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Monday, 17 February 2020

कौनसी माला किस देवी देवता के जाप के लिए

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इन मालाओं से ईष्ट मंत्र, गुरु मंत्र का जप करने से मंत्र हो जाता हैं सिद्ध


बहुत लोग अपने ईष्ट या फिर गुरू के द्वारा दिये मंत्र का जप किसी न किसी माला से जप करता ही हैं । जिस माला से जप किया जाता उसमें 2 बातें मुख्य रूप से देखी जाती हैं, एक तो माला किस चीज की बनी है और दूसरा माला में मनकों की संख्या कितने है । कुछ लोग सामान्य पूजा में 15, 27 या 54 दानों की माला पूजा माला का प्रयोंग करते है, लेकिन 108 दानों कि माला पूजा के लिए सर्वश्रेष्ठ मानी गई है । जाने किस किस माला से जप करना लाभकारी होता हैं ।



माला का आकार प्रकार

माला सही बनी हुई होनी चाहिए । उसका बार-बार टूटना शुभ नहीं होता है माला को ढक कर हृदय के समीप लाकर जप करना चाहिए । रुद्राक्ष की माला सर्वश्रेष्ठ मानी गई है अलग-अलग मुखों के रुद्राक्ष की माला से अलग- अलग सिद्धि प्राप्त होती है । सामान्यतः पंचमुखी रुद्राक्ष की माला का प्रयोग किया जाता है ।



1- गणेश जी को प्रसन्न करने के लिए इस माला से जप करें
बुद्धिप्रदाता श्री गणेशजी के मंत्रों का जप हाथी दांत की माला से करना विशेष लाभदायक होता है । क्योंकि यह बहुत मूल्यवान होती है, इसलिए साधारण लोग इसका उपयोग नहीं कर पाते ।



2- महालक्ष्मी जी को प्रसन्न करने के लिए इस माला से जप करें
कमलगट्टे की माला- यह माला धन प्राप्ति के लिए सबसे अधिक लाभकारी होती है । लक्ष्मी प्राप्ति के लिए यह सर्वोत्तम है । साथ ही यह शत्रु शमन और कर्ज मुक्ति के लिए किए जाने वाले प्रयोगों में भी लाभकारी है ।



3- संतान प्राप्ति के लिए इस माला से जप करें
पुत्रजीवा की माला इसका प्रयोग संतान की प्राप्ति हेतु की जाने वाली साधना में होता है यह कुछ मोटी माला होती है ।



4- धनवान बनने के लिए इस माला से जप करें
चांदी की माला- धनवान बनने अर्थात धन की प्रचूर प्राप्ति, सात्विक अभीष्ट की पूर्ति के लिए इस माला को बहुत प्रभावी माना जाता है ।



5- ज्ञान के साथ धन प्राप्ति के लिए इस माला से जप करें
मूंगे की माला - मूंगे की माला गणेश और लक्ष्मी की साधना में प्रयुक्त होती है धन संपति, द्रव्य और स्वर्ण आदि की प्राप्ति की कामना से की जाने वाली साधना की सफलता हेतु मूंगे की माला की अत्यधिक प्रभावषाली माना गया है ।



6- शरीरिक और मानसिक विकारों का शमन के इस माला से जप करें
कुशा ग्रंथि की माला कुशा नामक घास की जड़ को खोद कर उसकी गांठों से बनाई गई यह कुशा ग्रंथी माला सभी प्रकार के शरीरिक और मानसिक विकारों का शमन करके साधक को स्वस्थ्य, निर्मल और तेजश्वी बनाती है । इसके प्रयोग से सभी प्रकार की व्याधियों का नाश होता है।


7- चंदन की माला से इन देवताओं के मंत्रों का जप करें
यह दो प्रकार की होती है सफेद और लाल चंदनकी । सफेद चंदन की माला का प्रयोग शांति पुष्टि कर्मों में तथा श्रीराम, विष्णु आदि देवताओं की उपासना में किया जाता है जबकि लाल चंदन की माला गणेषोपासना तथा देवी साधना के लिए प्रयुक्त होती है धन धान्य की प्राप्ति के लिए की जाने वाली साधना में इसका विषेष रूप से प्रयोग किया जाता है ।



8- तुलसी की माला सबसे ज्यादा पुण्यदायनी
वैष्णव भक्तों के लिए श्रीराम और श्रीकृष्ण की उपासना हेतु यह माला सर्वोत्तम मानी गई है, इसका आयुर्वेदिक महत्व भी है । इस माला को धारण करने वाले या जपने वाले को पूर्ण रूप से शाकाहारी होना चाहिए तथा प्याज व लहसुन से सर्वथा दूर रहना चाहिए ।



