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Saturday, 12 May 2018

पुलिस कोर्ट जेल से बचने का उपाय

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पुलिस कोर्ट जेल से बचने का उपाय

यह एक सिद्ध तथ्य है कि ग्रह संयोजन के लिए क्या एक करने से जेल नहीं जाना होगा या पट्टी के पीछे अपने जीवनकाल में डाला जाएगा के संकेत कर रहे हैं है। बुरे ग्रहों के संयोजन भी एक लंबे समय तक जेल में भर्ती के लिए जिम्मेदार हैं। सही अर्थों में प्रसूति अवधि जब एक में असमर्थ है या स्वतंत्र रूप से बढ़ने से अक्षम और नियंत्रण से परे है जो कारावास में भर्ती लंबे समय तक, भव्य परिस्थितियों के कारण एक सामान्य जीवन जीने में असमर्थ बना देता है।
एक समय था जब चरम अभिजात वर्ग के लिए ही आरक्षित थे मुकदमों और अदालत मामलों का एक बिंदु था। समयोपरि, व्यापार और व्यापार एक स्तर है जहाँ मेरे जैसे एक साधारण व्यक्ति भी और खुद को कानूनी विवादों में उलझा पा सकते है |यहाँज्योतिष एक बड़ी भूमिका निभाता है। लोग सोचते हैं के विपरीत, मुकदमेबाजी के लिए ज्योतिषीय उपचार वास्तव में एक हद तक लाभदायक होता है और आपकी आशाओं पर खरा उतरता है ।
कभी-कभी किसी व्यक्ति की कुंडली में ग्रहों के प्रभाव इतना मजबूत हो जाते हैं कि व्यक्ति, अनिच्छा, कानूनी समस्याओं या कानूनी कार्यवाही में पढ़ जाता है। तीसरा घर, आठवें और नौवें घर, दूसरे घर के लिए कानूनी समस्याओं के लिए जिम्मेदार पदों पर रहे हैं। व्यक्ति को अदालत और फ़ाइलें मुकदमा यायी और किसके खिलाफ कार्यवाही लेने वाले व्यक्ति के रूप में कहा जाता है स्त्याहीकहा जाता है|कहा जाता है ग्रहों की स्थिति अगर सहि ना रहे , उनके दैनिक जीवन और कभी कभी मन अशांत रहता है |
पूजा के माध्यम से मदद –
अदालत ने मामले के लिए सबसे लोकप्रिय उपाय बगलामुखी पूजा है। एक अनुभवी ज्योतिषी विश्लेषण करने के लिए जन्म कार्ड का उपयोग करता है।ताकि चल रही कानूनी लड़ाई को पूर्णतः दूर कर सके| एक बार यह पूजा हो जाए तो यह योजना के अनुसार मुकदमेबाजी परिणामों के लाभदायक होता है।ज्योतिषीय विधियों के अनुसार, मकान तीन से आठ कक्ष के लिए घरों के लिए वादी हैं, जबकि बचाव पक्ष के लिए संबंधित रूप में देखा जाता है। सातवें घर प्रतिद्वंद्वी का प्रतिनिधि है, जबकि लग्न (मुसीबतों के देवता)के रूप में देखा जाता है। लग्न प्रभु कमजोर हो  तोकार्यवाही नहीं जीत सकते।  तांत्रिक पूजा देवी के रूप में एक परीक्षण उपाय बगलामुखी पूजा होता है।पञ्चमुखी हनुमान पूजन भी अदालत मामलों जीत में प्रभावी है। कुछ व्यक्तियों को मजबूत विरोधियों के खिलाफ जीतने के लिए, रास्ते खुलने के लिए महाकाली साधना से लाभ हो सकता है। ज्योतिषी अक्सर सलाह देते हैं की कई तरह के कवच को धारण करे  जैसे नरसिंह कवच, वशीकरण कवच या हनुमान कवच, जो पक्ष कानूनी अधिकारियों से हो रही मदद में सहयोग देता है |जब भी किसी अधिकारी से मदद लेने जाए तो एक कवच पहने हुए जाए। अक्सर  कानूनी विवादों में भाग्य बदलने के लिए कालभेरव पूजा भी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
बेहतर अदालत मामला समाधान के लिए आसान उपचार–
  1. ज्योतिषियों का सुझाव है कि अगर अदालत के मामले में लगे हुए हैं, तो चावल की एक छोटी राशि ले और यह बिना किसी को दिखाए , अदालत के बाहर छिड़क दे।
