Wednesday, 26 July 2017
संकट मोचक हनुमान अष्टक
संकट मोचक हनुमान अष्टक
जब मनुष्य चौतरफा संकटों से घिर जाता है, उनसे निकलने का रास्ता तलाशने में वह विफल हो जाता है तब हनुमान जी की उपासना से बहुत लाभ मिलता है। विशेष रूप से उस समय संकट मोचक हनुमान अष्टक का पाठ बहुत उपयोगी व सहायक सिद्ध होता है।
अंजनी गर्भ संभूतो, वायु पुत्रो महाबल:।
कुमारो ब्रह्मचारी च हनुमान प्रसिद्धिताम्।।
मंगल-मूरति मारुत नन्दन। सकल अमंगल मूल निकन्दन।।
पवन-तनय-संतन हितकारी। हृदय विराजत अवध बिहारी।।
मातु पिता-गुरु गनपति सारद। शिव समेत शंभु शुक नारद।।
चरन बंदि बिनवों सब काहू। देव राजपद नेह निबाहू।।
बंदै राम-लखन-बैदेही। जे तुलसी के परम सनेही।।
संकट मोचक हनुमान
बाल समय रवि भक्षि लियो, तब तीनहुं लोक भयो अंधियारो।
ताहि सों त्रास भयो जग को, यह संकट काहु सों जात न टारो।।
देवन आनि करी विनती तब, छांंिड़ दियो रवि कष्ट निवारो।
को नहिं जानत है जग में, कपि संकटमोचन नाम तिहारो।।
बालि की त्रास कपीस बसै गिरि, जात महाप्रभु पंथ निहारौ।
चौंकि महामुनि शाप दियो तब, चाहिए कौन विचार विचारो।।
कै द्विज रूप लिवाय महाप्रभु, सो तुम दास के शोक निवारो।
को नहिं जानत है जग में, कपि संकटमोचन नाम तिहारो।।
अंगद के संग लेन गये सिय, खोज कपीस ये बैन उचारो।
जीवत ना बचिहों हमसों, जु बिना सुधि लाये यहां पगुधारो।।
हेरि थके तट सिन्धु सबै तब, लाय सिया, सुधि प्राण उबारो।
को नहिं जानत है जग में, कपि संकटमोचन नाम तिहारो।।
रावन त्रास दई सिय की, सब राक्षसि सों कहि शोक निवारो।
ताहि समय हनुमान महाप्रभु, जाय महा रजनीचर मारो।।
चाहत सीय अशोक सों आगि, सो दे प्रभु मुद्रिका शोक निवारो।
को नहिं जानत है जग में, कपि संकटमोचन नाम तिहारो।।
बान लग्यो उर लछिमन के तब, प्रान तजे सुत रावन मारो।
ले गृह वैद्य सुषेन समेत, तबै गिरि द्रोण सुबीर उपारो।।
आन संजीवन हाथ दई तब, लछिमन के तुम प्रान उबारो।
को नहिं जानत है जग में, कपि संकटमोचन नाम तिहारो।।
रावन युद्ध अजान कियो तब, नाग की फाँस सबै सिर डारौ।
श्री रघुनाथ समेत सबै दल, मोह भयौ यह संकट भारो।।
आनि खगेश तबै हनुमान जी, बन्धन काटि सो त्रास निवारो।
को नहिं जानत है जग में, कपि संकटमोचन नाम तिहारो।।
बंधु समेत जबै अहिरावन, लै रघुनाथ पताल सिधारो।
देविहिं पूजि भली विधि सों, बलि देहुं सबै मिलि मंत्र विचारो।।
जाय सहाय भयो तब ही, अहिरावन सैन्य समेत संहारो।
को नहिं जानत है जग में, कपि संकटमोचन नाम तिहारो।।
काज किये बड़ देवन के तुम, वीर महाप्रभु देखि विचारो।
कौन सो संकट मोर गरीब को, जो तुमसौं नहिं जात है टारो।।
बेगि हरो हनुमान महाप्रभु, जो कुछ संकट होय हमारो।
को नहिं जानत है जग में, कपि संकटमोचन नाम तिहारो।।
देहा
लाल देह लाली लसे, अरु धरि लाल लंगूर।
वजú देह दनव दलन, जय जय जय कपि सूर।।
अमावस्या को इन 7 उपायों में करें कोई 1 उपाय
अमावस्या में श्रावण मास की अमावस्या का अपना ही एक अलग महत्व होता है। इसे हरियाली अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है। सावन और अमावस्या के योग में पूजा-अर्चना करने से अक्षय फल की प्राप्ति होती है। इसके साथ ही व्यक्ति के सभी कष्ट दूर होते हैं।
हरियाली अमावस पर पीपल के वृक्ष की पूजा एवं फेरे किये जाते है तथा मालपूए का भोग बनाकर चढाये जाने की परम्परा है। हरियाली अमावस्या पर वृक्षारोपण का अधिक महत्व है। इस दिन उन लोगों का तर्पण करने से आपके पूर्वजों की कृपा आपके ऊपर हमेशा बनी रहती है। इस दिन कोई शुभ उपाय करने से पितर अधिक प्रसन्न होते है। जिसके कारण आपके घर लक्ष्मी खुद चलकर आती है। इन उपायों में से कोई एक उपाय अपनाएं। जानिए इन उपायों के बारें में।
- इस दिन भगवान शिव को खीर का भोग लगाना शुभ माना जाता है। इसलि्ए सूर्यास्त के बाद घर में खीर बनाएं और इशका भोग लगाएं।
