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Tuesday, 24 July 2018

कोर्ट केस जीतने के लिए मंतर

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मुकदमा जीतने के लिए मंत्र तथा पाठ

यदि आपका मुकदमा लंबे समय से अटका हुआ हो, तो गणेश जी के निम्नलिखित मंत्र का जाप 21 दिनों तक करें –  “ॐ गं गणपतये नम:’  मंत्र जाप से पूर्व 21 दूब चढ़ाकर पंचोपचार विधि से पूजन करें| आसन लाल रंग का उपयोग करें| मुकदमे में फैसला जल्द और आपके पक्ष में होगा|
निरंतर छह महीनों तक संकटमोचन गणेश स्तोत्र का नित्य तीन बार पाठ करें| पुनः छह माह के उपरांत यह स्तोत्र लिखकर आठ ब्रांहनों को दान करें| मुकदमे आ रही सभी बिघ्न बाधाएँ दूर हो जाएंगी|
“दीनदयाल बिरदु संभारी, हरहू नाथ मम संकट भारी” तुलसीदास द्वारा रचित रामायण के सुंदरकांड का यह दोहा चमत्कारी है| 108 बार निरंतर 3 माह तक इसके पाठ से मुकदमे में अवश्य सफलता मिलती है|
मंगलवार के दिन हनुमान जी के सम्मुख घी का दीया लगाकर उन्हें गुड चने का भोग लगाए तथा सौ बार हनुमान चालीसा का पाठ करें| ऐसा निरंतर सात मंगलवार तक करने से लंबे समय से अटका मुकदमा समाप्त हो जाता है|
त्रियोदशी के पुनर्वसु नक्षत्र में सुरही के चर्म निर्मित आश्रम पर किसी नदी तट पर निम्नलिखित मंत्र का जाप प्रारम्भ करें
  : ॐ क्रां क्रां क्रां धूम्रसारी बदाक्षं विजयति जयति ओं स्वाहा।

एक मास तक निरंतर जाप करने से यह मंत्र सिद्ध हो जाता है। सुनवाई के दिन इस मंत्र को सात बार पढ़कर कचहरी जाएँ| मुकदमे में जीत निश्चित है|



Ruchi Sehgal

कोर्ट केस जीतने के लिए टोटके

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मुकदमा जीतने के टोटके मंत्र
मुकदमा में विजय का उपाय/मंत्र, कोर्ट केस जीतने के उपाय, मुकदमा जीतने का मंत्र- दुनिया में शायद ही कोई ऐसा मनुष्य होगा जिसे कोर्ट-कचहरी के मामलों में पड़ना रास आता हो| परंतु, मुसीबत पूछकर नहीं आती| अनचाहे-अनजाने में कई बार दूसरों की जमीन पर नज़रें गड़ा बैठने वाले लोगों के वजह से, कभी पारिवारिक अनबन की वजह से तो कभी जानकारी के अभाव में लोग कोर्ट केस में फंस जाते हैं| एक बार किसी मामले में कोर्ट का चक्कर लग जाए, फिर तो तारीख दर तारीख इंसान उसके साथ घिसटता चला जाता है| अपने देश में न्याय प्रणाली भी कुछ इस तरह से काम करती है कि छोटे से मामले में भी फैसला आने में वर्षो लग जाते हैं| ज्योतिष शास्त्र में ऐसी समस्याओं के लिए समाधान की चर्चा भी की गई है| इसके अंतर्गत कुछ छोटे-छोटे उपाय भी किए जा सकते हैं जिसे हम समान्यतः टोटका कहते हैं, इसके अलावा इस समस्या से निजात के लिए कुछ विशेष मंत्र तथा यंत्र भी हैं| पीड़ित व्यक्ति अपनी रुचि तथा सुविधा से इनमे से कोई उपाय चुन सकता है|


मुकदमा जीतने के टोटके मंत्र
मुकदमा में विजय प्राप्ति के लिए उपाय

यदि आप भी ऐसे ही किसी मामले के तहत कोर्ट के चक्कर में फंस चुके हैं तो ज्योतिष शास्त्र में वर्णित निम्नलिखित टोटकों की मदद से जल्द निकल सकते हैं –

