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Saturday, 12 May 2018

स्वप्न सिद्धि तंत्र साधना मंत्र

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स्वप्न सिद्धि तंत्र साधना मंत्र

स्वप्न सिद्धि तंत्र साधना मंत्र

स्वप्न सिद्धि साधना, शिव स्वप्न तंत्र साधना, स्वप्नेश्वरी देवी साधना- सपना एक ऐसा शब्द है जिसके बारे प्रत्येक इंसान जानना चाहता है| हर व्यक्ति सपना देखता है मगर बहुत कम लोग इसके बारे में जानते हैं| प्राचीन काल से ही इसके रहस्य को जानने की चेष्टा की जाती रही है| ऋषि मुनियों से लेकर बड़े-बड़े मनोवैज्ञानिक तक इसकी गुत्थी सुलझाते रहे लेकिन आज भी यह नहीं कहा जा सकता कि इसे पूरी तरह समझ लिया गया है| समान्यतया यह माना जाता है कि दिन भर आप जिस मनः स्थिति में होते हैं, रात में वही स्वप्न में दिखता है| परंतु यह एक सतही बात हुई| लगभग सभी धर्मों में स्वप्न को भविष्य के प्रति एक संकेत माना गया है|

अर्थात ऐसी कोई शक्ति है जो स्वप्न में आकर संकेत देती है कि आने वाले समय में आपके साथ यह होने वाला है| बेबीलोनिया का एक प्राचीन ग्रंथ है ,एपीक ऑफ गिलगामेश’| यह एक महाकाव्य है| इसमे एक घटना का उल्लेख है कि गिलगामेश नामक नायक ने एक सपना देखा कि आकाश से एक बड़ी कुल्हाड़ी गिरी| लोग इसे दैवी चमत्कार मानकर उसके इर्द-गिर्द खड़े हो जाते हैं| परंतु गिलगामेश ने उस कुल्हाड़ी को उठाकर अपनी माँ के सामने फेंक दिया| पुनः उसे उठाकर गले लगा लिया| वह इस स्वप्न का अर्थ नहीं समझ पा रहा था| उसकी माँ निनसून ने इसका समाधान करते हुए कहा कि जल्दी ही कोई शक्ति सम्पन्न व्यक्ति तुम्हारे जीवन में आएगा| तुम्हारा उसके साथ संघर्ष होगा| बाद में वह तुम्हारा मित्र बनेगा| तुमने उसे पत्नी की तरह गले लगाया इसलिए वह तुम्हारा साथ कभी नहीं छोड़ेगा|
अभिप्राय यह कि दुनिया भर में सपनों की अलग-अलग व्याख्या होती रही है| इससे आध्यात्मिक क्षेत्र भी अछूता नहीं है| भारतीय धर्मग्रंथो में स्वपनेश्वरी देवी का उल्लेख है| इनकी साधना से इंसान अपने भावी जीवन के बारे में बहुत कुछ जान सकता है| यदि भविष्य के बारे में तनिक भी संकेत मिल जाए तो निर्णय लेना सरल हो जाता है| इसलिए कोई भी व्यक्ति इनकी साधना कर सकता है|
स्वपनेश्वरी देवी साधना
भारतीय तंत्र शास्त्र में शिव को स्वप्न देवता अर्थात स्वपनेश्वर और उनकी शक्ति देवी पार्वती को स्वपनेश्वरी कहा गया है| ग्रंथो में देवी की छवि का वर्णन इस प्रकार है – वह श्वेत वसना, परम सौम्या, कान्तिवती तथा श्वेत आभा से युक्त हैं|
यदि जीवन में ऊहापोह की स्थिति हो, निर्णय लेने में दुविधा हो रही हो तो उचित निर्णय के मार्गदर्शन हेतु यह साधना की जा सकती है| इसके लिए प्रथमतः रात अथवा दोपहर के समय अथवा ऐसा समय जिसमे आप आराम से सो सकें| स्नान कर के साफ-स्वच्छ वस्त्र पहन लें| अब साफ धुले बिस्तर पर बैठ जाएँ| किसी कागज पर अपनी समस्या लिखें| निर्णय लेने मे क्यों दुविधा हो रही है यह भी लिखें| अब निम्नलिखित मंत्र का जाप करना प्रारम्भ करें –
देवी स्वपनेश्वरी नमस्तूभ्यं फलाय-वरदाय-च| मम सिद्धि-असिद्धि वा स्वपनये सर्वं प्रदर्शयेत||
