आज तक हमने कई मंदिरों के बारे में सुना है। लेकिन आज हम आपको एक ऐसे मंदिर के बारे में बताने जा रहे है जहां पर भगवान की जगह एक कुत्ते की पूजा की जाती है। इस मंदिर को कुकुरदेव मंदिर के नाम से जाना जाता है। यह मंदिर छत्तीसगढ़ के रायपुर से करीब 132 किलोमीटर दूर खपरी गांव में स्थित है।
आज तक हमने कई मंदिरों के बारे में सुना है। लेकिन आज हम आपको एक ऐसे मंदिर के बारे में बताने जा रहे है जहां पर भगवान की जगह एक कुत्ते की पूजा की जाती है। इस मंदिर को कुकुरदेव मंदिर के नाम से जाना जाता है। यह मंदिर छत्तीसगढ़ के रायपुर से करीब 132 किलोमीटर दूर खपरी गांव में स्थित है। 200 मीटर में फैले इस मंदिर के गर्भगृह में कुत्ते की मूर्ति स्थापित है और उसके पास ही एक शिवलिंग है। यहां के लोगों की मान्यता है कि कुकुरदेव के दर्शन करने से ना ही कुकुरखांसी होती है और ना ही किसी कुत्ते का खतरा होता है। बताया जाता है कि इस मंदिर को एक वफादार कुत्ते के याद में बनाया गया था।
कहा जाता है कि सदियों पहले इस गांव में एक परिवार आया था। जिनके साथ एक कुत्ता भी था। गांव में एक बार अचानक से अकाल पड़ गया। तो उस परिवार ने गांव के साहूकार से कर्ज ले लिया। लेकिन समय पर वह कर्ज वापस नहीं कर पाया। इस वजह से उसने अपने कुत्ते को साहूकार के पास गिरवी रख दिया। इसी दौरान एक दिन साहूकार के घर में चोरी हो गई और चोरों ने सारा माल चुराकर जमीन के नीचे गाड़ दिया। लेकिन इस बात की भनक कुत्ते को लग गई। वो साहूकार को उस जगह पर लेकर जहां पर चोरों ने माल गाड़ा था जब साहूकार ने जमीन खोदी तो वहां पर उसे अपना सारा माल वापस मिल गया।
कुत्ते की वफादारी देख साहूकार ने उसे आजाद करने का फैसला किया और उसके गले में एक चिट्ठी डाल कर अपने मालिक पास भेज दिया। कुत्ते को आता देख उसके मालिक ने सोचा की यह साहूकार के पास से भाग कर आया है इस वजह से उसने कुत्ते की पिटाई कर दी। जिससे कुत्ते की मौत हो गई लेकिन बाद में मालिक ने उसके गले में लटकी चिट्ठी पढ़ी। इसके बाद मालिक को काफी पछतावा हुआ है उसने बाद में वहां पर कुत्ते के याद में एक स्मारक बनवा दिया जो आज एक मंदिर के रूप में जाना जाता है।
Friday, 8 March 2019
मंदिर जहा होती है कुत्तो की पूजा , Mandir jaha kutto ki puja
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