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Tuesday, 8 August 2017

राशि अनुसार करे रोगों जा निदान, Rashi anusaar kare rogo ka nidaan

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राशि के अनुसार रोगो का उपचार

अनादि काल से मनुष्य रोगो बिमारियों से त्रस्त रहा हं। कभी रोगो के लक्षण पकड़ में आ जाते हं,तथा कभी बिमारी का कारण पता हि नहंी चलता । अच्छे सा अच्छा चिकित्सक भी मरीज को स्वस्थ्य करने में असमर्थ होता हं। ज्योतिष शास्त्र में इस तरह के रोगो के उपचार के उपाय बताऐं गयें हैं। अपनी राशि के अनुसार यदि निम्र उपचारो को अपनाया जाए तो शीघ्र हि स्वास्थ्य लाभ प्राप्त कर सकता हं। 

मेष राशि - रोजाना त्रिफला चूर्णका सेवन करें, तथा लाल रंग कि बोतल में धूप में रखा पानी रोजाना शाम को पीये। 

वृषभ राशि - काली मिर्च, सोंठ, दालचीनी का चूर्ण रात के भोजन के बाद ले,सफेद बोतल में धूप मे रखा पानी सेवन करें। 

मिथुन राशि - रोजाना त्रिफला चूर्णका सेवन करें, तथा हरे रंग कि बोतल में धूप मे रखा पानी रोजाना शाम को पीये। 

कर्क राशि- काली मिर्च, सोंठ, दालचीनी का चूर्ण रात के भोजन के बाद ले,सफेद बोतल में धूप मे रखा पानी सेवन करें। 

सिंह राशि- रोजाना त्रिफला चूर्णका सेवन करें, तथा लाल रंग कि बोतल में धूप में रखा पानी रोजाना शाम को पीये। 

कन्या राशि - हरे रंग कि बोतल में धूप मे रखा पानी रोजाना शाम को पीये। 

तुला राशि - सफेद बोतल में धूप मे रखा पानी सेवन करे। 

वृश्चिक राशि- लाल रंग कि बोतल में धूप मे रखा पानी रोजाना रात को पीये। 

धनु राशि- काली मिर्च, सोंठ, दालचीनी का चूर्ण रात के भोजन के बाद ले, पीले रंग की बोतल में धूप मे रखा पानी सेवन करें। 

मकर राशि- त्रिफला चूर्ण का सेवन करें, तथा नीले रंग कि बोतल में धूप में रखा पानी रोजाना रात्री को पीये। 

कुम्भ राशि- लौंग का सेवन करें, तथा नीले रंग कि बोतल में धूप में रखा पानी रोजाना रात्री को पीये। 

मीन राशि- काली मिर्च, सोंठ, दालचीनी का चूर्ण रात के भोजन के बाद ले, पीले रंग की बोतल में धूप मे रखा पानी सेवन करें।

बच्चे को वश् मे करने का उपाय

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गर बच्चा आपसे दूर जाने की कोशिश करे 
 

बच्चे को वश में करना है या कन्ट्रोल में लाना है तो श्री कृष्ण का स्मरण कर तीन इलायची अपने बदन से स्पर्श करती हुई शुक्रवार के दिन छुपा कर रखें। जैसे अगर साड़ी पहनतीं हैं तो अपने पल्लू में बांध कर उसे रखा जा सकता है और अन्य लिबास पहनती हैं तो रूमाल में रखा जा सकता है। 

शनिवार की सुबह वह इलायची पीस कर किसी भी व्यंजन में मिलाकर खिला दें। मात्र तीन शुक्रवार में स्पष्ट फर्क नजर आएगा।

 

शुक्ल पक्ष के रविवार को ५ लौंग शरीर में ऐसे स्थान पर रखें जहां पसीना आता हो व इसे सुखाकर चूर्ण बनाकर दूध, चाय में डालकर जिस बच्चे को पिला दी जाए तो वह वश में हो जाता है।