स्वनेश्वरी देवी का मन ही मन ध्यान करते हुए इस मंत्र का जाप तब तक करें जब तक नींद ना आ जाए| यद्यपि जाप हेतु संख्या महत्वपूर्ण होती है इसलिए कम से कम 551 अथवा 1100 अवश्य करें| जाप की स्थिति में अपनी कामना को किसी अन्य ऊर्जा जोड़ने के बाद साधक एकाग्रता की चरम पर पहुँच जाता है| जिसके पहले सोपान में योग निद्रा आती है| किसी भी ध्यान की अवस्था में योगनिद्रा पहली सीढ़ी है| इस नींद से जागने पर अद्भुत ताजगी का एहसास होता है| जब साधक इस सोपान से ऊपर उठता है तब उसे सिद्धि प्राप्त होती है| परंतु स्वपनेश्वरी देवी की साधना हेतु आपको इसी सोपान पर रुकना है| देवी से आदेश प्राप्त करना है कि मैं आगे क्या करूँ| इसी अवस्था में स्वप्न के माध्यम से देवी संकेत देती हैं| ऐसा निरंतर 21 दिन तक करें| उसके अगले दिन कुँवारी कन्या को भोजन करवाएँ तथा दक्षिणा देकर विदा करें|  संभव है इसके बाद भी आपको किसी प्रकार का स्वप्न न आए अथवा नींद में बेसिरपैर की चीजें दिखें|ऐसा इसलिए होता है क्योंकि आप सायास स्वप्न देखना चाहते हैं| और ऐसा किसी प्रकार संभव नहीं है| परंतु इससे हताश होने की जरुरत नहीं है| पहले दिन की भांति जाप करते रहें| निरंतर अभ्यास से यह सिद्धि प्राप्त हो जाती है| इसके लिए कुछ सावधानी आवश्यक है –
  • आपके कपड़े, बिस्तर की चादर, कक्ष साफ सुथरे हों|
  • भोजन के कम से कम एक घंटे बाद यह साधना करें क्योंकि कई बार गैस, अपच अथवा भरे पेट के कारण डरावने स्वप्न आते हैं| ऐसे में सही संकेत समझना कठिन हो जाएगा|
  • सोने से पूर्व हाथ-मुंह धो लें| अक्सर परिवार के बड़े-बूढ़े कहते हैं सोने से पहले पैर धो लो| इसके पीछे कारण यह है कि गंदगी अपने साथ नकारात्मक ऊर्जा को भी आकर्षित करती है| बुरी आत्माएँ गंदगी की तलाश में रहती हैं| इसलिए यह अपनी दिनचर्या में शामिल कर लेना चाहिए|
  • जब समस्या समाधान हेतु साधना करें तो अकेले सोने का प्रयास करें|
  • एक ही बार स्वप्न आए तो उसे संकेत न समझकर बार-बार यही क्रिया करें| यदि निरंतर एक ही सपना आए तो उसका उचित विश्लेषण करें|
इस विधि के द्वारा नौकरी, पदोन्नति, विवाह, कर्ज से छुटकारा जैसी समस्या के साथ-साथ मनोवांछित विवाह आदि के लिए भी साधना किया जा सकता है|
शिव स्वप्न तंत्र साधना
यह साधना गृहस्थों के लिए नहीं है बल्कि तंत्र मार्ग के उत्कर्ष तक पहुँचने के इच्छुक तंत्रिकों के लिए है| परंतु इसकी विधि सौम्य है| कुछ तंत्रिकों के अनुसार शिव पंचाक्षर मंत्र ॐ नमः शिवाय से भौतिक तथा आध्यातिमिक दोनों अभीष्ट की सिद्धि होती है| परंतु नमः सिवाय ॐ के जाप से तंत्र सिद्धि के मार्ग खुल जाते हैं| रुद्राक्ष की माला पर इस मंत्र का जाप सोमवार से प्रारम्भ कर अगले सोमवार के समाप्त करें| जाप संख्या अपने सामर्थ्यानुसार रखें| स्मरण रखें जाप संख्या जितनी अधिक होगी एकाग्रता और ध्यान की मात्रा भी उतनी ही होगी| जाप अवधि में अपना मुख उत्तर दिशा में रखें| अपने सम्मुख धूप दीप अगरबत्ती जला लें| शिव का आवाहन करें तथा उक्त मंत्र का जाप करें| एक सप्ताह के भीतर निद्रावस्था में गूढ़ स्थानो के दर्शन के साथ-साथ शिव का साक्षात्कार भी किया जा सकता है| परंतु इस दिव्य दर्शन के उपरांत भौतिक सुखों की चाह मिट जाती है तथा अधिकांश साधक जीवन से सन्यास लेकर शिव भक्ति में लीन हो जाते हैं|