सुनवाई के लिए जाते समय अपने साथ मुट्ठी भर चावल लेकर जाएँ और उन्हें कचहरी में कहीं फेंक दें, जिस कक्ष में सुनवाई हो रही हो, वहाँ चावल फेंका जाए तो और भी अच्छा है| ध्यान रखें ऐसा करते समय कोई देखे नहीं|
सूर्योदय से पहले काले चावल के 11 दाने लेकर उसे बीज मंत्र ‘क्रीं’ का 21 बार जाप करें तथा उसे दक्षिण दिशा में फेंक दें|
मुट्ठी भर तिल में शहद मिलाकर रख लें तथा उसे किसी उजाड़ स्थान पर रख आए, ध्यान रखें पीछे मुड़कर नहीं देखना है|
कचहरी जाते समय काली मिर्च के तीन साबुत दानो को शक्कर के साथ मिलकर मुंह में रख लें|
किसी सफ़ेद रुमाल में थोड़ा सा कोयला बांधकर रख लें और उसे किसी सुनसान स्थान पर रख आएँ| घर वापस आकार हाथ पैर धो लें| यह कार्य मास में एक दिन 6 महीने तक लगातार करना चाहिए|
सातमुखी पंचमुखी अथवा अथवा ग्यारहमुखी रुद्राक्ष धारण करें|
कचहरी जाते समय पाँच गोमती चक्र जेब में रख लें|
शुक्ल पक्ष के मंगलवार को हनुमान मंदिर में पीतल की घंटी चढ़ाएँ तथा प्रार्थना करें|
यदि आपका धैर्य जवाब दे गया हो, गवाह के मुकरने की आशंका हो अथवा अपने वकील की योगिता संदिग्ध लगे तो कचहरी जाते समय अपने साथ हत्था जोड़ी लेकर जाए|
मुकदमे में सफलता प्राप्त करने के लिए अपने केस की पैरवी कर रहे वकील को कलम उपहार में दें
कचहरी जाते समय लाल कनेर के फूल को पीसकर उससे तिलक लगाएँ
नीबू के चारो कोनो पर चार लौंग गाड़ दें, अपने इष्ट देव से मुकदमे में सफलता हेतु प्रार्थना करें| तथा उस नीबू को कचहरी जाते समय अपने साथ रखें|
लाल तिकोना मूंगा सोने अथवा तांबे में अंगुठी बनवाकर अपनी सबसे छोटी उंगली में पहनें|
अपने केस से जुड़े कागजात घर के मंदिर में ही रखें|
पहली बार कचहरी से लौटते समय किसी मजार पर लाल गुलाब अर्पित करते हुए मन ही मन केस में सफलता दिलाने की प्रार्थना करें|
कचहरी जाते समय गहरे रंग की पोशाक पहने|
किसी मंदिर में 11 हकीक के पत्थर चढ़ाएँ तथा प्रार्थना करें|
भोजपत्र पर जिस व्यक्ति से मुकदमा लड़ रहे हों उसका नाम रक्त चन्दन से लिखें और शहद की शीशी में डूबाकर रख दें| इस टोटके से शत्रु का हृदय परिवर्तन हो जाता है|
घर के पूजा स्थल में सिद्धि विनायक पिरामिड स्थापित करें व प्रत्येक बुधवार को ‘गण गणपतये नमो नमः’ मंत्र का नियमित रूप से जाप करें| कचहरी जाते समय पिरामिड को लाल कपड़े में लपेटकर अपने साथ रखे|
यदि पराजय की संभावना निश्चित प्रतीत हो रही हो तो अपने वजन के बराबर कोयला बहते हुए पानी में बहाकर, ईश्वर से पिछले जन्म के पापपूर्ण कर्मो के लिए क्षमा प्रार्थना करें|
दो दुकानों से 43-43 फल खरीदें तथा कुंवारी कन्याओं में बराबर-बराबर बाँट दें|
जंग लगा चाकू जल में प्रवाहित करें|
पाव भर मसूर की दाल रात को सोते समय अपने सिरहाने रखें, सुबह उसे जमादार को दे दें|



Ruchi Sehgal

Monday, 23 July 2018

क्यों और कैसे डुबी द्वारका नागरी

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अर्जुन अपने साथ ले गए श्रीकृष्ण के परिजनों को –



वसुदेवजी की बात सुनकर अर्जुन ने दारुक से सभी मंत्रियों को बुलाने के लिए कहा। मंत्रियों के आते ही अर्जुन ने कहा कि मैं सभी नगरवासियों को यहां से इंद्रप्रस्थ ले जाऊंगा, क्योंकि शीघ्र ही इस नगर को समुद्र डूबा देगा। अर्जुन ने मंत्रियों से कहा कि आज से सातवे दिन सभी लोग इंद्रप्रस्थ के लिए प्रस्थान करेंगे इसलिए आप शीघ्र ही इसके लिए तैयारियां शुरू कर दें। सभी मंत्री तुरंत अर्जुन की आज्ञा के पालन में जुट गए। अर्जुन ने वह रात श्रीकृष्ण के महल में ही बिताई।

अगली सुबह श्रीकृष्ण के पिता वसुदेवजी ने प्राण त्याग दिए। अर्जुन ने विधि-विधान से उनका अंतिम संस्कार किया। वसुदेवजी की पत्नी देवकी, भद्रा, रोहिणी व मदिरा भी चिता पर बैठकर सती हो गईं। इसके बाद अर्जुन ने प्रभास तीर्थ में मारे गए समस्त यदुवंशियों का भी अंतिम संस्कार किया। सातवे दिन अर्जुन श्रीकृष्ण के परिजनों तथा सभी नगरवासियों को साथ लेकर इंद्रप्रस्थ की ओर चल दिए। उन सभी के जाते ही द्वारका नगरी समुद्र में डूब गई। ये दृश्य देखकर सभी को बड़ा आश्चर्य हुआ।



Ruchi Sehgal