 

 बेटे को वश में करे

1 काली मिर्च 

41 साबुत काले उड़द के दाने 

50 ग्राम गुड 

2 लोहे की कीलें 

1 सरसों के तेल का दिया 

थोडा सा सिंदूर 

कच्चा पापड़ 1 पीस 

इन सब सामान को इकठ्ठा कर लें l इन सब वस्तुओं को कच्चे पापड़ पे रखके, थाली में रख लें । दिन छिपने के बाद पापड़ को पीपल के पेड़ के नीचे रख लें व दीपक को जला दें । अपने इष्ट देव से बच्चे को ठीक करने की प्रार्थना करें । उसके बाद पीछे देखे बगेर चुपचाप घर आ जाएँ । घर आके हाथ मुंह धोलें । इस कार्य को शनिवार के दिन करना है गुप्त रूप से । यह क्रिया 5 शनिवार करें । कार्य पूरा होने पर, बजरंग बलि के मंदिर में प्रशाद अवश्य चढ़ाएं।

अगर बच्चा आपसे दूर जाने की कोशिश करे 

अगर बच्चा आपसे दूर जाने की कोशिश करे या घर छोड़ने की कोशिश करे या घर में उसका मन न लगे या सिर्फ अपने दोस्तो की बातें करे तो बच्चे की फोटो और १ सुपारी अपने इष्ट के सामने रख दे बाकि सब भगवान पर छोड़ दे. 

बच्चे के हाथ से बिना धोयी हुई रुमाल में उरद की दल बांधकर किसी गरीब को दे दे .

 

तीन महीने में १ बार चाँदी का १ छोटा सा टुकड़ा बच्चे के हाथ से बहते जल में बहाएं.

 

दीपावली, ग्रहण या किसी शुभ मुहूर्त्त में इस मन्त्र को सिद्ध कर लें। अमुक के स्थान पर जिस बच्चे को वश में करना है या कन्ट्रोल में लाना है उसका नाम लें। 

मन्त्र की दस माला करने के बाद लौंग, इलायची या मिसरी को 21 बार मन्त्र पढ़कर अभिमन्त्रित कर लें। बाद मे जिसका नाम लें उसे चाय में या प्रसाद में देकर खिला दें। वह बच्चा वश में हो जाएगा और आज्ञा मानेगा। यह प्रयोग पहली बार में सफल न हो तो पुनः करें।

 

मन्त्र इस प्रकार है-

ऊं क्लीम् क्लीम् अमुकं मम वश्यं कुरु कुरु स्वाहा।

वशीभूत व मंत्रमुग्ध करने के अचूक टोटके

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सफेद गुंजा की जड़ को घिस कर माथे पर तिलक लगाने से सभी लोग वशीभूत हो जाते हैं।

यदि सूर्य ग्रहण के समय सहदेवी की जड़ और सफेद चंदन को घिस कर व्यक्ति तिलक करे तो देखने वाली स्त्री वशीभूत हो जाएगी।

राई और प्रियंगु को ÷ह्रीं' मंत्र द्वारा अभिमंत्रित करके किसी स्त्री के ऊपर डाल दें तो वह वश में हो जाएगी।

शनिवार के दिन सुंदर आकृति वाली एक पुतली बनाकर उसके पेट पर इच्छित स्त्री का नाम लिखकर उसी को दिखाएं जिसका नाम लिखा है। फिर उस पुतली को छाती से लगाकर रखें। इससे स्त्री वशीभूत हो जाएगी।

बिजौरे की जड़ और धतूरे के बीज को प्याज के साथ पीसकर जिसे सुंघाया जाए वह वशीभूत हो जाएगा।

नागकेसर को खरल में कूट छान कर शुद्ध घी में मिलाकर यह लेप माथे पर लगाने से वशीकरण की शक्ति उत्पन्न हो जाती है।

