Tuesday, 6 November 2018
दीपावली का पौराणिक महत्व और कहानी
दीपावली का पौराणिक महत्व और कहानी
भारत में हिन्दू धर्म के लोगो के लिए सबसे बड़ा त्यौहार दीपावली का माना जाता है | दीपावली दीपो को प्रज्वलित कर रोशनी करने का त्यौहार है |
यह सकारात्मक उर्जा वाली रोशनी नकारात्मक उर्जा वाले अंधकार को दूर करने वाली है | दीपवाली की रात्रि सबसे ज्यादा रोशन होती है | हर घर दुकान में उजाला अपने चरम पर होता है | हो भी क्यों ना | यह दिन त्योहारों का राजा जो है | दिवाली के साथ कई रोचक और महिमापूर्ण पौराणिक घटनाये जुडी हुई है | आइये जाने |
वनवास के बाद अयोध्या लौटे थे श्री राम
दीपावली पर दीप जलाने की परम्परा शायद अयोध्या के लोगो ने ही की थी | इसी रात्रि को श्री राम लक्ष्मण और माता सीता अयोध्या वनवास काट कर आये थे | प्रजा ने उन सभी का स्वागत घी के दीपक जला कर किया था | तब से दीपावली पर दीपक जलाने की प्रथा शुरू हुई |
माँ लक्ष्मी और धन्वंतरि का अवतरण
देवताओ और असुरो के बीच जब समुन्द्र मंथन हुआ तब उसमे से दिवाली के दिन ही विष्णु प्रिया लक्ष्मी और ओषधी के देवता धन्वंतरि प्रकट हुए थे |
कृष्ण ने किया नरकासुर का वध
द्वापर युग में विष्णु के अवतार श्री कृष्ण ने दीपावली के दिन ही अत्याचारी राजा नरकासुर का वध किया था | लोगो ने प्रसन्नता और उल्लास के लिए घी के दीप जलाये थे |
नरसिंह अवतरण
पौराणिक मान्यताओ के अनुसार दीपावली के दिन का महत्व इसलिए भी है की इसी दिन भक्त प्रहलाद की रक्षा के लिए विष्णु ने भगवान नरसिंह जी का अवतार लिया था |
स्वामी रामतीर्थ जन्म और समाधी
ब्राह्मण जाति के स्वामी रामतीर्थ का दिवाली के दिन ही जन्म हुआ था | यह बहुत बड़े ज्ञानी थे |
महर्षि दयानन्द
आर्य समाज के संस्थापक महर्षि दयानन्द ने दीपावली के दिन ही अजमेर के निकट अवसान लिया था |
स्वर्ण मन्दिर का शिलान्यास
सिख संप्रदाय के लिए भी दिवाली बहुत महत्व रखती है | दीपावली के दिन ही 1577 ई. में स्वर्ण मन्दिर का शिलान्यास हुआ था।
दीपावली पर अचूक उपाय और टोटके
दीपावली पर अचूक उपाय और टोटके
दीपावली भारत के सबसे बड़े त्यौहार के रूप में बड़ी धूम धाम से मनाया जाता है | यह पर्व विष्णु के अवतार श्री राम और लक्ष्मी से जुड़ा हुआ है | समुन्द्र मंथन की पौराणिक कथा में बताया गया है की दिवाली के दिन ही माँ लक्ष्मी प्रकट हुई थी |
(A) दीपावली के दिन से हर सुबह घर की मुख्य महिला को अपने घर के मुख्य प्रवेश द्वार पर एक लोटा जल डालना चाहिए | यह टोटका माँ लक्ष्मी के स्वागत में कारगर सिद्ध होता है |
(B) जिस दिन दीपावली हो उसे दिन किसी पास के लक्ष्मी जी के मंदिर में जाकर माता को चुनरी ओढाये | उनके श्रंगार की सामग्री दे और कमल पुष्प अर्पित करे | माँ लक्ष्मी आप पर अत्यंत प्रसन्न होगी |
(C) दीपावली के दिन यह सोच कर घर की अच्छे से सफाई करे की माँ आज रात्रि आपके घर आने वाली है | घर को अच्छे से सजाये और रात्रि में घर की सभी रोशनी जला कर रखे |