  2. एक कागज, नींबू ले और उसके बाद प्रत्येक कोनों में चार लौंग डालने से सफल परिणाम उपज सकता है। इससे अपनी जेब मेंही रखे |
  3. एक और उपाय एवं सुझाव है कि आप एक भूर्ज के पेड़ से एक पत्ता ले और लाल चप्पल में ही इसके ऊपर अपने दुश्मन या प्रतिद्वंद्वी का नाम लिख दीजिये और इसे शहद में ही डूबा लीजिये । ज्योतिषियों का मानना कि इस तंत्र से यह आप की ओर अपने विरोधी रुख को नरम कर देगा।
  4. जल्दी सुबह , सूर्योदय से पहले 11 काले चावल के दाने और क्रीम मंत्र का 21 बार जाप करे और उसे दक्षिण दिशा में फेंक दीजिये ।
  5. कुछ तिल के बीज लीजिये और चीनी के साथ मिश्रण बना लीजिये । इसे अलग रखिये और अपनी जीत के लिए भगवान से प्रार्थना कीजिये। अंत में बिना पीछे देखे घटनास्थल से दूर जाइये।
  6. काले वस्त्र पहने| हमेशा डार्क रंग कपड़े जब अदालत में सुनवाई के लिए प्रदर्शित हो|इससे आसानी से सभी नकारात्मक ऊर्जा दूर हो जाएंगी| यह बहुत लाभदायी सलाह मानी जाती है।
  7. गोमती चक्र कृष्ण का लघु रूप माना जाता है और अगर आप उन्हें अपनी जेब में रखेंगे तो वह सौभाग्य को लाने में लाभदायी माना जाता है।आप हमेशा अपने दाहिना पैर आगे रखे और अपनी जेब में गोमती चक्र के साथ अदालत में हाज़िर हो। गोमती चक्र, वैदिक ज्योतिष के अनुसार उनकी कुंडली में सर्प दोष जो वर्षो से लोगो की कुंडली में प्रभावित है उसको दूर करता है। चुनाव के दौरान, कई राजनेता जो बड़े मार्जिन से जीत जाते है कथित तौर पर गोमती चक्र अपने जीत की उम्मीद में अपनी जेब में रखते है ।
  8. आपको लगता है की आपको गलत तरीके से मुकदमेबाजी में आपके दुश्मन या प्रतिद्वंद्वी द्वारा लाया गया है तो आप रुद्राक्ष पहने| जिसमे पंचमुखी (पांच-सामना), सात्मुखी (सात का सामना करना पड़ा) और ग्यारह्मुखी (ग्यारह का सामना करना पड़ा) रुद्राक्ष हो।
  9. अदालत विजय यज्ञ – अदालत विजय यज्ञ द्वारा अदालत मामलों में जीत के लिए यज्ञ पूजा करे और अपने डर का ध्यान रखते हुए जीत सुनिश्चित करे। अदालत के मामले को सुलझाने के लिए, विशेष यज्ञ किया जाता है और शत्रुओं से नि: शुल्क प्राप्त करने के लिए यह कहा जाता है कि जटिलताओं के कारण हमारे पिछले जन्म के कर्म जीवन में आते है और इसलिए इस अदालत विजय यज्ञ कर्म करने से पिछले जीवन को नष्ट करके अपने जीवन की सभी कठिनाइयों को समाप्त कर देती है और सकारात्मकता बढ़ा देती है । यह यज्ञ अपने पक्ष में वातावरण को संशोधित करता है। जो भी उसके समर्थन में जाता है वह साहसी और खुशहाल बन जाता है। अगर आप कोर्ट केस से निपटने के लिए उत्सुक हैं, तो यह यज्ञ जरुर करे और सकारात्मक उपाय पाए |
इस तरह एक प्रभावी ज्योतिषीय उपचार है जो कि एक उच्च डिग्री में ग्रहीय गति के प्रभाव को कम कर सकते हैं। जेसे –
  • दिन ब दिन आपका कचहरी मामला सुलझने लगेगा |
  • केस जीतने की संभावना बहुत अधिक हो जाएगी ।
  • इन शर्तों में उठता मामला पार्टियों में बाध्य हो जाएगा।
  • आप मामले से लाभ प्राप्त करेंगे।
  • कानूनी मामलों में मनोवैज्ञानिक बोझ काफी कम होंगे ।
तो, इन ज्योतिषीय उपचारो से अदालत मामलों में जीत के लिए का पालन करें। उपरोक्त यज्ञ-पूजा एवं निम्न विकल्प बोल्ड और साहसी व्यक्ति बना देता है और सामग्री, भौतिक और आध्यात्मिक, वृद्धि प्राप्त करने में मदद करता है। यह सुनिश्चित करता है सुख, मानसिक शांति और सद्भाव जीवन में।

