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Tuesday, 6 November 2018

पूजा में अक्षत (चावल ) का प्रयोग

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पूजा में अक्षत (चावल ) का प्रयोग

हम भली तरह जानते है की हिन्दुत्व में जब भी पूजा का कोई कार्यक्रम या हवन होता है तो पूजन थाल में श्वेत चावल जरुर प्रयोग में लाये जाते है | इन चावलों का पूजा में होना अनिवार्य माना जाता है | बिना इनके पूजा संपन्न नही मानी जाती है |

चावल को अक्षत कहा जाता है जिसका अर्थ है जो सम्पूर्ण है बिना टूट फुट के | पूजन कर्म में इस सफेद रंग के चावल का होना अति शुभकारी है | यह पूर्णता का घोतक है जो पूजा के सम्पूर्णता का परिचायक है |
अक्षत को अन्नो में सर्वश्रेष्ठ माना जाता है जो खाने के काम भी आता है , अत: इसे ईश्वर को चढ़ाना यह दिखाता है की हम आपके आभारी है और शांति के इस सफ़ेद प्रतीक को आपको भेट करते है | इसी तरह आप भी हम्हरे अन्न में कभी कमी ना आने दे और हम्हारे बाहरी और आंतरिक शांति बनाये रखे |

चावल चढाते हुए ध्यान रखे :
चावल टूटे फूटे ना हो अर्थात अपने नाम के अनुसार सम्पूर्ण हो |

चावल अच्छे से साफ़ किये हुए होने चाहिए उनमे किसी प्रकार की गन्दगी ना हो |

भगवान को चावल चढाते समय यह मंत्र का प्रयोग करे :
अक्षताश्च सुरश्रेष्ठकुङ्कमाक्ता: सुशोभिता:।

मया निवेदिता भक्त्या: गृहाण परमेश्वर॥



इस मंत्र का अर्थ है की हे पूजा , हम आपको कुमकुम के साथ देवताओ का प्रिय अन्न अक्षत आपको इस पूजन कार्यक्रम में भेट कर रहे है , आप इसे ग्रहण करके पूजा को सफल बनाये |


देवी देवताओ को प्रिय भोग

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देवी देवताओ को प्रिय भोग

हिन्दू धर्म में पूजा का एक विशेष भाग होता है अपने आराध्य को भोग लगाना | भोग के रूप में  मिठाइयाँ , दूध , दही , फल, रोटी, चावल और अन्य पवित्र खाने योग्य चीजो को शामिल किया गया है | यही भोग फिर प्रसाद बनकर भक्तो में बाँट दिया जाता है | इसे शास्त्र भाषा में  ‘नैवेद्य’  कहा जाता है |
हर देवी देवता को अलग अलग भोग प्रिय होते है जो हम्हे शास्त्रों और पुराणों से पता चलता है | भगवान कृष्ण को माखन मिसरी का तो हनुमानजी को गुड चन्ने और केले का भोग अति प्रिय है |

आइये जानते है की किस देवी देवता को कौनसा भोग प्रिय है |

भगवान शिव : इन्हे चिरौंजी भांग धतुरा अति प्रिय है | शिवरात्रि पर गाजर और बेर विशेष चढ़ाये जाते है |

विष्णु भगवान : इन्हे खीर और सूजी के हलवे का भोग लगाना चाहिए | भोग में तुलसी की पत्ती जरुर डाले | हलवे में पंच मेवे जरुर डाले |

माता लक्ष्मी : इन्हे श्वेत और पिली मिठाई अति प्रिय है | पीले मीठे चावल का भोग लगाना भी इन्हे पसंद है |

सरस्वती माँ : इन्हे श्वेत मिठाई , चावल , दूध , दही का भोग लगाना चाहिए |
माँ दुर्गा : इन्हे हलुवा , मिठाई , अनार , केले अति प्रिय है | नवरात्रि के हर दिन इन्हे भोग लगाना चाहिए |

