्गाकार टुकड़ा रखें।

25. श्री काल हस्ती मंदिर की यात्रा।

26. चाय की कम से कम 200 ग्राम पत्ती 18 बुधवार दान करने से रोग कारक अनिष्टकारी राहु स्वास्थ्य लाभ प्रदान करता है।

27. नेत्रेत्य कोण में पीले फूल लगायें।

28. अपने घर के वायु कोण (उत्तर-पश्चिम) में एक लाल झंडा लगाएं।

29. यदि क्षय रोग से पीडि़त हों तो गोमूत्र से जौ को धो कर एक बोतल में रखें तथा गोमूत्र के साथ
उस जौ से अपने दाँत साफ करें।

30. शनिवार के दिन अपना उपयोग किया हुआ कंबल किसी गरीब को दान करें।

31. अमावस्या को पीपल पर रात में 12 बजे दीपक जलाएं।

32. शिवजी पर जल, धतुरा के बीज, चढ़ाएं और सोमवार
का व्रत करें।

33. यदि राहु चंद्रमा के साथ हो तो पूर्णिमा के दिन नदी की धारा में नारियल, दूध, जौ, लकड़ी का कोयला, हरी दूब, यव, तांबा, काला तिल प्रवाहित करें।

34. यदि राहु सूर्य के साथ हो तो सूर्य ग्रहण के समय कोयला और सरसों नदी की धारा में प्रवाहित करना चाहिए।

35. अगर आपकी कुंडली में भी राहु और शनि एक साथ बैठे है तो यह उपाय करे। हर रोज मजदूरों को तम्बाकु की पुडिया दान दे। ऐसा 43 दिन करे आपको कभी यह योग बुरा फल नहीं देगा।

36. यदि राहु सूर्य के साथ हो तो जौ को दूध या गौ मूत्र से धोकर बहते पानी में बहायें।

37. शुक्र राहु की युति होने पर दूध एवं हरे नारियल का दान करें ।

38. 41 दिन तक 1 रूपया प्रतिदिन भंगी को दें।

सूर्य के उपाय

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गाय का दान अगर बछड़े समेत
गुड़, सोना, तांबा और गेहूं
सूर्य से सम्बन्धित रत्न का दान
दान के विषय में शास्त्र कहता है कि दान का फल उत्तम तभी होता है जब यह शुभ समय में सुपात्र को दिया जाए। सूर्य से सम्बन्धित वस्तुओं का दान रविवार के दिन दोपहर में ४० से ५० वर्ष के व्यक्ति को देना चाहिए। सूर्य ग्रह की शांति के लिए रविवार के दिन व्रत करना चाहिए। गाय को गेहुं और गुड़ मिलाकर खिलाना चाहिए। किसी ब्राह्मण अथवा गरीब व्यक्ति को गुड़ का खीर खिलाने से भी सूर्य ग्रह के विपरीत प्रभाव में कमी आती है। अगर आपकी कुण्डली में सूर्य कमज़ोर है तो आपको अपने पिता एवं अन्य बुजुर्गों की सेवा करनी चाहिए इससे सूर्य देव प्रसन्न होते हैं। प्रात: उठकर सूर्य नमस्कार करने से भी सूर्य की विपरीत दशा से आपको राहत मिल सकती है।
सूर्य को बली बनाने के लिए व्यक्ति को प्रातःकाल सूर्योदय के समय उठकर लाल पुष्प वाले पौधों एवं वृक्षों को जल से सींचना चाहिए।
रात्रि में ताँबे के पात्र में जल भरकर सिरहाने रख दें तथा दूसरे दिन प्रातःकाल उसे पीना चाहिए।
ताँबे का कड़ा दाहिने हाथ में धारण किया जा सकता है।
लाल गाय को रविवार के दिन दोपहर के समय दोनों हाथों में गेहूँ भरकर खिलाने चाहिए। गेहूँ को जमीन पर नहीं डालना चाहिए।
किसी भी महत्त्वपूर्ण कार्य पर जाते समय घर से मीठी वस्तु खाकर निकलना चाहिए।
हाथ में मोली (कलावा) छः बार लपेटकर बाँधना चाहिए।
लाल चन्दन को घिसकर स्नान के जल में डालना चाहिए।
सूर्य के दुष्प्रभाव निवारण के लिए किए जा रहे टोटकों हेतु रविवार का दिन, सूर्य के नक्षत्र (कृत्तिका, उत्तरा-फाल्गुनी तथा उत्तराषाढ़ा) तथा सूर्य की होरा में अधिक शुभ होते हैं।
क्या न करें
आपका सूर्य कमज़ोर अथवा नीच का होकर आपको परेशान कर रहा है अथवा किसी कारण सूर्य की दशा सही नहीं चल रही है तो आपको गेहूं और गुड़ का सेवन नहीं करना चाहिए। इसके अलावा आपको इस समय तांबा धारण नहीं करना चाहिए अन्यथा इससे सम्बन्धित क्षेत्र में आपको और भी परेशानी महसूस हो सकती है।