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Tuesday, 16 January 2018

मधुमेह के घरेलु उपाय

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बदलता परिवेश और रहन-सहन शहर में मधुमेह ( madhumeh ) के मरीजों की संख्या में तेजी से इजाफा कर रहा है। खान-पान पर नियंत्रण न होना भी इसके लिए जिम्मेदार है। डायबिटीज ( diabetes ) के मरीज को सिरदर्द, थकान जैसी समस्याएं हमेशा बनी रहती हैं। मधुमेह में खून में शुगर ( sugar ) की मात्रा बढ जाती है। ऐलोपैथिक में इसका कोई स्थायी इलाज नहीं मिल पाया है परन्तु आयुर्वेद के उपायों, जीवनशैली में बदलाव, शिक्षा तथा खान-पान की आदतों में सुधार द्वारा रोग को पूरी तरह नियंत्रित किया जा सकता है।

यहाँ मधुमेह ( madhumeh ) को नियंत्रण करने के हम कुछ आसन से घरेलू उपाय बता रहे है जानिए मधुमेह से कैसे निजात पाएं, madhumeh se kaise nijat payen

मधुमेह के उपाय
( Madhumeh Ke Upay )


मधुमेह और दिल के मरीजो के रोगियों के लिए बहुत लाभकारी प्रयोग :-
अच्छी क्वालिटी के दो मुट्ठी साफ गेंहू को 10 मिनट तक पानी में उबालने के बाद उन्हें ठंडा होने पर किसी कपडे में रख कर उसको लगातार पानी में भिगो कर रखे ताकि वो अंकुरित हो सके। उबालने के बाद 10-15 प्रतिशत गेंहू में ही अंकुरित होने का सामर्थ्य बचा होगा ।
जब 4-5 दिन के बाद गेंहू में लगभग एक इंच तक लंबे अंकुर निकल आये तो उन्हें सिर्फ दो से तीन तक खाली पेट खाएं इससे मधुमेह से हमेशा के लिए छुटकारा मिल जायेगा । इस प्रयोग को ब्रिटेन के वैज्ञानिकों ने बहुत से लोगो पर जांचा और ये अद्भुत उपाय जांच में बिलकुल सही साबित हुआ।

यदि इसे दो और दिन तक अर्थात लगातार 5 दिन तक खाया जाय तो हार्ट अटैक की सम्भावना भी बिलकुल नगण्य हो जाती है ।
इसे खाने के बाद एक घंटे तक कुछ भी ना खाएं ।

मधुमेह पर नियंत्रण रखने के लिए नित्य प्रात: बिना कुछ भी खाए गिलोय अथवा नीम की दातुन से अपने दाँत साफ करने चाहिए । दातुन करने की प्रकिया में जो भी रस निकले उसे थूकें नहीं वरन नगलते जाएँ । गिलोय एवं नीम का रस मधुमेह में चमत्कार का काम करता है ।
इस छोटे से उपाय को अपनी दिनचर्या बनाने से जीवन में कभी भी मधुमेह पास भी नहीं आएगी और जिन्हे है उनकी पूरी तरह से नियन्त्रण में रहेगी ।

तुलसी के पत्तों में ऐन्टीआक्सिडन्ट और ज़रूरी तेल होते हैं जो इनसुलिन के लिये सहायक होते है । इसलिए शुगर लेवल को कम करने के लिए दो से तीन तुलसी के पत्ते को प्रतिदिन खाली पेट लें, या एक टेबलस्पून तुलसी के पत्ते का जूस लें। इससे मधुमेह में लाभ ( madhumeh me labh ) मिलता है

10 मिग्रा आंवले के जूस को 2 ग्राम हल्दी के पावडर में मिला लीजिए। इस घोल को दिन में दो बार लीजिए। इससे खून में शुगर नियंत्रण ( Sugar Niyantran ) में रहती है।

काले जामुन डायबिटीज की अचूक औषधि ( Diabetes Ki Achuk Aushadhi ) मानी जाती है। मधुमेह के रोगी ( Madhumeh ki rogi ) को काले नमक के साथ जामुन खाना चाहिए। इससे खून में शुगर की मात्रा नियंत्रित होती है ।