- इस दिन चीटियों को चीनी मिला हुआ आटा खिलाना शुभ माना जाता है। ऐसा करने से आपके पाप कर्मों का प्रायश्चित होगा साथ ही आपको हर काम में सफलता और हर इच्छा पूरी होगी।
- आज शाम को एक गाय के घी का दीपक लगाएं। और बत्ती बनाने में रुई का इस्तेमाल न करके लाल रगं के धागे का इस्तेमाल करें और इसमें थोड़ी सी केसर डालें। फिर इसे घर के ईशान कोण में जलाएं। इससे आपके घर में सुख-समृद्धि आएगी। और महालक्ष्मी कृपा हमेशा बनी रहेगी।
- इस दिन शिवलिंग पर जल, दूध व काले तिल अर्पित करें। इससे सदैव भोलेनाथ की कृपा बनी रहती है।
- इस दिन किसी भूखे को भोजन कराने से अच्छा फल मिलता है। वह भूखा इंसान, पशु-पक्षी कोई भी हो सकता है। आप चाहे तो किसी तालाब में जाकर मछलियों को आटा की गोलिया खिलाएं। इससे आपको हर परेशानी से निजात मिल जाएगा।
- अगर आपकी कुंडली में शनि, राहु और केतु का दोष है, तो अमावस्या के दिन पीपल पर जल चढ़ाकर उसकी 7 परिक्रमा करें।
- इस दिन अनाज दान करने का अधिक महत्व है।
- अमावस्या के दिन पीपल की पूजा विधि-विधान के साथ करें। इसके साथ ही जनेऊ भी अर्पित करें। इसके बाद भगवान विष्णु का स्मरण करते हुए इस मंत्र का जाप करें- ऊं नोम भगवते वासुदेवाय नम:।
शीघ्र गर्भवती होने के उपाय
शीघ्र गर्भवती होने के उपाय
क्या आप गर्भधारण के लिए प्रयास कर रहे हैं? आप दोनों जीवनशैली में कुछ बदलाव करके अपनी प्रजनन क्षमता को बढ़ा सकते हैं। इस बारे में प्रमुख सुझाव नीचे पढ़ें।
पहला उपाय: सेहतमंद आहार खाएं
भोजन और प्रजनन क्षमता दोनों एक दूसरे से जुड़े हुए हैं। अगर, आप दोनों नियमित स्वस्थ और संतुलित आहार लें, तो अपनी गर्भधारण करने की संभावनाओं को बढ़ा सकते हैं।दूसरा उपाय: साथ मिलकर व्यायाम करें
स्वस्थ और तंदुरुस्त रहना प्रजनन क्षमता को बढ़ाने का एक अच्छा तरीका है। आपको बहुत ज्यादा व्यायाम करने की जरुरत नहीं है। बस नियमित साइकिल चलाना, टहलना या धीमी गति से दौड़ना ही काफी है। साइकिल की सीट पर कई घंटों तक बैठने से कुछ पुरुषों की प्रजनन क्षमता पर असर पड़ सकता है, मगर शौकिया तौर पर साइकिल चलाने में कोई बुराई नहीं है।तीसरा उपाय: आराम करें
तनाव में रहने से आपकी गर्भधारण की संभावनाओं पर असर पड़ सकता है। इसलिए, आप दोनों समय निकालकर एक-दूजे के साथ आरामदायक पल बिताएं।चौथा उपाय: कुछ आदतों में बदलाव
लंबे समय तक बैठे रहने, लैपटॉप को गोद में रखकर इस्तेमाल करने, गर्मी के वातावरण में काम करने और तंग अंडरवियर पहनने से आपके शुक्राणु उत्पादन पर असर पड़ सकता है। अगर, आप पिता बनना चाह रहे हैं, तो लैपटॉप को मेज पर रखकर काम करने और ढीला अंडरवियर पहनने से आपको फायदा हो सकता है।पांचवा उपाय: साथ घूमने जाएं
आप दोनों कंसेप्शनमून पर जाएं। कंसेप्शमून वे छुट्टियां हैं, जो लोग सिर्फ गर्भधारण के प्रयास के लिए लेते हैं। कई बार अपनी रोजमर्रा की दिनचर्या से हटकर कुछ अलग करना फायदेमंद हो सकता है। इससे आपको एक दूसरे के लिए समय निकालने और आराम करने में वाकई मदद मिल सकती हैछठा उपाय: शराब का सेवन कम करें
अत्याधिक मात्रा में शराब पीने से आपकी प्रजनन क्षमता कम हो सकती है। कभी-कभार शराब का सेवन ठीक है, मगर यदि शराब आप दोनों की दैनिक जिंदगी का हिस्सा है, तो आप इसे कम करने का प्रयास करें।सातवां उपाय: धूम्रपान छोड़ें
धूम्रपान, महिलाओं और पुरुषों में प्रजनन क्षमता घटाने के लिए जाना जाता है। अगर, आपने यह आदत नहीं छोड़ी है, तो क्यों न अब आप दोनों ऐसा करने में एक-दूसरे की मदद करें।- आठवां उपाय :नियमित संभोग करें, मगर अनुशासित नहीं जैसा कि हम सब जानते हैं, कि प्रेम संबंध बनाना सबसे महत्वपूर्ण है! हालांकि, अपनी डिंबोत्सर्जन (ओव्यूलेशन) अवधि का पता होने से फायदा होता है, मगर हर दूसरे या तीसरे दिन संभोग करने से भी आपके गर्भधारण की संभावना काफी ज्यादा रहती हैं।
नौवां उपाय: प्यार को फिर से जगाएं
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