कामिया सिन्दूर द्वारा पति का अनुकूलन
"हथेली में हनुमन्त बसै, भैरु बसे कपार। नरसिंह की मोहिनी, मोहे सब संसार। मोहन रे मोहन्ता वीर, सब वीरन में तेरा सीर। सबकी नजर बाँध दे, तेल सिन्दूर चढ़ाऊँ तुझे। तेल सिन्दूर कहाँ से आया ? कैलास-पर्वत से आया। कौन लाया, अञ्जनी का हनुमन्त,गौरी का गनेश लाया। काला, गोरा, तोतला-तीनों बसे कपार। बिन्दा तेल सिन्दूर का, दुश्मन गया पाताल। दुहाई कमिया सिन्दूर की, हमें देख शीतल हो जाए। सत्य नाम, आदेश गुरु की।
कामिया सिन्दूर मिल जाये तो उसे सामने रख लें.
इस मन्त्र को रोज 108 बार जाप पूर्णिमा से प्रारंभ कर अगली पूर्णिमा तक करें.
इसका टीका [बिंदी] लगाकर पति के पास जाएँ.
ऐसा नित्य करें तो पति धीरे धीरे अनुकूल होने लगता है.
Saturday, 5 January 2019
कामिया सिन्दूर द्वारा पति का अनुकूलन kamiya sindoor se vashikaran
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