लगभग एक महीने के लिए अपने रोज़ के आहार में एक ग्राम दालचीनी का इस्तेमाल करें, इससे ब्लड शुगर लेवल को कम करने के साथ वजन को भी नियंत्रण करने में मदद मिलेगी। यह मधुमेह का अचूक उपचार है । ( madhumeh ka achuk upchar )

करेले को मधुमेह की औषधि ( madhumeh ki aushadhi ) के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। इसका कड़वा रस शुगर की मात्रा कम करता है।अत: इसका रस रोज पीना चाहिए। उबले करेले के पानी से मधुमेह को शीघ्र स्थाई रूप से समाप्त किया जा सकता है।

मधुमेह के उपचार के लिए मैथीदाने का बहुत महत्व है, इससे पुराना मधुमेह भी ठीक हो जाता है। मैथीदानों का चूर्ण नित्य प्रातः खाली पेट दो टी-स्पून पानी के साथ लेना चाहिए ।

काँच या चीनी मिट्टी के बर्तन में 5-6 भिंडियाँ काटकर रात को गला दीजिए, सुबह इस पानी को छानकर पी लीजिए। इससे मधुमेह दूर होती है

मधुमेह मरीजो को नियमित रूप से दो चम्मच नीम और चार चम्मच केले के पत्ते के रस को मिलाकर पीना चाहिए।

ग्रीन टी भी मधुमेह मे बहुत फायदेमंद मानी । जाती है ग्रीन टी में पॉलीफिनोल्स होते हैं जो एक मज़बूत एंटी-ऑक्सीडेंट और हाइपो-ग्लाइसेमिक तत्व हैं, शरीर इन्सुलिन का सही तरह से इस्तेमाल कर पाता है।

सहजन के पत्तों में दूध की तुलना में चार गुना कैलशियम और दुगना प्रोटीन पाया जाता है। मधुमेह में इन पत्तों के सेवन से भोजन के पाचन और रक्तचाप को कम करने में मदद मिलती है। इसके नियमित सेवन से भी लाभ प्राप्त होता है ।



Ruchi Sehgal


बीमारियो से मुक्ति के टोटके

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हर व्यक्ति चाहता है कि वह और उसके परिवार के सदस्य आरोग्य को प्राप्त करें अर्थात निरोगी बने रहे । लेकिन वर्तमान समय के रहन सहन, खान-पान, शरीरिक श्रम की कमी के कारण लोगो को रोग बहुत जल्दी घेर लेते है ।
इन बिमारियों से मुक्ति ( Bimariyo Se Mukti ) के लिए कई उपाय, कई टोटके बताये गए है जिन्हे ध्यान पूर्वक करने से रोगो से छुटकारा Rogon se Chuthkara पाया जा सकता है ।
यहाँ पर हम रोग निवारण के कई आसान उपाय बता रहे है जिसे निरोगी काया पायी जा सकती है, बीमारी से मुक्ति ( Bimari se mukti ) के उपाय ।
जानिए बीमारी से मुक्ति के उपाय, Bimari se mukti ke upay, रोगों से मुक्ति के उपाय, Rogo se mukti ke upay

बाजार से कपास के थोड़े से फूल खरीद लें। रविवार शाम 5 फूल, आधा गिलास पानी में साफ कर के भिगो दें। सोमवार को प्रात: उठ कर फूल को निकाल कर फेंक दें तथा बचे हुए पानी को पी जाएं। जिस पात्र में पानी पीएं, उसे कहीं पर भी उल्टा कर के रख दें। कुछ ही दिनों में आश्चर्यजनक स्वास्थ्य लाभ अनुभव करेंगे ।

रात्रि के समय शयन कक्ष में कपूर जलाने से पितृ दोष Pitradosh का नाश होता है, घर में शांति बनी रहती है, बुरे स्वप्न नहीं आते है और सभी प्रकार के रोगों से भी छुटकारा ( rogo se chutakra ) मिलता है ।

पूर्णिमा के दिन रात्रि में घर में खीर बनाएं। ठंडी होने पर उसका मंदिर में मां लक्ष्मी को भोग लगाएं एवं चन्द्रमा और अपने पितरों का मन ही मन स्मरण करें और कुछ खीर काले कुत्तों को दे दें। ऐसा वर्ष भर पूर्णिमा में करते रहने से घर में सुख शांति Ghar Me Shukh Shanti, निरोगिता एवं हर्ष और उल्लास का वातावरण बना रहता है धन की कभी भी कमी नहीं रहती है ।