हनुमान जी :  इन्हे पेड़े , गुड चन्ने और केले अति प्रिय है | भोग के बाद इन्हे लौंग वाला पान जरुर चढ़ाये |

भैरव नाथ जी : इन्हे उड़द की दाल से बने पकवान , काले तील और उसके लड्डू प्रिय है | कुछ इन्हे मदिरा भी चढाते है |

काली माँ : इन्हे भी भैरव जी को लगाने वाले भोग प्रिय है | अनार इन्हे सबसे अधिक प्रिय है |

हमारा यह भी मानना है की प्रेम भाव से जो भी आप अपने आराध्य को अर्पित करेंगे वो उन्हें स्वीकार कर लेंगे | भोग में श्रद्दा , निष्ठा और प्रेम भाव होना जरुरी है |


दिवाली की रात शाबर मंत्र करते हैं हर इच्छा पूरी

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दिवाली की रात शाबर मंत्र करते हैं हर इच्छा पूरी

शाबर मंत्र दिखने में जितने सरल लगते है उतने ही वे शक्तिशाली और प्रभाव देने वाले होते है | यदि इन चमत्कारी मंत्रो का दृढ़ संकल्प और इच्छा शक्ति  से जप किया जाये तो यह बड़े से बड़े कार्य में सफलता दिलाने की ताकत रखते है | गुरु गोरखनाथ जी को शाबर मंत्रो का जनक माना जाता है | यहा दिवाली की रात्रि में काम में लिए जाने वाले कुछ महत्वपूर्ण शाबर मंत्र बताये जा रहे है |



दिवाली पर जपे ये शाबर मंत्र
अपार धन प्राप्ति  मंत्र
मंत्र :

ॐ नमो पद्मावती पद्मनये लक्ष्मी दायिनी वांछाभूत प्रेत
विंध्यवासिनी सर्व शत्रु संहारिणी दुर्जन मोहिनी ऋद्धि-सिद्धि
वृद्धि कुरू कुरू स्वाहा। ॐ क्लीं श्रीं पद्मावत्यैं नमः।

मंत्र जप विधि :

उपरोक्त शाबर मंत्र की आपको दीपावली की रात्रि पर21 माला फेरनी है | इसे धन आने का द्वार खुल जाता है | अपार धन संपदा की प्राप्ति होती है |



सर्व कार्य सिद्धि मंत्र
मंत्र :

ॐ नमो महादेवी सर्वकार्य सिद्धकारिणी जो पाती पूरे
विष्णु महेश तीनों देवतन मेरी भक्ति गुरु की शक्ति श्री
गुरु गोरखनाथ की दुहाई फुरोमंत्र ईश्वरो वाचा।

जाप विधि :

यह मंत्र आपको दीपावली की रात को जपना है | इसे आप 31 माला जाप द्वारा सिद्ध कर सकते है | यह शक्तिशाली शाबर मंत्र सभी कार्यो को पूर्ण करने की क्षमता रखता है |


व्यापार और रोजगार में लाभ के लिए मंत्र
यह आपके व्यापार और रोजगार में लाभ को बढ़ाने का अचूक और कारगर मंत्र है | इसे आप दिवाली के दिन या फिर किसी रविवार के दिन जप सकते है |

मंत्र :

भंवर वीर तूं चेला मेरा, खोल दुकान कहा कर मेरा, उठे
जो डंडी बिकै जो माल भंवर वीर खाली नहीं जाय।

जाप विधि :

जिस दिन इस शाबर मंत्र का जाप करना है उस दिन सूर्योदय से पूर्व उठे | पूजन स्थान पर हाथ में काले उड़द लेकर  इस मंत्र का 21 बार जप करे | फिर आपके व्यापार की तिजोरी में इन काले उड़द को डाल दे | कुछ दिनों में ही आपको अत्यंत लाभ होना शुरू हो जायेगा |