Tuesday, 6 November 2018
เคฏเคนाँ เคเคค्เคฎा เคถांเคคि เคนेเคคु เคชिंเคก เคฆाเคจ เคจเคนीं เคฌเคฒ्เคि เคนोเคคा เคนै เคถिเคตเคฒिंเค เคฆाเคจ
जंगमवाड़ी मठ – वाराणसी
वाराणसी का सबसे प्राचीन मठो में से एक है जंगमवाड़ी मठ | सदियों से यहा अपने पूर्वजो की शांति के लिए एक परम्परा चल रही है शिवलिंग दान की | यह मठ 50,000 फीट में फैला हुआ है और हर जगह शिवलिंग के दर्शन प्राप्त होते है |
जंगमवाड़ी मठ में शिवलिंगों को लेकर अलग परम्परा
इस मठ में शिवलिंगों को लेकर एक अनोखी धार्मिक परम्परा चल रही है | यहा भक्त अपनों की आत्मा की शांति के लिए पिंडदान की तरह शिवलिंग का दान करते है | यह मंदिर इसी कारण शिवलिंगों से भरा हुआ है , यहा लाखो शिवलिंग भक्तो द्वारा समर्प्रित किये गये है |
यहा विशेष शिव मंत्रो के साथ विधि विधान से शिवलिंग का दान लिया जाता है और मान्यता है की शिव कृपा से आत्मा को शांति प्राप्त होती है | यहा सावन के महीने में सबसे बड़े शिवलिंगों के दान होते है |
यह मठ दक्षिण भारतीयों के द्वारा बनाया गया है और उन्ही के द्वारा यह परम्परा शुरू की गयी जो अब सभी भक्त निभाने लग गये है | ऐसा अनुमान है की यह दो सौ सालो से चल रह परम्परा चल रही है |
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7 Most Religious Cities Of India : भारत के 7 सबसे पवित्र और धार्मिक शहर
सनातन धर्म में भारत के मुख्य धार्मिक सात नगरों को बहुत पवित्र और आस्था से परिपूर्ण बताया गया है | इन्हे धार्मिक सप्तपुरी भी कहा जाता है । भगवान कृष्ण , श्री राम , शिव और विष्णु से इन शहरों का सम्बन्ध है | यहा देवताओ ने कई लीलाए की है | इन सभी धार्मिक शहरो के नाम भारत के प्राचीन धर्म ग्रंथो में बड़े आदर के साथ लिए जाते है |
आइये जानते है भारत में वे कौनसे सबसे पवित्र और धार्मिक 7 नगर (शहर ) है |
1. अयोध्या :
राम जन्मभूमि अयोध्या
यह नगरी प्रभु श्री राम को जन्म देनी वाली सूर्यवंशी राजाओ की है | सप्त धार्मिक नगरो में इसे पहला स्थान दिया गया है | वेद तो इसे प्रभु की नगरिया बताते है | सरयू नदी के तट पर उत्तर प्रदेश में फैजाबाद जिले में है अयोध्या की राममय नगरिया |
2. मथुरा :
भगवान श्री कृष्ण ने अपना बाल्यकाल यही व्यतीत किया | उनकी शरारती और मन को छूने वाली बाल लीलायो की यह स्थली रहा है | यहा कण कण में कृष्णा की भक्ति की गंगा बहती है | इनकी पूजा के लिए बहुत सारे प्रसिद्ध मंदिर है |
3. हरिद्वार :
हरिद्वार
प्राचीन काल में हरिद्वार को मायापुरी कहा जाता था | यहा गंगा का प्रसिद्ध मंदिर है जो गंगा के घाट हर के पैडी के पास बना हुआ है | यहा रोज संध्या को गंगा आरती का भव्य आयोजन किया जाता है जो देखने दूर दूर से भक्त आते है | यहा पंडित मरने वाले व्यक्तियों की शांति के लिए पूजा अर्चना करवाते है | पढ़े : हरिद्वार के दर्शनीय स्थल