स्वप्न सिद्धि तंत्र साधना मंत्र

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स्वप्न सिद्धि तंत्र साधना मंत्र

स्वप्न सिद्धि तंत्र साधना मंत्र

स्वप्न सिद्धि साधना, शिव स्वप्न तंत्र साधना, स्वप्नेश्वरी देवी साधना- सपना एक ऐसा शब्द है जिसके बारे प्रत्येक इंसान जानना चाहता है| हर व्यक्ति सपना देखता है मगर बहुत कम लोग इसके बारे में जानते हैं| प्राचीन काल से ही इसके रहस्य को जानने की चेष्टा की जाती रही है| ऋषि मुनियों से लेकर बड़े-बड़े मनोवैज्ञानिक तक इसकी गुत्थी सुलझाते रहे लेकिन आज भी यह नहीं कहा जा सकता कि इसे पूरी तरह समझ लिया गया है| समान्यतया यह माना जाता है कि दिन भर आप जिस मनः स्थिति में होते हैं, रात में वही स्वप्न में दिखता है| परंतु यह एक सतही बात हुई| लगभग सभी धर्मों में स्वप्न को भविष्य के प्रति एक संकेत माना गया है|

अर्थात ऐसी कोई शक्ति है जो स्वप्न में आकर संकेत देती है कि आने वाले समय में आपके साथ यह होने वाला है| बेबीलोनिया का एक प्राचीन ग्रंथ है ,एपीक ऑफ गिलगामेश’| यह एक महाकाव्य है| इसमे एक घटना का उल्लेख है कि गिलगामेश नामक नायक ने एक सपना देखा कि आकाश से एक बड़ी कुल्हाड़ी गिरी| लोग इसे दैवी चमत्कार मानकर उसके इर्द-गिर्द खड़े हो जाते हैं| परंतु गिलगामेश ने उस कुल्हाड़ी को उठाकर अपनी माँ के सामने फेंक दिया| पुनः उसे उठाकर गले लगा लिया| वह इस स्वप्न का अर्थ नहीं समझ पा रहा था| उसकी माँ निनसून ने इसका समाधान करते हुए कहा कि जल्दी ही कोई शक्ति सम्पन्न व्यक्ति तुम्हारे जीवन में आएगा| तुम्हारा उसके साथ संघर्ष होगा| बाद में वह तुम्हारा मित्र बनेगा| तुमने उसे पत्नी की तरह गले लगाया इसलिए वह तुम्हारा साथ कभी नहीं छोड़ेगा|
अभिप्राय यह कि दुनिया भर में सपनों की अलग-अलग व्याख्या होती रही है| इससे आध्यात्मिक क्षेत्र भी अछूता नहीं है| भारतीय धर्मग्रंथो में स्वपनेश्वरी देवी का उल्लेख है| इनकी साधना से इंसान अपने भावी जीवन के बारे में बहुत कुछ जान सकता है| यदि भविष्य के बारे में तनिक भी संकेत मिल जाए तो निर्णय लेना सरल हो जाता है| इसलिए कोई भी व्यक्ति इनकी साधना कर सकता है|
स्वपनेश्वरी देवी साधना
भारतीय तंत्र शास्त्र में शिव को स्वप्न देवता अर्थात स्वपनेश्वर और उनकी शक्ति देवी पार्वती को स्वपनेश्वरी कहा गया है| ग्रंथो में देवी की छवि का वर्णन इस प्रकार है – वह श्वेत वसना, परम सौम्या, कान्तिवती तथा श्वेत आभा से युक्त हैं|
यदि जीवन में ऊहापोह की स्थिति हो, निर्णय लेने में दुविधा हो रही हो तो उचित निर्णय के मार्गदर्शन हेतु यह साधना की जा सकती है| इसके लिए प्रथमतः रात अथवा दोपहर के समय अथवा ऐसा समय जिसमे आप आराम से सो सकें| स्नान कर के साफ-स्वच्छ वस्त्र पहन लें| अब साफ धुले बिस्तर पर बैठ जाएँ| किसी कागज पर अपनी समस्या लिखें| निर्णय लेने मे क्यों दुविधा हो रही है यह भी लिखें| अब निम्नलिखित मंत्र का जाप करना प्रारम्भ करें –
देवी स्वपनेश्वरी नमस्तूभ्यं फलाय-वरदाय-च| मम सिद्धि-असिद्धि वा स्वपनये सर्वं प्रदर्शयेत||