कुंडली में तलाक के योग समाधान उपाय

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कुंडली में तलाक के योग समाधान ज्योतिष उपाय

पति-पत्नी का रिश्ता प्रेम तथा विश्वास पर आधारित होता है। मगर जब यह प्रेम और विश्वास विभिन्न कारणों से कम होने लगता है, तब बात-बात पर दोनों के बीच क्लेश और मतभेदों का जन्म होने लगता है। कभी-कभी दाम्पत्य जीवन के ये मतभेद इतने बढ़ जाते हैं, कि बात लड़ाई झगड़ों का रूप लेते हुए अंततः तलाक तक आ जाती है और रिश्ता समाप्त हो जाता है। किसी भी रिश्ते का टूटना अच्छा नहीं होता; इसलिए आज हम आपको उन उपायों के बारे में बताएंगे, जिनके द्वारा पति-पत्नी के बीच होने वाले तलाक को रोका जा सकता है और घर में पुनः शान्ति एवं प्रेम की स्थापना की जा सकती है।

सबसे पहले जानते हैं कि तलाक के कुंडली में योग कैसे बनते हैं?
-कुंडली में तलाक के योग बनने का मुख्य कारण होता है “लड़का-लड़की के गुणों का एक दूसरे से मेल ना खाना”। इसीलिए यह बेहद आवश्यक है कि विवाह के पूर्व लड़के व लड़की की कुंडलियों के गुणों का मिलान किसी योग्य व्यक्ति से करा लिया जाए।
1- इसके अलावा स्त्री या पुरुष, किसी के भी अष्टम या सप्तम भाव में किसी पापी ग्रह जैसे राहु, केतु आदि का बैठ जाना भी, घर में कलह से जनित तलाक का कारण बन जाता है।
2- पति-पत्नी के सप्तम भाव में शनि का होना भी घर में लड़ाई-झगड़े व तलाक का योग बनाता है।
3- तलाक के कारणों में गुरु व शुक्र का भी विशेष प्रभाव रहता है; गुरु में शुक्र की दशा या शुक्र में गुरु की दशा, दोनों ही संबंधों में कटुता को जन्म देने वाली हैं।
तलाक रोकने के उपाय:
तलाक को रोकने के लिए कुछ विशेष पूजा व साधनाएं होती हैं, जिन्हें करने से मनमुटाव व अंतर्द्वंद समाप्त होता है।
1- शिव परिवार विषमता में समता का संदेश देता है। इसलिए ऐसी दशाओं में शिव जी की आराधना से विशेष लाभ प्राप्त होता है। इसके लिए आप अपने निवास में ही एक शिवलिंग की प्राण प्रतिष्ठा करें तथा लगातार इकतालीस दिन तक रोजाना नहा-धोकर बेलपत्री के साथ शिवजी का जलाभिषेक करें। इसके साथ ही शिव जी के मंत्र की नित्य पांच मालाओं का जाप करें।
2- विघ्नहर्ता भगवान श्री गणेश जी की आराधना भी चमत्कारिक परिणाम देती है। इसके लिए आप गणेश जी को लड्डुओं का भोग लगाएं व प्रसाद वितरित करें; गणेश जी की कृपा से गृह-क्लेश शांत होगी।
3- इस तरह की स्थितियों में हनुमान जी की एक विशेष पूजा भी बड़ी फलदायी है। जिसमें आप अपने साथी का नाम भोजपत्र पर लाल स्याही से लिखें और हनुमान जी के मंत्र का 21 बार जाप कर, उस भोजपत्र को अपने आवास के किसी कोने में रख दें। इसके साथ ही हर मंगलवार को निकट के किसी हनुमान मंदिर में चोला चढ़ाएं; जल्द ही अच्छे परिणाम मिलेंगे।