घर में कोई बीमार हो जाए तो उस रोगी को शहद में चन्दन मिला कर चटाएं ।

यदि घर में पुत्र बीमार हो तो कन्याओं को हलवा खिलाएं एवं पीपल के पेड़ की लकड़ी को सिरहाने रखें।


जिस घर में स्त्रीवर्ग को निरन्तर स्वास्थ्य की पीड़ाएँ रहती हो, उस घर में तुलसी का पौधा लगाकर उसकी श्रद्धापूर्वक देखशल करने, संध्या के समय घी का दीपक जलाने से रोग पीड़ाएँ शीघ्र ही समाप्त होती है।

यदि घर में किसी की तबियत ज्यादा ख़राब लग रही है तो रविवार के दिन बूंदी के सवा किलो लड्डू किसी भी धार्मिक स्थान चड़ा कर उसका कम से कम 75% वहीँ पर प्रसाद के रूप में बांटे।

अगर परिवार में कोई परिवार में कोई व्यक्ति बीमार है तथा लगातार दवा सेवन के पश्चात् भी स्वास्थ्य लाभ नहीं हो रहा है, तो किसी भी रविवार से लगातार 3 दिन तक गेहूं के आटे का पेड़ा तथा एक लोटा पानी व्यक्ति के सिर के ऊपर से उसार कर जल को पौधे में डाल दें तथा पेड़ा गाय को खिला दें। इन 3 दिनों के अन्दर व्यक्ति अवश्य ही स्वस्थ महसूस करने लगेगा। अगर इस अवधि में रोगी ठीक हो जाता है, तो भी इस प्रयोग को अवश्य पूरा करना चाहिए।

पीपल के वृक्ष को प्रात: 12 बजे के पहले, जल में थोड़ा दूध मिला कर सींचें और शाम को तेल का दीपक और अगरबत्ती जलाएं। ऐसा किसी भी दिन से शुरू करके 7 दिन तक करें ( अगर सोमवार से शुरू करें तो अति उत्तम होगा )। रोग से ग्रस्त व्यक्ति को जल्दी ही आराम मिलना प्रारम्भ हो जायेगा।

शुक्रवार रात को मुठ्ठी भर काले साबुत चने भिगोयें। शनिवार की शाम उन्हें छानकर काले कपड़े में एक कील और एक काले कोयले के टुकड़े के साथ बांध दें । फिर इस पोटली को रोगी के ऊपर से 7 बार वार कर किसी तालाब या कुएं में फेंक दें। ऐसा लगातार 3 शनिवार करें। बीमार व्यक्ति शीघ्र अच्छा हो जायेगा।

यदि कोई प्राणी कहीं देर तक बैठा हो और उसके हाथ या पैर सुन्न हो जाएँ तो जो अंग सुन्न हो गया हो, उस पर उंगली से 27 का अंक लिख दीजिये, उसका सुन्न अंग तुरंत ठीक हो जाएगा।

काले तिल और जौ का आटा तेल में गूंथकर एक मोटी रोटी बनाकर उसे अच्छी तरह सेंकें। गुड को तेल में मिश्रित करके जिस व्यक्ति के मरने की आशंका हो, उसके सिर पर से 7 बार उतार कर मंगलवार या शनिवार को किसी भैंस को खिला दें।यह क्रिया करते समय ईश्वर से रोगी को शीघ्र स्वस्थ करने की प्रार्थना करते रहें।

गुड के गुलगुले सवाएं लेकर उसे 7 बार रोगी के सर से उतार कर मंगलवार या शनिवार व इतवार को चील-कौए को डाल दें, रोगी को तुरंत राहत मिलने लगती है।



Ruchi Sehgal

Friday, 12 January 2018

दुकान का वास्तु, Dukan Ka Vastu

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दुकान का वास्तु Dukan,Shop ka vastu in Hindi -

शो रूम का वास्तु
Show Room Ka Vastu


वर्तमान युग में करोड़ो लोग व्यापार को अपनी आजीविका बनाये हुए है । वह चाहे दुकान हो या शो रूम चाहे किराने का, दवा का, स्टेश्नरी का, गिफ्ट शाप, कपड़े का, सोने चाँदी का, टेलरिंग का,ऑटो पार्ट्स का, मोबाईल का, इलेक्ट्रॉनिक्स का, पेंट्स का, हार्डवेयर का,लोहे का, फर्नीचर का चाहे कोई भी काम हो कोई भी क्षेत्र हो करोडो लोग इनसे अपनी आजीविका चला रहे है,
जानिए दुकान का वास्तु, Dukan Ka Vastu,शो रूम का वास्तु, Show Room Ka Vastu ।