स्वनेश्वरी देवी का मन ही मन ध्यान करते हुए इस मंत्र का जाप तब तक करें जब तक नींद ना आ जाए| यद्यपि जाप हेतु संख्या महत्वपूर्ण होती है इसलिए कम से कम 551 अथवा 1100 अवश्य करें| जाप की स्थिति में अपनी कामना को किसी अन्य ऊर्जा जोड़ने के बाद साधक एकाग्रता की चरम पर पहुँच जाता है| जिसके पहले सोपान में योग निद्रा आती है| किसी भी ध्यान की अवस्था में योगनिद्रा पहली सीढ़ी है| इस नींद से जागने पर अद्भुत ताजगी का एहसास होता है| जब साधक इस सोपान से ऊपर उठता है तब उसे सिद्धि प्राप्त होती है| परंतु स्वपनेश्वरी देवी की साधना हेतु आपको इसी सोपान पर रुकना है| देवी से आदेश प्राप्त करना है कि मैं आगे क्या करूँ| इसी अवस्था में स्वप्न के माध्यम से देवी संकेत देती हैं| ऐसा निरंतर 21 दिन तक करें| उसके अगले दिन कुँवारी कन्या को भोजन करवाएँ तथा दक्षिणा देकर विदा करें|  संभव है इसके बाद भी आपको किसी प्रकार का स्वप्न न आए अथवा नींद में बेसिरपैर की चीजें दिखें|ऐसा इसलिए होता है क्योंकि आप सायास स्वप्न देखना चाहते हैं| और ऐसा किसी प्रकार संभव नहीं है| परंतु इससे हताश होने की जरुरत नहीं है| पहले दिन की भांति जाप करते रहें| निरंतर अभ्यास से यह सिद्धि प्राप्त हो जाती है| इसके लिए कुछ सावधानी आवश्यक है –
  • आपके कपड़े, बिस्तर की चादर, कक्ष साफ सुथरे हों|
  • भोजन के कम से कम एक घंटे बाद यह साधना करें क्योंकि कई बार गैस, अपच अथवा भरे पेट के कारण डरावने स्वप्न आते हैं| ऐसे में सही संकेत समझना कठिन हो जाएगा|
  • सोने से पूर्व हाथ-मुंह धो लें| अक्सर परिवार के बड़े-बूढ़े कहते हैं सोने से पहले पैर धो लो| इसके पीछे कारण यह है कि गंदगी अपने साथ नकारात्मक ऊर्जा को भी आकर्षित करती है| बुरी आत्माएँ गंदगी की तलाश में रहती हैं| इसलिए यह अपनी दिनचर्या में शामिल कर लेना चाहिए|
  • जब समस्या समाधान हेतु साधना करें तो अकेले सोने का प्रयास करें|
  • एक ही बार स्वप्न आए तो उसे संकेत न समझकर बार-बार यही क्रिया करें| यदि निरंतर एक ही सपना आए तो उसका उचित विश्लेषण करें|
इस विधि के द्वारा नौकरी, पदोन्नति, विवाह, कर्ज से छुटकारा जैसी समस्या के साथ-साथ मनोवांछित विवाह आदि के लिए भी साधना किया जा सकता है|
शिव स्वप्न तंत्र साधना
यह साधना गृहस्थों के लिए नहीं है बल्कि तंत्र मार्ग के उत्कर्ष तक पहुँचने के इच्छुक तंत्रिकों के लिए है| परंतु इसकी विधि सौम्य है| कुछ तंत्रिकों के अनुसार शिव पंचाक्षर मंत्र ॐ नमः शिवाय से भौतिक तथा आध्यातिमिक दोनों अभीष्ट की सिद्धि होती है| परंतु नमः सिवाय ॐ के जाप से तंत्र सिद्धि के मार्ग खुल जाते हैं| रुद्राक्ष की माला पर इस मंत्र का जाप सोमवार से प्रारम्भ कर अगले सोमवार के समाप्त करें| जाप संख्या अपने सामर्थ्यानुसार रखें| स्मरण रखें जाप संख्या जितनी अधिक होगी एकाग्रता और ध्यान की मात्रा भी उतनी ही होगी| जाप अवधि में अपना मुख उत्तर दिशा में रखें| अपने सम्मुख धूप दीप अगरबत्ती जला लें| शिव का आवाहन करें तथा उक्त मंत्र का जाप करें| एक सप्ताह के भीतर निद्रावस्था में गूढ़ स्थानो के दर्शन के साथ-साथ शिव का साक्षात्कार भी किया जा सकता है| परंतु इस दिव्य दर्शन के उपरांत भौतिक सुखों की चाह मिट जाती है तथा अधिकांश साधक जीवन से सन्यास लेकर शिव भक्ति में लीन हो जाते हैं|