तलाक से बचने के ज्योतिष उपाय:
तलाक व बढ़ती ग्रह क्लेश को रोकने के अनेक उपाय हैं, जिनमें रत्नों को धारण करना प्रमुख है:
1- रिश्तों में बढ़ती कलह को रोकने के लिए, पति द्वारा हीरा धारण करना बहुत शुभ होता है जिससे उन्नति भी होती है।
2- यदि घर में बढ़ती कहल का कारण शनि का कोप है, तो इसका समाधान 7 मुखी रुद्राक्ष में है, जिसके धारण करने से शनि शांत होता है।
3- प्रेम का स्वामी शुक्र होता है। यदि पति-पत्नी के शयन कक्ष में शुक्र यंत्र की स्थापना की जाए तो परस्पर प्रेम बढ़ता है ; जिससे तलाक जैसी स्थिति नहीं आती।
4- राहु की दशा के कारण उत्पन्न होने वाली घर की कलह का निवारण आठ मुखी रुद्राक्ष की माला धारण करने से हो जाता है।
5- वहीं यदि केतु की दशा इस क्लेश का कारण बन रही है, तो नौ मुखी रुद्राक्ष को धारण करें लाभ होगा।
तलाक रोकने के टोटके:
आपसी मतभेद व कटुता जब इतनी बढ़ जाए, कि बात तलाक लेने की प्रक्रिया तक आ जाए; उस दशा में अपने दांपत्य जीवन को बचाने के लिए आप कुछ विशेष उपाय कर सकते हैं, जिससे ना सिर्फ तलाक की स्थिति टल जायेगी बल्कि जीवन में प्रेम की वृद्धि भी सम्भव हो सकेगी।
1- घर में रोजाना चींटियों को आटा खिलाएं, यदि आटे के साथ चीनी भी मिलाकर डालेंगे तो बेहतर परिणाम होंगे। चींटियों को आटा-चीनी खिलाने का यह प्रयोग आपको निरंतर चालीस दिन तक करना चाहिए, इससे आपके व आपके साथी के मध्य फिर से प्रेम स्थपित होगा।
2- दक्षिण दिशा की ओर पैर करके कभी ना सोएं। हमेशा अपना सिरहाना पूरब दिशा की ओर ही रखें, इससे आपमें सकारात्मक भावों का संचार होता है और घर से नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है।
-यदि तलाक का मुकदमा न्यायालय तक पहुँच गया है और आप उसे खारिज करा कर सुलह करना चाहते हैं; तो तीन गोमती चक्र लीजिये और अपने निवास स्थान से दक्षिण की ओर फेंक दीजिये। इसके साथ ही पांच की संख्या में गोमती चक्र पूजा वाली सिन्दूर की डिब्बी में रखें, जिससे तिलक करें अथवा मांग भरें ऐसा रोजाना करने से विवाद समाप्त होगा व संबंध सामान्य हो जाएंगे।
तलाक कराने के टोटके:
कुछ दशाएं ऐसी भी होती हैं, जब संबंधों का निर्वहन असंभव हो जाता है। ऐसे में तलाक ही अंतिम विकल्प बचता है। ऐसे में जब आपके तलाक का मामला न्यायालय में विचाराधीन हो और आप जल्दी परिणाम चाहते हों, तो कुछ विशेष उपाय हैं जिनसे लाभ मिलेगा।
1- एक हकीक का पत्थर लेकर लगातार 11 दिन मंदिर में चढ़ाएं।
2- अपने वकील को लिखने की कोई चीज़ जैसे पेन इत्यादि उपहार में दें।
3- जब भी कोर्ट में जाएं तो लाल वस्त्र अथवा गहरे रंग के वस्त्र पहन कर जाने से भी लंबित तलाक का मुकदमा शीघ्र समाप्त हो जाता है।