(D) दिवाली पर लक्ष्मी पूजन के बाद घर के हर कोने में घंटी और शंख बजाना चाहिए | इससे घर से नकारात्मक शक्तियाँ दूर होती है |
(E) दीपावली की रात को हर कमरे के प्रवेश द्वार पर गेंहू की ढेरी बना ले | उसमे एक शुद्ध घी का दीपक जलाये जो पूरी रात जलता रहे | माना जाता है यह लक्ष्मी जी के स्वागत का टोटका है और ऐसा करने से माँ अन्नपूर्णा जरुर घर में प्रवेश करती है |
(F) धनतेरस से लेकर आने वाले पांच दिनों पांच घी के दीपक जरुर संध्या के समय घर में जलाये | इससे सुख समृधि में बढ़ोतरी होती है |
(G) दीपावली के दिन से हर सुबह पीपल की पूजा विधि से करे | पीपल में माँ लक्ष्मी का वास बताया जाता है |
(H) दिवाली के बाद जो भी शुक्रवार आये उस दिन माँ लक्ष्मी के धन प्राप्ति के मंत्र का जप जरुर करे |
(I) यदि दिवाली के दिन कोई मोर आपको नाचता दिखाई दे तो समझ ले आपका भाग्य चमकने वाला है | आप उस जगह की मिट्टी को घर पर लाये | फिर इस मिट्टी की पूजा अर्चना करे और रेशम के लाल कपड़े में डालकर इसे अपनी तिजोरी में रख दे | यह तिजोरी के अचूक उपाय में से एक है |
धनतेरस पर कुबेर और यम की पूजा
धनतेरस पर कुबेर और यम की पूजा
धनतेरस पूजा विधि कुबेर और यम देवता की
धनतेरस का दिवाली त्यौहार के दो दिन पहले आता है | तेरस को आने वाला और धन बढ़ाने वाले इस त्यौहार का नाम इसी कारण धनतेरस रखा गया है | यह दिन धन के देवता कुबेर के पूजन का दिन माना जाता है | इस दिन सोना चांदी और बर्तन खरीदने से वैभव में बढ़ोतरी बताई जाती है | इस दिन यमराज को भी पूजा जाता है और उनके नाम का व्रत रखा जाता है | ऐसा करने से अकाल मौत से बचाव हो जाता है
क्या करे धनतेरस के दिन :
इस दिन भगवान धन्वंतरी की पूजा करे जिससे वे आपके धन धान में बढ़ोतरी करे |
इस दिन सोने चांदी स्टील या किसी अन्य धातु के बर्तन जरुर ख़रीदे |
घर में मंदिर में गोशाला में कुए पर दीपक जलाये |
घर की सफाई कर घर का श्रंगार करे |
धनतेरस पूजन में क्या करें
इस दिन अपने घर या दुकान की तिजोरी के पास तेरह दीपक प्रज्वलित कर कुबेर भगवान की पूजा करे और उनसे विनती करे की वो आपकी इस तिजोरी में धन में बढ़ोतरी करे |
कुबेर का ध्यान
निम्न ध्यान मंत्र बोलकर भगवान कुबेर पर फूल चढ़ाएं –
श्रेष्ठ विमान पर विराजमान, गरुड़मणि के समान आभावाले, दोनों हाथों में गदा एवं वर धारण करने वाले, सिर पर श्रेष्ठ मुकुट से अलंकृत तुंदिल शरीर वाले, भगवान शिव के प्रिय मित्र निधीश्वर कुबेर का मैं ध्यान करता हूं।
इसके पश्चात निम्न मंत्र द्वारा चंदन, धूप, दीप, नैवेद्य से पूजन करें –
‘यक्षाय कुबेराय वैश्रवणाय धन-धान्य अधिपतये
धन-धान्य समृद्धि मे देहि दापय स्वाहा।‘
इसके पश्चात कपूर से आरती उतारकर मंत्र पुष्पांजलि अर्पित करें।
यमराज पूजन
अकाल मृत्यु से बचने के लिए इस दिन यमराज का भी पूजन किया जाता है इसके लिए |
घर के मुख्य द्वार पर आटे की बत्ती बनाकर मुख्य द्वार पर दीपक प्रज्ज्वलित करे |
इस दिन यमराज के लिए व्रत रखे और धर्मराज की कथा सुने |
रोली मोली पुष्प चावल फल नैवेद्य से यमराज की पूजा करे |