कुंडली में तलाक के योग समाधान उपाय

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कुंडली में तलाक के योग समाधान ज्योतिष उपाय

पति-पत्नी का रिश्ता प्रेम तथा विश्वास पर आधारित होता है। मगर जब यह प्रेम और विश्वास विभिन्न कारणों से कम होने लगता है, तब बात-बात पर दोनों के बीच क्लेश और मतभेदों का जन्म होने लगता है। कभी-कभी दाम्पत्य जीवन के ये मतभेद इतने बढ़ जाते हैं, कि बात लड़ाई झगड़ों का रूप लेते हुए अंततः तलाक तक आ जाती है और रिश्ता समाप्त हो जाता है। किसी भी रिश्ते का टूटना अच्छा नहीं होता; इसलिए आज हम आपको उन उपायों के बारे में बताएंगे, जिनके द्वारा पति-पत्नी के बीच होने वाले तलाक को रोका जा सकता है और घर में पुनः शान्ति एवं प्रेम की स्थापना की जा सकती है।

सबसे पहले जानते हैं कि तलाक के कुंडली में योग कैसे बनते हैं?
-कुंडली में तलाक के योग बनने का मुख्य कारण होता है “लड़का-लड़की के गुणों का एक दूसरे से मेल ना खाना”। इसीलिए यह बेहद आवश्यक है कि विवाह के पूर्व लड़के व लड़की की कुंडलियों के गुणों का मिलान किसी योग्य व्यक्ति से करा लिया जाए।
1- इसके अलावा स्त्री या पुरुष, किसी के भी अष्टम या सप्तम भाव में किसी पापी ग्रह जैसे राहु, केतु आदि का बैठ जाना भी, घर में कलह से जनित तलाक का कारण बन जाता है।
2- पति-पत्नी के सप्तम भाव में शनि का होना भी घर में लड़ाई-झगड़े व तलाक का योग बनाता है।
3- तलाक के कारणों में गुरु व शुक्र का भी विशेष प्रभाव रहता है; गुरु में शुक्र की दशा या शुक्र में गुरु की दशा, दोनों ही संबंधों में कटुता को जन्म देने वाली हैं।
तलाक रोकने के उपाय:
तलाक को रोकने के लिए कुछ विशेष पूजा व साधनाएं होती हैं, जिन्हें करने से मनमुटाव व अंतर्द्वंद समाप्त होता है।
1- शिव परिवार विषमता में समता का संदेश देता है। इसलिए ऐसी दशाओं में शिव जी की आराधना से विशेष लाभ प्राप्त होता है। इसके लिए आप अपने निवास में ही एक शिवलिंग की प्राण प्रतिष्ठा करें तथा लगातार इकतालीस दिन तक रोजाना नहा-धोकर बेलपत्री के साथ शिवजी का जलाभिषेक करें। इसके साथ ही शिव जी के मंत्र की नित्य पांच मालाओं का जाप करें।
2- विघ्नहर्ता भगवान श्री गणेश जी की आराधना भी चमत्कारिक परिणाम देती है। इसके लिए आप गणेश जी को लड्डुओं का भोग लगाएं व प्रसाद वितरित करें; गणेश जी की कृपा से गृह-क्लेश शांत होगी।
3- इस तरह की स्थितियों में हनुमान जी की एक विशेष पूजा भी बड़ी फलदायी है। जिसमें आप अपने साथी का नाम भोजपत्र पर लाल स्याही से लिखें और हनुमान जी के मंत्र का 21 बार जाप कर, उस भोजपत्र को अपने आवास के किसी कोने में रख दें। इसके साथ ही हर मंगलवार को निकट के किसी हनुमान मंदिर में चोला चढ़ाएं; जल्द ही अच्छे परिणाम मिलेंगे।