व्यापार व कारोबार में सफलता के अचूक उपाय

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व्यापार व कारोबार में सफलता के अचूक उपाय

इस दुनिया में बहुत कम ऐसी चीज़ें हैं जो हमेशा स्थिर रहती हैं। कुदरत का सबसे विख्यात और सर्वोपरि नियम है की सबकुछ समय के साथ बहता है। कोई भी चीज़ चाहे कितना भी बांध कर रखी जाये की नहीं जाये हमेशा ढीली होकर बिखर जाती है। चाहे कोई छुपी हुई बात हो या फिर मुनाफे का मौसम हो सब बदल जाता है। कुछ भी ऐसा नहीं जो समय का गुलाम नहीं है। सबका उसके सामने झुकने का नियम है। आप अगर एक दिन मंद कारोबार कर रहे हैं तो यह ज़रूरी नहीं की अगले दिन भी यही हालात होंगे। आपको करना जो कुछ भी है करें पर अंत में हाथ की डोरी ऊपर वाले के हाथ में ही रहती है। आप चाह कर कितने ताले लगवा लें, चाहे कितने पहरेदार रखवा लें अगर कुछ चोरी होना है तो होकर ही रहती है।

व्यापार में सफलता ऐसे कठोर समय और परिस्थितियों में कैसे पाएं? कैसे करें अपने काम में इज़ाफ़ा? कैसे होगा आपको ज़्यादा मुनाफा या थोड़ा मुनाफा? इन सब बातों को ध्यान में रखते हुए हम आपके समक्ष आज कुछ उपाय रखेंगे जिनसे आप अपने काम में सफल हो पाएं और ख़ुशी के रस्ते पर चल पड़ें। सबसे पहला कार्य जिसे करने से आपके व्यापार व कारोबार में सफलता प्राप्त की जा सकती है है की आप अपने धंधे के इलाके में या फिर बिज़नेस ऑफिस में अपनी कुर्सी का मुंह पश्चिम दिशा की ओर कर लें। यह करने से आप पाएंगे की आप सौभाग्य और शुभ कार्यों के करने के ओर बढ़ रहे हैं।
पश्चिम दिशा वास्तु शास्त्र के हिसाब से अच्छी मानी जाती है और वास्तु का पालन करने से आप पाएंगे की आप धंधे में उभर रहे हैं। अगर आप और कारगर उपाय करना चाहते हैं तो फिर आप ऐसा करें की किसी वास्तु विशेषज्ञ को बुलाकर उससे घर को परखवा लें, उसके देखने के पश्चात वह आपको क्या निवारण करना  चाहिए और क्या बदलाव की ज़रुरत है बता देगा। आप पाएंगे की इससे आपके घर पर ख़ासा असर होगा और आप मुनाफा पाएंगे ही नहीं बल्कि वास्तु के खर्चे से कई गुणा ज़्यादा व्यापार करने लगेंगे। अगला उपाय जो और सात्त्विक है यह है की आप इस समय से मॉस, मीट, मछली और नशीले पदार्थों को छोड़ दें, फिर वो चाहे तम्बाकू हो या फिर शराब। यह करने के पश्चात आप पाएंगे की आपके जीवन में शान्ति का वातावरण बनने लगेगा और यह शांति आतंरिक होगी बाहरी नहीं।
जब भी आप अपने घर से अपने व्यवसाय के लिए निकलते हैं तो आप अपने इष्ट देव को याद करें, अगर आपको अपने इष्ट देव नहीं पता तो फिर आप ऐसा करें की किसी अच्छे ज्योतिषी के पास जाएं और उससे अपने जन्म तिथि, जन्म समय, नाम और जन्म की जगह बता दें। यह करने पर आप पाएंगे की वह ज्योतिषी एक-दो दिन में आपकी कुंडली बना देगा, आप फिर पूछ सकते हैं की आपके इष्ट देवता कौन हैं, जान जाने पर आप उस इष्ट देव को व्यवसाय पर जाते वक़्त याद कर लें और उनका नमन करा करें इससे आपके धंधे पर असर पड़ेगा।
