असली सीता नहीं वरन माया की सीता का हरण किया था रावण ने
सीता मैया एक दिव्य स्वरूपा मानी जाती हैं इसलिए कहते हैं कि जब रावण उनका अपहरण करने आया था उसके पहले ही सीता के वास्तविक शरीर को अग्नि देव को सौंप दिया गया था क्यूंकि अगर रावण वास्तविक सीता को बुरी निगाह से देखता तो उसे देखकर ही भस्म हो जाता . अगर ऐसा होता तो मनुष्य को जाति को नारी के साथ अपनी मर्यादा का सबक नहीं मिलता जो कि रावण के अंत और उसके घमंड के अंत के साथ मिला . इसलिए अंत में भगवान राम ने अग्नि परीक्षा के रूप में अग्नि देवता से सीता को पुनः प्राप्त किया .
सीता मैया एक दिव्य स्वरूपा मानी जाती हैं इसलिए कहते हैं कि जब रावण उनका अपहरण करने आया था उसके पहले ही सीता के वास्तविक शरीर को अग्नि देव को सौंप दिया गया था क्यूंकि अगर रावण वास्तविक सीता को बुरी निगाह से देखता तो उसे देखकर ही भस्म हो जाता . अगर ऐसा होता तो मनुष्य को जाति को नारी के साथ अपनी मर्यादा का सबक नहीं मिलता जो कि रावण के अंत और उसके घमंड के अंत के साथ मिला . इसलिए अंत में भगवान राम ने अग्नि परीक्षा के रूप में अग्नि देवता से सीता को पुनः प्राप्त किया .
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