4. काशी :
पुराणों में बताया गया है यह नगरी अमर है और भगवान शिव के त्रिशूल पर टिकी हुई है | जब प्रलय आएगी भगवन अपने त्रिशूल को उठा कर इस काशी को बचा लेंगे | इस नगरी में मरने वाले व्यक्ति को मोक्ष प्राप्त होता है | यहा भगवान शिव काशी विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग रूप में भक्तो को दर्शन देते है |
5. कांची :
यह मंदिरों का शहर है जो तमिलनाडु में पड़ता है | काचीअम्पाठी और कांची इसी के नाम है | भगवान विष्णु और शिवजी के बड़े प्रसिद्ध मंदिर यहा स्थित है | कामाक्षी अम्मा मन्दिर, वरदराज पेरूमल मंदिर , कुमारकोट्टम, कच्छपेश्वर मन्दिर, कैलाशनाथ मन्दिर, एकाम्बरनाथ मन्दिर यहा के मुख्य मंदिर है |
6. उज्जैन :
महाकाल की नगरी उज्जैन जो मोक्षदायिनी शिप्रा नदी के तट पर स्थित है | काशी के बाद इसे शिवधाम माना जाता है | यहा गोपाल मंदिर , हरसिद्धि माता का शक्तिपीठ , काल भैरव मंदिर , चार धाम मंदिर विख्यात है |
7. द्वारका :
भगवान ने महाभारत के युद्ध के बाद इसे अपनी नगरी बना लिए और अंत तक यही वास करने लग गये | द्वारकाधीश यही पर इनका नाम पड़ा | सागर के तट पर बनी द्वारका बहुत बार जल विलीन हुई है जिसके अवशेष आज भी दिखाई देते है | भारत के चार धामों में और सप्तपुरी दोनों में द्वारका का नाम आता है |
เคธिเคฎเคธा เคฎाเคคा เคฎंเคฆिเคฐ, เคเคนा เคฎिเคฒเคคा เคนै เคธंเคคाเคจ เคช्เคฐाเคช्เคคि เคा เคเคถीเคฐ्เคตाเคฆ
सिमसा माता मंदिर
हिमाचल में एक सिमसा मंदिर ऐसा है जो बाँझ महिलायों को संतान होने का आशीष प्रदान करता है | दूर दूर से परेशान महिलाये माँ की चोखट पर संतान प्राप्ति का आशीष लेने इस मंदिर में आती है |
रात्रि को सोते है मंदिर के फर्श पर :
रात्रि में यहा महिलाये मंदिर के फर्श पर सोती है और माँ से संतान की अरदास लगाती है | सिमासा माता उन्हें स्वपन में इशारे के रूप में आशीष प्रदान करती है | नवरात्रि में यहा विशेष उत्सव भरता है |
कैसे इशारे मिलते है महिलायों को :
महिलाये स्वप्न में यदि फल फुल देखती है तो यह माना जाता है की उनके संतान अवश्य होगी | इतना ही नही बच्चा या बच्ची होगी , माता सिमसा यह भी प्रतीक रूप में बताती है | यदि किसी को अमरूद , टमाटर , दिखे तो समझे ले की उसे लड़का होगा और यदि लोकी , भिन्डी दिखे तो समझ ले की उन्हें लड़की होगी |
यदि धातु , पत्थर या लकड़ी दिखाई दे तो समझ ले की उस महिला के भाग्य में संतान योग नही है |
चमत्कारी पत्थर भी इस मंदिर में :
इस मंदिर में रखे पत्थर भी भक्तो में आश्चर्य का विषय है | इन पत्थरो को आप शक्ति से दोनों हाथो से हिलाना चाहोगे तो यह नही हिलेंगे पर यदि आपने आस्था के साथ छोटी ऊँगली से हिलाने की कोशिस करेंगे तो पत्थर हिल जायेंगे |