9- सात्विक कार्यों के लिए स्फटिक की माला से जपे
स्फटिक माला सौम्य प्रभाव से युक्त होती है इसका प्रयोग धारक को चंद्रमा और शिवजी की विशेष कृपा प्राप्त करवाता है । सात्विक कार्यों की साधना के लिए यह बहुत उत्तम मानी जाती है ।



10- तांत्रिक प्रयोगों के लिए इस माला से जपे
शंख माला विशेष तांत्रिक प्रयोगों में प्रभावषाली रहती है । शिवजी की पूजा साधना और सात्विक कामनाओं की पूर्ति हेतु किए जाने वाले जप तथा सामान्य रूप से धारण करने के लिए इसे उत्तम माना गया है ।



11- हल्दी की माला
हल्दी की माला गणेष पूजा के लिए प्रयोग में लाई जाती है बृहस्पति ग्रह तथा देवी बगलामुखी की साधना में इसका प्रयोग किया जाता है ।


अलग अलग माला के प्रयोग के लाभ

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अलग अलग माला के प्रयोग के लाभ क्या हैं और क्या तरीका है?


- रुद्राक्ष की माला

- सामान्यतः किसी भी मंत्र का जाप रुद्राक्ष की माला से कर सकते हैं

- शिव जी और उनके परिवार के लोगों के मन्त्र रुद्राक्ष पर विशेष लाभकारी होते हैं

- महामृत्युंजय और लघुमृत्युंजय मन्त्र केवल रुद्राक्ष पर ही जपना चाहिए

- स्फटिक की माला

- यह माला एकाग्रता , सम्पन्नता  और शान्ति की माला मानी जाती है

- माँ सरस्वती और माँ लक्ष्मी के मन्त्र इस माला से जपना उत्तम होता है

- धन प्राप्ति और एकाग्रता के लिए स्फटिक की माला धारण करना भी अच्छा होता है


- हल्दी की माला

- विशेष प्रयोगों तथा मनोकामनाओं के लिए हल्दी की माला का प्रयोग किया जाता है

- बृहस्पति देव तथा माँ बगलामुखी के मन्त्रों के लिए हल्दी की माला का प्रयोग होता है

- हल्दी की माला से ज्ञान और संतान प्राप्ति के मन्त्रों का जाप भी कर सकते हैं

- चन्दन की माला

- चन्दन की माला दो प्रकार की होती है - लाल चन्दन और श्वेत चन्दन

- देवी के मन्त्रों का जाप लाल चन्दन की माला से करना फलदायी होता है

- भगवान् कृष्ण के मन्त्रों के लिए सफ़ेद चन्दन की माला का प्रयोग कर सकते हैं


- तुलसी की माला

- वैष्णव परंपरा में इस माला का सर्वाधिक महत्व है

- भगवान् विष्णु और उनके अवतारों के मन्त्रों का जाप इसी माला से किया जाता है

- यह माला धारण करने पर वैष्णव परंपरा का पालन जरूर करना चाहिए

- तुलसी की माला पर कभी भी देवी और शिव जी के मन्त्रों का जप नहीं करना चाहिए


Sunday, 16 February 2020

ज्योतिष से विदेश योग और उपाय

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ज्योतिष शास्त्र के अंतर्गत कई उपाय हैं, जिन्हें करने से विदेश जाना और वहां अपना बसेरा बना लेने का सपना पूरा किया जा सकता है।


ज्योतिष शास्त्र के पास हैं उपाय
कई बार कुछ लोगों की कुंडली में विदेश जाने का योग तो जरूर होता है, लेकिन दशा परिवर्तन के बाद योग कमजोर होते ही उन्हें वापस आना पड़ता है। ऐसे में भी कुछ उपाय हैं जिन्हें विदेश जाने से पहले यदि किया जाए तो आपका काम पूरा बन सकता है।





जानिए उपाय
तो चलिए आपको आगे की स्लाइड्स में उन उपायों से अवगत कराते हैं जिन्हें विधिवत करने के बाद आप विदेश भी जा सकेंगे और वहां हमेशा के लिए सेटल होने का आपका सपना भी पूरा हो पाएगा।


पहला उपाय - राहु स्तोत्र जाप
राहु को ज्योतिष शास्त्र के अनुसार पापी ग्रह माना गया है। यह ग्रह जातक के हर कार्य में रुकावट पैदा करने वाला होता है। इसलिए यदि आप चाहते हैं कि आपके द्वारा किया जा रहा कार्य किसी भी रूप में सफल हो, तो आपको राहु ग्रह को प्रसन्न करके ही उस कार्य को करना चाहिए।