व्यापार व कारोबार में सफलता के अचूक उपाय
अगला अत्यंत कारगर नुस्खा है की आप हल्दी और केसर १२ गोमती चक्रों पर तिलक करें और उसके बाद इन गोमती चक्रों को लेकर एक साफ़ सफ़ेद या लाल कपडे में बांध लें। अब इस पोटली को ले जाएं और अपने दुकान या बिज़नेस ऑफिस के मोहरे पर रख दें। इसके सिवाय अगला एक और अच्छा उपाय है की आप कपूर लें और रोली लें, अब इन दोनों में पूजाघर में जलाएं और जब वह मिश्रण पूरी तरह जल जाये तब आप इस मिश्रण की राख लेकर अपने कार्यस्थल पर ले जाएं और वहाँ पर रख दें, आज करने से आपके मुनाफे में बढ़ोत्तरी होगी।
अगर आप बरक्कत के लिए सब कुछ कर रहे हैं और पा रहे हैं की तब भी फायदा नहीं हो रहा तो एक सिंपल सा नुस्खा आज़मा कर देखें, करें यूँ की जब भी किसी मंदिर जाएं, या फिर किसी के पाँव छुंयें तो फिर अपने दाहिने हाथ से छुएं और उसे छूने के बाद में दिल पर छुआएं, यह सरल और सटीक उपाय ज़्यादातर लोग नहीं करेंगे और नहीं जानेंगे या अनदेखा कर जायेंगे, पर आप पाएंगे की इसको करने से आपको असीम शुभ लाभ होगा और आप एक तरक़्क़ी पूर्ण रास्ते पर चल पड़ेंगे।
अगर आपके धंधे में आपको फायदा नहीं हो रहा बल्कि हानि हो रही है, आप पा रहे हैं की आप कोशिशों के बावजूद मेहनत रंग लाने में विफल है तो आप यह देखें की घर की झाड़ू कहाँ पर रखी हुई है, अगर वह किसी ख़राब जगह रखी है या फिर आपको पता नहीं तो जान लें। झाड़ू घर की सफाई के काम आती है, यह घर साफ़ करके उसको रहने लायक योग्य बना देती है, उसके बिना काम नहीं चलेगा। झाड़ू लक्ष्मी माँ का प्रतीक है, और इसके व्यवस्था करने से आप सीधा लक्ष्मी माता की देख-रेख करते हैं, घर पे और ऑफिस में। अगर आप उन्नति चाहते हैं तो रोज़ाना रोटियां लें और हो सके तो उनमें थोड़ा घी और मीठा कुछ भी लगा दें, फिर इसको कौवों, कबूतरों और अन्य पंछियों को खिलाएं। आप पाएंगे की यह तरीक़ा हमेशा कारगर रहेगा। आप गाय और कुत्तों को भी खिला सकते हैं। यह सब करने से आप पाएंगे की आपको धन लाभ हो रहा है और आप एक सुखद और सरल एवं अच्छे जीवन की ओर बढ़ रहे हैं।
एक और अच्छा उपाय है की आप शुक्रवार के दिन लक्ष्मी नारायण मंदिर जाएं और वहां जाकर गुड़ और चने बांटे, इसके साथ ही प्रतिमाओं के सामने पूजा आराधना अच्छे से करें, आस्था से करें और धुप, दीप एवं अगरबत्ती का प्रयोग करें। इस सब के बाद आप पाएंगे की आपका धार्मिक चीज़ों में खिंचाव थोड़ा बढ़ जायेगा। पर आप अपने कारोबार में वृद्धि भी पाएंगे जो आपका पहला मकसद है। इस तरह हमने आपके समक्ष कई तरीक़े रखे हैं जिनको इस्तेमाल करके आप लक्ष्मी माँ का आवाहन अपने जीवन में कर पाएंगे। आपको अपने जीवन में पैसा ही नहीं मिलेगा बल्कि शुभ लाभ की प्राप्ति होगी।