नागकेसर, चमेली के फूल, कूट, तगर, कुंकुंम और देशी घी का मिश्रण बनाकर किसी प्याली में रख दें। लगातार कुछ दिनों तक नियमित रूप से इसका तिलक लगाते रहने से वशीकरण की शक्ति उत्पन्न हो जाती है।

शुभ दिन एवं शुभ लग्न में सूर्योदय के पश्चात उत्तर की ओर मुंह करके मूंगे की माला से निम्न मंत्र का जप शुरू करें। ३१ दिनों तक ३ माला का जप करने से मंत्र सिद्ध हो जाता है। मंत्र सिद्ध करके वशीकरण तंत्र की किसी भी वस्तु को टोटके के समय इसी मंत्र से २१ बार अभिमंत्रित करके इच्छित व्यक्ति पर प्रयोग करें। अमुक के स्थान पर इच्छित व्यक्ति का नाम बोलें। वह व्यक्ति आपके वश में हो जाएगा। मंत्र इस प्रकार है -

ऊँ नमो भास्कराय त्रिलोकात्मने अमुक महीपति मे वश्यं कुरू कुरू स्वाहा।

रवि पुष्य योग (रविवार के दिन पुष्य नक्षत्र) में गूलर के फूल एवं कपास की रूई मिलाकर बत्ती बनाएं तथा उस बत्ती को मक्खन से जलाएं। फिर जलती हुई बत्ती की ज्वाला से काजल निकालें। इस काजल को रात में अपनी आंखें में लगाने से समस्त जग वश में हो जाता है। ऐसा काजल किसी को नहीं देना चाहिए।

अनार के पंचांग में सफेद घुघची मिला-पीसकर तिलक लगाने से समस्त संसार वश में हो जाता है।

कड़वी तूंबी (लौकी) के तेल और कपड़े की बत्ती से काजल तैयार करें। इसे आंखों में लगाकर देखने से वशीकरण हो जाता है।

बिल्व पत्रों को छाया में सुखाकर कपिला गाय के दूध में पीस लें। इसका तिलक करके साधक जिसके पास जाता है, वह वशीभूत हो जाता है।

कपूर तथा मैनसिल को केले के रस में पीसकर तिलक लगाने से साधक को जो भी देखता है, वह वशीभूत हो जाता है।

केसर, सिंदूर और गोरोचन तीनों को आंवले के साथ पीसकर तिलक लगाने से देखने वाले वशीभूत हो जाते हैं।

श्मशान में जहां अन्य पेड़ पौधे न हों, वहां लाल गुलाब का पौधा लगा दें। इसका फूल पूर्णमासी की रात को ले आएं। जिसे यह फूल देंगे, वह वशीभूत हो जाएगा। शत्रु के सामने यह फूल लगाकर जाने पर वह अहित नहीं करेगा।

अमावस्या की रात्रि को मिट्टी की एक कच्ची हंडिया मंगाकर उसके भीतर सूजी का हलवा रख दें। इसके अलावा उसमें साबुत हल्दी का एक टुकड़ा, ७ लौंग तथा ७ काली मिर्च रखकर हंडिया पर लाल कपड़ा बांध दें। फिर घर से कहीं दूर सुनसान स्थान पर वह हंडिया धरती में गाड़ दें और वापस आकर अपने हाथ-पैर धो लें। ऐसा करने से प्रबल वशीकरण होता है।

प्रातःकाल काली हल्दी का तिलक लगाएं। तिलक के मध्य में अपनी कनिष्ठिका उंगली का रक्त लगाने से प्रबल वशीकरण होता है।

कौए और उल्लू की विष्ठा को एक साथ मिलाकर गुलाब जल में घोटें तथा उसका तिलक माथे पर लगाएं। अब जिस स्त्री के सम्मुख जाएगा, वह सम्मोहित होकर जान तक न्योछावर करने को उतावली हो जाएगी।