तलाक से बचने के ज्योतिष उपाय:
तलाक व बढ़ती ग्रह क्लेश को रोकने के अनेक उपाय हैं, जिनमें रत्नों को धारण करना प्रमुख है:
1- रिश्तों में बढ़ती कलह को रोकने के लिए, पति द्वारा हीरा धारण करना बहुत शुभ होता है जिससे उन्नति भी होती है।
2- यदि घर में बढ़ती कहल का कारण शनि का कोप है, तो इसका समाधान 7 मुखी रुद्राक्ष में है, जिसके धारण करने से शनि शांत होता है।
3- प्रेम का स्वामी शुक्र होता है। यदि पति-पत्नी के शयन कक्ष में शुक्र यंत्र की स्थापना की जाए तो परस्पर प्रेम बढ़ता है ; जिससे तलाक जैसी स्थिति नहीं आती।
4- राहु की दशा के कारण उत्पन्न होने वाली घर की कलह का निवारण आठ मुखी रुद्राक्ष की माला धारण करने से हो जाता है।
5- वहीं यदि केतु की दशा इस क्लेश का कारण बन रही है, तो नौ मुखी रुद्राक्ष को धारण करें लाभ होगा।
तलाक रोकने के टोटके:
आपसी मतभेद व कटुता जब इतनी बढ़ जाए, कि बात तलाक लेने की प्रक्रिया तक आ जाए; उस दशा में अपने दांपत्य जीवन को बचाने के लिए आप कुछ विशेष उपाय कर सकते हैं, जिससे ना सिर्फ तलाक की स्थिति टल जायेगी बल्कि जीवन में प्रेम की वृद्धि भी सम्भव हो सकेगी।
1- घर में रोजाना चींटियों को आटा खिलाएं, यदि आटे के साथ चीनी भी मिलाकर डालेंगे तो बेहतर परिणाम होंगे। चींटियों को आटा-चीनी खिलाने का यह प्रयोग आपको निरंतर चालीस दिन तक करना चाहिए, इससे आपके व आपके साथी के मध्य फिर से प्रेम स्थपित होगा।
2- दक्षिण दिशा की ओर पैर करके कभी ना सोएं। हमेशा अपना सिरहाना पूरब दिशा की ओर ही रखें, इससे आपमें सकारात्मक भावों का संचार होता है और घर से नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है।
-यदि तलाक का मुकदमा न्यायालय तक पहुँच गया है और आप उसे खारिज करा कर सुलह करना चाहते हैं; तो तीन गोमती चक्र लीजिये और अपने निवास स्थान से दक्षिण की ओर फेंक दीजिये। इसके साथ ही पांच की संख्या में गोमती चक्र पूजा वाली सिन्दूर की डिब्बी में रखें, जिससे तिलक करें अथवा मांग भरें ऐसा रोजाना करने से विवाद समाप्त होगा व संबंध सामान्य हो जाएंगे।
तलाक कराने के टोटके:
कुछ दशाएं ऐसी भी होती हैं, जब संबंधों का निर्वहन असंभव हो जाता है। ऐसे में तलाक ही अंतिम विकल्प बचता है। ऐसे में जब आपके तलाक का मामला न्यायालय में विचाराधीन हो और आप जल्दी परिणाम चाहते हों, तो कुछ विशेष उपाय हैं जिनसे लाभ मिलेगा।
1- एक हकीक का पत्थर लेकर लगातार 11 दिन मंदिर में चढ़ाएं।
2- अपने वकील को लिखने की कोई चीज़ जैसे पेन इत्यादि उपहार में दें।
3- जब भी कोर्ट में जाएं तो लाल वस्त्र अथवा गहरे रंग के वस्त्र पहन कर जाने से भी लंबित तलाक का मुकदमा शीघ्र समाप्त हो जाता है।