पहला उपाय - राहु स्तोत्र जाप
विदेश जाने के सपने को पूरा करने में कोई रुकावट ना आए, इसके लिए ‘राहु स्तोत्र’ का जाप करें। इसे दिन में कम से कम एक माला यानि कि 108 बार अवश्य करें।


पहला उपाय - राहु स्तोत्र जाप
आप किसी ज्योतिषी से भी सलाह ले सकते हैं, यदि आपकी कुंडली में राहु अधिक रुकावटें पैदा कर रहा है तो आप जाप माला की संख्या में वृद्धि कर सकते हैं।

राहु स्तोत्र (भाग 1)
अस्य श्रीराहुस्तोत्रस्य वामदेव ऋषिः । गायत्री छन्दः । राहुर्देवता । राहुप्रीत्यर्थं जपे विनियोगः ॥ राहुर्दानव मन्त्री च सिंहिकाचित्तनन्दनः । अर्धकायः सदाक्रोधी चन्द्रादित्यविमर्दनः ॥ १ ॥ रौद्रो रुद्रप्रियो दैत्यः स्वर्भानुर्भानुमीतिदः । ग्रहराजः सुधापायी राकातिथ्यभिलाषुकः ॥ २ ॥


राहु स्तोत्र (भाग 2)
कालदृष्टिः कालरुपः श्रीकष्ठह्रदयाश्रयः । विधुंतुदः सैंहिकेयो घोररुपो महाबलः ॥ ३ ॥ ग्रहपीडाकरो द्रंष्टी रक्तनेत्रो महोदरः । पञ्चविंशति नामानि स्मृत्वा राहुं सदा नरः ॥ ४ ॥


राहु स्तोत्र (भाग 3)
यः पठेन्महती पीडा तस्य नश्यति केवलम् । विरोग्यं पुत्रमतुलां श्रियं धान्यं पशूंस्तथा ॥ ५ ॥ ददाति राहुस्तस्मै यः पठते स्तोत्रमुत्तमम् । सततं पठते यस्तु जीवेद्वर्षशतं नरः ॥ ६ ॥ ॥ इति श्रीस्कन्दपुराणे राहुस्तोत्रं संपूर्णम् ॥




दूसरा उपाय – राहु बीज मंत्र
अगर आप राहु स्तोत्र मंत्र का जप ना कर सकें, तो राहु को प्रसन्न करने के लिए राहु बीज मंत्र का जाप भी कर सकते हैं। इस मंत्र का 40 दिन के भीतर 18000 बार जाप करना लाभदायक सिद्ध होता है। मंत्र इस प्रकार है - ॐ भ्रां भ्रीं भ्रौं सः राहवे नमः।

तीसरा उपाय – कालभैरवाष्टकम्
अगर किसी जातक की कुंडली में राहु की दशा, अंतर्दशा या राहु पूरी कुंडली को नष्ट करने में लगा हो, तो ऐसे में कालभैरवाष्टकम् स्तोत्र का जाप एकमात्र रामबाण उपाय बनता है। आप यकीन नहीं कर पाएंगे, लेकिन इस जाप के आरंभ करते ही कुछ दिनों में जीवन में बड़े बदलाव आने लगते हैं।


चौथा उपाय – दान करें
शनिवार के दिन कुष्ठ रोगियों को उड़द दाल एवं नारियल दान करें, ऐसा करने से राहु ग्रह प्रसन्न होता है।


पांचवां उपाय – व्रत करें
अगर संभव हो तो शनिवार के दिन व्रत किया जा सकता है। शनिवार के दिन लोग शनि देव के लिए भी व्रत करते हैं, लेकिन यह व्रत विशेषकर राहु ग्रह के लिए ही होना चाहिए।


पांचवां उपाय – व्रत करें
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार पापी ग्रह राहु और केतु का व्रत 18 शनिवारों तक करना चाहिए। काले रंग का वस्त्र धारण करके राहु के व्रत में 'ॐ भ्रां भ्रीं भ्रौं स: राहवे नम:’ इस मंत्र की 18, 11 या 5 माला जप करें।


छठा उपाय – रुद्राक्ष धारण करें
राहु ग्रह को प्रसन्न करने के लिए आठ मुखी रुद्राक्ष धारण किया जाता है। आप चाहें तो आठ मुखी रुद्राक्ष की माला बनवाकर हाथ में पहन लें या गले में भी पहन सकते हैं। यह उपाय जीवन की रुकावटों को दूर कर खुशहाली लाएगा।



सातवां उपाय – राहु रत्न
राहु ग्रह से संबंधित समस्त दोष तथा राहु दशा जैसी समस्या एवं दुष्प्रभाव गोमेद रत्न को धारण करने से दूर हो जाते हैं। राहु ग