इनमें सभी व्यक्ति चाहते है कि उनका व्यापार खूब फले फूले इसके लिए वह अथक प्रयास करता है, लेकिन अनेको बार ऐसा भी देखा गया है कि तमाम प्रयासों, अत्यधिक परिश्रम के बावजूद भी उसे संतोषजनक सफलता नहीं मिल पाती है ।
इसका एक प्रमुख कारण उसकी दुकान, उसके व्यापारिक स्थल का वास्तु दोष भी हो सकता है । अत: व्यापार करने से पहले यह सुनिश्चित कर लें की उसकी दुकान वास्तु सम्मत है अथवा नहीं , अगर नहीं तो उसमें कितना सुधार किया जा सकता है । ध्यान रहे की आपके कार्य / व्यापार पर आपके पूरे परिवार का भविष्य निर्भर होता है अत: यदि आपकी दुकान में वास्तु दोष है तो उसे अवश्य ही दूर करें ।
हम यहाँ पर आपको दुकान, शो रूम, व्यापारिक प्रतिष्ठान के आसान से वास्तु के उपाय बता रहे है जिन्हे करके आप निश्चित रूप से लाभ प्राप्त कर पाएंगे ।

जहाँ तक संभव हो सके आपकी दुकान का प्रवेश द्वार (Dukan Ka Pravesh Dwar)उतर या पूर्व कि ओर ही होना चाहिए ।

आप अपनी दुकान अपने आफिस में अपने बैठने की व्यवस्था ऐसे करें की आपका मुख उत्तर की ओर रखें। उत्तर की दिशा कुबेर की दिशा है अत: इस तरफ मुँह करके बैठने से व्यापार में काफी लाभ होता है। उत्तर की तरह मुख करके बैठने से मस्तिष्क ज्यादा सक्रिय रहता हैं और सामने वाले के ऊपर आपका प्रभाव भी ज्यादा पड़ता है। आपको अपना कैश बॉक्स और महत्वपूर्ण कागज, चैक-बुक आदि भी अपनी दाहिनी ओर रखना चाहिए । इससे धन लाभ के साथ साथ समाज में मान-प्रतिष्ठा भी बढ़ती है।


अगर दुकान में उत्तर की तरफ मुख करके बैठना संभव ना हो तो पूर्व की तरफ मुख करके बैठिये । पूर्व भगवान सूर्य देव की दिशा है इस तरफ चेहरा करके बैठने से भी धन और यश की प्राप्ति होती है ।

आपकी दुकान के कैश काउंटर ,मालिक या मैनेजर के बैठने के स्थान के ऊपर कोई बीम नहीं होना चाहिए , यदि मज़बूरी वश वहाँ पर बैठना ही पड़े तो उस बीम को फाल सीलिंग अथवा टाइल्स से अवश्य ही ढक लें और बीम के दोनों और लाल रिबन अथवा कलावा से बाँसुरी को लटका दें ।

यदि आपकी दुकान में कोई द्वार है तो उसे अंदर की ओर ही खुलना चाहिए ।


दुकान, शो रूम में बिक्री काउंटर पर खड़े सेल्समैनों का मुँह भी पूर्व या उत्तर कि ओर ही होना चाहिए ।

अपनी दुकान, शो रूम के ईशान कोण को खाली एवं बिलकुल साफ रखे । अपना मंदिर भी आप इसी ईशान दिशा अथवा पूर्व दिशा में ही बनायें ।

जल की व्यवस्था ईशान, उत्तर अथवा पूर्व दिशा में ही करें ।

अपनी दुकान, शो रूम में शोकेस , अलमारियाँ और किसी भी प्रकार का भारी फर्नीचर दक्षिण, नेत्रत्य अथवा पश्चिम दिशा में बनवाएं । तथा किसी भी प्रकार का भण्डारण, भारी सामान, तैयार मॉल, मॉल का स्टॉक इसी दिशा में रखें ।

अपनी दुकान में ग्राहकों के आने जाने के लिए पूर्व तथा उत्तर की दिशा को खाली रखें ।